ईश्वर दुबे
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Bhilai
ग्वालियर:
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए एक हफ्ते से अधिक का वक्त गुजर चुका है, मगर अभी तक बहुमत हासिल करने वाला बीजेपी-शिवसेना गठबंधन सरकार नहीं बना पाया है. क्योंकि 50-50 फॉर्मूले को लेकर शिवसेना-बीजेपी के बीच तल्खियां बढ़ती जा रही हैं. शिवसेना ने गुरुवार को एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुन लिया तो इससे पहले बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता देवेंद्र फडणवीस को पार्टी के विधायक दल का नेता चुना गया. सत्ता को लेकर बीजेपी और शिवसेना में खींचतान के बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने इस गठबंधन पर हमला बोला है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि 'सत्ता लोलुपता' ऐसे गठबंधन करा देती है.
दिग्विजय सिंह ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के मुद्दे पर कहा कि जहां दिल नहीं मिलते वो सत्ता के लिए इकट्ठे हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि कश्मीर में पीडीपी और बीजेपी का गठबंधन भी था. बीजेपी ने सारे पीडीपी नेताओं को जेल में डाल दिया. शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन भी सत्ता के लिए था, कोई विचारधारा के लिए नहीं. अब बात 50-50 फॉर्मूले की हो रही है.
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कहा कि वो बुनियादी तौर पर जो देश में बेरोजगारी बढ़ रही है उस पर ध्यान दें. बैंकों की हालत बिगड़ रही है और अर्थव्यवस्था बिगड़ रही है, उस पर तो ध्यान दें. दिग्विजय सिंह ने निशाना साधते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री से बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था के बारे में पूछो तो आतंकवाद और पाकिस्तान की बात करते हैं. अब यह भी खबर है कि गोल्ड कंट्रोल एक्ट लाया जा रहा है, जिसमें कि हर परिवार को सोना सीमित रखने के लिए कहा जाएगा. माननीय प्रधानमंत्री जी से हमारी यही प्रार्थना है कि अर्थव्यवस्था संभालें और बैंकों की हालत ठीक करें.'
मध्य प्रदेश में कांग्रेस संगठन पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि संगठन को मजबूत करने के लिए बाहर से कोई नहीं आएगा. स्वयं मंत्रियों को भी इस बारे में ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ध्यान दे रहे हैं, उम्मीद है कि सभी लोग ध्यान देंगे. प्रदेश सरकार के कई मंत्री संगठन को मजबूत करने की बात कर चुके हैं. विधान परिषद के गठन पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विधान परिषद का गठन होना चाहिए. ऐसे कई लोग हैं जो चुनाव नहीं लड़ पाए उन्हें विधान परिषद में आने का अवसर मिलेगा. पत्रकार उसमें आ सकते हैं, शिक्षकों का भी प्रतिनिधित्व उसमें होता है. लोकल बॉडीज का प्रतिनिधित्व होता है. विधान परिषद बनना चाहिए.
भोपाल बाढ़ पीड़ितों की मदद राशि नहीं देने पर अब कमलनाथ सरकार (Kamal Nath government) केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) के खिलाफ उपवास पर बैठेगी. कर्नाटक को आपदा के तहत 1200 करोड़ और बिहार को 400 करोड़ रुपये की मदद देने वाली केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश सरकार के बार-बार अनुरोध के बाद भी राहत राशि नहीं दी है, लिहाजा कमलनाथ सरकार ने अब उपवास की तैयारी कर ली है. आज कमलनाथ कैबिनेट (Kamal Nath Cabinet) की अनौपचारिक बैठक में केंद्र सरकार के रवैये को लेकर चर्चा हुई. इसी दौरान केंद्र की भेदभाव की नीति के खिलाफ धरना देने की रणनीति बनी. कांग्रेस सरकार ने कहा है कि यदि केंद्र से मदद नहीं मिलती है तो दिल्ली में मंत्रिमंडल के सदस्य केंद्र के खिलाफ उपवास करेंगे.
केंद्र के खिलाफ राज्य के धरने के ऐलान पर मध्य प्रदेश के मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि केंद्र से बार-बार अनुरोध के बाद भी मदद नहीं मिलने पर अब उपवास के जरिए केंद्र सरकार को जगाने का काम होगा. जबकि कमलनाथ सरकार के मंत्रियों ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए एक महीने का वेतन देने का फैसला किया है. साथ ही आईएएस एसोसिएशन ने अफसरों के पांच फीसदी डीए की राशि बाढ़ पीड़ितों के लिए दी है. मुख्यमंत्री कमलनाथ को आज मंत्रालय में चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज द्वारा मध्य प्रदेश के अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों की मदद के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में पांच लाख रुपए का चेक दिया.
इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 21 अक्टूबर को नई दिल्ली में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से तत्काल 6621.28 करोड़ रुपए की राहत देने की मांग की थी. जबकि शाह से मिलने से पहले पीएम मोदी से भी मिलकर इस बात की चर्चा कर चुके हैं.
भोपाल.मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) स्थापना दिवस (foundation day) पर सीएम कमलनाथ (cm kamalnath) ने ब्लॉग (The blog) लिखा है. इसमें CM ने अपने मन की बात और प्रदेश को लेकर उनके सपने और संकल्प का ज़िक्र किया है. साथ ही सवाल किया है कि मेहनती लोगों का मध्यप्रदेश नई उड़ान क्यों नहीं भर सकता.
आज मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस है. मुख्यमंत्री बनने के बाद सीएम कमलनाथ का ये एमपी में पहला साल है. इस मौके पर सीएम ने ब्लॉग लिखा है, जिसमें उन्होंने मध्य प्रदेश के बारे मेंअपनी भावनाएं ज़ाहिर की हैं. उन्होंने लिखा है-यह लोगों की सरकार है. जवाबदेह शासन के साथ लोगों के सहयोग से हम मध्य प्रदेश को हर क्षेत्र में मजबूत बनाएंगे. मध्यप्रदेश अब नई उड़ान भरेगा. यह हमारा संकल्प है.
ये एक ऐतिहासिक अवसर
सीएम कमलनाथ ने ब्लॉग के जरिए मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस पर सभी नागरिकों को हार्दिक शुभकामनाएँ दीं.उन्होंने लिखा कि हम सबके लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर है. मैं उन सभी बंधुओं को भी हार्दिक बधाई देता हूं जो विदेशों में बस गए हैं और अपने प्रदेश की खूबसूरत वादियों और सुनहरे पलों को याद करते हैं. मैं उन सबको भी नमन करता हूं, जिन्होंने मध्यप्रदेश के निर्माण में अपूर्व योगदान दिया है और उत्साहपूर्वक राज्य के नवनिर्माण में जुटे हुए हैं. मध्यप्रदेश एक लंबा सफर तय कर चुका है. यह एक शानदार राज्य है. सिर्फ इसलिए नहीं कि यहां शांतिपूर्ण सांस्कृतिक विविधता है, मोहक जैव-विविधता, प्राकृतिक सौंदर्य है या लुभावने स्मारक हैं. बल्कि इसलिए कि यह अपने शांतिप्रिय और मेहनती लोगों के कारण अद्वितीय है. सर्वधर्म समभाव मध्यप्रदेश की पहचान है.
एमपी का सौंदर्य
सीएम कमलनाथ ने आगे लिखा- निस्संदेह, मध्य प्रदेश का सौंदर्य सबको सम्मोहित कर देता है. नर्मदा नदी का निर्मल प्रवाह, स्वतंत्र विचरण करते टाइगर, कान्हा नेशनल पार्क की अद्भुत सुंदरता, पत्थरों पर अंकित कविता खजुराहो, अद्भुत महेश्वरी और चंदेरी साड़ी, सांस्कृतिक विविधता और भी बहुत कुछ है यहां. छह दशकों की यात्रा के बाद हम बेहतर भविष्य के लिए नई रणनीति तैयार कर रहे हैं.
ये क्यों नहीं हो सकता
सीएम कमलनाथ ने लिखा-मैं समझता हूं कि हमने भविष्य की रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय बातों में अपना कीमती समय और ऊर्जा खर्च की. मध्यप्रदेश आगे क्यों नहीं बढ़ सकता जब यहां के लोग मेहनती हैं? हम हर क्षेत्र में उत्कृष्ट बन सकते हैं. हमारे विश्वविद्यालय उत्कृष्टता हासिल कर सकते हैं. हमारा पर्यटन तेजी से पनप सकता है. औद्योगिक विकास में हम नया मुकाम हासिल कर सकते हैं. हमारे उत्साही और प्रतिभाशाली युवा चमत्कार कर सकते हैं. हमारे किसान अपने कौशल से कमाल कर सकते हैं. हमें उनके लिए नए रास्ते बनाने होंगे. लोग अपने आत्म-विश्वास ,अपनी ऊर्जा, प्रतिभा और ज्ञान से आश्चर्यजनक परिवर्तन ला सकते हैं.
