मध्य प्रदेश

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भोपाल। नगरीय निकाय चुनावों से जुड़े विधेयकों (बिल) को लेकर गवर्नर को भेजे गए दो अध्यादेश में से एक को राज्यपाल लालजी टंडन ने मंजूरी दे दी। मेयर के अप्रत्यक्ष चुनाव से जुड़े अध्यादेश को फिलहाल रोक दिया है। इसे लेकर नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह और प्रमुख सचिव संजय दुबे ने राज्यपाल से मुलाकात कर राज्य सरकार का रूख स्पष्ट करने की कोशिश की, जबकि ऑल इंडिया मेयर्स काउंसिल ने इस अध्यादेश का विरोध कर दिया।
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ऑल इंडिया मेयर्स काउंसिल के संगठन मंत्री व पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने शुक्रवार को राज्यपाल से मिलकर इस मामले में कहा कि अप्रत्यक्ष नहीं, सीधे चुनाव होने चाहिए। जैसा की पिछली बार हुआ। राज्यपाल ने जिस एक अध्यादेश को मंजूरी दी है, वह पार्षद प्रत्याशी के हलफनामे से जुड़ा है। यदि किसी भी प्रत्याशी ने हलफनामे में गलत जानकारी दी तो विधानसभा चुनाव की तरह उन्हें 6 माह की सजा और 25 हजार रुपए का जुर्माना हो सकता है।

कैबिनेट से मंजूरी के बाद राज्य सरकार की ओर से पिछले दिनों दो अध्यादेश राज्यपाल को मंजूरी के लिए भेजे थे। इनमें से एक पार्षद प्रत्याशी के हलफनामे से जुड़ा था व दूसरा मेयर के चुनाव से। मेयर के अप्रत्यक्ष चुनाव के साथ इसमें पार्षदों के एक ही जगह वोटर होने व परिसीमन व चुनाव के बीच कम से कम 6 माह की बाध्यता को दो माह करने का जिक्र है। बताया जा रहा है कि राज्यपाल ने फिलहाल इस पर निर्णय नहीं लिया है। इससे राजभवन व राज्य सरकार के बीच पशोपेश की स्थिति बन गई है।

कोर्ट जा सकती है भाजपा
भाजपा में यह मामला केंद्रीय संगठन तक पहुंच गया है। केंद्रीय भाजपा ने मप्र से पूछ लिया है कि जब मप्र की कांग्रेस सरकार इस तरह का फैसला कर रही है तो पार्टी स्तर से अभी तक क्या किया गया। ऑल इंडिया मेयर्स काउंसिल के संगठन मंत्री गुप्ता को भी शनिवार को दिल्ली बुलाया गया है। पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुप्ता से पूरी स्थिति की जानकारी ली। इस मामले में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी गुप्ता को बुलाकर स्थितियों की जानकारी ली। फिलहाल प्रदेश भाजपा की ओर से कहा गया है कि वे पुरजोर तरीके से विरोध कर रहे हैं, लेकिन चुनाव कैसे हों, इसका अधिकार राज्य सरकार के पास है। इस पर केंद्रीय संगठन ने कहा कि विरोध के साथ पार्टी हाईकोर्ट में बिल को चुनौती दे।

अब संशोधन की उम्मीद में राज्य सरकार
बताया जा रहा है कि निकाय चुनाव का कार्यकाल दिसंबर तक है। इससे पहले चुनाव होने थे, लेकिन परिसीमन के साथ अन्य कार्रवाई में राज्य सरकार काफी पीछे हो गई है। अब राज्यपाल संशोधन बिल पर मंजूरी में देरी करते हैं तो आगे मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। राज्य सरकार का पूरा कार्यक्रम बिगड़ जाएगा, क्योंकि इसी संशोधन बिल पर सबकुछ निर्भर है।

खास बातें

  • दुनिया की पहली रोबोट नागरिक सोफिया ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में लिया भाग
  • कहा- जलवायु परिवर्तन पर सभी देशों को नीति और विचार में बदलाव लाने की जरूरत
  • सोफिया ने कहा आदर्श दुनिया वह होगी जहां मनुष्य समय की विस्तृत समझ रखता हो
 
