ईश्वर दुबे
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पंजाब | से लेकर छत्तीसगढ़ में आपसी कलह से जूझ रही कांग्रेस को एक और राज्य से बड़ा झटका लगने वाला है। मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा और पूर्वोत्तर पहाड़ी राज्य के करीब एक दर्जन विधायक कांग्रेस का हाथ छोड़कर जल्द ही ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा, जो अब विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं, कांग्रेस लीडरशिप से नाखुश हैं और उन्हें लगता है कि वह पुरानी पार्टी में किनारे कर दिए गए हैं।
बीते दिनों संगमा ने लोकसभा सांसद विंसेंट एच पाला को पार्टी की प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बनाए जाने पर भी नाराजगी जाहिर की थी। इतना ही नहीं, वह मुख्य रूप से गारो हिल्स क्षेत्र के विधायकों के साथ पार्टी के दो प्रमुख कार्यक्रमों से भी दूर रहे थे। संगमा ने इससे पहले कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से उनकी हालिया मुलाकात की खबरों का खंडन किया था।
हालांकि, सुष्मिता देव की मेघालय यात्रा के बाद से इसकी चर्चा बढ़ गई कि संगमा टीएमसी का दामन थामने वाले हैं। बता दें कि अगस्त में ही सुष्मिता देव कांग्रेस छोड़ टीएमसी में शामिल हो गई थीं। अगर संगमा कांग्रेस छोड़ देते हैं, तो कई अन्य विधायक भी पार्टी छोड़ सकते हैं। संगमा मेघालय में तृणमूल नेताओं के साथ बातचीत करने के बाद अंतिम घोषणा कर सकते हैं।
बता दें कि बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के बाद से तृणमूल कांग्रेस भर्ती और सेंधमारी की होड़ में है। ममता बनर्जी ने अपनी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं को स्पष्ट कर दिया है और हाल के दिनों में कई नेता, ज्यादातर कांग्रेस से, तृणमूल कांग्रेस में चले गए हैं। यहां तक कि पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो समेत भाजपा के कुछ नेताओं ने भी टीएमसी में घर वापसी की है। गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता लुइजिन्हो फलेरियो को बुधवार को कोलकाता में टीएमसी में शामिल किया गया।