ईश्वर दुबे
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Bhilai
चमकी बुखार की पुष्टि के लिए मृत बच्चे का सैंपल पुणे की वायरोलॉजी लैब भेजा जाएगा
देवास के खातेगांव में रहने वाले 9 साल के बच्चे को शनिवार रात एमवाय अस्पताल में किया गया था भर्ती
इंदौर. देवास जिले के खातेगांव के ग्राम जामनेर निवासी नौ साल के असलम पिता इब्राहिम को चमकी बुखार का संदिग्ध बताकर शनिवार रात को शासकीय महाराजा यशवंत राव होलकर चिकित्सालय के बाल गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती किया गया था। रविवार सुबह बच्चे की मौत हो गई। चिकित्सालय के रिकार्ड में बच्चे को लामा (लीव अंगेस्ट मेडिकल एडवाइज) होना बताया गया हैं। उधर बच्चे की मौत के बाद सरकार हरकत में आई, स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के निर्देश पर प्रशासन की एक टीम को देवास के जामनेर गांव भेजा गया है।
शिशु रोग प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रीति मालपानी ने बताया कि बच्चे की हालत क्रिटिकल थी लेकिन परिजन यह कहकर बच्चे को ले गए कि उसके पिता की तबीयत खराब है। बच्चे की हालत गंभीर थी। यहां आने के पूर्व किसी अन्य डॉक्टर के पास इलाज के लिए गए थे। जहां उन्होंने इसे चमकी बुखार कह दिया था।
बच्चे में चमकी बुखार की पुष्टि के लिए अब उसका सैंपल पुणे की वायरोलॉजी लैब भेजने की बात कही जा रही है। बहरहाल इसे लेकर डॉ. मालपानी ने बताया, यह चमकी बुखार प्रतीक नहीं हो रहा है। बच्चे में एक्यूट एनसिफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) की पहचान की गई है। बुखार दिमाग पर चढ़ गया था। जब उसे चिकित्सालय लाया गया था तब वह बेसुध था। ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक ने उन्हें जाने से रोका था लेकिन वे नहीं माने। उनका कहना था कि बच्चे के पिता बीमार है।
उधर, असलम के मामा हलीम शाह का कहना हैं कि हम बीमार बच्चे को लेकर घर क्यों जाएंगे। हमको ड्यूटी डॉक्टर ने सुबह 5 बजे बताया कि बच्चे को अब घर ले जाओ। इसलिए सुबह एम्बुलेंस लेकर हम वापस गांव आ गए। पिता इब्राहिम का कहना है कि मेरी तबीयत बिलकुल ठीक है। अपने बच्चे को इस हालत में देखकर मैं मानसिक रूप से अस्वस्थ्य महसूस कर रहा था। उसे इस हालत में नहीं देख सकता था। इसलिए एमवायएच नहीं गया था। पूर्व सरपंच मनीष पटेल ने बताया कि बच्चे के पिता बीमार नहीं है। कोई भी व्यक्ति बीमार बच्चे को क्यों लाएगा। चिकित्सकों ने इनसे लामा लिखवाया।
बालक की मृत्यु चमकी बुखार से नहीं - सीएमएचओ
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी इंदौर डॉ. प्रवीण जड़िया का कहना है कि असलम की मृत्यु चमकी बुखार से नहीं हुई है। उन्होने बताया कि एमवाय अस्पताल में उपचाररत असलम को उसके परिजन अपनी मर्जी से रविवार की सुबह 6 बजे हास्पिटल से छुट्टी करवाकर ले गए थे। अस्पताल से परिजनों द्वारा जामनेर जिला देवास ले जाने के दौरान रास्ते में बच्चे की मृत्यु हुई।
डॉक्टर जड़िया ने बताया कि शुक्रवार को तेज बुखार आने पर असलम को पहले गांव में फिर खातेगांव और हरदा में उपचार के बाद शनिवार को इंदौर के एमवाय अस्पताल में लाया गया था। चिकित्सकों द्वारा जांच में वायरल बुखार तथा मस्तिष्क ज्वर बताया गया किसकी पुष्टि रक्त और सीएसएफ की जांच से भी हुई है। चमकी बुखार जैसे कोई लक्षण जांच में नहीं मिले थे।
जेलर सहित 4 जेल प्रहरी निलंबित, कैदियों की सूचना देने वाले को 50 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा
रविवार अलसुबह फरार हुए कैदी, अलग-अगल जुर्म में काट रहे थे सजा
इंदौर/नीमच. मध्यप्रदेश के नीमच में रविवार अलसुबह चार कैदी जेल की दीवार फांदकर फरार हो गए। यह कैदी दुष्कर्म, नशीली दवाओं की तस्करी समेत संगीन अपराधों में सजा काट रहे थे। मामले में जेलर सहित 4 जेल प्रहरियों को निलंबित कर दिया गया। वहीं, फरार कैदियों को गिरफ्तार करने में मदद करने वालों को 50 हजार रुपए इनाम देने की घोषणा भी की गई है।
