मध्य प्रदेश

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भोपाल. मध्यप्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि उत्तरप्रदेश के प्रयागराज का प्रधानमंत्री ने कायाकल्प कर दिया है। पीएम मोदी से जबलपुर के कायाकल्प की अपेक्षा है।
विवेक तन्खा ने ट्वीट में कहा कि कुछ दिन पहले उन्हें प्रयागराज जाने का मौका मिला था। कुम्भ के कारण उसका रूप ही बदल गया। अच्छी सड़कें, फ़्लाइओवर, हवाईअड्डा, रेलवे स्टेशन सब कुछ बदला नजर आया। तन्खा ने कहा कि जबलपुर को भी ऐसे कायाकल्प की जरूरत है। लोकसभा चुनाव में तन्खा जबलपुर से कांग्रेस प्रत्याशी थे। वे भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह से चुनाव हार गए थे।

भोपाल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा- आरोपी के पक्ष में कोई वकील नहीं करेगा पैरवी
बुधवार को विशेष जज कुमुदिनी पटेल की कोर्ट में चालान पेश करेगी पुलिस
भोपाल. जिला अदालत ने नेहरू नगर में 9 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के आरोपी को एक दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। 12 जून को पुलिस इस मामले में चालान पेश करेगी।
कमलानगर थाना पुलिस ने आरोपी विष्णु को विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह की अदालत में पेश किया, जहां से उसे बुधवार तक के लिए जेल भेज दिया गया है। लोक अभियोजन मप्र की जनसंपर्क अधिकारी और सरकारी वकील सुधा विजय सिंह भदौरिया ने बताया कि थाना कमलानगर में बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी विष्णु बमोरे को पुलिस ने मंगलवार को कोर्ट में पेश किया है।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामले में पूछताछ के लिए समय मांगा था। इस पर जज ने केस डायरी देखने के बाद जज सुरेश सिंह ने आरोपी विष्णु को 12 जून तक की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने बताया पुलिस बुधवार को विशेष न्यायाधीश कुमुदिनी पटेल की कोर्ट में चालान पेश करेगी।
वकीलों ने आरोपी के पक्ष में केस नहीं लड़ने का फैसला लिया
भोपाल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय चौधरी ने इस मामले में ऐलान किया है कि बार एसोसिएशन का कोई भी वकील आरोपी विष्णु के पक्ष में पैरवी नहीं करेगा। जबकि इस समय भोपाल में 8 हजार से ज्यादा वकील हैं, जो बार एसोसिएशन के सदस्य भी हैं।
वहीं सुधा विजय सिंह भदौरिया ने बताया कि जिस समय आरोपी विष्‍णु को कोर्ट में पेश किया गया था, उस समय भोपाल अधिवक्‍ता संघ की उपाध्‍यक्ष रीना वर्मा कोर्ट में मौजूद थीं। उन्‍होने आश्‍वस्‍त किया है कि इस मामले में आरोपी विष्‍णु की ओर से भोपाल अधिवक्‍ता संघ का कोई भी वकील पैरवी नही करेगा।
कड़ी सुरक्षा के बीच आरोपी कोर्ट में पेश
इसके पहले पुलिस आरोपी विष्णु को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अदालत परिसर तक लेकर आई और उसे अदालत में पेश किया। पुलिस को स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन की भी आशंका थी, जिसके चलते अदालत परिसर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात थी। बता दें कि नेहरू नगर से शनिवार रात आठ साल की एक बच्ची गायब हो गई थी। रविवार सुबह उसका शव उसके घर से कुछ दूर स्थित एक नाले से बरामद हुआ। बच्ची की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी। आरोपी को पुलिस ने कल खंडवा जिले के मोरटक्का बस स्टैंड से गिरफ्तार किया था। वह अपने घर भागने के फेर में था।

