मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश (9158)

किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री सचिन यादव से आज मंत्रालय में मध्यांचल कॉटन जिनर्स एण्ड ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मण्डल ने मुलाकात की। एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री मंजीत सिंह चावला ने माँग और समस्याओं से अवगत कराया।
 

सहकारिता आयुक्त श्री एम.के. अग्रवाल ने निर्देश दिये है कि परिसमापन में लाई गई जिला सहकारी कृषि विकास बैंकों सहित प्रदेश की लगभग 10 हजार सहकारी संस्थाओं का पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई शीघ्र पूर्ण की जाए। श्री अग्रवाल ने आज यहां सहकारिता अधिकारियों की राज्य स्तरीय बैठक में कहा कि आगामी तीन महीनों में इनमें से कम से कम 25 प्रतिशत संस्थाओं का पंजीयन निरस्त किया जाए। उन्होंने कहा कि शासन से इन संस्थाओं को प्राप्त ऋण के विरूद्ध इनकी विभिन्न परिसम्पत्तियों को शासन को हस्तांतरित करने आदि की कार्रवाई तय मापदण्डों के अनुरूप की जाएगी। इन संस्थाओं के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के शासन के दूसरे विभागों में संविलियन की कार्रवाई 31 दिसम्बर 2019 तक पूरी कर ली जाए।
बैठक में 11 सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों शहडोल, सिवनी, भिंड, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, रायसेन, मंदसौर, खरगोन, देवास, बालाघाट एवं उज्जैन द्वारा बकाया ऋणों को एकमुश्त समझौता योजनान्तर्गत शून्य ब्याज दर पर जिला सहकारी बैंकों को हस्तांतरित करने के प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए। शेष 27 बैंकों को कार्रवाई पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। सहकारिता अधिनियम के अंतर्गत परिसमापकों द्वारा बैंकों की अस्तियों एवं दायित्वों की स्थिति के प्रकाशन की कार्रवाई के अंतर्गत केवल 4 बैंकों छिंदवाड़ा, मंदसौर, राजगढ़ एवं उज्जैन द्वारा जानकारी प्रस्तुत की गई। शेष 34 बैंकों को इस संबंध में जानकारी शीघ्र प्रस्तुत करने के लिए कहा गया।
कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों के पास जो अचल संपत्तियाँ हैं, उन्हें शासन द्वारा बैंकों को दिए गए ऋणों के विरूद्ध शासन को हस्तांतरित करने संबंधी प्रस्ताव शीघ्र राज्य स्तर पर भिजवाए जाने के ‍निर्देश दिए गए। सभी बैंक को परिसमापन संबंधी अंतिम आदेश जारी करने की कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा गया। निर्देश दिए गए कि जिला सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों के विभिन्न अधिकारियों/कर्मचारियो के वेतन एवं दायित्वों के निराकरण के संबंध में सहकारिता अधिनियम एवं उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप कार्रवाई की जाए।
बैठक में अपर आयुक्त सहकारिता श्री आर. सी. घिया सहित प्रदेश के सभी जिलों के संयुक्त/उप/सहायक पंजीयक, परिसमापक अधिकारी आदि उपस्थित थे।

