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राजनीति (6223)

राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी राजनीति की अगुवाई करने की ममता बनर्जी की सियासी महत्वाकांक्षा बंगाल से बाहर गोवा की अपनी पहली ही चुनावी परीक्षा में डांवाडोल होती दिख रही है। पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिनो फेलेरियो सरीखे कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं को तोड़ धूम-धड़ाके के साथ गोवा में तृणमूल कांग्रेस को लांच करने के चार महीने के भीतर ही दीदी को अपनी सियासी प्रतिष्ठा के लिए कांग्रेस से ही गठबंधन की शिद्दत से जरूरत महसूस हो रही है।

दिलचस्प यह है कि तृणमूल कांग्रेस की ओर से गठबंधन के लिए बनाए जा रहे सार्वजनिक दबावों के बावजूद कांग्रेस नेतृत्व ने दीदी को पेशकश का दो हफ्ते बाद भी जवाब देना मुनासिब नहीं समझा है। कांग्रेस गोवा के चुनाव में टीएमसी और उसके सहयोगी साथी एमजीपी के साथ गठबंधन की गुंजाइश से लगातार इन्कार करती आ रही है। गोवा चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रभारी वरिष्ठ नेता पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम पिछले दो हफ्ते से टीएमसी और आप को सूबे में वोट कटवा पार्टी बताते हुए गठबंधन को खारिज करते आ रहे हैं और उनका साफ कहना है कि ये दोनों दल भाजपा विरोधी मतों में सेंध लगाकर कांग्रेस का नुकसान कर रहे हैं। गोवा की टीएमसी की चुनाव प्रभारी महुआ मोइत्रा की चिदंबरम के साथ इस रुख को लेकर टविटर पर कई बार सियासी जंग भी हुई, मगर कांग्रेस नेता सूबे में टीएमसी को वोट कटवा से ज्यादा आंकने को तैयार नहीं दिखे।

भाजपा ने उत्पल पर्रिकर को मनाना शुरू कर दिया है। इसी के साथ ही पार्टी ने उन्हें एक ऑफर भी दिया है। जिसके मुताबिक, पार्टी ने उत्पल पर्रिकर से आग्रह किया है कि वो पणजी से विधानसभा चुनाव लड़ने की जिद छोड़ दें। ऐसे में उन्हें बेहतर मौका दिया जा सकता है।

 

गोवा समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। टिकट न मिलने से नाराज नेताओं ने दल बदलना शुरू कर दिया है। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाराज चल रहे हैं क्योंकि उन्हें अपने पिता की परंपरागत सीट पणजी से विधानसभा चुनाव लड़ना है। हालांकि पार्टी ने उन्हें टिकट दिए जाने को लेकर भरोसे में नहीं लिया, जिससे आहत होकर उन्होंने पणजी में चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। 

भाजपा ने दिया ऑफर

प्राप्त जानकारी के मुताबिक भाजपा ने उत्पल पर्रिकर को मनाना शुरू कर दिया है। इसी के साथ ही पार्टी ने उन्हें एक ऑफर भी दिया है। जिसके मुताबिक, पार्टी ने उत्पल पर्रिकर से आग्रह किया है कि वो पणजी से विधानसभा चुनाव लड़ने की जिद छोड़ दें। ऐसे में उन्हें बेहतर मौका दिया जा सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक भाजपा ने उन्हें पणजी के स्थान पर कहीं और से या फिर राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अहम जिम्मेदारी दिए जाने का ऑफर दिया है।

अतनासियो मोंसेरेट को बताया भ्रष्ट

माना जा रहा है कि भाजपा मौजूदा विधायक अतानासियो मोनसेरेट को ही पणजी से विधानसभा चुनाव लड़ाना चाहती है लेकिन उत्पल पर्रिकर ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है और तो और मौजूदा विधायक को उन्होंने भ्रष्ट बताया है। जिसकी वजह से पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ऐसे में पार्टी ने उन्हें बेहतर विकल्प का मौका दिए जाने की बात कही है। भाजपा उत्पल पर्रिकर को मनाने के लिए परिवार के सदस्यों का भी सहारा ले रही है।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, भाजपा उत्पल पर्रिकर को पणजी से टिकट नहीं देना चाहती है क्योंकि पार्टी ने एक आतंरिक सर्वे कराया था और इस सर्वे के नतीजे बता रहे हैं कि अगर पार्टी ने उत्पल पर्रिकर को टिकट दिया तो शायद वो चुनाव गंवा बैठें। 