मध्य प्रदेश को उत्कृष्ट कार्य-योजना चाहिए
मध्य प्रदेश को एक शांतिपूर्ण राज्य बनाने का श्रेय यहां के नागरिकों को जाता है. मध्य प्रदेश को एक उत्कृष्ट कार्य-योजना चाहिए. मौजूदा बुनियादी ढांचे का उपयोग करते हुए मानव और प्राकृतिक संसाधनों के उत्कृष्ट प्रबंधन की ज़रूरत है.प्रदेश की सबसे बड़ी पूंजी यहां की युवा प्रतिभाएं हैं. उन्हें अवसर की आवश्यकता है. यह हमारा कर्त्तव्य है कि हम उनके लिए अवसर पैदा करें. मध्य प्रदेश को आगे ले जाने में हर नागरिक की समान जिम्मेदारी है. हमने लोक विवेक का आदर किया है. अपनी नीतियों और निर्णयों में लोगों की अपेक्षाओं का ध्यान रखा है. आज मध्य प्रदेश नए क्षितिज में उड़ान भरने के लिए तैयार है.
किसानों और युवाओं पर फोकस
सीएम ने लिखा-हमारी अर्थ-व्यवस्था की सबसे बड़ी ताकत हमारा कृषि क्षेत्र है. अब हमें खेती में उद्यमिता को बढ़ावा देना होगा ताकि हमारे किसान आत्म-निर्भर बनें.अब आर्थिक गतिविधि से युवा जनशक्ति को जोड़ने और उनके लिए नौकरी के अवसर पैदा करना पहली प्राथमिकता है। औद्योगिक विकास का उद्देश्य नौकरी के अवसर बढ़ाना है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
मेरा विचार है कि वर्तमान का बेहतर प्रबंधन और भविष्य की उत्कृष्ट प्लानिंग ज़रूरी है. प्रदेश के लोग निपुण, प्रतिभाशाली और ज्ञान से परिपूर्ण हैं. प्रत्येक नीति में उनकी आकांक्षाओं को स्थान मिलना चाहिए. नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए हम वचनबद्ध हैं. इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लेने का समय आ गया है.
मुझे लोगों की शक्ति पर भरोसा है. मैं युवा पीढ़ी की प्रतिभा में विश्वास करता हूं. हमें अपने उद्यमियों पर भरोसा है. मैं सशक्त हो रही महिलाओं की प्रतिभा की प्रशंसा करता हूं.
भोपाल. मध्यप्रदेश के शिशु गृहों में भी बच्चे सुरक्षित नहीं हैं. शिशुओं का यौन उत्पीड़न (Sexual harassment of children) हो रहा है. यह खुलासा हाल ही में रीवा की निजी संस्था निवेदिता कल्याण समिति (शिशु गृह) (Nivedita Welfare Committee) से गोद लिए गए बच्चों की अमेरिका (USA) में काउंसिलिंग के दौरान हुआ है. वहां मामला संज्ञान में आने के बाद इसकी जानकारी भारत सरकार को दी गई. फिलहाल निवेदिता कल्याण समिति (शिशु गृह) का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है और सभी बच्चों को सतना के मातृ छाया में शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं. इस पूरे मामले की जांच के लिए रीवा के एसपी ने एक टीम गठित की है, जिसने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. शिशु गृह में छह साल तक के बच्चों को रखा जाता है और वहीं से लोग बच्चों को गोद (Adopt) लेते हैं.
अमेरिकी दंपति ने चार बच्चों को पिछले माह लिया था गोद
रीवा स्थित आंचल शिशु गृह निजी संस्था निवेदिता कल्याण समिति (शिशु गृह) से गत माह चार बच्चों को अमेरिका निवासी क्लिंटन एवं अमाडा ने गोद लिया था. अमेरिका पहुंचे दंपति ने वहां के कानून के मुताबिक पोस्ट रिप्लेसमेंट रिपोर्टिंग के लिए बच्चों को पहले चिल्ड्रन होम एजेंसी में स्थानांतरित किया. यहां के काउंसलर्स ने जब बच्चों की काउंसिलिंग की तो वे यह जानकर चौंक गए कि शिशु गृह में उनका यौन उत्पीड़न किया गया है. इसकी जानकारी काउंसलर ने बच्चों के अभिभावकों को देने के साथ ही भारत सरकार की संस्था कारा को दी.