जेलर आरसी बसुनिया के मुताबिक, वारदात सुबह 3.30 बजे से 4.30 बजे की है। बैरक नंबर 11 के चार कैदी बैरक के सरीए काटकर बाहर आ गए और जेल की दीवार पर रस्सा डालकर दीवार पर चढ़ गए और बाहर छलांग लगा दी। बैरक के अंदर से आरी के चार पत्ते मिले हैं। जेल में 27 प्रहरी हैं जिनमें से 7 महिलाएं है।
प्रारंभिक जांच में प्रहरियों की लापरवाहीं के साथ वारदात में किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा मदद किए जाने की बात सामने आ रही है। सर्कल जेल अधीक्षक आरआर डांगी के अनुसार जेल प्रहरियों विजेंद्र धाकड़, ईश्वर, संचित शर्मा और बालमुकुंद लवाना को लापरवाही बरतने पर निलंबित कर किया है। इसके साथ ही जेलर वसुनिया को भी सस्पेंड कर दिया गया। कैदियों को पकड़ने के लिए जिले के साथ ही आसपास के क्षेत्रों की नाकाबंदी की गई।
इससे पहले फरवरी 2017 में भी मुरैना जिला जेल से दो कैदी फरार हो गए थे। वहीं 2016 में आतंकी संगठन सीमी के आठ आतंकवादी भोपाल जेल के प्रहरी की हत्या कर फरार हो गए थे। 2009 में निमच की इसी जेल से 5 कैदी फरार हुए थे।
यह कैदी हुए फरार
नरसिंह पिता बंसीलाल बंजारा (20) निवासी ग्राम गणेशपुरा थाना भिंडर जिला उदयपुर। नरसिंह को एनडीपीएस के तहत 10 साल की सजा हुई थी।
दुबे लाल पिता दशरथ धुर्वे (19) निवासी ग्राम गोगरी थाना नौगांव जिला मंडला। दुबेलाल को धारा 376 में 10 साल की सजा हुई थी।
पंकज पिता रामनारायण मोंगिया (21) निवासी ग्राम नल वाई थाना बड़ी सादड़ी जिला चित्तौड़। पंकज एनडीपीएस के तहत सजा काट रहा था।
लेख राम पिता रमेश बावरी (29) निवासी ग्राम चंदवासा थाना मल्हारगढ़ जिला मंदसौर।
बालाघाट. जिले के लांजी थाना क्षेत्र में शुक्रवार को एक हृदय विदारक घटना में तीन बहनों की सोननदी में डूबने से मौत हो गई। घटना दलखा पौसेरा की है, जहां तीनों बहनें सोन नदी में शौच के लिए गईं थीं और फिसल कर नदी में गिरने से डूब गईं। बच्चियों के शवों बरामद होने पर शनिवार को को उनका पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया है।
मृतक बच्चियों में दो भाईयों की तीन बेटियां श्रद्धा (5) पिता सुखचंद पांचे, सुमन (4) पिता सुखचंद पांचे और आकांक्षा (6) पिता सुखलाल पांचे की बेटियां हैं। स्थानीय लोगों ने तीनों बच्चियों के शव बाहर निकाले। बताया जाता है शुक्रवार को दोपहर बाद करीब 3 बजे तीनों बहनें शौच के लिए गईं, इस दौरान फिसल कर नदी में गिर गईं और उनकी डूबने से मौत हो गई। घटना के कुछ देर बाद ही बच्चियों का शव पानी में ऊपर आ गया। शाम करीब 4 से 5 बजे के बीच नदी की ओर शौच करने गये एक ग्रामीण ने देखा था।
पहले एक बहन का शव ऊपर आया
नदी में पहले छोटी बहन का शव पानी में ऊपर दिखाई दिया, जिसके पास ही दो अन्य बहनों के शव भी दिखाई दिए। जिसके बाद गांव के लोगों ने नदी में जाकर बच्चियों के शव को बाहर निकाला। जिन्हें एम्बुलेंस के माध्यम से लांजी अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टर ने बच्चियों को मृत घोषित कर दिया।
मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच में लिया है। घटना के बाद से गांव में शोक है, पांचे परिवार की तीन बेटियों की एक साथ मौत की हृदय विदारक घटना के बाद घर में भीड़ जुट गई है। लांजी थाना टीआई नितिन अमलावतने बताया कि तीनों बच्चे की बॉडी कल शाम को परिजनों ने लेकर आज पोस्टमार्टम कराया है। घटना में मर्ग कायम कर विवेचना में लिया गया है।
अंजड़ थाना क्षेत्र के ग्राम छोटा बड़दा में नर्मदा नदी के किनारे हुआ हादसा
पांचों मजदूर मिट्टी के टीले के नीचे से रेत निकाल रहे थे
