मध्य प्रदेश

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झाबुआ.  झाबुआ(Jhabua) विधानसभा सीट उपचुनाव ( assembly by election) में कांग्रेस प्रत्याशी (congress) कांतिलाल भूरिया (kantilal bhuria) की शुरुआती कई राउंड में लगातार बढ़त देख समर्थकों की खुशी छलछला उठी. जीत (victory) से पहले ही उन्होंने जश्न (celebration) शुरू कर दिया. कांतिलाल भूरिया ने भी मतदाताओं का आभार प्रकट कर दिया. हालांकि वो अपने बूथ पर बीजेपी प्रत्याशी भानु भूरिया से हार गए.

समर्थक झूमे
झाबुआ विधानसभा सीट उप चुनाव में काउंटिंग के कुल 26 राउंड हैं. शुरुआती 8 राउंड तक कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया अपने निकटतम प्रतिद्नंद्वी बीजेपी के भानु भूरिया से लगातार बढ़त बनाए रहे, तो कांग्रेस में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. समर्थक पटाख़े और फूल मामला लेकर आ गए. कांतिलाल का स्वागत किया और नाच-गाना शुरू कर दिया. जीत की उम्मीद में हो रहे इस जश्न में कलावती भूरिया भी शामिल हुईं.
मंत्री पद की आस


फूल माला से लदे कांतिलाल भूरिया की खुशी उनकी मुस्कान बयां करने लगी. वो बोले जेवियर मेडा ने भी चुनाव में सहयोग दिया. भूरिया यहां तक कह गए कि मुख्यमंत्री कमलनाथ जेवियर मेडा को भी सम्मानजनक पद देंगे. मतगणना पूरी होने या चुनाव परिणाम आने से पहले ही कांतिलाल भूरिया ने झाबुआ के मतदाताओं का आभार भी जता दिया और कहा अब सीएम तय करेंगे उनका मंत्री पद. कांतिलाल भूरिया बीजेपी पर तंज कसना नहीं भूले. वो बोले अब शिवराज सिंह चौहान किस मुंह से झाबुआ आएंगे.
कल्याणपुरा का आभार
कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया को झाबुआ विधान सभा क्षेत्र के कल्याण पुरा में भी बढ़त मिली.वो बीजेपी का अयोध्या कहे जाने वाले कल्याणपुरा में भी सेंध लगाने में कामयाब रही. शुरुआती रुझानों में ही कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया ने कल्याणपुरा सेक्टर में निर्णायक बढ़त बना ली. पिछले चुनाव में बीजेपी को कल्याणपुरा में 9000 वोट की लीड मिली थी. लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी यहां 5000 वोट से आगे रही थी. कल्याणपुरा के प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा थे. कांतिलाल भूरिया ने मतदाताओं के साथ उनका भी आभार व्यक्त किया.
अपने बूथ से हारे कांतिलाल
ये भी अजब इत्तेफाक़ है कि कांतिलाल भूरिया अपने ही बूथ से हार गए.मतदान केंद्र क्रमांक 93 में उन्होंने वोट डाला था. लेकिन गोपाल कॉलोनी के इस क्षेत्र से भूरिया हार गए. इस बूथ पर उन्हें  175 वोट मिले जबकि बीजेपी के भानु भूरिया को 214 वोट लेकर उनसे आगे रहे.

भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की विशेष अदालत ने बिजली चोरी के एक मामले में उपभोक्ता के ऊपर 33 लाख 94 हजार 388 रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही 2 साल की सजा सुनाई है। बिजली चोरी के मामले में मध्यप्रदेश में अभी तक की यह सबसे बड़ी न्यायालयीन कार्रवाई बताई जा रही है।
6 दिसंबर 2017 को बैरसिया में पदस्थ सहायक यंत्री वाईआर पवार द्वारा जांच की गई थी। जांच के दौरान टिकन खेड़ी रोड पर स्थित वर्कशॉप में इजहार खान द्वारा लाइन पर सीधे तार डालकर बिजली चोरी की जा रही थी। उपभोक्ता ने वैधानिक कनेक्शन होने के बाद भी मीटर की सर्विस लाइन के तार को काट कर दूसरी केबल से जोड़कर मीटर को बाईपास किया था। इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार सिंह के न्यायालय में हुई। उन्होंने मामले की सुनवाई के बाद आरोपों को सही पाया।