भारत सरकार ने अमेरिकी रिपोर्ट एमपी की सरकार से साझा की
भारत सरकार को जैसे ही अमेरिका सरकार की ओर से बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न किए की खबर मिली तो हड़कंप मच गया. आनन-फानन में इसकी जानकारी मध्यप्रदेश सरकार से साझा की गई.
जानकारी मिलने पर महिला बाल विकास संचालनालय ने मामले की गंभीरता से रीवा के कलेक्टर को अवगत कराया. इस पूरे मामले की जांच के लिए रीवा पुलिस ने एक टीम गठित की है जो मामले की जांच कर रही है.
भोपाल. मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले (Honey Trap Cases) की मुख्य आरोपी और उसकी साथी महिला आरोपी पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया है. एसआईटी (SIT) के बाद अब सीआईडी (CID) ने दोनों महिला आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है. दोनों महिला आरोपी 5 दिन की पुलिस रिमांड (Police Remand) पर हैं. जानकारी के अनुसार हनी ट्रैप मामले में इंदौर पुलिस (Indore Police) ने सबसे पहले छतरपुर से एक आरोपी महिला के साथ राजगढ़ से एक छात्रा को गिरफ्तार किया था. इन महिला आरोपियों की निशानदेही पर इंदौर पुलिस ने भोपाल पुलिस और एटीएस की मदद से भोपाल में रहने वाली मुख्य आरोपी और उसकी साथी को भी गिरफ्तार किया था. एसआईटी चारों महिला आरोपियों से पूछताछ कर चुकी है.
CID क्यों कर रही जांच!
दरअसल, जब एसआईटी ने राजगढ़ की छात्रा से पूछताछ की तो पता चला कि भोपाल की आरोपी महिला ने उसे बहला-फुसलाकर इस गोरखधंधे में शामिल किया था. पुलिस ने राजगढ़ जाकर छात्रा के परिजनों से पूछताछ की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. इसके बाद एसआईटी ने इंदौर में ही भोपाल की महिला आरोपी और छतरपुर की महिला आरोपी के खिलाफ मानव तस्करी का मामला दर्ज कर केस डायरी अयोध्या नगर थाने भेजी. मानव तस्करी का मामला भोपाल के अयोध्या नगर थाने इलाके का था. हालांकि मानव तस्करी से जुड़े मामलों की जांच एसआईटी/सीआईडी करती है इसलिए अयोध्या नगर थाना पुलिस के साथ सीआईडी ने प्रारंभिक तौर पर छात्रा के पिता के द्वारा दर्ज कराई गई मानव तस्करी की एफआईआर की जांच की. जांच के बाद सीआईडी ने सबूतों के आधार पर दोनों महिला आरोपी को अपनी कस्टडी में लेकर जिला कोर्ट भोपाल में पेश किया. कोर्ट ने दोनों महिला आरोपी को 5 दिन के पुलिस रिमांड पर सीआईडी को सौंप दिया है. सीआईडी ने दोनों महिलाओं से मानव तस्करी को लेकर पूछताछ शुरू कर दी है.
महिला आरोपियों ने कई छात्राओं को बनाया निशाना
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों आरोपियों ने राजगढ़ की छात्रा के साथ कई दूसरी छात्राओं को भी पैसे का लालच देकर अपना शिकार बनाया है. अब मानव तस्करी से इस मामले के जुड़ जाने के बाद सीआईडी दूसरी छात्राओं से भी पूछताछ करेगी. यह छात्राएं महिला आरोपियों के लगातार संपर्क में थीं. बताया जा रहा है कि इन छात्राओं के जरिए आरोपी महिलाएं अफसरों नेताओं और रसूखदारों को हनी ट्रैप में फंसाने का काम करती थीं.
अब तक क्या हुआ?
इंदौर पुलिस ने सबसे पहले नगर निगम के इंजीनियर की शिकायत पर हनी ट्रैप का मामला दर्ज किया था. इसके बाद इंदौर पुलिस ने छतरपुर और राजगढ़ से महिला आरोपियों को गिरफ्तार किया. इनकी निशानदेही पर भोपाल से दो महिलाओं को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की गई. आरोपी महिलाओं के पास से करीब 14 लाख और कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मिली थी. एसआईटी की टीम ने छतरपुर और भोपाल की महिला आरोपियों के बैंक लॉकर खंगाले, जिससे लाखों रुपए और 5 पेन ड्राइव मिली थीं.