केजरीवाल ने किया स्वागत

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि मैं पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का सम्मान करता हूं। अगर उनके पुत्र आम आदमी पार्टी में शामिल होने के इच्छुक हों तो उनका स्वागत है। आपको बता दें कि पणजी सीट का प्रतिनिधित्व मनोहर पर्रिकर ने दो दशक से अधिक समय तक किया था। गोवा में विधानसभा चुनाव 14 फरवरी को होगा। भाजपा और कांग्रेस के अलावा आप तथा तृणमूल कांग्रेस भी चुनाव मैदान में है।

आप के राष्ट्रीय संजोयक अरविंद केजरीवाल ने बताया कि 93.3 फीसदी लोगों ने भगवंत मान का नाम लिया। दूसरे स्थान पर नवजोत सिंह सिद्धू थे जिन्हें 3.6 प्रतिशत वोट मिले। ऐसे में पंजाब में आम आदमी पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा भगवंत मान को बनाया जाता है।

 

मानसा। पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (आप) ने मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा कर दी है। आपको बता दें कि पार्टी की तरफ से भगवंत मान मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे। आप के राष्ट्रीय संजोयक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि पंजाब चुनाव के लिए पार्टी की तरफ से पंजाब के अगले मुख्यमंत्री और पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा औपचारिक रूप से भगवंत मान हैं। इस दौरान भगवंत मान भावुक हो गए और उन्हें पार्टी नेता राघव चड्ढा समेत सभी नेताओं ने बधाई दी। 

केजरीवाल ने बताया कि 93.3 फीसदी लोगों ने भगवंत मान का नाम लिया। दूसरे स्थान पर नवजोत सिंह सिद्धू थे जिन्हें 3.6 प्रतिशत वोट मिले। ऐसे में पंजाब में आम आदमी पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा भगवंत मान को बनाया जाता है। दरअसल, केजरीवाल ने 13 जनवरी को पंजाब की जनता से मुख्यमंत्री पद के लिए अपने पसंदीदा उम्मीदवारों के नाम बताने की अपील की थी। 

इस अभियान के तहत पार्टी को 22 लाख से अधिक लोगों की प्रतिक्रियाएं मिलीं। उस वक्त केजरीवाल ने कहा था कि वह आप सांसद भगवंत मान को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करना चाहते थे, लेकिन मान ने यह फैसला पंजाब की जनता पर छोड़ने पर जोर दिया।

बीजेपी अपने सहयोगी दलों को अहमियत दे रही है और लगातार उनके साथ बैठक कर रही है। पूर्वांचल का किला मजबूत करने की कवायद में जुटी बीजेपी को निषाद पार्टी का ही सहारा है। यही वजह है कि अपना दल (एस) को तवज्यो देने के साथ ही संजय निषाद की पार्टी को राजभर से करीब दोगुना ज्यादा सीटें दे रही है। खुद संजय निषाद भी इस बात की पुष्टि कर रहे हैं।

 

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी रणनीति में थोड़ा बदलाव किया है। बीजेपी की तरफ से अपनी सहयोगी पार्टी निषाद पार्टी को ज्यादा से ज्यादा तवज्यो देने की कोशिश की जा रही है। बीजेपी की योजना निषाद पार्टी को कुछ सीटें देकर पूर्वांचल के किले को फतेह करने की है। यूपी की सियासी तपिश और गड़बड़ाते समीकरण को लेकर बीजेपी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। बीजेपी अपने सहयोगी दलों को अहमियत दे रही है और लगातार उनके साथ बैठक कर रही है। पूर्वांचल का किला मजबूत करने की कवायद में जुटी बीजेपी को निषाद पार्टी का ही सहारा है। यही वजह है कि अपना दल (एस) को तवज्यो देने के साथ ही संजय निषाद की पार्टी को राजभर से करीब दोगुना ज्यादा सीटें दे रही है। खुद संजय निषाद भी इस बात की पुष्टि कर रहे हैं।