प्रदेश में शिशु और मातृ मृत्यु दर न्यूनतम करना ही सरकार का लक्ष्य है। यह लक्ष्य जिस दिन पूरा होगा, वह दिन हमारे लिये सबसे अच्छा होगा। नगरीय विकास और आवास मंत्री श्री जयवर्द्धन सिंह ने 'राईट टू हेल्थ कॉन्क्लेव' में 'क्लाइमेट चेंज, पॉपुलेशन, अर्वनाइजेशन एण्ड हेल्थ' सत्र में चर्चा में यह बात कही।
नगरीय विकास मंत्री श्री सिंह ने कहा कि हम शहरों में स्वच्छता पर ज्यादा जोर दे रहे हैं, जिससे गंदगी से होने वाली बीमारियों से बचा जा सके। स्वच्छता के लिये सभी शहरों में इंदौर मॉडल पर कार्य किया जा रहा है। नागरिकों में स्वच्छता के प्रति व्यवहारिक परिवर्तन लाने के प्रयास किये जा रहे है। घर में ही गीला और सूखा कचरा अलग करने के लिये प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुराने भोपाल में छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर में किये गये कार्यो के अनुसार स्वच्छता अभियान चलाया जायेगा।
श्री सिंह ने कहा कि शहरों को पॉल्यूशन फ्री करने के प्रयास किये जा रहे है। जल जनित बीमारियों से बचाव के लिये नगरों की जल संरचनाओं को साफ करवाया जा रहा है। घर-घर नल के माध्यम से पानी उपलब्ध करवाने की योजना है। सीवरेज सिस्टम को ठीक किया जा रहा है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाये जा रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री के साथ संभाग स्तर पर करेंगे समीक्षा
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री सिंह ने कहा कि शहर के अस्पतालों में पानी और स्वच्छता की व्यवस्था संबंधित नगरीय निकाय करेगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट के साथ संभाग स्तर पर इसकी समीक्षा भी करेंगे। श्री सिंह ने श्रोताओं की शंकाओं का समाधान भी किया।
सत्र में यूनीसेफ के स्टेट हेड श्री माइकल जुमा ने कहा कि प्रदेश के बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देंगे। मातृ मृत्यु दर को कम करने के प्रयासों में सहयोग करेंगे। टैरी की सीनियर फैलो डॉ. मीना सहगल ने कहा कि शहरों में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को कम करने के प्रयास में सहभागिता करेंगे। इस दौरान अन्य सदस्यों ने भी विचार व्यक्त किये।

स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने रायसेन स्थित शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्रांगण में 65वीं राज्य स्तरीय शालेय टेनिस बॉल क्रिकेट प्रतियोगिता (19 वर्ष आयु वर्ग बालक/बालिका) का शुभारंभ किया। प्रतियोगिता में 10 संभागों की एक-एक टीम हिस्सा ले रही हैं। इनमें 120 बालक तथा 120 बालिकाएँ शामिल हैं।
मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि जीवन में शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ खेल का भी विशेष महत्व है। खेल से बच्चे शारीरिक रूप से स्वस्थ होने के साथ मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहते हैं और बच्चों का विकास भी तेजी से होता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सरकार द्वारा बच्चों को शिक्षा के साथ खेलों में भी आगे बढ़ने के लिए बेहतर अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रदेश में आगामी दिसम्बर माह में राष्ट्रीय शालेय प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देशभर के खिलाड़ी बच्चे शामिल होंगे।
डॉ. चौधरी ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय प्रतियोगिता के आयोजन से हमारे खिलाड़ियों को सीखने के नए अवसर मिलेंगे और वे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बच्चे प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ने के साथ ही स्पोर्ट्स में भी अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। इस वर्ष प्रदेश के बच्चों ने खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए एसजीएफआई की पदक तालिका में 407 पदक प्राप्त कर तीसरा स्थान प्राप्त किया, इनमें 116 गोल्ड मैडल शामिल हैं।

भोपाल. एमपी की कांग्रेस सरकार (Kamalnath government) के खिलाफ बीजेपी बड़ा आंदोलन (Protest) करने जा रही है. प्रदेश भर में होने वाले आंदोलन की जिम्मेदारी पार्टी के बड़े नेताओं को सौंपी गई है. बिजली बिल, फसल मुआवजा (Crop compensation) और कर्ज माफी (Loan waiver) के मुद्दे पर बीजेपी सरकार को घेरने जा रही है. 4 नवंबर को सभी जिलों में होने वाले बीजेपी के आंदोलन को लेकर पार्टी ने सभी बडे नेताओं को जिलों में आंदोलन के नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपी है.

बिजली बिलों की होली जलाएगी बीजेपी

कांग्रेस सरकार के खिलाफ आंदोलन के दौरान बीजेपी गरीबों को मिल रहे बिजली के बिलों की होली जलाएगी. आंदोलन को सफल बनाने के लिए पार्टी कार्यकर्ता अभी से गांव-गांव पहुंच रहे हैं, ताकि आंदोलन में ग्रामीणों किसानों की भागीदारी को सुनिश्चित किया जा सके. इसके लिए पार्टी ने भारतीय जनता युवा मोर्चा और महिला मोर्चा के कार्यकर्ताओं को तैनात किया है. जिलास्तर पर होने वाले आंदोलन में बीजेपी के सभी बड़े नेता सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे. पार्टी ने नेताओं को जिलों में आंदोलन के नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपी है.

