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मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश (9158)

मध्यप्रदेश में पिछले साल कांग्रेस सरकार किसानों की कर्जमाफी का वादा करके सत्ता में आई। सरकार ने कुछ लोगों का कर्ज माफ भी किया लेकिन कितनों को इस योजना का फायदा असल में मिला इसके आंकड़े स्पष्ट नहीं हैं। राज्य के किसानों की एक बड़ी संख्या अब भी इस योजना से अछूती है। यही कारण है कि उसके अंदर कमलनाथ सरकार के प्रति नाराजगी है। इसे लेकर विपक्ष तो सरकार पर निशाना साध ही रहा है लेकिन अब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने राहुल गांधी से किसानों से माफी मांगने तक के लिए कह दिया है।

 कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह ने भोपाल में कहा, 'हम राज्य में किसानों से किया कर्जमाफी का वादा पूरा करने में सफल नहीं रहे हैं। राहुल गांधी को किसानों से माफी मांगनी चाहिए और उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि कर्जमाफी में कितना समय लगेगा। इससे उन किसानों के बीच अच्छा संदेश जाएगा जो नाराज हैं।'


उन्होंने आगे कहा, 'पार्टी का शीर्ष नेतृत्व केवल कुछ विशिष्ट लोगों से मुलाकात करता है। यदि ऐसा ही जारी रहेगा तो मुझे नहीं पता कि पार्टी के साथ क्या होगा। यदि पार्टी खुद को मजबूत करना चाहती है तो उसे अपने कार्यकर्ताओं से मिलना चाहिए और इस तरह से 2024 में कांग्रेस वापस सत्ता में आने में कामयाब रहेगी।'

अगर आप मध्य प्रदेश में रहते हैं तो फिर पेट्रोलियम उत्पादों पर पूरे देश की तुलना में सबसे ज्यादा टैक्स चुकाते हैं। इसकी वजह से राज्य में पेट्रोल और डीजल सबसे महंगा है, जिससे अन्य राज्यों के सीमावर्ती जिलों में इनकी बिक्री पर असर देखने को मिल रहा है। 

नहीं कम होगा टैक्स

मध्य प्रदेश में इन पर किसी तरह से टैक्स में कोई कमी नहीं की जाएगी। प्रदेश के वाणिज्यिक कर मंत्री ब्रजेंद्रसिंह राठौर ने साफ कहा कि कर्ज को चुकाने के लिए सरकार को यह कदम उठाना पड़ा है। इसलिए लोगों को पेट्रोल-डीजल खरीदने पर ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी। मंत्री का कहना है कि बीती सरकार ने प्रदेश को ऐसी स्थिति में लाकर छोड़ा था, जहां से टैक्स में कमी करने की गुंजाइश ही नहीं है। हालांकि राज्य ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाने का समर्थन भी कर रहा है।

इतना टैक्स चुकाते हैं प्रदेश वासी

राज्य के लोग पेट्रोल पर 28 फीसदी वैट, एक फीसदी सेस और 3.50 रुपये प्रति लीटर सरचार्ज देते हैं। इससे अन्य राज्यों के मुकाबले पेट्रोल की कीमत पांच रुपये प्रति लीटर से ज्यादा बढ़ जाती है। वहीं डीजल पर 18 फीसदी वैट, एक फीसदी सेस और दो रुपये प्रति लीटर सरचार्ज लगता है। इससे डीजल की कीमत अन्य राज्यों के मुकाबले 3.50 रुपये प्रति लीटर ज्यादा हो जाती है। 

दिल्ली और भोपाल की कीमत में अंतर

दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 13 सितंबर को 71.89 रुपये प्रति लीटर है। वहीं भोपाल में इसकी कीमत 77.09 रुपये प्रति लीटर है। अगर डीजल की बात करें तो दिल्ली में इसकी कीमत 65.28 रुपये प्रति लीटर है। वहीं भोपाल में डीजल 68.65 रुपये प्रति लीटर है। 

