राजनीति

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श्रीनगर | जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार को दक्षिण कश्मीर के बिजबेहरा कस्बे में दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद की पुण्यतिथि पर एक जनसभा आयोजित करने को लेकर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के 10 नेताओं और कार्यकतार्ओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। बिजबेहरा पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) और 269 (गैरकानूनी या लापरवाही से जीवन के लिए खतरनाक किसी भी बीमारी के संक्रमण को फैलाने की संभावना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

कार्यपालक दंडाधिकारी (तहसीलदार) के निर्देश पर संबंधित थाने के थाना प्रभारी के तहत मामला दर्ज किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सहित पीडीपी नेताओं ने शुक्रवार को पीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद की 6वीं पुण्यतिथि पर बिजबेहरा शहर में एक सार्वजनिक रैली में भाग लिया था। पुलिस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए, महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्विटर पेज पर कहा, कोविड-19 प्रतिबंध केवल पीडीपी पर लागू होते हैं। यह कल कश्मीर में भाजपा के विरोध, पंजाब में पीएम की रैली या सामूहिक पूजा में सैकड़ों लोगों ने उनकी सुरक्षा के लिए प्रार्थना की, उनके लिए लागू नहीं होते हैं।

नई दिल्ली| चुनाव आयोग ने शनिवार को पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीख की घोषणा कर दी है। आगामी चुनाव भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं और भगवा पार्टी चार राज्यों - उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में सत्ता में है, जबकि कांग्रेस पंजाब राज्य में शासन कर रही है।

भाजपा की सबसे बड़ी चुनौती न केवल इन चार राज्यों को बनाए रखना है, बल्कि पंजाब में भी अपनी राजनीतिक उपस्थिति दर्ज कराना है, जहां भगवा पार्टी अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव सिंह ढींडसा की शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ संयुक्त रूप से चुनाव लड़ रही है।

सत्तारूढ़ भाजपा चार राज्यों को बनाए रखने और पंजाब को जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है, क्योंकि यह चुनाव अगले आम चुनावों के लिए देश में एक राजनीतिक माहौल स्थापित करेंगे।

उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में भाजपा की हार विपक्ष को मजबूत करेगी और विपक्षी एकता को भी मजबूत करने का काम करेगी। इसी तरह, उत्तर प्रदेश को बनाए रखने से अगले आम चुनावों के लिए भाजपा की संभावना बढ़ जाएगी।

उत्तर प्रदेश में 10, 14, 20, 23 और 27 के साथ ही 3 मार्च और 7 मार्च को सात चरणों में मतदान होगा।

एक भाजपा नेता ने कहा, यह हमेशा माना जाता है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम लोकसभा चुनावों के लिए टोन सेट करेंगे। इसी तरह, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव इस बार भी भाजपा के पक्ष में या इसके खिलाफ 2024 के आम चुनाव में एजेंडा सेट करेंगे। 403 विधानसभा और 80 लोकसभा सीटों के साथ सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश राजनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है।

भाजपा विपक्ष के तमाम आरोपों का जवाब देने को तैयार है। राज्य सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर वाले फैक्ट के अलावा विपक्ष कई मुद्दों पर सत्ताधारी पार्टी को घेर रहा है, जिसमें दूसरी लहर के दौरान कोविड कुप्रबंधन, किसानों का विरोध और बेरोजगारी आदि शामिल है। हालांकि भाजपा आक्रामक रूप से राज्य के विकास पर जोर देने वाले विकासात्मक मुद्दों पर अडिग है और उसका कहना है कि डबल इंजन सरकार से राज्य का और अधिक विकास संभव होगा।

हालांकि, भाजपा का दावा है कि उनके किसी भी राज्यों में सरकार के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है। पार्टी की ओर से पिछले पांच वर्षों में पूरी की गई कई ढांचागत परियोजनाओं और कल्याणकारी उपायों पर प्रकाश डाला गया है।

2017 के चुनावों में, भाजपा ने 403 सदस्यीय विधानसभा में 325 सीटें जीतकर अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ उत्तर प्रदेश में जीत हासिल की थी। समाजवादी पार्टी (सपा) इस बार बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभर रही है। भगवा पार्टी भी सपा-रालोद गठबंधन को लेकर थोड़ा चिंतित है, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उसके खिलाफ काम कर सकता है।

बीजेपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी का दावा है कि लोगों ने पहले ही उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार चुनने का फैसला कर लिया है। उन्होंने कहा, जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में हमें जो प्यार और आशीर्वाद मिला, वह स्पष्ट रूप से दिखा रहा है कि लोगों ने राज्य के निर्बाध विकास को जारी रखने के लिए भाजपा सरकार को चुनने का मन बना लिया है।