दुनिया की पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) रोबोट नागरिक सोफिया ने शुक्रवार को इंदौर के एमराल्ड हाइट्स इंटरनेशल स्कूल में आयोजित 51वां राउंड स्क्वेयर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में भाग लिया। यहां उसने जलवायु परिवर्तन पर बात की। सोफिया ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि, जलवायु परिवर्तन पर विश्व के सभी देशों की सरकारों को अपनी नीति और विचार दोनों में बदलाव लाने की जरूरत है। 
 
   
सम्मेलन में दुनियाभर के स्कूलों के एक हजार से ज्यादा विद्यार्थी और बड़ी हस्तियां शामिल हुईं।  समारोह को फिल्म निर्माता उत्तरा सिंह ने होस्ट किया। उन्होंने सोफिया से दुनिया में चल रहे प्रमुख मुद्दों पर बात की। सोफिया ने तमाम सवालों के जवाब दिए। उत्तरा सिंह ने सोफिया से पूछा कि आपको किस तरह का डांस पसंद है, और आदर्श दुनिया कैसी होनी चाहिए। इसपर सोफिया ने कहा कि उसे रोबोट डांस सबसे ज्यादा पसंद है, साथ ही सोफिया ने डांस के कुछ स्टेप्स दिखाए।

आदर्श दुनिया के सवाल पर सोफिया ने कहा कि, एक आदर्श दुनिया वह होगी जहां मनुष्य समय की विस्तृत समझ रखता हो। वे अतीत को याद कर सकते हैं, इसलिए इसे दोहराएं नहीं। वे एक-दूसरे को बच्चों और बुजुर्गों के रूप में एक साथ देख सकते हैं।

इसके साथ ही सोफिया ने जलवायु परिवर्तन और प्रौद्योगिकी पर बात की। सोफिया ने कहा कि रोबोट इंसानों की मदद के लिए बनाए जा रहे हैं, इसलिए किसी को उनसे डरने की जरूरत नहीं है। आज हमें प्लास्टिक से खुद को दूर रखने और जितना हो सके बिजली बचाने की जरूरत है।

जब सोफिया से पूछा गया कि क्या उसे जलवायु परिवर्तन के बारे में पता है, तो उसने कहा कि वह न केवल इस मुद्दे से अवगत है, बल्कि वह दुनिया में जहां भी जाती है लोगों को जागरूक करने की कोशिश करती हैं। सोफिया ने कहा कि, वह जलवायु परिवर्तन के बारे में सोशल मीडिया से भी जानकारी प्राप्त करती हैं।

एमराल्ड हाइट्स इंटरनेशनल स्कूल के सिद्धार्थ ने बताया कि पहली रोबोट नागरिक सोफिया पहली बार इंदौर आई हैं। यहां सोफिया ने 55 देशों के लोगों से बात की। इस दौरान उन्होंने जलवायु परिवर्तन, मानव प्रौद्योगिकी के बारे में बात की। इसके अलावा, उन्होंने प्रौद्योगिकी के प्रति बच्चों के बढ़ते रुझान के बारे में भी बताया।

बता दें कि, हांगकांग के हैनसन रोबोटिक्स के ह्यूमनॉएड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने रोबोट सोफिया को तैयार किया था। अक्तूबर 2017 में सोफिया को सऊदी अरब की नागरिकता दी गई थी। इसके बाद उन्होंने खुद इसकी घोषणा की थी और कहा था कि मैं अपनी पहचान पाकर काफी सम्मानित महसूस कर रही हूं।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर राज्य में भारी बारिश और बाढ़ के कारण हुए नुकसान की भरवाई के लिए केंद्र सरकार से सहायता मांगी।

 प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि कमलनाथ ने प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें मध्य प्रदेश में हाल ही में आई बाढ़ में हुए 11906 करोड़ रुपये के नुकसान के आंकड़े हैं।

साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री वित्तीय सहायता मुहैया कराने का औपचारिक अनुरोध किया है। राज्य सरकार के अधिकारियों ने पिछले महीने राज्य के दौरे पर आई केंद्रीय टीम के समक्ष भी राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए 11,906 करोड़ रुपये की तत्काल वित्तीय सहायता मांगी थी।

हनी ट्रैप मामले में चल रहे डीजीपी और डीजी विवाद में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को डीजीपी वीके सिंह को तलब किया। जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री ने डीजीपी सिंह से मामले कीर पूरी जानकारी ली है। माना जा रहा है कि खुद इस मामले को देख रहे मुख्यमंत्री कमलनाथ दोनों पक्षों को सुनने के बाद किसी एक के खिलाफ कार्रवाई करने का कदम उठा सकते हैं। 