बड़वानी. मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले (Barwani District) के अंजड़ पुलिस थाना क्षेत्र में मानवीयता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया. यहां 53 वर्षीय मुकेश जादम (Mukesh Jadam) ने हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए साढ़े 3 वर्षीय मासूम बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाया. आरोपी मुकेश के घर पड़ोस में रहने वाली मासूम खेलने के लिए आती-जाती रहती थी. जबकि बच्ची के माता-पिता भी इस बात से अनजान थे कि पड़ोस में रहने वाला अधेड़ उनकी बच्ची के साथ गलत हरकत कर देगा.
भाई दूज वाले दिन किया दुष्कर्म
29 अक्टूबर भाई दूज के दिन आरोपी मुकेश के घर मासूम खेलने गई थी. उसी समय बच्ची को अकेला पाकर उसके साथ गलत हरकत कर डाली. मासूम ने घर पहुंचकर जब दर्द होने की शिकायत की तो पहले तो परिजनों ने इसे सामान्य तौर पर लिया, लेकिन 31 अक्टूबर गुरुवार के दिन बच्चे के माता पिता उसकी तकलीफ को दिखाने के लिए बड़वानी डॉक्टरों के पास पहुंचे. यहां डॉक्टर ने बच्चे के साथ गलत हरकत होने की बात करते हुए रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी. इसके बाद परिजनों ने अंजड़ थाने पर पहुंचकर आरोपी मुकेश जादम के खिलाफ मामला दर्ज कराया.
पुलिस ने लिया ये एक्शन
मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी 53 वर्षीय मुकेश जादम को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. बड़वानी की एडिशनल एसपी सुनीता रावत के मुताबिक आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म, पॉक्सो और एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है.
आलीराजपुर से धार तक अौर टिही से धार तक का काम पूरा होने के बाद इंदौर से गुजरात जाने का सीधा रास्ता मिलेगा
आलीराजपुर/इंदौर . आलीराजपुर में पहली यात्री ट्रेन बुधवार को गुजरात के छोटा उदयपुर से पहुंची। राज्यसभा सांसद नारायणभाई राठवा और छोटा उदयपुर से सांसद गीताबेन राठवा ने ट्रेन को दोपहर 12 बजे हरी झंडी दिखाकर आलीराजपुर रवाना किया। दोपहर ढाई बजे ट्रेन यहां पहुंची तो लोगों ने आतिशबाजी कर स्वागत किया। इस रेल लाइन का शिलान्यास 8 फरवरी 2008 में हुआ था, 11 साल के इंतजार के बाद पहली ट्रेन यहां पहुंची। वहीं, आलीराजपुर में बस शुरू होने के 84 साल बाद पहली यात्री ट्रेन आई है। यहां से ट्रेन सवा 3 बजे छोटा उदयपुर के लिए रवाना हुई।
लौटते समय रतलाम सांसद गुमानसिंह डामोर ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। गुरुवार से ट्रेन नियमित तौर पर आलीराजपुर से वड़ोदरा के प्रतापनगर स्टेशन तक चलेगी। दोनों जगह नेताओं ने दैनिक भास्कर के विचार को आगे बढ़ाते हुए आलीराजपुर से सुबह ट्रेन रवाना करने और शाम को लौटने की बात कही। इसके लिए रेल मंत्रालय और अधिकारियों को पत्र भी लिखे जाएंगे।
छोटा उदयपुर-धार प्रोजेक्ट में आलीराजपुर तक ट्रेन शुरू हो गई। इंदौर-दाहोद प्रोजेक्ट में टिही तक (22 किमी) का काम हो चुका है। टिही के आगे टनल का काम चल रहा है। आलीराजपुर से धार के बीच नई लाइन का काम भी चालू है। ये दोनों काम पूरे हाें तो इंदौर को गुजरात के लिए नई कनेक्टिविटी मिल जाएगी। वडोदरा तक के सफर में डेढ़ घंटे का वक्त बचेगा।