फाइनल हो गई निषाद पार्टी की सीट 

निषाद पार्टी के साथ बीजेपी के सीट बंटवारे की चल रही बात पर सहमति बन गई है। 15 विधानसभा सीटों पर संजय निषाद की पार्टी चुनाव लड़ेगी। सूत्रों के अनुसार, यूपी की कटहरी, ज्ञानपुर, शाहगंज, जयसिंहपुर, गोरखपुर ग्रामीण, मेहदावल, तमकुही राज, नौतनवां, अतरौलिया, बारां, हंडिया, तिंदवारी, काल्पी, सकलडीहा, सुआर, जखनिया सीट निषाद पार्टी के खाते में जा सकती है। 

निषाद लगाएंगे बीजेपी की नैया पार 

2019 के चुनाव में बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाने में निषाद पार्टी की अहम भूमिका रही। वहीं 2017 में ओम प्रकाश राजभर संजय निषाद के कारण ही बीजेपी पर ज्यादा दवाब नहीं बना सके थे। बीजेपी से एक-एक कर ओबीसी नेताओं के सपा में शामिल होने से उसका समीकरण बिगड़ रहा था। 2017 में बीजेपी के सहयोगी रहे ओमप्रकाश राजभर भी अब पाला बदल कर अब सपा की साइकिल चला रहे हैं। ऐसे में बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाने में निषाद वोटर अहम भूमिका अदा कर सकते हैं। बीजेपी ने निषाद पार्टी को ज्यादा सीटें देकर पूर्वांचल में सपा की किलेबंदी को रोकने की कोशिश की है।  

यूपी चुनाव का कार्यक्रम

उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 403 सीटें हैं और आयोग ने यहां सात चरणों में मतदान कराने की घोषणा की है जिसकी शुरुआत दस फरवरी से होगी और मतगणना 10 मार्च को होगी। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में राज्य में भाजपा ने 312 और उसके सहयोगियों ने 13 सीटें जीती थीं जबकि सपा को 47, बहुजन समाज पार्टी को 19 और कांग्रेस को सात सीटों पर जीत मिली थीं। भाजपा की सहयोगी अपना दल (एस) को नौ तथा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) को चार सीटों पर जीत मिली। राष्‍ट्रीय लोकदल और निषाद पार्टी का भी एक-एक सीट पर खाता खुला था। बाकी निर्दलीय भी जीते थे।

आपको बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ने जिला गाजियाबाद की साहिबाबाद विधानसभा से पंडित मनमोहन झा को टिकट दिया है। माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के बागी पंडित मनमोहन झा उर्फ गामा को ओवैसी द्वारा टिकट दिए जाने के बाद मुकाबला दिलचस्प हो सकता है।

 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम की एंट्री हो चुकी है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने साफ कर दिया है कि पार्टी ने 100 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इसी के साथ असदुद्दीन ओवैसी ने अब तक उम्मीदवारों की दो सूची जारी कर दी है। पहली सूची में 9 और दूसरी सूची में पार्टी ने 8 उम्मीदवारों का ऐलान किया है। इन दोनों सूची में एकमात्र हिन्दू उम्मीदवार को शामिल किया गया है। ओवैसी के इस फैसले ने सभी को चौंका दिया है। 

आपको बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ने जिला गाजियाबाद की साहिबाबाद विधानसभा से पंडित मनमोहन झा को टिकट दिया है। माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के बागी पंडित मनमोहन झा उर्फ गामा को ओवैसी द्वारा टिकट दिए जाने के बाद मुकाबला दिलचस्प हो सकता है।

 

कौन हैं पंडित मनमोहन झा ?