भोपाल. बिहार (Bihar) में बैठकर रायसेन (Raisen) की युवती को बदनाम करने की साजिश रचने वाले आरोपी को भोपाल क्राइम ब्रांच (Bhopal Crime branch) ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ट्रेन में सफर के दौरान लड़कियों से दोस्ती कर फर्जी फेसबुक आईडी (Fake facebook id) पर आपत्तिजनक फोटो अपलोड कर ब्लैकमेलिंग का गोरखधंधा करता था. क्राइम ब्रांच को युवती ने शिकायत की थी कि उसके आपत्तिजनक फोटो बिहार में रहने वाले आरोपी शुभम सिंह ने फेसबुक पर अपलोड किए हैं. आरोपी लगातार व्हाट्सएप पर मैसेज भेजकर युवती को धमकियां दे रहा था.

ऐसे काम करता था आरोपी 

आरोपी शुभम ट्रेन में सफर के दौरान लड़कियों से मुलाकात कर उनसे दोस्ती करता है. दोस्ती होने के बाद आरोपी आपत्तिजनक फोटो फर्जी फेसबुक आईडी पर अपलोड कर ब्लैकमेलिंग करता था. रायसेन की युवती के अलावा भी आरोपी ने कई लड़कियों को फंसाया है. पुलिस को कई लड़कियों के बारे में पता चला है, जिनकी जांच की जा रही है.

बिहार से हुई गिरफ्तारी

रायसेन निवासी निर्भया (परिवर्तित नाम/स्थान) की शिकायत की जांच की, तो आरोपी शुभम सिंह जो कि बिहार के रोहतास ज़िले के शाहपुर का रहने वाला है, का पता चला. आरोप है कि आरोपी शुभम ने युवती की फर्जी फेसबुक आईडी तैयार कर उस पर युवती की फोटो अपलोड की. क्राइम ब्रांच की टीम फेसबुक से प्राप्‍त जानकारी के आधार पर मोबाइल नंबर के ज़रिए आरोपी तक तक पहुंची. आरोपी शुभम सिंह के खिलाफ मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद उसे गिरफ्तार कर जिला कोर्ट में पेश किया गया, कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया है.
 

भोपाल | प्रदेश के कर्मचारियों, पेंशनर्स, अध्यापक और पंचायत सचिवों को दिवाली के पहले 24 और 25 अक्टूबर को वेतन मिलेगा। इसके राज्य सरकार ने मंगलवार को आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं, कर्मचारियों को केंद्र के समान बढ़ा हुआ 5 फीसदी डीए दिए जाने पर सरकार गुरुवार को फैसला ले सकती है।
इस बारे में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वित्त विभाग के अफसरों की बैठक बुलाई है। इसमें कांग्रेस के वचन पत्र के अनुसार कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता देने पर विचार किया जाएगा। हाला‌ंकि इस बारे में वित्तमंत्री तरुण भनोत की मुख्यमंत्री से भी चर्चा हुई है। प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक न होने के कारण कर्मचारियों को डीए दिए जाने पर दो विकल्पों पर काम किया जा रहा है।  
पहला उन्हें 5 फीसदी डीए का भुगतान कर दिया जाए, दूसरा 3 फीसदी अभी दे दिया जाए और 2 फीसदी बाद में दिया जाए। साथ ही 1 जुलाई से 30 अक्टूबर तक बढ़े हुए डीए के एरियर की राशि करीब 1135 करोड़ रुपए कर्मचारियों के जीपीएफ अकाउंट में डाल दिए जाए। इन सभी विकल्पों पर चर्चा के बाद कर्मचारियों के डीए बढ़ाए जाने पर फैसला होगा। केंद्रीय कर्मचारियों के समान डीए दिए जाने पर सरकार को हर महीने 227 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है। इस हिसाब से साल भर में डीए की बढ़ोत्तरी का अतिरिक्त खर्चा करीब 2750 करोड़ रुपए होगा।  
अखिल भारतीय सेवा के अफसरों को 5 फीसदी डीए दिए जाने के आदेश जारी
इधर, सरकार ने अखिल भारतीय सेवा के अफसरों आईएएस, आईपीएस और आईएफएस के लिए 1 जुलाई से केंद्र के समान 5 फीसदी महंगाई भत्ता और एरियर की राशि भुगतान किए जाने किए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं। इन अफसरों को बढ़े हुए डीए का भुगतान किए जाने के साथ चार महीने के एरियर की राशि भी नकद दी जाएगी।