विवादास्पद तीन कृषि कानूनों पर 2020 में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के साथ गठबंधन के समाप्त होने के बाद, भाजपा पंजाब में राजनीतिक आधार हासिल करने के लिए आक्रामक रूप से प्रचार कर रही है। भगवा पार्टी के नेताओं का मानना है कि पंजाब लोक कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) राज्य में राजनीतिक लाभ कमाएंगे। परिणाम यह भी दिखाएगा कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने से पंजाब में भाजपा और उसके गठबंधन सहयोगी को फायदा हुआ या नहीं।

गोवा में, जहां भाजपा 10 साल से सत्ता में है और अपने सबसे बड़े नेता मनोहर पर्रिकर की मृत्यु के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेगी, आम आदमी पार्टी (आप), कांग्रेस और नवोदित तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से चुनौती का सामना कर रही है।

उत्तराखंड में चार महीने में तीन मुख्यमंत्रियों को बदलने से भाजपा को फायदा हुआ या नहीं, यह विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद पता चलेगा। मार्च में बीजेपी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया था। जुलाई में तीरथ सिंह की जगह पुष्कर सिंह धामी ने ले ली। बीजेपी ने उत्तराखंड में अगले विधानसभा चुनाव में 60 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 57 सीटों पर जीत हासिल की थी।

पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान होगा।

भाजपा पिछले पांच वर्षों में विकास के मुद्दे के अलावा बंद नाकाबंदी मुक्त राज्य के मुद्दों पर मणिपुर को बनाए रखने की कोशिश कर रही है। भाजपा ने 2017 के मणिपुर विधानसभा चुनावों में 60 में से 21 सीटें जीती थीं और क्षेत्रीय दलों के समर्थन से सरकार बनाई थी।

मणिपुर में दो चरणों में 27 फरवरी को मतदान होगा।

नई दिल्ली | कोविड संकट के बीच पांच राज्यों में चुनाव होने हैं। इस बीच चुनाव आयोग ने शनिवार को कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी को 15 जनवरी तक रोड शो, वाहन रैली और पदयात्रा की अनुमति नहीं है। कोरोना के बढ़ते मामलों और ओमिक्रॉन वैरिएंट के प्रकोप के बीच चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक पार्टियों को वर्चुअल (ऑनलाइन) मोड में अभियान चलाने की सलाह भी दी। चुनाव आयोग ने कहा कि उनका लक्ष्य व्यापक तैयारी के साथ 5 राज्यों में कोविड-सुरक्षित चुनाव कराना है। चुनाव आयोग ने शनिवार दोपहर की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।

देहरादून| उत्तराखंड के साथ ही देश के अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर आज 3.30 बजे चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान करने वाला है। साथ ही आचार संहिता भी लागू हो जायेगी। ऐसे में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की क्या प्रतिक्रिया है आपको बताते हैं।

"कांग्रेस बड़ी उत्सुकता से चुनाव की तारीखों का इंतजार कर रही है ताकि आचार संहिता प्रभावी हो सके और भाजपा जो आचार संहिता का उल्लंघन दर उल्लंघन करती जा रही है, उल्टी सीधी घोषणाएं कर रही है, आदेश कर रही है, इन सबसे राज्य को निजात मिल जाएगी, इसलिए हम बहुत उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं, और सबसे बड़ी बात आचार संहिता लगने के बाद भाजपा की विदाई की घंटी बज जाएगी।"

तैयारियां को लेकर हरीश रावत ने कहा कि हमारी तैयारियां मुकम्मल हैं और कांग्रेस चुनाव के लिए तैयार है।

सह प्रभारी दीपिका पांडे का कहना है कि चुनाव आयोग जो निर्णय लेगा हम उसके लिए तैयार हैं, और कांग्रेस की तैयारियां चुनाव को लेकर पूरी है। लगभग हर राज्य में कांग्रेस चुनाव को लेकर तैयार है।

 

नई दिल्ली | राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले को 31 जनवरी को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े उत्पीड़न मामले के संबंध में अध्यक्ष विजय सांपला के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है। आयोग ने याचिकाकर्ता को सुनवाई के दिन आयोग में मौजूद रहने को भी कहा है। पुलिस आयुक्त को लिखित समन जारी करते हुए, एनसीएससी के निदेशक कौशल कुमार ने गुरुवार को कहा, "अध्यक्ष विजय सांपला ने आपके साथ, व्यक्तिगत रूप से, 31 जनवरी को सुबह 11 बजे लोकनायक भवन, नई दिल्ली में अपने कक्ष में एक बैठक तय की है।"