सीमावर्ती जिलों में असर

राज्य की सीमा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ जैसे राज्यों से लगती है। इन राज्यों की सीमा से लगने वाले जिलों में पेट्रोल, डीजल की बिक्री में कमी हो गई है, क्योंकि यहां के निवासी इन राज्यों में जाकर के अपनी गाड़ियों की टंकी फुल करा लेते हैं। 

भोपालमध्‍य प्रदेश कांग्रेस (Madhya Pradesh Congress) में मचे सियासी घमासान के बाद अब कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. इसके लिए कांग्रेस अपने प्रवक्ताओं (Spokespersons) की फौज उतारने की तैयारी में है, जो कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) के ढाई सौ दिन (250 Days) में सौ बड़े फैसलों (100 Big Decisions) की जानकारी जनता को देंगे.
एमपी कांग्रेस में बीते हफ्ते चले हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामे के बाद अब कांग्रेस प्रवक्ता एक दिन में सभी 52 जिलों में एक साथ प्रेस कांफ्रेंस कर कमलनाथ सरकार के ढाई सौ दिन में हुए सौ बड़े फैसलों को गिनाने का काम करेंगे. कांग्रेस प्रवक्ता कमलनाथ सरकार के न्यू एमपी के विजन को भी पेश करेंगे. अपने 100 बड़े फैसलों की जानकारी लोगों तक पहुचाने के लिए कांग्रेस ने बारह पन्नों की बुकलेट तैयार की है, जिसे जनता दरबार में पेश किया जाएगा.
कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा के मुताबिक इसी हफ्ते सभी प्रवक्ता जिलों में पहुंच एक साथ प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार की उपलब्धियों को गिनाने का काम करेंगे. वहीं कांग्रेस के ढाई सौ दिन के फैसलों पर पार्टी के जवाब में बीजेपी ने 11 सितंबर को प्रदेश भर में आंदोलन का ऐलान किया है. बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि सरकार के फैसलों में अगर दम है तो नगरीय निकाय चुनाव सीधे तौर पर कराने की व्यवस्था को कायम रखा जाना चाहिए.
बहरहाल, नगरीय निकाय चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस जनता दरबार में हाजिरी लगाने की तैयारी में है. बीजेपी जहां सरकार की विफलता के जरिए कांग्रेस की घेराबंदी में है तो वही कांग्रेस कमलनाथ सरकार के फैसलों के सहारे लोगों को अच्छे दिनों का अहसास कराने की तैयारी में. यकीनन ये तय है कि जो जनता दरबार में सफल साबित हुआ वो आगामी नगरीय निकाय चुनाव में भी सक्सेस हासिल कर सकेगा.

भोपाल. अतिथि शिक्षकों ने नियमितिकरण (Regularization) की मांग को लेकर शिक्षक दिवस पर हल्ला बोला और सरकार को अपना वचन याद दिलाया. इस पर सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह (Dr Govind Singh) ने अतिथि शिक्षकों (Guest Teachers) को इंतजार करने की बात कही है. मंत्री का कहना है कि सरकार का खजाना खाली है. वचन दिया है तो 5 साल में पूरा कर दिया जाएगा. मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि हमारे पास कोई पैसों का पेड़ नहीं लगा है.

..वचन पूरे करेंगे

सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से साफ कह दिया है कि जनता से जो भी वादे किए गए हैं, वो सारे वादे पूरे किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि एक महीने में वचन पूरे नहीं किए जा सकते हैं, थोड़ा समय तो लगेगा ही. वचन 5 साल के लिए होता है. उन्होंने कहा कि कई योजनाएं हैं, जो खाली खजाने के चलते अधूरी पड़ी हैं.


 

शिवराज से विरासत में करोड़ों का कर्ज मिला

सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह ने कहा शिवराज सरकार हमारे लिए खाली खजाना छोड़ कर गई है. शिवराज सिंह सफाया करके चले गए. करीब 15हजार करोड़ रुपए का कर्जा हमारी सरकार के लिए छोड़ गए थे. वो भी हमारी सरकार ने ही चुकाए हैं. सरकार के खाली खजाने के बीच किसानों का कर्ज माफ भी किया है. हमने 54 हजार करोड़ रुपए का कर्जा माफ करना है.