 बता दें कि हनी ट्रैप मामले में डीजीपी वीके सिंह और स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा के बीच विवाद हुआ था। विवाद के बाद स्पेशल डीजी ने डीजीपी को हनी ट्रैप मामले की जांच से हटाने की मांग करते हुए आईपीएस एसोसिएशन को एक पत्र भी लिखा था। 

स्पेशल डीजी ने पत्र में लिखा था, 'मुझे अत्यधिक दुख व पीड़ा है कि हमारे संस्कार इतने निचले स्तर तक आ गए हैं कि एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपने मातहत वरिष्ठ अधिकारी की इज्जत उछाल दी। इस व्यवहार से पूरे विभाग की बेइज्जती हुई। मेरा निवेदन है कि डीजीपी वीके सिंह के इस कृत्य की भर्त्सना हो और भविष्य में ऐसे मामले दोबारा न हो, इसकी भी व्यवस्था की जाए।'

दोनों अधिकारियों के बीच झगड़े के तार गाजियाबाद में किराए पर लिए गए एक फ्लैट से जुड़े हैं। इस फ्लैट को इस महीने स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा ने लिया था। लेकिन, डीजीपी वीके सिंह ने इस फ्लैट को खाली करा लिया। आरोप है कि ऐसा फ्लैट के हनी ट्रैप से जुड़े होने की वजह से किया गया था। अपना नाम हनी ट्रैप में घसीटे जाने से डीजी नाराज हो गए और डीजीपी के विरोध में कदम उठा लिया।

मध्य प्रदेश के दर्जनों राजनेताओं और अन्य हस्तियों को अपने जाल में फंसाकर उनके आपत्तिजनक वीडियो तैयार करने के चर्चित हनी ट्रैप मामले में स्थानीय अदालत ने सभी पांचों महिला आरोपियों को मंगलवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
 
कोर्ट ने पुलिस रिमांड बढ़ाने की मांग खारिज कर दी। इधर, महिला आरोपियों के वकीलों का कहना है पुलिस के पास कुछ नही है। पुलिस अंधेरे में तीर चला रही है। उनका कहना है कि पुलिस के पास कुछ भी नहीं है। पुलिस केवल हाथ-पैर मार रही है। पूरा मामला टांय-टांय फिस्स हो गया है। कोर्ट ने सभी पांच महिलाओं को जेल भेज दिया है। 

पुलिस हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद आरती दयाल, मोनिका यादव, श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन और बरखा सोनी को प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) मनीष भट्ट के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने पांचों आरोपियों को 14 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।

वकील का आरोप- महिलाओं के साथ पुलिस ने की मारपीट

आरोपियों में शामिल श्वेता विजय जैन के वकील धर्मेन्द्र गुर्जर ने संवाददाताओं से पुलिस पर आरोप लगाया कि पूछताछ के दौरान उन्होंने उनकी मुवक्किल के साथ मारपीट की और उसे इस कदर मानसिक रूप से परेशान किया कि उसने शौचालय में कांच से अपनी कलाई काट ली।

गुर्जर ने दावा किया कि तथाकथित हनी ट्रैप मामले में पुलिस के पास कोई ठोस सबूत नहीं है। दरअसल, यह मामला पुलिस के गले की हड्डी बन चुका है।

आरोपों को किया गया खारिज 

इस बीच, जिला अभियोजन पदाधिकारी मोहम्मद अकरम शेख ने बचाव पक्ष के वकील के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस हिरासत में किसी भी आरोपी को शारीरिक या मानसिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया गया।

उन्होंने बताया कि एक स्थानीय अस्पताल में पांचों महिला आरोपियों की मेडिकल जांच के बाद ही उन्हें अदालत में पेश किया गया था।

19 सितंबर को हुआ था मामले का खुलासा

मालूम हो कि इंदौर नगर निगम के एक आला अधिकारी की शिकायत पर पुलिस ने 19 सितंबर को हनी ट्रैप गिरोह का औपचारिक खुलासा किया था। गिरोह की पांच महिलाओं और उनके चालक को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था।