नई दिल्ली. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 9 साल की बच्ची बेबी (बदला हुआ नाम) की दुष्कर्म के बाद हत्या से लोगाें का आक्रोश उबाल पर है। घटना के 24 घंटे बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। देशभर से लगातार बच्चियों के साथ रेप और हत्या की खबरों से सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल उठने लगे हैं। इन घटनाओं को लेकर दिल्ली दुष्कर्म की पीड़िता निर्भया की मां आशा देवी ने दुख जताया है। उन्होंने भास्कर के बृजेंद्र सरवरिया से बातचीत की।
आशा देवी कहती हैं- सरकारें सख्त कानून की बातें करती हैं, लेकिन दरिंदगी के आंकड़े बेटियों का दर्द खुद बयां कर रहे हैं। भोपाल की घटना दु:खद और शर्मसार करने वाली है। देश में पिछले डेढ़ से दो साल में ऐसी कई बच्चियां दरिंदगी की शिकार हुईं, जिनकी उम्र छह माह से दो या तीन साल तक थी। इनमें से कई पीड़ित परिवार अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए कोर्ट की दहलीज तक भी नहीं पहुंच पाए। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन सरकार ने नन्हीं बच्चियों के साथ ऐसे घृणित अपराध रोकने के लिए जो कानून बनाया है, वह भी अब बेअसर दिख रहा है।

सरकार की शैली से दुखी- निर्भया के मुजरिमों को आज तक फांसी नहीं हुई
मेरी बेटी के साथ जो कुछ भी हुआ, उसे बीते सात साल हो चुके हैं, लेकिन निर्भया के मुजरिमों को आज तक फांसी नहीं हुई। सुप्रीम कोर्ट ने फांसी का फैसला सुनाया, लेकिन उसके बाद मामला फिर लोअर कोर्ट और मर्सी पिटीशनों में फंसकर रह गया। डेढ़ साल से कभी कोर्ट तो कभी थाने। बस इन्हीं के चक्कर काट रहे हैं। निर्भया का मामला तो पूरी दुनिया जानती है, लेकिन भोपाल में नौ साल की मासूम के साथ जो कुछ भी हुआ, क्या दुनिया उसे जान पाएगी। याद रख पाएगी। शायद नहीं। क्योंकि घटना के ज्यादा से ज्यादा दो-तीन साल बाद लोग सब भुला देते हैं। किसी को भी बच्ची और पीड़ित परिवार का दर्द याद नहीं रहता। ये मेरा अनुभव है।
 
कोर्ट में मामला आते ही दलीलें दी जाने लगतीं
जब मामला कोर्ट-कचहरी में फंसता है तो ऐसे दरिंदे आरोपियों के संवैधानिक अधिकारों की बातें होने लगती हैं। कचहरी में दलीलें दी जाती हैं कि आरेापी बूढ़ा है, नाबालिग है, इसे कम से कम सजा दी जाए। जेल में उसे कोई तकलीफ न हो, वो प्रताड़ित न किया जाए। बगैरह-बगैरह। पीड़ित और उसके परिवार के अधिकारों की बात कोई नहीं करता। क्या हम जैसे परिवारोें के अधिकार कोर्ट-कचहरी में जाकर खत्म हो जाते हैं? मेरा मानना है कि आरोपी कोई भी हो, कैसा भी हो, उसके अपराध के अनुसार उससे बर्ताव होना चाहिए। दुष्कर्म जैसे घृणित अपराधों में आरोपियों के संवैधानिक अधिकार स्वत: खत्म हो जाने वाला कानून व्यवस्था में लाया जाना चाहिए। हमारे परिवार ने सात साल क्या-क्या नहीं भुगता, लेकिन हम लड़ रहे हैं अपनी बेटी के न्याय के लिए।

बच्चियों से रेप पर फांसी का प्रावधान, सजा किसी को नहीं
देश में 12 साल से कम उम्र की बच्चियोें के साथ दुष्कर्म जैसे अपराधों में फांसी की सजा का प्रावधान है।  इस कानून को बने हुए एक से डेढ़ साल हो गए, लेकिन आंकड़े हजारों बेटियों का दर्द खुद-ब-खुद बयां कर रहे हैं। कानून बनने के बाद से सैकड़ों बच्चियां देशभर में दरिंदों की बलि चढ़ चुकी हैं, लेकिन आज तक किसी भी अपराधी को फांसी नहीं हुई, क्योंकि जिस कानून व्यवस्था के अनुसार आरोपी अपराधी बनता है, उसी कानून व्यवस्था के तहत ही वह अपराधी से सामान्य मानवी बनकर जिंदगी गुजार सकता है। हमारी व्यवस्था में सर्वस्वीकार्यता व्याप्त है।