 

अभी 20 लाख किसानों का कर्जा माफ होना है. इसी महीने से करीब 12-13 लाख किसानों की कर्ज माफी की प्रक्रिया शुरू होनी है. दस्तावेजों की जांच पड़ताल की जा रही है. उन्होंने कहा कि हमने वादा किया था विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन में एक हजार रूपए दिए जाएंगे, लेकिन अभी खजाना खाली है.

'कांग्रेस पार्टी के पास कोई पैसों का पेड़ नहीं है'

सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ.गोविंद सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के पास कोई पैसों का पेड़ नहीं है कि पेड़ को हिलाया और पैसे नीचे आ गए. धीरे-धीरे पैसा आएगा. अतिथि शिक्षकों को सरकार की मजबूरी समझनी चाहिए, वो खुद आकर देख लें.

अतिथि शिक्षकों का हल्ला बोल

प्रदेश भर में 80 से 90 हजार के करीब अतिथि शिक्षक हैं. अतिथि शिक्षकों को कांग्रेस ने वचन पत्र में नियमित करने का वादा किया था. 90दिन में नियमित करने की बात कही गई थी. अब 8 महीने बीतने के बाद वचन पूरा ना करने से अतिथि शिक्षकों का धरना प्रदर्शन तेज हो गया है. शिक्षक दिवस के दिन हजारों की संख्या में अतिथि शिक्षकों ने सीहोर से भोपाल तक तिरंगा लेकर पैदल मार्च निकाला था.

जम्मू। पाकिस्तान सेना ने रविवार को लगातार दूसरे दिन नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन किया और जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में अग्रिम चौकियों और गांवों को निशाना बनाते हुए गोलियां चलाई और भारी गोलाबारी की। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि सुंदरबनी और नौशेरा सेक्टरों में सुबह करीब दस बजे छोटे हथियारों से गोलियां चलाई गईं और मोर्टार के गोले दागे गए। नियंत्रण रेखा पर तैनात भारतीय सेना ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया।
अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान की गोलीबारी में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी सेना की ओर से गोलाबारी तेज होने पर दोनों सेक्टरों के सीमा पर रहने वाले निवासियों के बीच भय व्याप्त हो गया। गोलाबारी से कम से कम एक मकान को नुकसान पहुंचा है।
सूत्रों ने बताया कि अंतिम रिपोर्ट मिलने तक गोलीबारी चल रही थी। पाकिस्तान ने शनिवार को संघर्ष विराम उल्लंघन करते हुए पुंछ जिले में कृष्णा घाटी और पुंछ सेक्टरों में बिना उकसावे के गोलियां चलाई और गोलाबारी की। भारतीय सेना ने भी करारा जवाब दिया और दोनों ओर से दिनभर गोलीबारी होती रही लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। नियंत्रण रेखा पर करीब एक हफ्ते तक शांति रहने के बाद पाकिस्तान ने फिर से गोलियां चलाई और गोलाबारी की।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह अक्सर अपने बयानों के कारण सुर्खियों में छाए रहते हैं। रविवार को उन्होंने कहा कि भाजपा और बजरंग दल पैसे लेकर आईएसआई के लिए जासूसी कर रहे हैं। उनके इस बयान पर शिवराज सिंह का पलटवार भी आया था। अब वह अपने इस बयान से पलट गए हैं और उन्होंने इसे सिरे से खारिज कर दिया है। इसे लेकर उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'कुछ चैनल चला रहे हैं कि मैंने भाजपा पर यह आरोप लगाया है कि वे आईएसआई से पैसा लेकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करते हैं। यह पूरी तरह से गलत है।'
 