भोपाल . एनजीटी ने मंगलवार को राज्य शासन और नगर निगम को जिंसी स्थित स्लाटर हाउस को तत्काल प्रभाव से बंद करने के आदेश दिए हैं। एनजीटी प्रिंसिपल बैंच के न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह राठौर ने आदमपुर छावनी में नए स्लाटर हाउस का कंस्ट्रक्शन रोकने और नए सिरे से जमीन आवंटन करने की बात पर सख्त नाराजगी जताई थी। न्यायाधीश ने कहा कि हमें यह भरोसा हो गया है कि जब तक मौजूदा स्लाटर हाउस बंद नहीं होगा, तब तक नया स्लाटर हाउस बनाने को लेकर अफसर गंभीर नहीं होंगे।
एनजीटी ने तत्काल जिंसी स्थित स्लाटर हाउस बंद करने का आदेश दिया है। हम इस पर राज्य शासन के वरिष्ठ अफसरों से चर्चा कर अगला निर्णय लेंगे। - बी विजय दत्ता, आयुक्त, नगर निगम
एडीएम बोले- नई जगह तलाश रहे हैं,  नगर निगम की ओर से कहा गया - आदमपुर छावनी में निर्माण जारी है
सुनवाई में एडीएम सतीश कुमार ने बताया कि जनप्रतिनिधियों ने आदमपुर छावनी में स्लाटर हाउस निर्माण पर आपत्ति ली है। हम नई जमीन तलाश रहे हैं। इसके विपरीत नगर निगम के अधिवक्ता ने कमिश्नर की मौजूदगी में कहा कि आदमपुर छावनी में स्लाटर हाउस का निर्माण जारी है और 31 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।
हर सुनवाई में अलग-अलग कारण, भोपाल की जनता को राहत दिलाने के लिए इस स्लाटर हाउस को बंद करना जरूरी
न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह राठौर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हमें भरोसा हो गया है कि अब 31 दिसंबर तक नया स्लाटर हाउस बन कर तैयार नहीं होगा।। 2015 से लगातार यही स्थिति बनी हुई है। हर सुनवाई पर अलग-अलग कारण बताए जाते हैं। एेसे में भोपाल की जनता को प्रदूषण से राहत दिलाने और हमारे पुराने आदेश का पालन कराने के लिए अब यह जरूरी हो गया है कि जिंसी स्थित स्लाटर हाउस को बंद कर दिया जाए।