जांचकर्ताओं को संदेह है कि इस गिरोह ने महिलाओं का इस्तेमाल कर राजनेताओं और नौकरशाहों समेत कई रसूखदारों को जाल में फंसाया और इन लोगों से धन उगाही के अलावा अपनी अलग-अलग अनुचित मांगें जबरन पूरी कराई।

पासपोर्ट सुरक्षित तरीके से न रखने पर एक व्यक्ति को सजा मिली है। उसने पासपोर्ट अधिकारी को जानकारी दी कि नौकरानी ने पासपोर्ट को उसके कपड़ों के साथ रखकर वॉशिंग मशीन में डालकर धो डाला। 

 अदालत ने मामले को सुनने के बाद लापरवाही बरतने के लिए पांच हजार का जुर्माना भरने का आदेश दिया। जिसके बाद आवेदक ने भी अपनी गलती मानते हुए जुर्माना भर दिया। जिसके बाद अदालत ने आवेदक का दूसरा पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया। 

 
दरअसल, आवेदक ने बताया कि उसे जरूरी काम से विदेश जाना था। वह वीजा लगवाने के लिए दिल्ली गया, जहां वह अपने दोस्त के घर ठहरा। पासपोर्ट उसके पैंट में रखा हुआ था। दोस्त के यहां उसकी नौकरानी ने बिना पूछे ही पैंट को वॉशिंग मशीन में डाल दिया। जिससे पैंट में रखा पासपोर्ट भी धुल गया।

जिसके बाद इस मामले में पासपोर्ट कार्यालय ने पासपोर्ट रखने में लापरवाही बरतने का दोषी पाते हुए आवेदक पर पांच हजार का जुर्माना लगाया। आवेदक के जुर्माना भरने के बाद अधिकारी ने उन्हें डैमेज कैटेगरी में पासपोर्ट के लिए आवेदन करने को कहा। 

मध्यप्रदेश के सतना जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर अमरपाटन कस्बे में सफेद रंग की एसयूवी में आए बदमाश बृहस्पतिवार- शुक्रवार की रात 29 लाख रुपयों से भरा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) का एटीएम उखाड़ कर साथ ले गए। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बदमाशों की तलाश शुरू कर दी है।
 
अमरपाटन पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक आर पी मिश्रा ने बताया कि चोर सहारा बैंक के निकट एसबीआई एटीएम की मशीन एवं उसमें भरे 29 लाख रुपये लेकर फरार हो गए। उन्होंने बताया कि सुबह जब आसपास के लोगों ने एटीएम केंद्र को अस्त-व्यस्त देखा तो पुलिस को इसकी सूचना दी।

मिश्रा ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहा है कि वारदात में शामिल बदमाशों से जब एटीएम से नगद नहीं निकला तो वे कटर से पूरी मशीन को ही काटकर ले गए। थाना प्रभारी ने एसबीआई के अधिकारियों के हवाले से बताया कि चोरी हुए एटीएम में 29,55,400 रुपये थे। 

पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों को पकड़ने के लिए एक दर्जन दल बनाए हैं, कई स्थानों पर तलाशी ली जा रही है लेकिन फिलहाल अरोपियों का सुराग नहीं मिला है।
 
 

भोपाल:  

मध्य प्रदेश में हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप और जबरन वसूली मामले में भोपाल के कई पत्रकारों के नाम उभरकर सामने आए हैं. मामले में कथित भूमिका वाले पत्रकारों में हिंदी समाचार पत्र का एक रेजिडेंट एडिटर, न्यूज चैनल का एक कैमरामैन और क्षेत्रीय सैटेलाइट टीवी चैनल का मालिक शामिल हैं. सूत्रों ने बताया कि पत्रकार स्पष्ट रूप से मुख्य मध्यस्थों के तौर पर नौैकरशाहों और हनी ट्रैप सरगना श्वेता जैन के बीच सौदा करा रहे थे.

मामले में पत्रकारों की संलिप्तता पर प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने कहा कि मामले में जो भी शामिल है, विशेष जांच टीम (एसआईटी) द्वारा सबूत इकट्ठे करते ही उस पर मामला दर्ज किया जाएगा. मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले मिश्रा ने ही सबसे पहले इस मामले को हाईलाइट किया था. उन्होंने कहा, 'जहां तक मैं जानता हूं, नौकरशाहों के करीबी कुछ पत्रकारों ने उनकी तरफ से सौदा किया. वे इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों के साथ सीधे तौर पर संलिप्त नहीं थे.'

