प्रधानमंत्री मोदी- आप सभी 'विश्व नदी दिवस' मनाएं Featured

नई दिल्‍ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक बार फिर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए राष्‍ट्र को संबोधित करेंगे. मन की बात के 81वें संस्‍करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खूंटी की महिलाओं से बात करेंगे. इन महिलाओं ने बांस की कारीगरी से दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है. बता दें कि मन की बात के 81वें संस्‍करण ऐसे समय में आ रहा है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका से अपनी तीन दिन की यात्रा पूरी कर भारत लौट रहे हैं. प्रधामनंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 76वें सत्र को संबोधित किया था. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि पीएम मोदी इस बार मन की बात कार्यक्रम के जरिए कई अंतरराष्‍ट्रीय महत्‍व के मुद्दों पर देश का ध्‍यान केंद्रित कर सकते हैं. इसके साथ ही आने वाले त्‍योहारों को देखते हुए कोरोना के खतरे से देश की जनता को करेंगे आगाह.

आजकल एक विशेष E-ऑक्शन, ई-नीलामी चल रही है. ये इलेक्ट्रॉनिक नीलामी उन उपहारों की हो रही है, जो मुझे समय-समय पर लोगों ने दिए हैं. इस नीलामी से जो पैसा आएगा, वो ‘नमामि गंगे’ अभियान के लिए ही समर्पित किया जाता है. देश भर में नदियों को बचाने की यही परंपरा, यही प्रयास, यही आस्था हमारी नदियों को बचाए हुए है.
मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, देश भर में नदियों को बचाने की यही परंपरा, यही प्रयास, यही आस्था हमारी नदियों को बचाए हुए है. हिंदुस्तान के किसी भी कोने से जब ऐसी खबरें मेरे कान पे आती हैं तो ऐसे काम करने वालों के प्रति एक बड़ा आदर का भाव मेरे मन में जागता है और मेरा भी मन करता है कि वो बातें आपको बताऊँ.
पीएम मोदी ने कहा, कभी भी छोटी बात को छोटी चीज को, छोटी मानने की गलती नहीं करनी चाहिए. छोटे-छोटे प्रयासों से कभी कभी तो बहुत बड़े-बड़े परिवर्तन आते हैं, और अगर महात्मा गांधी जी के जीवन की तरफ हम देखेंगे तो हम हर पल महसूस करेंगे कि छोटी-छोटी बातों की उनके जीवन में कितनी बड़ी अहमियत थी और छोटी-छोटी बातों को ले करके बड़े बड़े संकल्पों को कैसे उन्होंने साकार किया था.
कुछ ही दिन पहले सियाचिन के इस दुर्गम इलाके में 8 दिव्यांग जनों की टीम ने जो कमाल कर दिखाया है वो हर देशवासी के लिए गर्व की बात है. इस टीम ने सियाचिन ग्‍लेशियर की 15 हजार फीट से भी ज्‍यादा की ऊंचाई पर स्थित कुमार पोस्‍ट पर अपना परचम लहराकर वर्ल्‍ड रिकॉर्ड बना दिया है.
सियाचिन ग्लेशियर को फतह करने का ये ऑपरेशन भारतीय सेना के विशेष बलों के veterans की वजह से सफल हुआ है. मैं इस ऐतिहासिक और अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए इस टीम की सराहना करता हूं. यह हमारे देशवासियों के Can Do Culture, Can Do Determination, Can Do Attitude के साथ हर चुनौती से निपटने की भावना को भी प्रकट करता है.
पीएम मोदी ने कहा, आज हम लोगों की ज़िन्दगी का हाल ये है कि एक दिन में सैकड़ों बार कोरोना शब्द हमारे कान पर गूंजता है, सौ साल में आई सबसे बड़ी वैश्विक महामारी, COVID-19 ने हर देशवासी को बहुत कुछ सिखाया है. Healthcare और Wellness को लेकर आज जिज्ञासा भी बढ़ी है और जागरूकता भी. हमारे देश में पारंपरिक रूप से ऐसे Natural Products प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं जो Wellness यानि सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है.
ओडिशा के कालाहांडी के नांदोल में रहने वाले पतायत साहू जी इस क्षेत्र में बरसों से एक अनोखा कार्य कर रहे हैं. उन्होंने डेढ़ एकड़ जमीन पर Medicinal Plant लगाए हैं. यही नहीं, साहू जी ने इन Medicinal Plants को Documentation भी किया है. आज इस कार्य में करीब चालीस महिलाओं की टीम जुटी है और कई एकड़ में एलो वेरा की खेती होती है.ओड़िसा के पतायत साहू जी हों या फिर देवरी में महिलाओं की ये टीम, इन्होंने खेती को जिस प्रकार स्वास्थ्य के क्षेत्र से जोड़ा है, वो एक अपने आप में एक मिसाल है.
पीएम मोदी ने कहा, बच्चो में Medicinal और Herbal Plants के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय ने एक दिलचस्प पहल की है और इसका बीड़ा उठाया है हमारे प्रोफेसर आयुष्मान जी ने. हो सकता है कि जब आप ये सोचें कि आखिर प्रोफेसर आयुष्मान हैं कौन? दरअसल प्रोफेसर आयुष्मान एक कॉमिक बुक का नाम है. इसमें अलग अलग कार्टून किरदारों के जरिए छोटी-छोटी कहानियां तैयार की गई हैं . छोटी-छोटी कहानियां तैयार की गई हैं. साथ ही एलो वेरा, तुलसी, आंवला, गिलॉय, नीम, अश्वगंधा और ब्रह्मी जैसे सेहतमंद मेडिकल प्‍लांट की उपयोगिता बताई गई है.
पीएम मोदी ने कहा, दीनदयाल जी के जीवन से हमें कभी हार न मानने की भी सीख मिलती है. विपरीत राजनीतिक और वैचारिक परिस्थितियों के बावजूद भारत के विकास के लिए स्वदेशी मॉडल के विजन से वे कभी डिगे नहीं . आज बहुत सारे युवा बने-बनाए रास्तों से अलग होकर आगे बढ़ना चाहते हैं. वे चीजों को अपनी तरह से करना चाहते हैं. दीनदयाल जी के जीवन से उन्हें काफी मदद मिल सकती है. इसलिए युवाओं से मेरा आग्रह है कि वे उनके बारे में जरूर जानें.
पीएम मोदी ने कहा, वैक्‍सीनेशन में देश ने कई ऐसे रिकॉर्ड बनाए हैं जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है. इस लड़ाई में हर भारतवासी की अहम भूमिका है. हमें अपनी बारी आने पर वैक्‍सीन तो लगवानी ही है पर इस बात का भी ध्यान रखना है कि कोई इस सुरक्षा चक्र से छूट ना जाए. अपने आस-पास जिसे वैक्‍सीन नहीं लगी है उसे भी वैक्‍सीन सेंटर तक ले जाना है. वैक्‍सीन लगने के बाद भी जरूरी प्रोटोकॉल का पालन करना है. मुझे उम्मीद है इस लड़ाई में एक बार फिर टीम इंडिया अपना परचम लहराएगी.

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