इंदौर. सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्म जयंती गुरुवार को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में श्रद्धा पूर्वक मनाई गई। इस मौके आयोजित रन फॉर यूनिटी में इंदौरियों के साथ प्रशासनिक अधिकारी ही नहीं कई विधायक और सांसद दौड़े। इस एकता दौड़ की खास बता यह रही कि इसमें भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के नेता एक मंच पर नजर आए। दौड़ को सांसद शंकर लालवानी, विधायक संजय शुक्ला, रमेश मेंदोला, महेंद्र हार्डिया और विनय बाकलीवाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
सांसद और विधायक गणों ने दिखाई हरी झंडी।
लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के मौके पर गुरुवार को सुबह 7 बजे रन फॉर यूनिटी दौड़ का आयोजन किया गया। यह एकता दौड़ नेहरू स्टेडियम से सुबह 7 बजे शुरू हुई। दौड़ नेहरू स्टेडियम से शुरू होकर विभिन्न मार्गों से होती हुई पुनः नेहरू स्टेडियम पर आकर समाप्त हुई। दौड़ के पहले इसमें शामिल धावकों को देश की एकता और अखंडता के लिए काम करने की शपथ दिलवाई गई।
सांसद ने एकता और अखंडता की शपथ दिलवाई।
रन फॉर यूनिटी रन फॉर यूनिटी में स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ ही पुलिस बीएसएफ एनसीसी कैडेट्स विभिन्न खेल संगठनों के खिलाड़ी शासकीय कर्मचारी अधिकारी बड़ी संख्या में शामिल हुए। कार्यक्रम में सांसद शंकर लालवानी के साथ ही भाजपा विधायक रमेश मेंदोला, महेंद्र हार्डिया, कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला, शहर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विनय बाकलीवाल कर्मचारी संघ के नेता हरीश बोयत के साथ ही विभिन्न दलों के पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए।
बीएसएफ जवानों ने भी लगाई एकता की दौड़।
इस दौड़ में ंइंदौरियों के साथ ही बीएसएफ, पीटीएस, एपीटीएस,नेहरू युवा केंद्र, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, इंदौर मैराथन एसोसिएशन आदि खेल संघटनों के सदस्य और अन्य खिलाड़ी शामिल हुए। दौड़ नेहरू स्टेडियम से शुरू हुई जो जीपीओ, छावनी चौराहा, मधुमिलन टॉकीज, सरदार वल्लभभाई पटेल प्रतिमा, रीगल चौराहा, एमवाय अस्पताल के सामने से होते हुए नेहरू स्टेडियम पर समाप्त हुई। समापन अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी जोसेफ बक्सला ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उपस्थित जनों को राष्ट्रीय एकता, अंखडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करने का संकल्प दिलवाया गया।
मध्यप्रदेश के 64वें स्थापना दिवस के अवसर पर एक नवम्बर को प्रदेश के 11 शहरों में विशेष 'सिटी वॉक फेस्टिवल'' का आयोजन किया जाएगा। ये शहर हैं भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, पन्ना, विदिशा, खजुराहो, चंदेरी, जबलपुर, बुरहानपुर और ओरछा। भोपाल में हेरिटेज सिटी वॉक सुबह 7 बजे कमला पार्क से शुरू होकर गौहर महल, इकबाल मैदान होते हुए सदर मंजिल पर समाप्त होगी। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा पैनल एजेन्सी सिटी एक्सप्लोरर, नई दिल्ली एवं जिला पुरातत्व एवं पर्यटन परिषद के सहयोग से वॉक आयोजित की जा रही है।
सचिव पर्यटन श्री फैज़ अहमद किदवई ने बताया है कि मध्यप्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये सिटी वॉक फेस्टिवल मनाया जा रहा है। इसके माध्यम से पर्यटक राज्य की विरासत, इतिहास, संस्कृति और परम्पराओं के बारे में जान सकेंगे। सचिव पर्यटन ने प्रदेशवासियों से आग्रह किया है कि सिटी वॉक फेस्टिवल में अवश्य शामिल हों।