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि उनके पास ब्लैकमेलिंग मामले में संलिप्त तीन-चार पत्रकारों की पक्की सूचना है. एसआईटी ने भी अभी तक विजयवर्गीय के आरोपों का खंडन नहीं किया है. नौकरशाहों और राजनेताओं के बाद पत्रकारों की कथित संलिप्तता से मामला बहुत आगे बढ़ गया है और लोगों में इसमें शामिल लोगों की वास्तविक पहचान जानने के बारे में उत्सुकता बढ़ गई है.

मामले में कुछ पत्रकारों की संलिप्तता पर इंदौर से प्रकाशित एक प्रमुख हिंदी दैनिक समाचार पत्र के प्रधान संपादक हेमंत शर्मा ने कहा कि भोपाल में कई सालों से कुछ पत्रकार ऐसे मामलों में संलिप्त पाए गए हैं.
हेमंत शर्मा ने कहा, 'वास्तव में यह उन पत्रकारों का एक कथित समूह है जो भ्रष्टाचार में लिप्त नौकरशाहों या राजनेताओं से धन वसूलने के ही उद्देश्य से सत्ता के गलियारों में दखल देते हैं. हालांकि फिलहाल तो एसआईटी ने किसी पत्रकार का नाम नहीं लिया है. मैं सिर्फ यह कह सकता हूं कि श्वेता और आरती ने नौकरशाहों या मंत्रियों से सौदा करने के लिए कुछ पत्रकारों का उपयोग किया.'

एसआईटी के सूत्रों ने आईएएनएस से कहा कि अभी तक की जांच का फोकस सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर तैनात नौकरशाहों और अन्य (राजनेताओं) की भूमिका का पता लगाने पर है. मामले की सरगना श्वेता जैन, उसका पति स्वप्निल जैन और सहयोगी आरती दयाल को गिरफ्तार किया जा चुका है. पूछताछ के दौरान यह बात प्रकाश में आई कि श्वेता और आरती द्वारा हनी ट्रैप के शिकार प्रभावशाली लोगों ने उनके एनजीओ को फंड दिया है.

इसके अलावा जैन दंपत्ति को सेक्सुअल फेवर के बदले आकर्षक सरकारी ठेकों का भी प्रस्ताव दिया गया. मध्य प्रदेश के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि अगर ऐसे ठेकों के दस्तावेज मिल गए, तो हम सरकारी कर्मियों के खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहा कि भोपाल में सेक्स-स्कैंडल 7-8 साल से चल रहा था. इस बीच एसआईटी प्रमुख संजीव शामी ने मीडिया कर्मियों को बताया कि अगर सबूतों में पाया गया कि नौकरशाहों ने सेक्स स्कैंडल के सरगनाओं की बात मानने के लिए अपने पद का दुरोपयोग किया है कि उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा.

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) रैंक के मध्य प्रदेश काडर के आईपीएस अधिकारी शामी ने कथित रूप से विभिन्न टीमें गठित कर उन्हें अलग-अलग काम सौंप दिए हैं. सबसे महत्वपूर्ण कामों में नौकरशाहों और नेताओं द्वारा सेक्स-स्कैंडल के सरगना को आवंटित ठेकों का पता लगाना है. उन्होंने कहा कि सरकारी पदों के दुरुपयोग की पुष्टि होने के बाद अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए जाएंगे.

 
मध्यप्रदेश के हनीट्रैप मामले के तार अब दिल्ली और गाजियाबाद से जुड़ते नजर आ रहे हैं। ताजा खुलासे से राजनेताओं और प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले की मॉनिटरिंग खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ कर रहे हैं। बुधवार को उन्होंने अपने मंत्रियों के साथ अलग-अलग बैठक कर मामले की जांच के बारे में जानकारी ली। 
 
हनीट्रैप मामले की आरोपी श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन और बरखा को 30 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा दिया गया है। अन्य आरोपी आरती दयाल और मोनिका यादव को एक अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।

गाजियाबाद में फ्लैट

मध्यप्रदेश पुलिस की सायबर सेल ने गाजियाबाद के पॉश इलाके में बिना सरकारी मंजूरी के फ्लैट ले रखा था। पुलिस महानिदेशक वीके सिंह ने इस मामले की जानकारी होने के बाद कई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को फटकारा और पूछा कि इतनी दूर सायबर सेल के लिए फ्लैट लेने का क्या कारण था। इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने आनन-फानन में सायबर सेल से फ्लैट खाली करवा लिया है।