सोच बदलना होगी, कोर्ट के भीतर भी एकसाथ नजर आना चाहिए
दरअसल, कमजोरी हमारे समाज और व्यवस्था की ही है। जरूरत है कि यह सर्वस्वीकार्यता वाली सोच बदले। यहां हर किसी को एक नजर या नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। जिस आरोपी को कोर्ट के बाहर सजा दिलाने के लिए हजारों लोग एक साथ आते हैं, वही लोग कोर्ट के भीतर कभी साथ नजर नहीं आते। ये व्यवहार बदलना चाहिए। बच्ची को न्याय दिलाते-दिलाते कहीं पीड़ित परिवार ही कानून व्यवस्था के चक्रव्यूह में फंसकर खुद ही सजा न भुगतने लगे, इस व्यवस्था को बदलना चाहिए। जो परिवार अपनी बच्चियों को न्याय दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ना चाहता हो, उसे हर स्तर पर सरकारी मदद मिलनी चाहिए, ताकि वह इंसाफ की लड़ाई में कभी हार न माने।

सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में जुलाई में लगेंगी स्पेशल कक्षाएं
भोपाल। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन यानी सीबीएसई से संबद्धता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को सायबर सुरक्षा की जुड़ी जानकारी दी जाएगी। इसके लिए स्कूलों में सायबर सिक्योरिटी पर कक्षाएं लगाई जाएंगी।
इसमें स्कूल के छात्र-छात्राओं को सायबर क्राइम के बढ़ते खतरों से आगाह करने के साथ सेफ्टी नियमों के बारे में भी बताया जाएगा। इसके अलावा यूजीसी की ओर से भी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सायबर सिक्योरिटी को विषय के रूप में पढ़ाने की बात कही गई है। यह कोर्स शैक्षणिक संस्थानों में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट के रूप में शुरू हो सकता है। इसको लेकर इन संस्थानों में तैयारियां शुरू हो गई हैं।
सीबीएसई अब खुद करेगी प्रश्न-पत्र का एनालिसिस : सायबर अपराध की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सीबीएसई ने इस शिक्षण सत्र से अहम कदम उठाया है। इसकी गंभीरता को देखते हुए इन कक्षाओं में सायबर एक्सपर्ट को नियुक्त किया जाएगा। जो स्कूली स्तर पर ही विद्यार्थियों को सायबर सिक्योरिटी का पाठ पढ़ाएंगे। शुरुआत में इसमें कक्षा 9वीं और 10वीं के विद्यार्थी शामिल होंगे। इसके अलावा छात्रों को ई-पब्लिशिंग, ई-ऑफिस के अंतर्गत सॉफ्टवेयर व उनसे जुड़ी लाइसेंसिंग योजना, इंटरनेट की कार्यप्रणाली व वेब एप्लीकेशन का ज्ञान भी दिया जाएगा।
ट्रेनिंग में यह हो सकेंगे शामिल : यह ट्रेनिंग अलग-अलग शेड्यूल के हिसाब से स्कूलों में आयोजित होगी। इसके लिए एक से दो घंटे का सेशन होगा। इसमें आईआईटी और सायबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट शहर के सीबीएसई स्कूलों में ट्रेनिंग देने के लिए आएंगे। विशेषज्ञों की ओर से सभी प्रतिभागियों को सायबर क्राइम के सेफ्टी टिप्स के बारे में भी बताया जाएगा।
अभिभवकों को भी दी जाएगी ट्रेनिंग: स्कूलों में विद्यार्थियों को अलग-अलग सत्र में ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें छात्र-छात्राओं के साथ उनके अभिभावक को भी शामिल किया जाएगा। इससे वह घर पर बच्चे की हर एक्टिविटी पर नजर रख सकेंगे। इसमें उन्हें सायबर क्राइम क्या है, हाल में हुए केस आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी।