बड़वानी. मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में अवैध रेत खदान धंसने से पांच मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई। जिस समय खदान धंसी, मजदूर रेत खनन का काम कर रहे थे। सूचना के बाद एसपी और कलेक्टर मौके पर पहुंचे और जानकारी ली। घटना से क्षेत्र में गम और गुस्सा देखने को मिल रहा है।
इसी खदान से रेत निकाल रहे थे मृतक।
घटना अंजड़ थाना क्षेत्र के ग्राम छोटा बड़दा की है। मजदूरों की शिनाख्त की जा रही है। पुलिस के अनुसार, पूछताछ में पता चला है कि शनिवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे अवैध खुदाई के दौरान अचानक जोर की आवाज आई और खदान धंस गई। मरने वाले मजदूर खदान में भीतर काम कर रहे थे। मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों की मदद से रेस्क्यू कर सभी को बाहर निकाला।
कलेक्टर अमित तोमर ने कहा कि जहां पर खनन किया जा रहा था, वह शासकीय जमीन थी। किसी को अलॉट नहीं थी। प्रशासन को जहां सूचना मिलती है, वहां कार्रवाई की जाती है। इस मामले में भी दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसपी तेनीवार ने कहा कि हादसा नर्मदा नदी के किनार पर हुआ है। नदी किनारे बड़े-बड़े मिट्टी के टीले हैं, इन टीलों के नीचे रेत है। इसी की खुदाई के लिए पांच लोग आए थे। मामले में जांच चल रही है।
शव नहीं उठाने दे रहे ग्रामीण
ग्रामीण दयाराम यादव ने बताया कि हादसे में प्रभु रामदास कोली, लल्लू बाबू कोली, परसराम मायाराम कोली, राकेश रमेश मानकर और लखन धुरजी मानकर की मौत हुई है। परिजन ट्रैक्टर मालिक को बुलाने की बात पर अड़ गए और शवों को नहीं उठाने दिया।
जिले में अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट, एनजीटी की रोक के बाद भी यहां पर बालू, रेत का अवैध खनन सालों से चल रहा है। कलेक्टर से लोगों ने इलाके में हो रहे अवैध खनन की शिकायत भी की। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार प्रशासन को अवगत कराया गया। लेकिन, कुछ दिनों तक सख्ती दिखाकर रेत खनन बंद करवा दिया जाता है।
दो भतीजे, बहू और बहन की हत्या, मृतकाें में दस साल का मासूम भी
पुलिस ने मुख्य हत्यारोपी को बंदूक समेत गिरफ्तार किया, बेटे फरार
बीना. जमीन को लेकर हुए विवाद में परिवार के 5 लोगों की हत्या कर दी गई। शख्स और उसके दो बेटों ने छोटे भाई के परिवार पर 12 बोर की लाइसेंसी बंदूक से अंधाधुंध गोलियां चलाईं। गोली लगने से दो भतीजों, एक भतीजे की पत्नी और पुत्र की मौत हो गई। बहन ने अस्पताल में दम तोड़ा। घटनास्थल से पुलिस को चलाए गए 9 कारतूस मिले हैं।
एसडीओपी डीआरएस चौहान ने बताया कि गणेश वाॅर्ड स्थित शंकर माली की टपरिया में रहने वाले परिवार में जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। शुक्रवार रात करीब पौने 9 बजे भी जमीन को लेकर परिवार में बहस हुई। तैश में आकर मनोहर अहिरवार एवं उसके दो पुत्र प्रवीण अहिरवार व प्रशांत अहिरवार ने 12 बोर लाइसेंसी बंदूक से फायरिंग कर दी। इसमें मनोज (42) पिता राजाराम अहिरवार, उसका भाई संजीव (35), संजीव की पत्नी राजकुमारी (28) व पुत्र यशवंत (10) की मौके पर मौत हो गई। आरोपी मनोहर की बहन ताराबाई (70) पत्नी भैयालाल को गोली लगने पर सागर रैफर किया गया, लेकिन उन्होंने रास्ते में दम तोड़ दिया। पुलिस ने आरोपी मनोहर को बंदूक सहित गिरफ्तार कर लिया है।
दो फीट जमीन के पीछे हत्या
थाना प्रभारी अनिल मौर्य ने बताया कि आरोपी एवं मारे गए लोग एक ही जगह रहते थे। आरोपी के घर के पीछे उसके नाम सरकारी पट्टे की जमीन है, जिस पर मृतकों का कब्जा था। इस जमीन में से वह कुछ जमीन घर की मरम्मत करने के लिए मांग रहा था। इसके लिए उसने बहन ताराबाई को भी समझाने के लिए भेजा था। इसी बात पर विवाद हो गया और मामला यहां तक पहुंच गया।
लाइसेंसी बंदूक से किए फायर