झाबुआ,झाबुआ (Jhabua)विधान सभा सीट उपचुनाव (assembly by election) के लिए मतदान जारी है. सुबह 7 बजे मतदान(voiting) शुरू होते ही मतदान केंद्रों (Polling Booth)पर मतदाताओं की कतार लगना शुरू हो गयी. इस सीट से कुल 5 प्रत्याशी मैदान में हैं. लेकिन मुख्य मुक़ाबला कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया (kantilal bhuria) और बीजेपी के भानु भूरिया (bhanu bhuria)के बीच है. कुल 2 लाख 77 हज़ार मतदाता इनके भाग्य का फैसला करेंगे. झाबुआ विधान सभा सीट से बीजेपी के जी एस डामोर विधायक थे. लोकसभा चुनाव में सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने विधान सभा सीट से इस्तीफ़ा दे दिया था.
झाबुआ विधान सभा सीट से अपना विधायक चुनने के लिए मतदाताओं में ख़ासा उत्साह है. ठीक 7 बजते ही मतदान शुरू हो गया. मतदान शुरू होने से पहले ही मतदाता, मतदान केन्द्रों पर पहुंचना शुरू हो गए थे. इस विधान सभा क्षेत्र में कुल 356 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. शांतिपूर्ण मतदान के लिए किए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. क्षेत्र में दो लाख 77 हजार से ज्यादा मतदाता हैं, जो अपना विधायक चुनेंगे.
चुनाव आयोग ने मतदान केंद्रों में बैठने, पीने के पानी सहित तमाम सुविधाएं उपलब्ध करायी हैं. 15 मतदान केंद्रों पर आयोग वेबकास्टिंग के माध्यम से नज़र रख रहा है. सुरक्षा के लिए केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल की चार कंपनियों सहित पुलिसकर्मी तैनात हैं. EVM और वीवीपैट में अगर ख़राबी आ जाए तो उसके कारण मतदान प्रभावित न हो,इसके लिए एक्स्ट्रा मशीनें सेक्टर ऑफिसरों को दी गई हैं. ये अफसर मतदान के दौरान लगातार घूम-घूम कर नज़र रखेंगे. जहां कहीं से भी ईवीएम या वीवीपैट में खराब होने की सूचना मिलेगी, वहां पहुंचकर तत्काल बदलवाएंगे.इस बार आयोग के निर्देश पर 200 प्रतिशत मशीनों का इंतजाम किया गया है.
चुनाव मैदान में पांच उम्मीदवार हैं. इसमें कांग्रेस से कांतिलाल भूरिया, भाजपा से भानु भूरिया और तीन निर्दलीय कल्याण सिंह डामोर, निलेश डामोर और रामेश्वर सिंगार शामिल हैं. दोनों प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस ने ये सीट जीतने के लिए अपना पूरा दम लगा दिया है. झाबुआ सीट हमेशा से कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है. लेकिन बीजेपी ने इसमें सेंध लगा दी थी. इसिलए कांग्रेस अपना किला फिर जीतने के लिए मैदान में उतरी है और बीजेपी अपनी सीट बचाने की कोशिश में है.
दिग्गजों ने किया प्रचार
 चुनाव के दौरान दोनों दलों के दिग्गजों ने यहां आकर प्रचार किया. सीएम कमलनाथ खुद दो बार प्रचार के लिए यहां आए. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान भी बीजेपी के लिए दो बार यहां वोट मांगने पहुंचे. बीजेपी से बागी होकर चुनाव लड़ रहे कल्याण सिंह डामोर पर सभी की नजर है. वो बीजेपी को नुक़सान पहुंचा सकते हैं. लोकसभा चुनाव जीतने के बाद बीजेपी सांसद गुमान सिंह डामोर के सीट छोड़ने के कारण झाबुआ विधानसभा सीट पर ये उपचुनाव हो रहा

भोपाल,झाबुआ उपचुनाव के बीच कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री पीसी शर्मा का बड़ा बयान सामने आया है। शर्मा का कहना है कि कर्ज माफी की प्रक्रिया चल रही है।किसानों को मुआवजा के लिए भी सर्वे चल रहा है। दीवाली बाद बचे हुए किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। साथ ही कहा कि बिजली बिल भी अब सौ रुपए आएंगे।कई किसानों के बिलों को आधा किया गया है। वही उन्होंने परिणाम से पहले दावा किया कि झाबुआ चुनाव में कांग्रेस ही जीत रही है।
बीजेपी के नवंबर में होने वाले किसान आंदोलन पर मंत्री पीसी शर्मा ने जमकर पलटवार किया । शर्मा ने कहा कि बीजेपी के पास नही कोई मुद्दा नही है।विपक्ष में इसलिए ये सब कर रही है।इससे कुछ फर्क नही पड़ता। वही सांसद प्रज्ञा के बयान को महात्माओं को लेकर दिए गए विवादित बयान पर शर्मा ने कहा कि साध्वी अब भी बापू को राष्ट्रपिता नही बोल रही  है।कल उन्होने महात्मा गांधी राष्ट्रपुत्र कहा था।
हनीट्रैप को लेकर कहा कि इसमें फंसी महिलाओं के खिलाफ कार्रवाई होगी।जनसंपर्क की ओर से भी यह कारर्वाई की जाएगी। तत्कालीन शिवराज सरकार मे जनसंपर्क ने आरोपी महिलाओं को राशि जारी की थी ।इसकी भी जांच की जा रही है।