भाेपाल. राजधानी के कमला नगर स्थित मंडवा बस्ती में 9 साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या करने के आरोपी विष्णु (35) को पुलिस ने खंडवा से गिरफ्तार किया है। विष्णु मूलत: खंडवा का रहने वाला है। पुलिस के मुताबिक, वारदात को अंजाम देने के बाद वह भाग गया था। पुलिस आरोपी को भोपाल लेकर आ रही है। जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने पीड़ित परिवार को 5 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि मामले में 48 घंटे के भीतर चालान पेश किया जाएगा और एक महीने के भीतर सजा दिलवाई जाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे हैं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल ने बताया कि आरोपी को खंडवा के मोरटक्का से पुलिस गिरफ्त में ले लिया गया है। उसके पहचान पत्रों से उसकी पहचान करने के बाद उसे हिरासत में ले लिया गया। आरोपी को यहां लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगले 48 घंटे के भीतर चालान पेश किया जाएगा। पुलिस की कोशिश रहेगी कि एक महीने के अंदर आरोपी को सजा दिला सकें। बच्ची के परिजन द्वारा आज भी थाने का घेराव करने से जुड़े मामले पर उन्होंने कहा कि परिजन का गुस्सा जायज है, उनके साथ न्याय होगा। बताया जा रहा है कि आरोपी खंडवा का रहने वाला है और वहीं भाग रहा था।
क्या है पूरा मामला: बच्ची शनिवार रात करीब 8.00 बजे लापता हुई थी और रविवार तड़के घर के पास एक नाले में उसका शव मिला। बच्ची के चेहरे पर ब्लेड के निशान थे। इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस का भी अमानवीय चेहरा सामने आया है। बच्ची के पिता रात 9:30 बजे कमला नगर थाने पहुंचे थे। वहां मौजूद एएसआई देव सिंह ने उनकी मदद करना तो दूर, गुमशुदगी की रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की। एएसआई देव सिंह इन सभी पुलिसकर्मियों के साथ रात करीब 10:30 बजे बच्ची के घर पहुंचे। कुछ देर रुके और बिना सर्चिंग किए वापस आ गए। इस दौरान सिपाही रूप सिंह ने बच्ची के पिता से कहा कि वह किसी के साथ भाग गई होगी।
सुबह नाले में मिला शव:  रात करीब 11.30 बजे स्थानीय पार्षद और कुछ अन्य लोगों ने वरिष्ठ अफसरों को जानकारी दी, तब पुलिस सक्रिय हुई और बच्ची की तलाश में जुटी। सुबह करीब 5.15 बजे परिजनों ने बच्ची का शव उनके घर के पास नाले में मिला। पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ कि दुष्कर्म के बाद बच्ची की गला घोंटकर हत्या की गई है।  लापरवाही बरतने वाले एएसआई सहित सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।
किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा : दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। बच्ची को वापस तो नहीं ला सकते, लेकिन परिवार को न्याय दिलाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। - कमलनाथ, मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री व गृहमंत्री इस्तीफा दें : उज्जैन और भोपाल में मासूम बच्चियों के साथ हुई घटनाओं ने प्रदेश को शर्मसार कर दिया है। कांग्रेस का राज अब जंगलराज में तब्दील हो गया है। मुख्यमंत्री व गृहमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। -गोपाल भार्गव, नेता प्रतिपक्ष
कब तक जिंदा रहेंगे ये दरिंदे : पिछली सरकार ने 4 दिसंबर 2017 में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म के मामलों में आरोपियों को फांसी की सजा का कानूनी प्रावधान किया था। कानून बनने के बाद अब तक 26 लोगों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है, लेकिन सभी मामले अब हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति के पास लंबित हैं।

पांच साल की मासूम बच्ची की लाश को शिप्रा नदी में फेंक दिया था
पुलिस ने 70 लोगों से पूछताछ के बाद आरोपी खोज निकाला
उज्जैन. पांच साल की बालिका से ज्यादती के बाद उसकी निर्ममता से हत्या कर लाश को शिप्रा नदी में फेंकने वाले दरिंदे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी परिचित ही निकला, जो पड़ोसी है। रात में सोती हुई बच्ची को वह कमरे से उठाकर ले गया था। पुलिस ने ईंट-भट्‌टे पर काम करने वाले 70 लोगोें से पूछताछ कर परिचित आरोपी को खोजा।
उसने स्वीकारा कि वह मोबाइल पर अश्लील वीडियो देखता और नशा भी करता था। इसी कारण बच्ची को उठा ले गया। ज्यादती के दौरान वह जाग गई और पहचान लिया, इस कारण उसकी हत्या की। भूखीमाता के समीप स्थित ईंट-भट्‌टे पर काम करने वाले आगर के आवर गांव निवासी मजदूर दंपती की बच्ची से पड़ोस में रहने वाले मजदूर के 18 साल के बेटे शिवा राव मराठा ने दरिंदगी की थी। शनिवार को पुलिस ने आरोपी को पकड़ने का खुलासा किया। आरोपी ने स्वीकारा कि बच्ची पर ईंट से हमला कर चेहरा खराब किया व शव नदी में इसलिए फेंका ताकि वह पानी में ज्यादा समय तक रहे तो पहचान नहीं हो सके।
एसपी सचिन अतुलकर ने बताया सनसनीखेज प्रकरणों में इस केस को शामिल किया है, इसकी फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई होगी। सोमवार तक चालान पेश कर एक सप्ताह में आरोपी को सजा दिलाने का प्रयास भी करेंगे। इस तरह के प्रकरण में मृत्युदंड का प्रावधान है।