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि सबसे पहले गोली संजीव अहिरवार को लगी। इसके बाद उसकी पत्नी राजकुमारी, फिर बड़े भाई मनोज एवं सबसे आखिर में संजीव के बेटे यशवंत को गोली लगी। इस कारण सभी की मौके पर ही मौत हो गई। ताराबाई को गोली कब और कहां लगी, इसकी जानकारी नहीं है। थाना प्रभारी ने बताया कि लाइसेंसी बंदूक मनोहर अहिरवार के नाम है, जो लोकसभा चुनाव के दौरान थाने में जमा थी। इस बंदूक को आरोपी दो दिन पहले बुधवार को थाने से लेकर गया था।
गुरुवार को ही परिवार ने मनाया था मनोज का जन्मदिन
मृतक मनोज का गुरुवार को जन्मदिन था। परिवार ने हंसी-खुशी के साथ मनाया। मनोज के भानेज सौरभ ने खून से सने हाथ दिखाते हुए कहा- मैं जी के क्या करूंगा। मनोहर को मार डालूंगा या खुद मर जाऊंगा।
कर्ज ने बनाया हत्यारा
बताया जा रहा है कि आरोपी मनोहर पर कर्ज था। वह जमीन हासिल कर उसे बेचना चाहता था, ताकि वह कर्ज चुका सके। लेकिन, परिवार के लोग जमीन देने को तैयार नहीं थे। शुक्रवार की रात बहन ताराबाई उसे समझाने गई थी, तभी विवाद हो गया और मनोहर ने अपनी बंदूक से फायरिंग कर दी।
गुरुवार सुबह से ही बादलों की आवाजाही जारी, लोगों को भीषण गर्मी से मिली राहत
खंडवा. शहर में बुधवार के बाद गुरुवार को भी ठंडी हवाओं के साथ बादलों की लुकाछिपी जारी है। तेज धूप नहीं, लेकिन उमस ने लोगों को बेचैन कर दिया है। तीन महीने से भीषण गर्मी से परेशान शहरवासियों को बादलों के कारण कुछ हद तक राहत मिली है। बुधवार को अधिकतम तापमान 37.1 दर्ज हुआ, जबकि रात का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ। विशेषज्ञों की माने तो एक दो दिन में शहर सहित आसपास प्री मानसून की बारिश हो सकती है।
मौसम वैज्ञानिक एसके नायक के मुताबिक पश्चिम मध्य प्रदेश में कम दबाव के क्षेत्र (चक्रवात वायु के अवशेष) के कारण बारिश देखी गई। यह लो-प्रेशर एरिया कमजोर हो गया है लेकिन उम्मीद हैं कि आगामी 24 से 48 घंटों तक प्री मानसून बारिश हाेगी। पारे में तत्काल उछाल नहीं होगा। 24 जून के आसपास, बारिश का एक और अच्छा दौर होने की उम्मीद है। यह 26 या 27 जून तक रह सकता है। ये वर्षा गतिविधियां कम दबाव क्षेत्र के कारण होगी।
25 जून को दिल्ली से आएगी एक्सपर्ट की टीम, जुलाई में देगी अपनी रिपोर्ट
इस कॉरिडोर में 121 एक्सीडेंट, 21 लोगों की हो चुकी मौत हो चुकी है
भोपाल। प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने कहा है कि भोपाल में बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने का काम जल्द शुरू हो सकता है। 25 जून को दिल्ली से सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएसआईआर) की टीम इसका निरीक्षण करने आएगी। दिल्ली की टीम अपनी रिपोर्ट जुलाई में देगी। उसकी रिपोर्ट के बाद इसे तोड़ने का निर्णय लिया जाएगा। ये वहीं टीम है जिसकी रिपोर्ट के बाद दिल्ली का कॉरिडोर तोड़ा गया था।
2016 से 2018 तक 24 किमी के इस कॉरिडोर में 121 एक्सीडेंट, 21 लोगों की हो चुकी मौत हो चुकी है। संत हिरदाराम नगर में कॉरिडोर में हुए हादसे और फिर पुलिस अभिरक्षा में हुई युवक की मौत के बाद बीआरटीएस के सुरक्षित सफर पर एक बार फिर सवाल खड़े हुए हैं। संतनगर में कॉरिडोर की जगह-जगह रैलिंग टूटी है और सड़क उखड़ चुकी है। मिक्स लेन और डेडिकेटेड लेन में गड्ढे हो गए हैं। यहां हर कदम पर हादसों का डर है। बीआरटीएस के चलते संतनगर का कारोबार ठप हो चुका है।
मंत्री ने किया था वादा: नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन भी व्यापारियों की तकलीफ देखकर यहां से कॉरिडोर हटाने का भरोसा दे चुके हैं लेकिन अफसर उनकी इस मंशा पर अडंगा लगा रहे हैं। 16 जनवरी को संतनगर में कॉरिडोर उखाड़ फेंकने की मंत्री की घोषणा के अगले दिन अफसरों ने नया शिगुफा छेड़ दिया था। नगर निगम कमिश्नर ने 17 जनवरी को आनन फानन में डेडिकेटेड कॉरिडोर में स्कूल बसों व सूत्र सेवा की यात्री बसों को अनुमति जारी किए जाने के आदेश दिए। हालांकि इसमें भी सात शर्तें रख दी गईं। बाद में कहा गया कि किसी बस संचालक ने इसके लिए आवेदन ही नहीं दिया।