इसके अनुसार, "आपको व्यक्तिगत रूप से एक अद्यतन कार्रवाई रिपोर्ट और संबंधित फाइलों, केस डायरी सहित सभी प्रासंगिक दस्तावेजों के साथ सुनवाई की सुविधा के लिए पेश होना है।" एनसीएससी ने आगे राज्य सरकार से इस मामले में तब तक अंतिम निर्णय नहीं लेने की सिफारिश की जब तक कि उसके पास जांच लंबित न हो। एनसीएससी के निदेशक ने एक आधिकारिक पत्र में कहा, "मामले की जांच आयोग में लंबित होने तक राज्य सरकार द्वारा इस मामले में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जाना है। यह आयोग के प्रक्रिया नियम खंड 7.2 के अनुसार है।"

एनसीबी के मुंबई जोनल डायरेक्टर वानखेड़े आर्यन खान मामले के सिलसिले में सुर्खियों में रहे हैं और हाल ही में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने उन पर जाति प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया था। हालांकि, एनसीएससी वानखेड़े की शिकायत की जांच कर रहा है कि उसे झूठे मामले में फंसाया जा रहा है। वानखेड़े ने आयोग को पत्र लिखकर राकांपा मंत्री मलिक द्वारा किए गए 'खुलासे' के बाद उत्पीड़न का आरोप लगाया था। मंत्री ने आरोप लगाया था कि वानखेड़े एक मुस्लिम थे और उन्होंने अनुसूचित जाति से होने का दावा करते हुए नौकरी हासिल की थी। मलिक ने आरोप लगाया था कि वानखेड़े के पिता का नाम दाऊद था न कि ज्ञानदेव। वहीं वानखेड़े ने सभी आरोपों से इनकार किया है।

 


नई दिल्ली | दिल्ली में बारिश के बाद वायु गुणवत्ता में शुक्रवार को काफी सुधार हुआ। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 149 दर्ज होने के साथ ही 'मध्यम' श्रेणी में आ गया है। ये जानकारी सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) ने दी। वहीं, पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों का स्तर मध्यम श्रेणी में आ गया है। वायु गुणवत्ता और मौसम बुलेटिन के अनुसार, "हवा की गुणवत्ता में और सुधार होने और 8 जनवरी को मध्यम श्रेणी में रहने की संभावना है जबकि हवा की गुणवत्ता 9 जनवरी को मध्यम से खराब श्रेणी में रहने की संभावना है।"

हालांकि, बाद में हवा की गुणवत्ता काफी हद तक खराब श्रेणी में रहने की संभावना है। बुलेटिन के अनुसार, "हवा दिल्ली की दक्षिणपूर्व दिशा से आने की संभावना है। हवा की गति 08-15 किमी प्रति घंटे होगी और आमतौर पर बादल छाए रहेंगे। शुक्रवार को बहुत हल्की बारिश/बूंदा बांदी होगी, जो दिल्ली की दक्षिणपूर्व दिशा से 12-18 हवा की गति के साथ आएगी। 8 जनवरी को आमतौर पर बादल छाए रहने के साथ किमी प्रति घंटे बहुत हल्की बारिश से मध्यम बारिश/गरज के साथ तेज हवाएं (30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार) के साथ चलेंगी।" प्रमुख सतही हवा दिल्ली के उत्तर-पश्चिम दिशा से 05-08 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी जबकि आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है। 9 जनवरी की सुबह बहुत हल्की बारिश/ बूंदा बांदी, कोहरा होने की संभावना है।

कांग्रेस नेता उदित राज ने खबरों से जुड़ी एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया कि भाजपाई नेता जब कांग्रेस पार्टी पर बिना किसी सबूत के 'खूनी इरादे' जैसे अनर्गल आरोप लगा सकते हैं तो प्रधानमंत्री जी से पुलवामा कांड पर सवाल क्यों नहीं किया जा सकता ?