सूत्रों के अनुसार, मध्यप्रदेश पुलिस की सायबर सेल ने सरकारी कामकाज के नाम पर दिल्ली से सटे गाजियाबाद जिले के एक पॉश इलाके में किराये का फ्लैट लिया हुआ है। जांच शुरू हई तो सवाल उठा कि फ्लैट दिल्ली से दूर वो भी बिना शासकीय अनुमति के क्यों लिया गया।

एसआईटी की नजर

हनीट्रैप मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) की नजर मध्यप्रदेश के कई आईएएस अफसरों पर है। इनमें से एक अधिकारी आरोपी के घर भी देखे गए थे। माना जा रहा है कि टीम जल्द ही उनसे सवाल-जवाब कर सकती है।

आरोपी आरती दयाल ने कबूला गुनाह, एसएससी की तैयारी करने आई थी भोपाल

दूसरी ओर भोपाल में एसएससी परीक्षा की तैयारी करने आई हनीट्रैप गैंग की सदस्य आरती दयाल ने पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। उसने पुलिस को बताया कि टेंडर लेने का तरीका उसने श्वेता जैन से सीखा था। इसके बाद उसने अपनी गैंग में और लड़कियों को जोड़ा। उसने बिजनेस के सिलसिले में इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह से मिलने की बात भी कबूली है।

सरकारी गवाह नहीं बनेगी आरती

पुलिस ने बताया कि वह आरती को अपना गुनाह कबूल करने के बाद सरकारी गवाह नहीं बनाएगी। हालांकि पुलिस ने पहले ही एक छात्रा को सरकारी गवाह बना लिया है। छात्रा को इंदौर की पलासिया  थाना पुलिस अपने साथ लेकर भोपाल लेकर पहुंची है।

आरोपियों के बैंक खाते सील करने की तैयारी

हनीट्रैप गैंग की चारों महिला आरोपियों के बैंक खाते सीज करने के लिए पुलिस ने भोपाल की बैंकों को पत्र लिखे हैं। पुलिस के अनुसार, अभी उनके पांच खातों की जानकारी ही मिल सकी है। एक टीम चारों महिलाओं की वैध और अवैध संपत्तियों की जानकारी जुटा रही है। वहीं, पुलिस को पांच कंपनियों और कुछ एनजीओ के नामों की जानकारी भी मिली है जो आरोपियों के द्वारा संचालित किए जा रहे थे।

तीन दिन में तीन रैकेट का किया भंडाफोड़

जिस्मफरोशी की आड़ में चल रहे हाईप्रोफाइल ब्लैकमेलिंग को लेकर जब भोपाल पुलिस ने थोड़ी निगरानी बढ़ाई तो इस तरह के अवैध कारोबार सामने आने लगे। इससे पहले इंदौर और भोपाल में ही पकड़े गए दोनों सेक्स रैकेट पुलिसकर्मियों की शह पर ही चल रहे थे। खास बात यह है कि मंगलवार को भोपाल के निशातपुरा क्षेत्र में पुलिस की कार्रवाई के बाद राजवंश कॉलोनी के एक मकान में दबिश दी गई। निशातपुरा पुलिस ने यहां से सात कॉलगर्ल, चार ग्राहक और एक दलाल को पकड़ा। इनमें एक नाबालिग भी शामिल है।

मददगार 3 पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज

हनीट्रैप में आरोपियों की मदद करने वाले तीन पुलिसकर्मियों पर क्राइम ब्रांच ने अड़ीबाजी का केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। ये पुलिसकर्मी आरोपी लड़कियों के इशारे पर लोगों से रुपये देने का दबाव बनाते थे। तीनों पुलिसकर्मियों की पहचान सुभाष गुर्जर, अनिल जाट और लाड़ सिंह के रूप में हुई है। इस मामले में टीम ने नौ लड़कियों, आठ ग्राहक और तीन दलालों को बुधवार को ही गिरफ्तार कर लिया था।