प्रदेश में 12 अक्टूबर से आयोजित 'सिटी वॉक फेस्टिवल'' के तहत प्रदेश के 11 शहरों में एक साथ प्रत्येक सप्ताहांत सिटी वॉक का आयोजन किया जा रहा है। अभी तक 50 से अधिक वॉक आयोजित की जा चुकी हैं, जिसमें लगभग 1000 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा ले चुके हैं। सबसे दिलचस्प अनुभवों में इंदौर में खान-पान पर वॉक, भोपाल में फोटो वॉक एवं म्यूजियम टूर, जबलपुर में फूड वॉक और बोट राइड, पन्ना में हीरों की खोज पर वॉक, उज्जैन में आध्यात्मिक सैर, विदिशा में प्रकृति वॉक एवं अन्य कई प्रकार की वॉक शामिल हैं।
सभी आयु वर्ग के प्रतिनिधियों ने पर्यटन के इस आयोजन की सराहना की है। सभी ने अनुभव किया कि वास्तव में अपने शहर के बारे में जानने का यह शानदार तरीका है। इन्हीं शहरों के निवासी, जो कई वर्षों से शहर और उसके आसपास के क्षेत्रों में रह रहे हैं और कई जो अपने पूरे जीवन-काल से यहीं रह रहे हैं, उन्होंने भी कहा कि वे शहर की इमारतों एवं परम्पराओं के महत्व से पूरी तरह अंजान थे। वे हेरिटेज वॉक के कारण अपने शहर को जान सके हैं।
संस्कृति मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने अखिल भारतीय कालिदास समारोह के कार्यक्रमों में आमजन की अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। आज स्वराज भवन में हुई कालिदास समारोह की केन्द्रीय समिति की बैठक में डॉ. साधौ ने कहा कि समारोह के दौरान कवि सम्मेलन, व्याख्यान और विभिन्न प्रतियोगिताओं के सुरुचिपूर्ण होने का लाभ आमजन को मिलना चाहिये। बैठक में बताया गया कि समारोह के स्वरूप का निर्धारण कर लिया गया है। परम्परानुसार संस्कृत के सुप्रसिद्ध विद्वान प्रो. राधावल्लभ त्रिपाठी और श्री बसंत भट्ट समारोह में पहले दिन
के कार्यक्रमों में सारस्वत अतिथि होंगे। बैठक में लोक निर्माण मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा भी
उपस्थित थे।
इस वर्ष अखिल भारतीय कालिदास समारोह उज्जैन में 8 से 14 नवम्बर तक आयोजित किया जाएगा। संस्कृति विभाग द्वारा इस सात दिवसीय समारोह में विक्रमविश्वविद्यालय और कालिदास संस्कृत अकादमी उज्जैन द्वारा संयुक्त रूप से राष्ट्रीय संगोष्ठी, शोध संगोष्ठी, संस्कृत कवि सम्मेलन, व्याख्यान और विद्यार्थियों के लिये संस्कृत तथा हिन्दी में वाद-विवाद तथा काव्यपाठ प्रतियोगिताएँ होंगी। प्रथम दिवस महाकवि कालीदास के साहित्य पर आधारित संस्कृत नाटक का मंचन किया जायेगा।
बैठक में प्रमुख सचिव संस्कृति श्री पंकज राग, सचिव कालिदास समिति डॉ. शीतांशु रथ, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बालकृष्ण शर्मा, महर्षि पाणनी संस्कृत विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति डॉ. तुलसीदास परौहा, प्रो. कृष्णकांत चतुर्वेदी जबलपुर और डॉ. योगेश शर्मा उज्जैन और विधायक श्री मोहन यादव, कमिश्नर उज्जैन श्री अजीत कुमार, कलेक्टर उज्जैन श्री शशांक मिश्रा,भी उपस्थित थे। बैठक में समिति के सदस्यों द्वारा विभिन्न सुझाव भी दिये गये।
भोपाल. इंदौर स्टेट हाईवे (Indore State Highway) स्थित फंदा टोल (Toll) पर बुधवार रात को कुछ युवकों ने जमकर तोड़फोड़ की और टोलकर्मियों के साथ मारपीट भी की. ये सभी लोग बुधवार को दोपहर में भी बूथ पर टोल नहीं चुकाने की बात को लेकर बहस कर चुके थे और फिर रात को अचानक इन सभी ने टोल नाके पर हमला बोल दिया. सभी अपने आप को शिवसेना (Shiv Sena) कार्यकर्ता बता रहे थे. टोलकर्मियों ने बताया कि तीन कारों में सवार होकर करीब 15 से 20 लोगों ने तोड़फोड़ और मारपीट की. इस दौरान 4 टोलकर्मी घायल हो गए. इनमें से एक कर्मचारी को ज्यादा चोट आने के चलते अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. वारदात के दौरान टोल पर भगदड़ का माहौल हो गया. बाद में सभी अपनी कारों में बैठकर फरार हो गए.