मुस्लिमों की बात करने वाले ओवैसी ने ब्राह्मण कार्ड खेलकर सभी को चौंका दिया है। आपको बता दें कि पंडित मनमोहन झा बिहार के रहने वाले हैं और वो छोटी उम्र में ही दिल्ली चले आए थे। उनका परिवार बेहद गरीब था और काम की तलाश में उनके परिवार ने दिल्ली का रुख किया था। पंडित मनमोहन झा की शिक्षा की बात करें तो वो महज 10वीं कक्षा तक की स्कूल गए हैं।

समाजवादी पार्टी से बगावत कर पंडित मनमोहन झा ने ओवैसी का थामन थामा था। अखिलेश यादव की पार्टी में रहते हुए उन्होंने कई पदों पर काम किया है। इतना ही नहीं वो जिला उपाध्यक्ष और साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी भी रह चुके हैं। सबसे अधिक मतदाताओं वाली सीट साहिबाबाद के लोग पंडित मनमोहन झा को गामा के नाम से जानते हैं। 

चुनाव लड़ने को तैयार हैं ओवैसी

ओवैसी ने कहा था कि वो पूरी तरह से उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा था कि वह चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों और नियमों का अनुपालन कर रैलियां आयोजित करेंगे। इसी बीच उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि कोरोना की दूसरी लहर में जिस तरह योगी सरकार लापता रही और जनता को अपने हाल पर छोड़ दिया। उत्तर प्रदेश और गोरखपुर में भी शव नदी में तैर रहे थे, मुझे उम्मीद है कि गोरखपुर के लोग इसे याद रखेंगे और योगी आदित्यनाथ के खिलाफ उचित फैसला लेंगे।

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता एन चंद्रबाबू नायडू मंगलवार सुबह हल्के लक्षणों के साथ कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। एन चंद्रबाबू नायडू ने अपने संपर्क में आने वाले सभी लोगों से जल्द से जल्द कोरोना टेस्ट करवाने की अपील की है। पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्विटर के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि उनका कोरोना टेस्ट पाजिटिव पाया गया है। उन्होंने खुद को होम क्वारंटाइन कर लिया है और वह कोरोना के पूरी सावधानी बरत रहे हैं। उन्होंने ट्विटर के माध्यम से सभी लोगों से कोरोना के प्रति पूरी सावधानी बरतने का आग्रह करते हुए लोगों से अपना ध्यान रखने की अपील भी की है।

अमृतसर। पंजाब विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद सियासी हलकों का पारा चढ़ गया है। पार्टी प्रत्याशी मतदाताओं को रिझाने, लुभाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। इस बीच चुनाव आयोग की निगाहें भी इन पर हैं। चुनावी रैलियों व जनसभाओं पर रोक की वजह से अब प्रत्याशियों के पास अपनी बात रखने का इंटरनेट मीडिया विकल्प है। प्रत्याशी मतदाताओं को अपनी सोशल साइट्स पर जोड़कर अपनी बात उन तक पहुंचाने को प्रयासरत हैं। इसमें पाया कि नवजोत सिंह सिद्धू ही इंटरनेट मीडिया पर अधिक सक्रिय हैैं और उन्हीं के सर्वाधिक ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पेज पर फालोअर्स हैं। बता दें कि पंजाब में 20 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। परिणाम दस मार्च को घोषित किए जाएंगे।

नवजोत सिंह सिद्धू, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष

विधानसभा हलका पूर्वी से प्रत्याशी

मणिपुर में सत्तारूढ़ भाजपा विधानसभा चुनाव में इस बार अपने दम पर ताकत दिखाने को तैयार है। भाजपा ने 2017 में सहयोगी दलों और निर्दलियों की मदद से पहली बार सत्ता का स्वाद चखा था, लेकिन केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक और मणिपुर चुनाव के लिए भाजपा के प्रभारी अशोक सिंघल ने संकेत दिए हैं कि भगवा पार्टी इस बार अपने दम पर चुनाव लड़ने को तैयार है। हालांकि, भौमिक और सिंघल दोनों ने चुनाव पूर्व गठबंधन की संभावना को पूरी तरह से खारिज नहीं किया।