एसआईटी बनने के 24 घंटे के भीतर बदले गए चीफ

ब्लैकमेलर गैंग की करतूतों की जांच के लिए सोमवार को गठित 12 सदस्यीय एसआईटी के चीफ को सरकार ने 24 घंटे के भीतर ही बदल दिया था। अब इसकी जिम्मेदारी एडीजी संजीव शमी को दी गई है। इससे पहले इस टीम के चीफ 1997 बैच के आईपीएस डी श्रीनिवास वर्मा थे।

चीफ को बदले जाने पर प्रशासन ने कहा कि आईजी वर्मा ने ही इच्छा जाहिर की थी कि उन्हें इस जिम्मेदारी से दूर रखा जाए। हालांकि आईजी वर्मा ने इस संबंध में ज्यादा कुछ कहने से मना करते हुए सिर्फ इतना कहा कि न मैंने एसआईटी प्रमुख बनने के लिए आवेदन किया था और न ही हटने के लिए।

मंगलवार सुबह हनीट्रैप मामले की जांच के लिए एसआईटी के प्रमुख के तौर पर डी श्रीनिवास वर्मा ने काम शुरू कर दिया था। दोपहर तक केस से जुड़ीं फाइलें भी देखीं। शाम को उन्हें पता चला कि अब संजीव शमी एसआईटी के प्रमुख होंगे।

हनीट्रैप मामले में लैपटॉप से चार हजार फाइलें बरामद

एसएसपी इंदौर रूचिवर्धन मिश्रा ने गुरुवार की शाम बताया था कि, हनीट्रैप मामले में मोनिका (मामले के सिलसिले में गिरफ्तार आरोपियों में से एक) को अदालत में गवाह के रूप में पेश किया जाएगा। वह कॉलेज की प्रथम वर्ष की छात्रा है और खुद पीड़ित है। उसके पिता ने भी मानव तस्करी का मामला दर्ज कराया है।

जांच कर रहे अधिकारियों को महिलाओं से जब्त किए गए लैपटॉप और मोबाइल फोन में करीब चार हजार फाइलें मिली हैं। इनमें कई अश्लील चैट के स्क्रीनशॉट, अधिकारियों के अश्लील वीडियो, समझौता करने वाले अधिकारियों के वीडियो और ऑडियो क्लिप मिले हैं। इन ऑडियो और वीडियो क्लिप में बड़ी संख्या में कथित तौर पर नौकरशाह, मंत्री और पूर्व सांसद शामिल हैं।

नेताओं और अधिकारियों की लंबी सूची है

अधिकारियों ने कहा कि डिजिटल फाइलों की सूची जल्द ही 5,000 तक पहुंच सकती है। जांच में यह भी पता चला है कि, ब्लैकमेलर महिलाएं भोपाल के मंहगे क्लबों में आती-जाती थीं। वहां उनके लिए कमरे बुक कराए जाते थे, लेकिन अब उन क्लबों के चेक-इन रजिस्टर गायब हैं और उनके रिकॉर्डों में भी हेरफेर करने की लगातार कोशिश की जा रही है। हनीट्रैप में वरिष्ठ नौकरशाहों से लेकर जूनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर और बड़े नेताओं की लंबी सूची है।

एसआईटी जांच टीम के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन वीडियो को गलत हाथों में पड़ने से रोकना है। मामले की जांच कर रहे एक निरीक्षक को बाहर कर दिया गया है। उस पर पकड़े गए फोन की क्लिप ब्लूटूथ के जरिए अपने फोन में ट्रांसफर करने का आरोप था। 

मालूम हो कि, इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन की तीन करोड़ रुपये मांगने की शिकायत के बाद भोपाल और इंदौर पुलिस ने ब्लैकमेलिंग करने वाली पांच महिलाओं को गिरफ्तार किया था। यह महिलाएं अफसरों और नेताओं के वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करती थीं।

बड़े राजनेता या नौकरशाह की भूमिका मिली, तो कार्रवाई होगी

मध्यप्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन ने शुक्रवार को कहा कि अगर हनी ट्रैप मामले की जांच में किसी बड़े राजनेता या नौकरशाह की आपराधिक भूमिका पाई जाती है, तो वह भी कानूनी कार्रवाई से बच नहीं सकेगा। गृह मंत्री का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब इस हाई-प्रोफाइल सेक्स स्कैंडल मामले में शामिल प्रभावशाली हस्तियों को लेकर अटकलें दिनों-दिन तेज होती जा रही हैं।