16 जनवरी 2019 को मंत्री ने यह कहा था... संत हिरदाराम नगर पहुंचे नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने व्यापारियों का भरोसा दिलाया था कि कॉरिडोर हटाने की आपकी राय पर जल्द अमल होगा।
बीआरटीएस हटाने में भी सरकार पर आएगा 100 करोड़ का भार
24 किलोमीटर लंबे बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) कॉरिडोर को हटाना इतना आसान नहीं है। इसके हटने से शहरवासी परेशान न हों इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करना होगा जो बेहद खर्चीला होगा। विशेषज्ञों की मानें तो इस 24 किमी लंबे बीआरटीएस के निर्माण में जितना खर्च हुआ है उसका 40 फीसदी अब इसे हटाने में लगेगा। इसके लिए बाकायदा एक्सपर्ट एजेंंसी को हायर कर डीपीआर बनवाना होगी। तकनीकी आधारों पर डीपीआर में बताया जाएगा कि बीआरटीएस को सामान्य मुख्यमार्ग में बदलने किन पाइंट्स पर क्या काम किए जाएं? इन कामों को करने के लिए बड़ी राशि खर्च होगी।
उद्देश्य नहीं हो पाया पूरा: जिस उद्देश्य के लिए इसे बनाया गया था वो पूरी तरह से असफर रहा है। इसमें हर पांच मिनट में एक बस चलने की बात कही गई थी। लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं हो पाया। अकसर के कॉरिडोर खाली रहता है। और आम लोगों के लिए बनी लेन में ट्राफिक जाम रहता है।
शिवराज सिंह ने सीबीआई जांच की मांग की, कहा- हम परिजनों को न्याय दिलाएंगे, न्यायिक जांच से कुछ नहीं होगा
भोपाल. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को सुबह पुलिस की पिटाई से मौत का शिकार हुए शिवम के परिजनों से मिलने पहुंचे। उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाया। उन्होंने सरकार से मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
शिवराज सिंह ने कहा कि मप्र पुलिस में ये वहशी कहां से आ गए। क्या इनकी अंतरात्मा नहीं है। इनका परिवार नहीं है। दिव्यांग मां-बाप के बेटे को मार डाला गया, ये साधारण अपराध नहीं असाधारण है। ये नीचता की पराकाष्ठा है। परिवार की हालत देखकर ये संकल्प लिया है कि इसके अपराधियों को छोड़ेंगे नहीं। उनके परिवार को न्याय दिलाएंगे। हमने सीबीआई जांच कराने की मांग की है। अगर सरकार में जरा भी संवेदनशीलता है तो वह सीबीआई से जांच कराएं।
मध्यप्रदेश के अशोकनगर में आयोजित एक शादी में उस समय अजीब स्थिति बन गई जब शादी के मंडप में दो फेरे लेने के बाद दूल्हा-दुल्हन को भाई बहन बता दिया गया। विवाद बढ़ने पर शादी को रोकना पड़ा।
दरअसल, दलील यह दी जा रही थी कि दोनों के गोत्र एक हैं इसलिए ये आपस में भाई-बहन हुए। हालांकि, वर पक्ष ने आरोप लगाया कि दूल्हे को घोड़ी पर न लाने को लेकर विवाह रोकी गई है।
कोलारस के रामगढ़ चक्क निवासी परमा आदिवासी के बेटे खुशालीराम की शादी ईसागढ़ के ओडिला निवासी मोहर सिंह की बेटी सबीना के साथ तय हुई थी। लगभग 30 बाराती ट्रैक्टर-ट्राली से 17 जून को ईसागढ़ के ओडिला पहुंचे।
शादी में फेरे की रस्म के समय वधु पक्ष के लोगों ने कहा कि दूल्हे और दुल्हन के मामा दोनों का गोत्र नकटेले है जिससे दोनों भाई-बहन हुए। विवाद बढ़ने के बाद शादी को रोक दिया गया और दहेज का सामान भी उतार लिया। जिसके बाद मामला पुलिस में चला गया।
वायु चक्रवात ने भी बिगाड़ा मानसून का गणित, 25 जून के पहले पहुंचने के आसार नहीं, मंगलवार देर रात शुरू हुई बूंदाबांदी