मणिपुर चुनावों के लिए जल्द ही होगी चुनावों की घोषणा

केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक ने भी कहा कि केंद्रीय नेता जल्द ही मणिपुर चुनावों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करेंगे। मणिपुर में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता आगामी चुनावों में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से सक्रिय हैं। पार्टी अपने दम पर बहुमत हासिल करेगी।बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया था। भगवा पार्टी, जिसने 21 सीटें हासिल की थीं, ने गठबंधन की सरकार बनाई।

 

नई दिल्ली.राज्य सरकार ने 15 दिसंबर के ओबीसी के लिए 27 फीसद आरक्षण रद करने के फैसले को लेकर यह अर्जी दायर की है। इसमें फैसला वापस लेने की मांग की गई है। अब सुप्रीम कोर्ट 19 जनवरी को महाराष्ट्र सरकार की इस याचिका पर सुनवाई करेगा।महाराष्ट्र में स्थानीय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण के मामले में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है। राज्य सरकार ने 15 दिसंबर के ओबीसी के लिए 27 फीसद आरक्षण रद करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर यह अर्जी दायर की है। इसमें फैसला वापस लेने की मांग की गई है। अब सुप्रीम कोर्ट 19 जनवरी को महाराष्ट्र सरकार की इस याचिका पर सुनवाई करेगा। केंद्र पहले ही इस मामले में आदेशों को वापस लेने या संशोधन करने की मांग को लेकर अर्जी दाखिल कर चुका है।

 

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) प्रमुख शिवपाल यादव ने अपर्णा यादव को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें समाजवादी पार्टी में ही रहना चाहिए और पार्टी के लिए काम करना चाहिए। दरअसल, अपर्णा यादव के भाजपा में जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि अपर्णा यादव लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं।

 

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव के भाजपा में जाने की अटकलों पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) प्रमुख शिवपाल यादव ने उन्हें नसीहत दी। उन्होंने कहा कि अपर्णा को अभी सपा में ही रहना चाहिए और पार्टी के काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए पहले काम करें और फिर टिकट की उम्मीद करें। 

दरअसल, पिछले कुछ वक्त से अपर्णा यादव के भाजपा में जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि अपर्णा यादव लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं। लेकिन इस सीट से भाजपा के कई दावेदार हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में अपर्णा यादव ने इसी सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी। इसके बावजूद वो लगातार लखनऊ कैंट इलाके में सक्रिय रहीं और उनकी पहचान एक समाजिक कार्यकर्ता के रूप में होने लगी।

पिछला विधानसभा चुनाव हारने के बाद अर्पणा यादव के कई बार भाजपा में जाने की अटकलें लगाई गईं और उन्होंने इसका खंडन भी किया था लेकिन इस बार उनका जाना लगभग तय माना जा रहा है क्योंकि उनके पिता भाजपा में शामिल हो गए हैं।

अपर्णा यादव जिस सीट से टिकट चाहती हैं भाजपा के लिए वह देना आसान नहीं होगा क्योंकि कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुईं रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे को इस सीट से चुनाव लड़वाना चाहती हैं और उन्होंने पार्टी से अपने बेटे के लिए लखनऊ कैंट का टिकट मांगा है और अगर ऐसा नहीं होता है तो रीता बहुगुणा जोशी के रूप में पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है। क्योंकि उनके सपा के साथ संपर्क में होने की अटकलें हैं। 

सपा के चिह्न पर उम्मीदवार उतारेंगे शिवपाल

शिवपाल ने अपने भतीजे अखिलेश के साथ चुनावी गठबंधन कर लिया है। ऐसे में शिवपाल के उम्मीदवार सपा के चुनाव चिह्न पर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इतना ही नहीं सीट शेयरिंग फॉर्मूला भी तय हो चुका है।

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