बिना रुपये दिए निकलना चाहते थे
जानकारी के अनुसार ये सभी युवक दिन में भी टोल पर पहुंचे थे. इस दौरान इन्होंने खुद को शिवसेना का कार्यकर्ता बताया था और टोल न देने की बात की थी. इस पर टोल प्रबंधक से इन्होंने कफी कहासुनी की थी लेकिन बाद में सभी टोल चुका कर वहां से चले गए थे. लेकिन देर रात ये फिर लौटे और इस बार इन्होंने लाठी, सरियों और डंडों से टोल पर हमला कर दिया. टोलकर्मियों ने जब इन्हें रोकने का प्रयास किया तो उनसे भी काफी मारपीट की गई. बाद में सभी अपनी गाड़ियों में बैठ कर भोपाल की तरफ रवाना हो गए.
सीसीटीवी में कैद हुई वारदात
इस दौरान टोल पर लगे हुए सीसीटीवी कैमरों में इन सभी की रिकॉर्डिंग हो गई. बाद में टोलकर्मियों ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया. हालांकि अभी तक इन कथित शिवसैनिकों की पहचान नहीं हो सकी है. लेकिन पुलिस सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग के आधार पर इन सभी की पहचान करने की कोशिश कर रही है. साथ ही जिन गाड़ियों से ये आए थे उनके नंबरों के आधार पर भी आरोपियों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं.
भोपाल,भेल कारखाने के दो हजार से अधिक कर्मचारी और अधिकारी 31 अक्टूबर को सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। भेल के निजीकरण को लेकर लेकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उक्त कार्यक्रम भेल के फाउंड्री गेट पर शाम 4 बजे किया जाएगा। इस प्रदर्शन में भेल की सभी यूनियन शामिल होंगी। इंटक अध्यक्ष आरडी त्रिपाठी ने बताया कि केंद्र सरकार सार्वजनिक उपक्रम भेल का निजीकरण किया तो वर्ष 1964 का इतिहास दोहराया जाएगा। उस दौरान भेल कर्मचारी अपने हक के लिए कारखाने में टूल डाउन कर अनिश्चिकालीन हड़ताल पर चले गए थे। इसके बाद केंद्र को देश के अन्य राज्यों में भेल की यूनिट बनाना मजबूरी हो गया और भोपाल यूनिट के कई कर्मचारी नेताओं को जेल हो गई थी।
त्रिपाठी ने कहा कि यह पहला मौका है कि जब संग्राम समिति में सभी कर्मचारी, अधिकारी और सुपरवाईजरों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। गवर्नर हाउस से लेकर सीएम हाउस तक रैली निकाली जाएगी। प्रबंधन को चेतावनी कर्मचारियों की सभी यूनियनों की हुई बैठक में दी। केंद्र ने बिकने वाले सार्वजनिक उपक्रमों की जो सूची जारी की है, उसमें भेल का भी नाम है।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने मध्यप्रदेश की स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए सुधार की दिशा में हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बच्चों के भविष्य के साथ कोई भी खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। श्री कमल नाथ आज मुख्यमंत्री निवास पर स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहन्ती उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि प्राथमिक, माध्यमिक और हाईस्कूल शिक्षा उत्कृष्ट हो, यह आज सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में अभी शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर बनाने की जरूरत है। यह हमारे प्रदेश के बच्चों के भविष्य से जुड़ा मुद्दा है। इससे कोई भी समझौता करना बच्चों के साथ अन्याय करना है।
मुख्यमंत्री ने स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए इस पर अंकुश लगाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर स्कूली शिक्षा और अधूरी पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों को निरंतर रखने के लिए प्रभावी निगरानी व्यवस्था बनाई जाए। इसके लिए जवाबदेही भी तय की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों को शिक्षा की बेहतर ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की जाए ताकि वे बच्चों को आज की और भविष्य की जरूरत के मुताबिक शिक्षित कर सकें। उन्होंने कहा कि शिक्षा में सुधार कार्य को मिशन के रूप में लिया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश की सम्पूर्ण स्कूली शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए जो भी कदम उठाया जाना है, उसकी कार्य-योजना बनाकर प्रस्तुत करें।
बैठक में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरुण शमी, आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयश्री कियावत एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
जनसम्पर्क एवं धार्मिक न्यास तथा धर्मस्व मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने यम द्वितीया पर ग्यारह सौ क्वार्टर्स, कोटरा और जवाहर चौक स्थित चित्रगुप्त मंदिरों में पहुँचकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। श्री शर्मा ने कोटरा में पूजा-अर्चना के बाद स्कूली बच्चों को पुस्तकें वितरित कीं। इस दौरान कायस्थ समाज के प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और अन्य जन-प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।