 
इससे पहले मध्यप्रदेश के भिंड में दिग्विजय ने कहा, 'बजरंग दल, भाजपा आईएसआई (पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी) से पैसा ले रहे हैं। इनपर ध्यान देने की जरूरत है। गैर-मुस्लिम पाकिस्तान की आईएसआई के लिए मुस्लिमों की तुलना में ज्यादा जासूसी कर रहे हैं। हमें इसे समझना चाहिए। हमारी विचारधारा की लड़ाई भाजपा और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) से है जिन्होंने आजाद भारत के संघर्ष में कहीं भाग नहीं लिया और अब हमें राष्ट्रीयता का सबक सीखाना चाहते हैं। दिग्विजय ने कहा, '1947 से पहले ये लोग (भाजपा-आरएसएस) कहां थे? जब इंदिरा ने पाकिस्तान के दो टुकड़े किए तब ये लोग कहां थे? इसलिए हमको सबक देने की जरूरत नहीं है।'

 पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं दिग्विजय

दिग्विजय के बयान पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'वह खबरों में बने रहने के लिए विवादित बयान देते हैं। लह और उनके नेता पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं। पाकिस्तान राहुल गांधी का हवाला देता है। जबां तक भाजपा और आरएसएस का सवाल है पूरी दुनिया और पूरा देश उसकी देशभक्ति के बारे में जानता है।'

आरएसएस के हैं हिंदू धर्म वाले आतंकी 

पिछले साल दिग्विजय ने हिंदू आतंकवाद को मुद्दा बनाते हुए कहा था कि हिंदू धर्म वाले जितने आतंकी पकड़े गए थे वह आरएसएस से जुड़े रहे हैं। संघ से हिंदू आतंकवादी आते हैं क्योंकि संघ की विचारधारा नफरत फैलाने वाली है। उन्होंने कहा था कि जितने भी हिंदू धर्म वाले आतंकवादी पकड़े गए हैं, सब संघ के कार्यकर्ता रहे हैं। महात्मा गांधी को मारने वाला नाथू राम गोडसे भी आरएसएस का हिस्सा था। 

दिग्विजय की तरह साल की शुरुआत में कमलनाथ सरकार के मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा था कि आरएसएस हथियार, बम, एटम बम, ग्रेनेड बनाने और धमाके करने का प्रशिक्षण देती है। उन्होंने कहा था, 'आरएसएस हथियार, बम, एटम बम, ग्रेनेड बनाने और धमाके करने का प्रशिक्षण दे रहा है।' जिसपर पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि इससे उनका मानसिक दिवालियापन दिखाई देता है।
 
 
मध्यप्रदेश के इंदौर में लोन के बकाया 70 करोड़ रुपये की वसूली के लिए घर का कब्जा लेने पहुंचे अफसरों को काफी मशक्कत करना पड़ी। उद्योगपित और उत्कर्ष इंडस्ट्रीज प्रालि के संचालक सत्यनारायण राठी जब घर से बाहर नहीं निकले जिसके बाद पुलिस को जोर जबरदस्ती करते हुए उद्योगपति को टांग कर बाहर निकालना पड़ा। 

 

 दरअसल, मामला यह है कि उद्योगपति और उत्कर्ष इंडस्ट्रीज के संचालक सत्यनारायण राठी पर स्टेट बैंक के लोन का 70 करोड़ बकाया है। जिसको लेकर अफसर उनके घर का कब्जा लेने पहुंची थी। अफसरों ने राठी को बाहर आने को कहा लेकिन राठी घर से बाहर नहीं निकले। 


राठी के घर से नहीं निकलने पर अफसरों ने पुलिस को बुलाया। जिसके बाद पुलिस के जवानों ने टांगाटोली करते हुए उसे घर से बाहर निकाला। उद्योगपति राठी को इस तरह घर से बाहर निकाला गया और घर से निकालकर पुलिस वैन में डाला गया। हालांकि इसके कुछ देर बाद ही राठी को पलासिया थाने से छोड़ दिया गया। शनिवार को कैलाश पार्क स्थित उनके दो मंजिला मकान पर कब्जे के लिए चार घंटो तक विवाद चलता रहा। 