इन नेताओं को सौंपी ज़िम्मेदारी

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रीवा, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह नरसिंहपुर, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव भोपाल, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा रायसेन, सुमित्रा महाजन इंदौर, कैलाश विजयवर्गीय उज्जैन, प्रभात झा होशंगाबाद, उमाशंकर गुप्ता ग्वालियर, गौरीशंकर बिसेन सागर, नंदकुमार सिंह चौहान जबलपुर, वीडी शर्मा पन्ना, जयंत मलैया दमोह, यशोधरा राजे सिंधिया शिवपुरी, कृष्णा गौर बैतूल, अभिलाष पांडे सिवनी, भूपेंद्र सिंह विदिशा और सीहोर में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर आंदोलन का नेतृत्व करेंगी. बीजेपी की कोशिश है कि किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा किया जा सके.
कांग्रेस का पलटवार

वहीं बीजेपी के आंदोलन पर प्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने पलटवार बोला है गोविंद सिंह राजपूत ने बीजेपी पर किसानों के नाम पर सियासत करने का आरोप लगाया है. मंत्री गोविंद सिंह ने राज्य सरकार के बजट से किसानों को राहत राशि देने का दावा किया है. इसके अलावा केंद्र से राशि नहीं मिलने पर बीजेपी के नेताओं को सलाह दी है कि विपक्ष केंद्र में जाकर प्रदेश सरकार के लिए जरूरी राशि दिलाने का काम करें. सरकार विपक्षी नेताओं को दिल्ली तक आने जाने का व्यवस्था देने का काम करेगी. राजस्व मंत्री ने प्रदेश के किसान और बाढ़ पीड़ितों के लिए विपक्ष गंभीर है तो उसे राज्य सरकार के साथ सहयोग कर दिल्ली से पैसा दिलाना चाहिए और प्रदेश सरकार के साथ भेदभाव करने वाली केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में धरना प्रदर्शन देना चाहिए ना कि प्रदेश में किसानों के मुद्दे पर सियासत होनी चाहिए. बहरहाल किसानों के मुद्दे पर प्रदेश में फिर से सियासत छिड़ती नजर आ रही है.

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सुदृढ़ बनाने में 'एम-राशन मित्र'' मोबाइल एप वरदान सिद्ध होगा। इस एप के माध्यम से हितग्राही घर बैठकर ही राशन वितरण एवं शासन द्वारा प्रदत्तआय सुविधाओं की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। वे ग्वालियर में मध्यप्रदेश स्थापना दिवस कार्यक्रम में 'एम-राशन मित्र'' एप के लोकार्पण अवसर पर बोल रहे थें।

मंत्री श्री तोमर ने कहा कि 'एम-राशन मित्र'' एप को डाउनलोड कर लाभान्वित परिवार अपना मासिक खाद्यान्न, आवंटन, उठाव, दुकान में खाद्यान्न की उपलब्धता, दुकान में स्थापित पीओएस मशीन की स्थिति, आसपास मौजूद दुकानों की लोकेशन, दुकानों के लाभान्वित परिवार एवं उनके सदस्यों की प्रामाणिक जानकारी घर बैठे आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। एप पर परिवारों को खाद्यान्न वितरण में आ रही समस्याओं को रिपोर्ट करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। दुकान बंद होने, कम तौलने, वितरण न होने आदि की शिकायतों को भी एप के माध्यम से दर्ज किया जा सकता है।

मंत्री श्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने कहा कि आवेदन की फोटो खींचकर अपलोड करने का कार्य भी एप के माध्यम से किया जा सकता है। इस एप के माध्यम से न केवल परिवारों के धन और समय की बचत होगी, बल्कि उन्हें घर बैठे ही सभी सहूलियतें भी प्राप्त होंगी। इसके साथ ही सरकार द्वारा योजना के लाभ से वंचित सभी पात्र परिवारों को प्राथमिकता से इस योजना में जोड़ने का निर्णय लिया गया है। किसी तरह से वर्तमान में लाभ ले रहे परिवारों के छूटे हुए सदस्यों को भी जोड़े जाने का कार्य किया जायेगा। यह कार्यक्रम एक अभियान के रूप में नवम्बर माह में संचालित किया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत अपात्र परिवारों की पहचान कर उन्हें हटाना एवं छूटे हुए पात्र परिवारों को लाभ देने की प्रक्रिया की जायेगी।