रतलाम. जिले में हर शख्स तेज बारिश का इंतजार कर रहा है लेकिन प्री-मानसून ने इस साल मायूस कर दिया है। शहर में सात दिन से बादलों की आवाजाही तो हो रही है लेकिन बादल निराश कर रहे हैं। मंगलवार रात 10.30 बजे से बादलों ने बरसना शुरू कर दिया फिर रातभर हल्की बारिश का दौर चलता रहा। दिनभर बादलों जबकि प्री-मानसून में पिछले दो साल में डेढ़ इंच तक बारिश हुई। इस बार अब तक एक इंच पानी भी नहीं गिरा। इधर, मौसम विभाग को भी मानसून के 25 जून के बाद रतलाम पहुंचने की उम्मीद है।
केरल में मानसून 8 जून को पहुंच गया था। इसके चार दिन बाद से हमारे शहर में भी गतिविधियां होना शुरू हो गई जो अब भी जारी है। घने बादल छाए हुए है तो कभी गरज भी हो रही है। ऐसा हवा के रुख में परिवर्तन व नमी आने के कारण हुआ है। यूं तो 2017 में जिले में 24 जून को मानसून ने दस्तक दी थी। लेकिन प्री मानसून एक्टिविटी 6 जून से ही शुरू हो गई थी। 10 जून तक ही डेढ़ इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 9 जून को तो 1 घंटे में ही 1 इंच बारिश हुई थी। 2018 में भी 25 जून तक 1 इंच से ज्यादा बारिश हो गई थी जबकि मानसून 28 जून तक पहुंचा था।
हवा का रुख नहीं बदलने से प्री-मानसून कमजोर
मौसम वैज्ञानिक डीपी दुबे ने बताया अमूमन 20 मई के बाद से प्री-मानसून एक्टिविटी होना शुरू हो जाती है। यह अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग होती है लेकिन इस साल प्री-मानसून एक्टिविटी कमजोर है। इसका कारण हवा का रुख नहीं बदलना है। हमारे यहां जून के पहले सप्ताह तक हवा का रुख उत्तरी-पश्चिमी था। अब यह दक्षिणी-पश्चिमी हुआ है ऐसे में बादल है, अब प्री-मानसून एक्टिविटी तेज होगी। इधर, बारिश शुरू होने से किसानों के भी चेहरे खिल उठे हैं। मोतीलाल पाटीदार ने बताया किसान बोवनी में जल्दी नहीं करें। चार से पांच इंच बारिश होने के बाद ही बीज खेतों में डाले।
दिन का तापमान मंगलवार को 35 डिग्री के करीब पहुंच गया। अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री तो न्यूनतम 24.2 डिग्री रिकॉर्ड किया। इससे पहले 18 अप्रैल को अधिकतम तापमान 35.6 डिग्री रहा था। तापमान में 10 जून से लगातार कमी हो रही है। इस दिन अधिकतम तापमान 45 डिग्री रहा था।
आगे क्या... 20 के बाद अरब सागर में बनेगा सिस्टम
अब 20-22 जून के बाद अरब सागर में सिस्टम बनेगा। यह सिस्टम 23-25 जून के बाद ही रतलाम पहुंचेगा। हालांकि इससे मानसून को करंट मिलेगा, यानी अभी सुस्त मानसून की चाल तेज होगी। मानसून की बारिश 25 के बाद ही होगी। इससे पहले लोकल सिस्टम से हल्की बारिश के आसार बने हुए है।
ट्विटर ने दिग्विजय के किसी भी ट्वीट पर रि-ट्वीट और रिप्लाई को ब्लॉक कर दिया
सिंह ने सुबह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को दी जन्मदिन की बधाई
भोपाल. ट्विटर ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अकाउंट पर किसी भी ट्वीट पर रि-ट्वीट और रिप्लाई को ब्लॉक कर दिया है। इससे सिंह भड़के गए और ट्विटर की नीति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ये अन्याय है, मेरे ट्वीट पर ही ऐसा क्यों हो रहा है कि कोई रिप्लाई और रि-ट्वीट नहीं कर सकता है। उन्होंने ट्वीटर पर उनके ट्वीट रिमूव करने का भी आरोप लगाया है।
दरअसल, दिग्विजय सिंह ने पुलवामा हमले पर सरकार की खुफिया विभाग की विफलता पर ट्वीट किया था। इसके बाद शनिवार सुबह ट्वीटर ने उनके ट्वीट पर रि-ट्वीट और रिप्लाई को ब्लॉक कर दिया। इससे पहले उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को जन्मदिन की बधाई भी दी थी। इस पर भी कोई रिप्लाई और रिट्वीट नहीं कर पा रहा है।
दिग्विजय ने एक के बाद कई ट्वीट करके ट्विटर पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को नियंत्रित करने और राजनैतिक सहयोगियों का चुनने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनके दो ट्वीट रिमूव किए गए हैं, मेरे साथ ये अन्याय क्यों ?