क्लेक्टर अदालत से 2013-14 में ही कुर्की के आदेश मिल चुके थे। राठी को अदालत से भी राहत नहीं मिली थी। अदालत के आदेश के बाद यह कार्रवाई हुई है। बता दें कि राठी का एक सोया प्लांट है। 

भोपाल। मध्य प्रदेश की कांग्रेस इकाई का अध्यक्ष कौन होगा इस पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। इस मामले पर जब मीडियाकर्मियों ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से पूछा कि क्या आप अध्यक्ष बन सकते हैं तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। बल्कि अपना हाथ हिलाकर वहां से चले गए। लेकिन इस मामले में कमलनाथ कैबिनेट के नेता ने ऐसा बयान दे दिया कि जिससे मध्य प्रदेश से लेकर दिल्ली तक तहलका मच सकता है।

मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह ने अध्यक्ष पद के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया की दावेदारी पर कहा कि अभी तक किसी भी नेता ने सार्वजनिक तौर पर अपनी इच्छा प्रकट नहीं की कि वह अध्यक्ष बनना चाहते हैं और अगर कोई करें भी तो बिना मैडम (सोनिया गांधी) के कुछ भी होना नहीं है। हर व्यक्ति समझता है इस बात को इसलिए जो भी चर्चा चल रही है वह सिर्फ और सिर्फ समाचार पत्रों पर चल रही है।

मध्यप्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा सांसद पज्ञा ठाकुर अपने विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहती हैं। उन्होंने हाल ही में भाजपा नेताओं के निधन पर कहा था कि विपक्ष मारक शक्ति का प्रयोग कर रहा है। जिसपर उनकी काफी आलोचना हुई थी। इसके बाद खबर आई थी कि उन्हें पार्टी ने नोटिस जारी किया है। अब इस खबर को मध्यप्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पराशर ने खारिज कर दिया है। 

 पराशर ने प्रज्ञा को नोटिस जारी होने वाली रिपोर्ट्स का खंडन किया है। उन्होंने कहा, 'प्रज्ञा ठाकुर को कोई नोटिस जारी नहीं हुआ है। यह खबर झूठी है।' ऐसी खबरें आई थीं कि साध्वी प्रज्ञा को पार्टी के अंदर ही अकेला कर दिया गया है और उन्हें भाजपा ने सार्वजनिक स्थानों पर बोलने से मना किया है। पार्टी का कहना है कि हालिया महीनों में उनके दिए बयान से नेतृत्व शर्मिंदा है।

  खबर में कहा गया था कि भाजपा की मध्यप्रदेश ईकाई के अध्यक्ष राकेश सिंह ने ठाकुर को चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने दोबारा इस तरह का विवादित बयान दिया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 26 अगस्त को प्रज्ञा ठाकुर ने एक बार फिर अपने बयान से भाजपा को बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया था। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के लिए भोपाल में आयोजित की गई श्रद्धांजलि सभा में उन्होंने कहा कि कांग्रेस भाजपा नेताओं के खिलाफ मारक शक्ति का प्रयोग कर रहा है।

साध्वी ने कहा था, 'एक बार एक महाराज जी ने मुझसे कहा था कि हमारा खराब समय चल रहा है और विपक्ष कुछ कर रहा है। वह भाजपा के खिलाफ मारक शक्ति का प्रयोग कर रहा है। मैं उनकी कही बात को बाद में भूल गई थी लेकिन अब जब मैं अपने वरिष्ठ नेताओं को एक के बाद एक जाते हुए देख रही हूं तो मुझे महाराज जी की बात सोचने पर मजबूर होना पड़ा है कि क्या वह सही थे?'

News Creation (इंदौर): बुधवार से प्रदेश में शुरू हुआ बारिश का दौर गुरुवार को भी जारी है। इंदौर में रातभर से रिमझिम बारिश होती रही जो गुरुवार को भी जारी रही।

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