भोपाल . प्रदेश के कई हिस्सों में अघोषित कटौती शनिवार को भी जारी रही। सरकार ने लापरवाही बरतने वाले तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इंदौर संभाग के अधीक्षण यंत्री के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई का नोटिस जारी किया गया है। इधर, कटौती से नाराज लोगों का गुस्सा अब हिंसक हो गया है। हाेशंगाबाद में शुक्रवार रात 50 से ज्यादा लोग कांग्रेस पार्षद लोकेश गोगले के साथ जेई के पास पहुंचे और उन्हें पीट-पीट कर लहूलुहान कर दिया। इसके बाद सप्लाई पैनल से बंद कर दी।
इस कारण शुक्रवार रात पूरे होशंगाबाद में ब्लैक आउट रहा। शनिवार को पार्षद गोगले, उनके भाई सहित 35 अज्ञात लाेगाें पर पुलिस ने केस दर्ज किया। विधि मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि बाबई में एई द्वारा लापरवाही करने का मामला सामने आया है। इस संबंध में ऊर्जा मंत्री को भी जानकारी दी गई है। बिजली कटौती करने से संबंधित आडियो वायरल होने के मामले मेंं  शर्मा ने कहा कि सायबर सेल को जांच के लिए कहा गया है। इस मामले में अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। अब तक यह पता नहीं चल सका है कि यह ऑडियो कहां से वायरल हुआ था और जिन दो लोगों में बात हाे रही है वे कौन हैं।
अघोषित विद्युत कटौती रोकने में लापरवाही बरतने के आरोप में सरकार ने मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के सनावद (शहर) वितरण केन्द्र के सहायक यंत्री महेंद्र कुमार नीम, सरदारपुर वितरण केंद्र के कनिष्ठ यंत्री सुनील मिश्रा और मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सिरोंज (शहर) वितरण केन्द्र के सहायक प्रबंधक राजनारायण शर्मा को विद्युत प्रदाय विनियमन निलंबित कर दिया है। इंदौर (शहर) के अधीक्षण यंत्री अशोक शर्मा को इंदौर में विद्युत प्रवाह के अव्यवस्थित होने से परेशान उपभोक्ताओं के द्वारा संपर्क करने पर फोन रिसीव नहीं करने, उपभोक्ताओं की शिकायतों की सुनवाई और समय पर निराकरण नहीं करने पर एक वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई का नोटिस जारी किया गया।
जमीनी हालत बताए, खराब उपकरण लगाने की बात : मप्र मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 17 टीमों द्वारा सब स्टेशनों के निरीक्षण का पत्र सामने आया है। इसमें कहा गया है कि सब स्टेशनों पर लगे 33 और 11 केवी के एबी स्वीच,आइसोलेटर बहुत खराब अवस्था में हैं। सब स्टेशनों पर अर्थिंग मानक स्तर की नहीं पाई गई। वायर में जंग लगा हुआ पाया गया और जगह-जगह जोड़ पाए गए। ढीले और खराब जंपर पाए गए। इनकी वाइडिंग भी ठीक से नहीं की गई। जंपर के लिए उचित साइज के तारों का उपयोग भी नहीं किया गया। कांग्रेस का आरोप है कि पिछली सरकार मे घटिया उपकरणों का उपयोग किया गया इस वजह से ऐसी स्थिति बन रही है।