श्री तोमर ने बताया कि अभियान के अंतर्गत पूरे प्रदेश में 61 हजार से अधिक दल प्रत्येक लाभान्वित परिवार के निवास पर जाकर सम्पर्क करेंगे एवं उनकी पात्रता एवं सदस्यों के संबंध में जानकारी प्राप्त करेंगे। इसके साथ ही अभियान के दौरान पात्र परिवारों के आधार, मोबाइल नम्बर एवं संसाधनों की जानकारी भी ली जायेगी। अभियान के दौरान सत्यापन के समय हितग्राहियों को अपना आधार नम्बर एवं पात्रता श्रेणी के दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे।कार्यक्रम में मंत्री श्री तोमर ने उचित मूल्य दुकानों के विक्रेताओं के लिये मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया।

भोपाल के मिन्टो हॉल में आज दो दिवसीय राइट टू हेल्थ कॉन्क्लेव शुरू हुआ। उद्घाटन-सत्र के बाद वेदान्ता विजन की सुश्री जया राव ने आध्यात्मिकता और स्वास्थ्य विषय पर व्याख्यान दिया। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव अध्यात्म विभाग श्री मनोज श्रीवास्तव भी मौजूद थे।
सुश्री जया राव ने अपने व्याख्यान में कहा कि आध्यात्म हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि शारीरिक पीड़ा रोकी नहीं जा सकती है, लेकिन आध्यात्म के जरिये कम किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि आध्यात्म को किसी धर्म-विशेष से जोड़कर देखा जाना गलत है। आध्यात्म दर्शन से आगे की अवस्था है। सुश्री राव ने कहा कि आध्यात्म के माध्यम से हम अपने लक्ष्य की ओर सरलता से बढ़ सकते हैं। जीवन के तनाव को भी इसके माध्यम से काफी कम किया जा सकता है। कॉन्क्लेव के एक अन्य सत्र में स्वास्थ्य के अधिकार का विधायी और नीति के अंतर्गत क्रियान्वयन विषय पर चर्चा हुई। इसमें पूर्व सांसद श्री संदीप दीक्षित, डायरेक्टर जनरल ए.एच.पी.आई. डॉ. गिरधर ज्ञानी, एन.एल.आई.यू. के डॉ. व्ही. विजय कुमार, यू.एन. एड्स की एडवाइजर सुश्री हेलिना कुर्ग और पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. अभय शुक्ला ने अपने विचार रखे। सत्र के वक्ताओं की राय थी कि राइट टू हेल्थ के लिये सरकारी मशीनरी के साथ-साथ निजी और स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जानी चाहिये।
राइट टू हेल्थ राज्य सरकार की ठोस पहल
राइट टू हेल्थ कॉन्क्लेव में शामिल होने आये डॉक्टर्स ने राइट टू हेल्थ के कदम को राज्य सरकार की ठोस पहल बताया है। उनका मानना है कि इसके क्रियान्वयन के बाद मध्यप्रदेश की देश-भर में विशिष्ट पहचान बन जायेगी।
राज्य सरकार की स्वास्थ्य सेवा से सेवानिवृत्त डॉ. जी.के. अग्रवाल ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं के दायरे को बढ़ाने के लिये मोबाइल हेल्थ क्लीनिक को बढ़ावा देना होगा। इससे गाँव तक स्वास्थ्य सेवा की पहुँच बनेगी। उन्होंने टेली-मेडिसिन को और बढ़ावा दिये जाने की बात भी कही।

राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने आज राजभवन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुस्तक 'सत्य के प्रयोग' के वितरण कार्यक्रम में कहा कि गांधी जी के जीवन का हर पहलू कुछ न कुछ सीख देता है। उनका पहनावा, भाषा और विचार समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे, हम सबका यही प्रयास होना चाहिये। राज्यपाल ने इस मौके पर प्रदेशवासियों को मध्यप्रदेश स्थापना दिवस की बधाई और शुभकामनाएँ दी।
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि गांधी जी के निकट सहयोगी सरदार पटेल के प्रयासों से ही छोटी-छोटी रियासतें एक हुईं और भारत एक राष्ट्र बना। उन्होंने कहा कि हम सभी 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' के निर्माण में समर्पित भाव से सहयोग करेंगे, ऐसा मेरा विश्वास है। राज्यपाल ने कहा कि बुराई से नफरत करनी चाहिए, व्यक्ति से नहीं। इसलिए ऐसे प्रयास करते रहना चाहिये कि जेल में सुधार की गुंजाइश सदैव बनी रहे। उन्होंने कहा कि अपराधी को अच्छा इंसान और हुनरमंद बनाने में जेल अधिकारियों की सशक्त और महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
राज्यपाल ने केन्द्रीय जेल, सर्किल जेल और जिला जेल के पुस्तकालयों के लिये 242 पुस्तकें भेंट की। इसके साथ ही, बाल निकेतन ट्रस्ट, निर्माण एवं परिवर्तन की ओर, बालिका सुधार गृह और मुस्कान अहिरवार द्वारा संचालित किताबी मस्ती लायब्रेरी के लिये भी 'सत्य के प्रयोग' किताब भेंट की। राज्यपाल ने मुस्कान अहिरवार को उसकी लायब्रेरी के लिये पांच हजार रूपये की सहयोग राशि देने की घोषणा की।
प्रमुख सचिव जेल श्री एस.एम. मिश्रा ने कहा कि जेलों की व्यवस्थाओं में सुधार और आधुनिक तकनीक के साथ कैदियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांधी जी की किताब कैदियों को पढ़ने के लिए देना राज्यपाल के मानवीय दृष्टिकोण का परिचायक है। इससे कैदियों के आचार-विचार में सकारात्मक परिवर्तन आयेगा।
कार्यक्रम में जेल महानिदेशक श्री संजय चौधरी ने आभार व्यक्त किया। राज्यपाल को कैदियों द्वारा निर्मित वस्तुएँ भेंट की गई। गांधी जी की लगभग सात सौ किताबें उपलब्ध करवाने के लिये वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड के श्री संतोष शुक्ला एवं श्रीमती विमला शरणागत का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। राज्यपाल ने किताबें भेंट करने के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड के प्रतिनिधि को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
राज्यपाल के सचिव श्री मनोहर दुबे, विधि अधिकारी श्री भरत पी. माहेश्वरी एवं जेल विभाग के अधिकारी तथा स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे।

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार की नई आबकारी नीति की आलोचना करते हुए कहा कि 'मध्य प्रदेश को मदिरा प्रदेश ना बनाएं हमारी सरकार में हमने प्रयास किए की शराब की दुकान ना बढ़ें, धीरे-धीरे हमने उन्हें कम करने की कोशिश की। सिर्फ राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार अपराध बढ़ाने का काम कर रही है"।

शुक्रवार को मीडिया के साथ बातचीत में चौहान ने कोर एरिया में लाइसेंस दिए जाने और अहाते खोलने की सरकार की नीति पर भी सवाल उठाए। महिला अपराध प्रदेश के लिए चिंता का विषय है, नशे में ऐसे अपराध ज्यादा होते हैं, यह विनाशकारी फैसला है। सरकार से हम मांग करते हैं कि ये फैसला बदला जाए वरना हम इसका विरोध करेंगे, सड़क पर आंदोलन करेंगे।

सरकार को बधाई

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मप्र के स्थापना दिवस की परंपरा हमने शुरू की। हमने मप्र गीत बनाया, हमारा मकसद प्रदेश के लोगों को जोड़ना था। इस सरकार को भी बधाई कि उन्होंने इस परंपरा को शुरू रखा। चौहान ने कहा कि वे मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह में शामिल होंगे।

जनता का ध्यान हटाने कर रहे धरना- प्रदर्शन की बात

चौहान ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने बाढ़ और अतिवृष्टि से पीड़ित प्रदेश के किसानों को अभी तक अपनी तरफ से कोई राहत राशि नहीं दी है, जबकि किसान परेशान हैं। किसान राहत राशि की मांग न करें, इस मुद्दे से उनका ध्यान हट जाए इसलिए सरकार के मंत्री दिल्ली में धरना प्रदर्शन की बातें कर रहे हैं। सरकार की कोशिश है कि किसी भी तरह किसानों को राहत राशि देने से बचा जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ और मंत्रियों से कहा कि इधर-उधर की बातें न करें, पीड़ित किसानों को राहत राशि दें।

विधान परिषद से जनता को क्या लाभ

चौहान ने विधान परिषद संबंधी कमलनाथ सरकार की घोषणा पर कहा कि हमने इस पर चर्चा करने की बात कही थी, सहमति नहीं दी थी। सरकार को यह सोचना चाहिए कि इससे जनता को क्या लाभ होगा? कांग्रेस सरकार सिर्फ अपने कुछ लोगों को एडजस्ट करने और अपने खिलाफ बढ़ रहे असंतोष को कम करने के लिए विधान परिषद की बात कर रही है।