जांचकर्ताओं को संदेह है कि आपत्तिजनक सामग्री के जरिये शिकार को ब्लैकमेल करने के लिये संगठित तरीके से काम करने वाले हनी ट्रैप गिरोह ने राजनेताओं और नौकरशाहों समेत कई रसूखदारों को भी जाल में फंसाया था।

बच्चन ने कहा, "मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में हनी ट्रैप मामले की निष्पक्ष जांच कराई जा रही है। कोई भी जन प्रतिनिधि या नौकरशाह, अगर हनी ट्रैप मामले में शामिल है पाया जाता है तो वह कानूनी कार्रवाई से नहीं बच पाएगा।"

गिरोह के जाल में फंसे रसूखदारों के नाम जाहिर न किए जाने के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा, "सही समय आने दीजिए, इस मामले में सभी नामों का खुलासा हो जाएगा।"

हनी ट्रैप मामले में प्रदेश पुलिस मुख्यालय के गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख को आनन-फानन बदले जाने पर बच्चन ने कहा कि यह बदलाव प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा था। जो हो गया, वह हो गया। वैसे भी मामले में पुलिस की जांच काफी आगे बढ़ चुकी है।

कांग्रेस पर हनी ट्रैप मामले में राजनीतिक फायदा उठाने के भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए बच्चन ने कहा, "मामले में कानून पूरी तरह निष्पक्ष तरीके से काम कर रहा है और अब जिसे जो अनुमान लगाना है, लगाता रहे।"

नीमच:  

मध्य प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए इलाकों में कांग्रेस सरकार द्वारा कराए गए सर्वे पर कांग्रेस के ही दिग्गज नेता और मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सवाल उठाए हैं. सिंधिया ने कहा कि वो बाढ़ पीड़ितों और फसलों के नुकसान को लेकर हुए प्राथमिक सर्वे से संतुष्ट नहीं हैं. इसके साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दो-तीन दिन बाद दोबारा सर्वे कराने की बात कही है.

दरअसल, मध्य प्रदेश का मंदसौर और नीमच जिला बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. जिसकी वजह से इन इलाकों में नेताओं के दौरे जारी हैं. इसी कड़ी में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी नीमच जिले के बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों का दौरा करने पहुंचे थे. नयागांव में बाढ़ पीड़ितों से बातचीत करते हुए सिंधिया ने कहा, 'मैं फसलों के नुकसान को लेकर जो प्राथमिक सर्वेक्षण हुआ है, वो संतुष्ट नहीं हूं.'

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, 'पिछले दिनों मैंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी. मैंने सरकार को 3 सुझाव दिए. बाढ़ पीड़ितों को तीन स्तर पर राहत और सहायता मिलना चाहिए. बाढ़ पीड़ित किसानों को सबसे पहले राजस्व विभाग, फिर बीमा कंपनियों और आखिर में केंद्र के आपदा राहत कोष से सहायता मिलनी चाहिए.' उन्होंने कहा, 'मैं भरोसा दिलाता हूं कि इस संकट के समय में हम अन्नदाताओं के साथ खड़े हैं. दो से तीन दिन में दोबारा सर्वे होना चाहिए.'

वहीं बुधवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चंबल संभाग के मुरैना जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और लोगों से मुलाकात की. इस बीच उन्होंने कहा कि ग्वालियर-चम्बल से मेरा राजनीतिक नहीं पारिवारिक नाता है. आफत की इस घड़ी में संभाग  के किसानों के साथ खड़े होना मेरी जिम्मेदारी, नहीं बल्कि मेरा धर्म है. उन्होंने कहा कि वे विश्वास दिलाते हैं कि बाढ़ से प्रभावित एक-एक व्यक्ति के नुकसान की भरपाई की जाएगी.

सिंधिया ने कहा कि मैंने अपने 18 साल के जनसेवा के जीवन में आज तक ऐसे भयानक दृश्य नहीं देखे. 8-10 दिन पहले चारो तरफ पानी ही पानी सड़कें डूब चुकी थीं. हमें राशन लेने भी नाव से आना जाना पड़ रहा था. उन्होंने कहा कि ये बाढ़ नहीं है एक प्राकृतिक आपदा है जो हम सब पर विपत्ति बनकर आई है. मुरैना दौर के दौरान किसानों के बीच कहा कि वे यहां से दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री जी से जल्द से जल्द मध्य प्रदेश को सहायता दिए जाने की मांग करेंगे.

 

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