झाबुआ : जिले में कस्बों में करीब 2 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 3 से 4 घंटे अघोषित बिजली कटौती की जा रही है।
देवास : जिले में बिजली कंपनी का मेंटेनेंस चल रहा है। जहां भी काम किया जाता है एक दिन पहले सूचना दी जाती है। काम होते ही सप्लाई चालू कर दिया जाता है।
धार : धार में मेंटेनेंस के नाम पर तीन से चार घंटे की कटौती की जा रही है। इसके अलावा भी बिजली दिन और रात में कई बार ट्रिप हो रही है।

इंदौर में पैसा लेकर दे रहा था गुणवत्ता का ठप्पा
इंदौर | हम आईएसआई का ठप्पा देखकर ही वस्तुएं खरीदते हैं, लेकिन यह ठप्पा रिश्वत लेकर दिया जा रहा है। शनिवार को लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई से इसका खुलासा हुआ। लोकायुक्त पुलिस ने भाेपाल स्थित भारतीय मानक ब्यूरो के आंचलिक कार्यालय में पदस्थ वैज्ञानिक (बी वर्ग) अरुण कुमार शंखवार को आईएसआई मार्क देने के एवज में 10 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा।
शंखवार ने इंदौर के सांवेर रोड सेक्टर एफ में दवा फैक्टरी के मालिक से साफ-सफाई की दवाओं को मार्क देने के बदले में 50 हजार रुपए मांगे थे। शंखवार फैक्टरी के निरीक्षण के दौरान पहली किस्त के रूप में 10 हजार रुपए ले रहे थे, तभी लोकायुक्त डीएसपी प्रताप सिंह बघेल और उनकी टीम ने उन्हें पकड़ लिया।
फैक्टरी पर आकर ली रिश्वत : शुक्रवार शाम को शंखवार का फोन आया तो अजमेरा ने कहा कि आप फैक्टरी पर निरीक्षण के लिए आ जाइए, यहीं पैसे दे देंगे। सुबह 10 बजे फैक्टरी पहुंचे शंखवार ने कहा कि पानी के लाइसेंस के लिए तो हम दो-दो लाख लेते हैं, आप से तो 50 हजार ही ले रहे हैं। फिर पहली किस्त के रूप में 10 हजार रुपए देना तय हुआ। जैसे ही शंखवार ने यह रकम बैग में रखी, उसे पकड़ लिया गया।

भोपाल. मध्‍य प्रदेश की 15वीं विधानसभा का 19 दिवसीय मानसून सत्र 8 जुलाई से शुरू हो रहा है, ये 26 जुलाई तक चलेगा। इसे अब तक का सबसे छोटा बजट सत्र माना जा रहा है। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने इस पर सवाल खड़े किए हैं। नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को चिट्ठी लिखकर विधानसभा के मानसून सत्र की अवधि बढ़ाए जाने की मांग की है।
उन्होंने लिखा, "मैं आपको अवगत कराना चाहता हूं कि पूर्व में संपन्न हुए विधानसभा के बजट सत्रों की समयावधि कम से कम 5 सप्ताह रखी जाती रही है। विधानसभा में बजट सत्र ही ऐसा सत्र होता है, जिसमें प्रदेश के जन हितैषी मुद्दों पर व्यापक चर्चा होती है। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही सरकार की खामियों को गिनाने का काम करते हैं।"
विधानसभा सत्रों का दिया हवाला :
गोपाल भार्गव ने पत्र में मुख्यमंत्री को बीते सालों में हुए विधानसभा सत्रों का उदाहरण दिए हैं। जिसमें विधानसभा बजट सत्रों की समयावधि कम से कम पांच सप्ताह रखी जाती रही है। उन्होंने कहा है कि 8 से 26 जुलाई तक आहूत बजट सत्र में मात्र 15 बैठकें होंगी। इसमें भी पहला दिन श्रद्धांजलि में चला जाता है। कुल 14 बैठकों में सदस्य विभिन्न विभागों के बजटे पर चर्चा करेंगे या जनता के मुद्दों को उठाएंगे ये बड़ा सवाल है।
2002 से अब तक हुए विधानसभा सत्र :
भार्गव ने लिखा कि 2002 में 51 दिन, 2003 में 47 दिन, 2004 में 37 दिन, 2010 में 33 दिन, 2011 में 40 दिन, 2012 में 39 दिन, 2013 में 30 दिन, 2004 में 29 दिन, 2015 में 24 दिन, 2016 में 39 दिन, और 2017 में 22 दिन की समयावधि रही है। उन्होंने कहा कि 15वीं विधानसभा को गठित हुए छह माह की समयावधि पूर्ण हो चुकी है और इस दौरान प्रदेश में अनेक ज्वलंत समस्याएं उत्पन्न हो गई है, लेकिन स्तर बुलाकर चर्चा नहीं कराई गई।
5 सप्ताह की समयावधि की मांग :
वहीं बजट सत्र की अवधि से प्रतीत होता है सरकार मात्र 15 दिवस में सभी शासकीय और अशासकीय कार्य निपटा लेना चाहते हैं, जो कि व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस बजट स्तर की कार्रवाई की अवधि बढ़ाकर कम से कम पांच सप्ताह अर्थात 25 कार्य दिवस करने की मांग की है।