भोपाल। झाबुआ विधानसभा का चुनाव कांग्रेस द्वारा जीतने के बाद निगम, मंडल और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों में राजनीतिक नियुक्तियों की सुगबुगाहट के बीच सरकार ने इनकी पहले आर्थिक हालत की पड़ताल करने का फैसला किया है। वित्त विभाग एक-एक संस्था के लेखा-जोखा की बारीकी से जांच करेंगे।

साथ ही संस्था के जिम्मेदार अधिकारियों से यह भी पूछा जाएगा कि आखिर इनकी गतिविधियों को जारी क्यों रखा जाए। जनहित में इसकी क्या उपयोगिता है। माना जा रहा है कि बढ़ते खर्च के कारण अब सरकार का पूरा फोकस मितव्ययिता के उपायों पर है, इसलिए राजनीतिक नियुक्तियों से पहले संस्थाओं की आर्थिक नब्ज टटोली जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक वित्त विभाग की इस पूरी कवायद का घोषित मकसद भले ही निगम, मंडलों के लाभ-हानि का पता लगाना हो पर इसके पीछे दूसरा गणित राजनीतिक नियुक्तियों से पहले वित्तीय प्रबंधन को देखना भी है।

जाहिर है कि राजनीतिक नियुक्तियां होंगी तो संस्थाओं का खर्च भी बढ़ेगा। वैसे भी मुख्यमंत्री कमलनाथ सत्ता संभालने के साथ ही कह चुके हैं कि शोभा की सुपारी बनी हुई संस्थाओं को बंद किया जाए ताकि वित्तीय संसाधनों को दूसरी जगह बेहतर इस्तेमाल हो सके।

उधर, वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भारत के नियंत्रक महालेखाकार ने वर्ष 2017 के प्रतिवेदन में सिफारिश की थी कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की समीक्षा की जानी चाहिए। कुछ निगम, मंडलों ने ऑडिट की कार्रवाई पूरी नहीं की है तो कुछ की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखी जाना बाकी है। बताया जा रहा है कि अधिकांश निगम, मंडलों की वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है।

कुछ की योजनाएं सिर्फ कागजों में सिमटकर रह गई हैं। बैठक में 31 मार्च 2020 की स्थिति में निगम, मंडल के आय-व्यय की स्थिति की समीक्षा की जाएगी। समीक्षा महत्वपूर्ण है इसलिए उपसचिव स्तर से नीचे के अधिकारी को नहीं भेजने के निर्देश विभागों को दिए गए हैं।
इन बिन्दुओं पर होगी समीक्षा

    उपक्रम बनाने का उद्देश्य क्या था, जनहित के मद्देनजर गतिविधियों को जारी रखना जरूरी है या नहीं और खर्च कितना आ रहा है।

    वर्ष 2016-17 से 2018-19 में लाभ या हानि क्या रहा।

    बैंक खाते में कितनी राशि है और खर्च नहीं होने वाली राशि कितनी है।

    यदि संस्था घाटे में है तो उसे फायदे में लाने की योजना क्या है।

    महालेखाकार की तीन साल की ऑडिट रिपोर्ट और आपत्ति पर की कार्रवाईयों का ब्योरा।

    शासन से तीन साल में कितना अनुदान, अंशपूंजी मिली। कुल कर्ज कितना है।

    बीते तीन साल में सरकार को कितना लाभांश दिया।

    कर्मचारियों को सातवां वेतनमान और एरियर्स दिया या नहीं।

    कर्मचरी को भरे और खाली पद। संविदा पदों की स्थिति।

इनकी होगी समीक्षा

सड़क विकास निगम, ऊर्जा विकास निगम, जल निगम, राज्य इलेक्टानिक्स विकास निगम, वित्त निगम, लघु उद्योग निगम, आदिवासी वित्त विकास निगम, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विकास निगम, कृषि उद्योग विकास निगम, हस्तशिल्प विकास निगम, नागरिक आपूर्ति निगम, राज्य वन विकास निगम, खनन विकास निगम, पुलिस आवास निगम,पर्यटन विकास निगम, मेट्रो रेल कंपनी, स्मार्ट सिटी विकास निगम, सभी विद्युत कपंनियां, पॉवर प्रोजेक्ट कंपनियां, औद्योगिक विकास निगम सहित अन्य।

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