नफरत और धमकी भरे ट्वीट्स पर कोई कार्रवाई नहीं होती
दिग्विजय ने कहा कि ट्विटर नफरत और धमकी भरे ट्वीट करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करता है। लेकिन सामान्य सवालों को आपत्तिजनक मान लिया जाता है। मैंने सरकार की खुफिया विफलताओं पर सवाल किए तो उसे ब्लॉक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ट्विटर की नीति क्या है।
भोपाल. राजधानी भोपाल में एक युवक की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। परिजनों ने पुलिसकर्मियों की पिटाई से युवक की मौत होने का आरोप लगाया। थाने के सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं, जिसमें युवक गिरते हुए दिख रहा है और पुलिसकर्मी उसे घसीटकर गाड़ी में डालते नजर आ रहे हैं। राज्य के गृहमंत्री बाला बच्चन ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। आईजी योगेश देशमुख ने बैरागढ़ थाने के टीआई अजय मिश्रा, एसआई राजेश तिवारी सहित 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। युवक के पिता स्वयं पुलिस में हैं और साइबर सेल में पदस्थ हैं।
मृतक के मामा ह्दयेश भार्गव ने बताया कि मंगलवार देर रात उनका भांजा शिवम और उसका दोस्त गोविंद बैरागढ़ से आगे एक ढाबे पर खाना खाने जा रहे थे। जैसे ही उनकी गाड़ी लालघाटी से आगे पहुंचीं। बीआरटीएस कॉरिडोर से टकरा गई। डायल-100 के जवान मौके पर पहुंचे और दोनों युवकों को पास की पुलिस चौकी पर ले आए। यहां दोनों की जमकर पिटाई की।
थाने में ले जाकर पीटने का आरोप: बैरागढ़ थाने का मामला होने की वजह से वहां की पुलिस को हादसे की जानकारी दी गई। परिजनों का आरोप है कि इसके बाद बैरागढ़ पुलिस आई और दोनों युवकों को थाने ले गई। वहां भी शिवम और उसके दोस्त की जमकर पिटाई की गई। शिवम ने कई बार पिटाई कर रहे पुलिसवालों को बताया कि उसके पिता भी पुलिस में हैं। लेकिन पिटाई कर रहे पुलिसवालों ने उसकी एक नहीं सुनी और लगातार उसे मारते रहे।
थाने के सीसीटीवी में रिकॉर्ड हुई घटना: बैरागढ़ थाने में लगे सीसीटीवी में शिवम की मौत की घटना रिकॉर्ड हुई है। रिकॉर्डिंग में शिवम पुलिसवालों से घिरा हुआ दिख रहा है। पुलिसवाले उसे धकियाते दिख रहे हैं। पुलिस के धक्का लगते ही शिवम जमीन पर गिर जाता है। कुछ पुलिसकर्मी उसे उठाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके बाद एक पुलिसकर्मी दौड़कर पुलिस की गाड़ी लेकर आता दिख रहा है। बताया जा रहा है कि शिवम को पुलिस अस्पताल लेकर गई जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
परिजनों का आरोप है कि दोनों को कोई चोट नहीं लगी थी। लेकिन, वहां पास ही खड़ी डॉयल 100 वाहन दोनों को पुलिस थाने ले गई और हिरासत में दोनों को बुरी तरह से पीटा। इसी बीच स्थिति बिगड़ने पर पुलिस शिवम को अस्पताल ले गई, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि घटना के बाद पुलिस ने आरोपियों का मेडिकल कराया था उसमें दोनों के शराब के नशे में होने की पुष्टि हुई है।
चेन और अंगूठी लूटने का आरोप: शिवम की मौत के बाद परिजन बुधवार तड़के अस्पताल पहुंचे। परिजनों ने पुलिस पर मृतक की सोने की चेन और अंगूठी लूटने का आरोप भी लगाया। डीआईजी इरशाद वली भी हमीदिया अस्पताल पहुंचे। उन्होंने परिजनों को समझाया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी और भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय विधायक रामेश्वर शर्मा भी अस्पताल पहुंचे। पुलिस ने शव को पीएम के लिए भेज दिया। हंगामे की आशंका के मद्देनजर अस्पताल परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।
चाचा ने लगाई गुहार: परिजनों ने कहा कि जब शिवम की थाने में पिटाई हो रही थी तो उस वक्त मृतक शिवम के चाचा जो इंदौर में सब-इंस्पेक्टर हैं, उन्होंने बैरागढ़ टीआई अजय मिश्रा को फोन लगाकर इसकी जानकारी दी थी और अपने भतीजे को छोड़ने की गुहार लगाई थी। लेकिन इसके बावजूद शिवम को बेरहमी से पीटा गया कि उसकी मौत हो गई। परिजनों ने पिटाई करने वाले पुलिसवालों के साथ ही बैरागढ़ टीआई को बर्खास्त करने की मांग की।
पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार को चेताया: घटना की निंदा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि प्रदेश सरकार की संवेदनाएं मर चुकी हैं। पुलिस प्रशासन निरंकुश हो गया है। उन्होंने कहा कि युवक की कार बीआरटीएस कॉरिडोर की रेलिंग से टकरा गई थी। ये ऐसी घटना ऐसी नहीं थी कि पुलिस युवक को पीट-पीटकर मार डाले। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गरीबों को सताया जा रहा है, विरोध करता है तो झोपड़ी को आग लगा दी जाती है। उस आग में कूदकर एक बहन ने जान दे दी। क्या गरीबों को ऐसा जताया जाएगा, आदिवासियों को सताने का भी मामला सामने आया है। सरकार को मैं चेता रहा हूं, अगर ये चलता रहा तो हम चुप नहीं बैठेंगे।
शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन की अनुमति लेकर भोपाल आ रहे थे आदिवासी, उन्हें छह किमी दूर भदभदा में रोका
भोपाल के महापौर आलोक शर्मा ने कहा- जैसा कमलनाथ सरकार कर रही, वैसा अंग्रेजों ने भी नहीं किया
भोपाल. मंगलवार को शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए प्रशासन की अनुमति लेकर भोपाल आ रहे आदिवासियों को प्रशासन ने शहर से बाहर भदभदा पर रोक दिया। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नाराज हो गए और आदिवासियों को लेने खुद भदभदा पहुंच गए। उनके ट्रैक्टर में सवार होकर साथ आए और आदिवासियों साथ न्यू मार्केट में धरना प्रदर्शन किया।
दरअसल, आदिवासी वन अधिकारों को लेकर शांति पूर्ण धरना प्रदर्शन करने भोपाल आ रहे थे। इस पर प्रशासन ने रोक दिया। इसकी सूचना पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज को मिली तो वह भड़क गए। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश में शांति चाहते हो तो उन्हें मत रोको। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को चेताया भी। बताया जा रहा है कि ये आदिवासी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा क्षेत्र बुदनी से हैं। शिवराज ने कहा, "आदिवासी भाइयों-बहनों को उनकी मांग रखने और शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने से जिस तरह कमलनाथ सरकार व स्थानीय प्रशासन ने रोकने का प्रयास किया, वह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है, संवैधानिक अधिकारों का हनन है। मैं यह होने नहीं दूंगा। मैं उन्हें साथ लेकर धरना स्थल तक जा रहा हूं।"
कांग्रेस सरकार अंग्रेजों से ज्यादा निर्दयी
प्रशासन ने उन्हें रोकने के बाद कहा कि वह पैदल ही भोपाल तक जाएं और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करें। प्रशासन ने आदिवासियों को रातीबड़ और भदभदा क्षेत्र में रोका। भोपाल के महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि प्रशासन ने आदिवासियों का ट्रैक्टर रोककर उन्हें पैदल भेजकर अन्याय किया। जैसा कमलनाथ सरकार कर रही है, वैसा अंग्रेजों ने भी नहीं किया।
मुख्यमंत्री से मिलकर रखेंगे बात
आदिवासियों के हक को लेकर उन्होंने सरकार से मांग की। इसमें वनाधिकार कानून के तहत पट्टा देने, तेंदू पत्ता के बोनस का पूरा पैसा देना और वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में तब्दील करने समेत कई अन्य मांगें रखी गई है। शिवराज ने आदिवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मिलेगा। अगर बात बनी तो ठीक। वरना धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।
हमले में नगर सैनिक समेत करीब आधा दर्जन लोग घायल हुए
घटना के बाद प्रह्लाद पटेल का आरोपी बेटा प्रबल और विधायक जालिम सिंह का बेटा मोनू पटेल फरार
नरसिंहपुर. जिले के गोटेगांव थाना इलाके में माननीयों के बेटों ने सरेआम गुंडागर्दी की। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल के पुत्र प्रबल पटेल और विधायक जालिम सिंह के बेटे ने बैलहाई के बाजार में दो युवकों से मारपीट की। इसके बाद दोनों को पकड़कर एक अन्य जगह ले गए, जहां दोबारा हमला किया। घटना के वक्त गाेली चलने से एक युवक घायल हो गया। हमले में आधा दर्जन लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने 12 आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया है। एसडीओपी पीएस बालरे ने बताया कि हिमांशु राठौर और राहुल राजपूत सोमवार रात गोटेगांव से एक शादी में शामिल होकर वापस कमोद गांव जा रहे थे, तभी रास्ते में बैलहाई बाजार में प्रबल पटेल से झगडा हो गया। इसके बाद मारपीट होने लगी। आरोप है कि दोनों को युवकों को शिवम राय के घर ले जाकर फिर से मारपीट की गई। इस दौरान शिवम राय के पिता नगर सैनिक ईश्वर राय के साथ भी मारपीट की गई।
गोली चलने से युवक घायल, 4 लोगों को गंभीर चोटें
पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना के दौरान गोली भी चली, जो हिमाशु राठौर के हाथ में लगी। जबकि नगर सैनिक ईश्वर राय, राहुल राजपूत, शिवम राय और मयंक के हाथ, पैर, सिर में गंभीर चोटें पहुंचीं हैं। सभी घायलों को रात में ही इलाज के लिए जबलपुर ले जाया गया। बालरे ने बताया कि हिमांशु राठौर की शिकायत पर प्रबल पटेल, नरसिंहपुर विधायक जालमसिंह पटेल के पुत्र मोनू पटेल समेत 12 के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है।