जबलपुर, मलाजखंड, मंडला एवं नरसिंहपुर में बीती रात बारिश होने से गर्मी से मामूली राहत मिली है
प्रदेश के विंध्य, बुंदेलखंड, महाकौशल, मालवा निमाड़ के शहर भीषण गर्मी से तप रहे हैं
भोपाल. प्रदेश में भीषण गर्मी का कहर जारी है। दिन के अलावा अब रातें भी बेहद तप रहीं हैं। हालात ये हैं कि ज्यादातर शहरों में रात का तापमान सामान्य से 4 से 6 डिग्री तक ज्यादा है। राजधानी में रात का तापमान 31.6 डिग्री दर्ज किया गया।ये सामान्य से छह डिग्री ज्यादा रहा। होशंगाबाद, खजुराहो, दमोह, नौगांव समेत अन्य शहरों में भी रातें ऐसी ही तप रही हैं। शिवपुरी में रात का तापमान सबसे ज्यादा 36 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। 
राजधानी में शनिवार को भी पारे की चाल तेज बनी हुई है। सुबह 11.30 बजे तापमान 41.6 डिग्री दर्ज किया गया। शुक्रवार को सुबह 11.30 बजे भी तापमान इतना ही रहा था। प्रदेश के विंध्य, बुंदेलखंड, महाकौशल, मालवा निमाड़ के शहर भीषण गर्मी से तप रहे हैं। इधर, जबलपुर, मलाजखंड, मंडला एवं नरसिंहपुर में बीती रात बारिश होने से गर्मी से मामूली राहत मिली है।
ऑल टाइम रिकार्ड के लिहाज से अब तक का तीसरा सबसे गर्म दिन
शहर में शुक्रवार काे दर्ज 45.9 डिग्री तापमान जून में सबसे ज्यादा और ऑल टाइम रिकार्ड के लिहाज से अब तक का तीसरा सबसे गर्म दिन है। इससे पहले भाेपाल में 2016 में 20 मई काे दिन का तापमान 46.7, 2010 में 25 मई काे 46.0 डिग्री दर्ज किया गया था। इसके बाद 7 जून 2009 यानी शुक्रवार काे तापमान 45.9 डिग्री दर्ज किया गया। इसके अलावा भाेपाल में अप्रैल, मई और जून में इनसे ज्यादा तापमान कभी दर्ज नहीं किया गया।
शहर में ऐसा पहली बार : मई में भी कभी तापमान लगातार तीन दिन 45 डिग्री से ज्यादा नहीं रहा। पिछले साल मई में सिर्फ दाे बार 28 और 30 तारीख काे तापमान 45.3 डिग्री दर्ज किया गया था। अभी बुधवार काे 45.4 गुरुवार काे 45.3 और शुक्रवार काे 45.9 यानी लगातार तीन दिन पारा 45 डिग्री पार रहा। ऐसा पहली बार हुआ है।
क्याें चल रही है ऐसी सूखी- गर्म हवा
वरिष्ठ माैसम वैज्ञानिक एके शुक्ला का कहना है कि भाेपाल में इस बार प्री मानसून गतिविधि 19 फीसदी कम रही। चक्रवात और या प्रति चक्रवात के जरिए अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से जाे नमी मिलना चाहिए इसका पूरी तरह अभाव रहा। इसका असर यह हुआ कि हवा में सूखापन ज्यादा रहने से तापमान लगातार बढ़ता रहा। भाेपाल और उसके आसपास के इलाकाें में इसका प्रभाव ज्यादा रहा।

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