भोपाल, लखनऊ में हिन्दू महासभा के अध्यक्ष कमलेश तिवारी के नृशंस के बाद यूपी से लेकर एमपी तक जमकर सियासत हो रही है। नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर तेजी से चल रहा है।वही कांग्रेस द्वारा कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार की जमकर घेराबंदी की जा रही है। अब कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को लेकर सवाल उठाए है और एक के बाद एक कई ट्वीट किए है।
एक वीडियो का लिंक शेयर करते हुए दिग्विजय ने ट्वीट कर लिखा है कि जिस व्यक्ति का नाम कमलेश तिवारी की मॉं ले रही है उसे उप्र की पुलिस गिरफ़्तार क्यों नहीं कर रही है? और क्या प्रमाण चाहिये?शिव कुमार गुप्ता जिस का नाम कमलेश की माता जी ले रही हैं क्या वह भाजपा का नेता है? भाजपा स्पष्ट करे।
दिग्विजय ने अगले ट्वीट में लिखा है कि पहले कमलेश की सुरक्षा हटाई फिर उसकी हत्या उसी के घर में और उस समय घर में एक उप्र पुलिस का सुरक्षा कर्मी मौजूद और हत्यारे हत्या कर निकल गये? यह सुनोयोजित हत्या है या नहीं? योगी जी क्या आप गुरू गोरखनाथ जी की गादी पर रहते हुए एक ब्राह्मण की हत्या होती देखते हुए भी आप चुप रहेंगे? भाजपा के हत्यारे को गिरफ़्तार नहीं करेंगे? मुझे आप से यह उम्मीद नहीं थी।
बता दे कि  शुक्रवार को लखनऊ में दो बदमाशों ने हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की नृशंस हत्या कर दी थी। घटना के बाद गुस्साए समर्थकों ने  सड़कों पर उतरकर जमकर प्रदर्शन किया था।वही उनके बेटे ने शनिवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच की मांग की थी।पुलिस को जांच में आज रविवार को पता चला है कि हत्यारों ने अशफाक और मोइनुद्दीन के नाम से होटल में कमरा बुक किया था। पुलिस ने बताया कि दोनों अपने असली नाम से वहां ठहरे थे। होटल के कमरे से तौलिया मिला है, जिसमें खून के निशान मिले हैं। फॉरेंसिक विभाग से इन कपड़ों में मिले खून के धब्बों का मिलान कमलेश तिवारी के खून के करवाया जाएगा।इधर कमलेश की मां आज सीएम योगी से मुलाकात करने पहुंची है। इसके अलावा कमरे से भगवा रंग के कपड़े भी मिले हैं।मामले का खुलासा करने के लिए पुलिस की 10 टीमें काम कर रही हैं। लखनऊ के एसपी क्राइम गुजरात में भेजी गई टीम को लीड कर रहे हैं।

इंदौर. हनी ट्रैप की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी का प्रमुख बार-बार बदलने को लेकर मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने सरकार को फटकार लगाई है। सोमवार को जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा हनी ट्रैप मामले की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी पेश नहीं की गई इस पर भी कोर्ट नाराज हुई। मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी।
हनी ट्रैप की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी का प्रमुख बार-बार बदलने और सीबीआई को केस सौंपने की मांगों को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई हुई।  एसआईटी प्रमुख बदलने के क्या कारण रहे इसका जवाब राज्य सरकार कोर्ट में पेश नहीं कर सकी। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए अगली सुनवाई तक एसआईटी प्रमुख को बदलने का कारण और मामले की जांच प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।
सबूतों को जांच के लिए हैदराबाद भेजा जाए
मामले की जांच में एसआईटी ने आरोपी महिलाओं से सीडी, मोबाइल, पेन ड्राइव सहित काफी सामान जब्त किया था। इनकी जांच पुलिस ने अपनी ही लैब में करवाई है। इसे कोर्ट ने अनुचित मानते हुए जब्त किए गए सभी इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को हैदराबाद स्थित लैब में जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए।
एसआईटी में होेता रहा बदलाव
सरकार ने सबसे पहले एसआईटी बनाई तो उसका प्रमुख आईपीएस डी. श्रीनिवास वर्मा को बनाया था, लेकिन उन्होंने खुद ही इस पद को छोड़ दिया था। इसके बाद डीजीपी ने सीनियर आईपीएस संजीव शमी को माॅनिटरिंग के लिए नियुक्त किया था। उनके हटने पर प्रदेश के प्रमुख सीनियर आईपीएस में शुमार राजेंद्र कुमार को जवाबदारी सौंपी गई।

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