 

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक मामले पर कांग्रेस नेता उदित राज का विवादित बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की नौटंकी ने अब पुख्ता कर दिया कि सत्ता की भूख के लिए पुलवामा कांड खुद कराया। हालांकि इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पलटवार किया। दरअसल, पंजाब दौरे पर गए प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा चूक का बड़ा मामला सामने आया था। जिसके बाद भाजपा और कांग्रेस आमने सामने है। इसी कड़ी पर अब उदित राज का बयान आया है।  

 

 

भाजपा ने किया पलटवार

 

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पलटवार करते हुए कहा कि उदित राज जब भाजपा में थे कांग्रेस पर आरोप लगाते थे और अब कांग्रेस में चले गए तो भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के इशारे पर कांग्रेस नेता ऐसे बयान दे रहे हैं। मैं कह सकता हूं कि राहुल गांधी चीन से पैसा लेते हैं और सोनिया गांधी को पाकिस्तान से निर्देश मिलते हैं लेकिन बिना सबूत के हम किसी पर अनर्गल आरोप नहीं लगाते हैं।

 

फिर क्या बोले उदित राज ?

 

कांग्रेस नेता उदित राज ने खबरों से जुड़ी एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया कि भाजपाई नेता जब कांग्रेस पार्टी पर बिना किसी सबूत के 'खूनी इरादे' जैसे अनर्गल आरोप लगा सकते हैं तो प्रधानमंत्री जी से पुलवामा कांड पर सवाल क्यों नहीं किया जा सकता ?

मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सरदार वल्लभभाई पटेल का कोट ट्वीट किया कि जिसे कर्त्तव्य से ज़्यादा जान की फ़िक्र हो, उसे भारत जैसे देश में बड़ी जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए ! मुख्यमंत्री चन्नी के इस ट्वीट को बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई घटना के साथ जोड़कर देखा जा रहा है।

 

चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक मामले पर जमकर राजनीति हो रही है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इसी बीच पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे सरदार वल्लभभाई पटेल की तस्वीर के साथ उनका एक कोट साझा कर प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसा। उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल का कोट ट्वीट किया कि जिसे कर्त्तव्य से ज़्यादा जान की फ़िक्र हो, उसे भारत जैसे देश में बड़ी जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए ! मुख्यमंत्री चन्नी के इस ट्वीट को बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई घटना के साथ जोड़कर देखा जा रहा है।  

 

दरअसल, पंजाब के दौरे पर गए प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में बुधवार को उस वक्त गंभीर चूक की घटना हुई, जब फिरोजपुर में कुछ प्रदर्शनकारियों ने एक सड़क मार्ग को अवरुद्ध कर दिया जहां से उन्हें गुजरना था। इस वजह से प्रधानमंत्री मोदी का काफिला एक फ्लाईओवर पर 15 से 20 मिनट तक फंसा रहा। घटना के बाद प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली लौट आए। उन्होंने पंजाब में ना तो किसी कार्यक्रम में हिस्सा लिया और ना ही दो साल के बाद प्रदेश में अपनी पहली रैली को संबोधित कर पाए। 

 

CM ने सुरक्षा चूक से किया था इनकार

 

मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी के प्रदेश दौरे से बीच में ही लौटने पर खेद जताया था, लेकिन उन्होंने सुरक्षा में कोई चूक हुई है यह मानने से इनकार कर दिया। हालांकि उन्होंने जांच की बात भी कही थी और उन्होंने एक उच्च स्तरीय कमेटी का भी गठन किया था। उन्होंने कहा था कि बठिंडा से फिरोजपुर जाने की प्रधानमंत्री की यात्रा योजना में अचानक से बदलाव हुआ और सब कुछ केंद्रीय एजेंसियों के हाथ में था। यह कहना गलत है कि सुरक्षा में चूक हुई थी।

भारत के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैें जिसे लेकर चुनाव आयोग 8 जनवरी दोपहर 3.30 बजे गोवा, पंजाब, मणिपुर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश राज्यों में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करेगा।

 

नयी दिल्ली। भारत के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैें जिसे लेकर चुनाव आयोग 8 जनवरी दोपहर 3.30 बजे गोवा, पंजाब, मणिपुर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश राज्यों में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करेगा। चुनाव आयोग से जुड़े सूत्रो की ओर से जानकारी दी गयी हैं कि उत्तर प्रदेश राज्य में छह से आठ चरणों में मतदान होने की संभावना है, जबकि पंजाब में दो से तीन चरणों में मतदान होगा। मणिपुर में दो चरणों में चुनाव होने की संभावना है जबकि गोवा और उत्तराखंड में एक ही चरण में मतदान होगा। 

निर्वाचन आयोग की चुनाव को लेकर महत्वपूर्ण घोषणा

निर्वाचन आयोग पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के लिए शनिवार को अपराह्न साढ़े तीन बजे तारीखों की घोषणा करेगा। आयोग ने एक संवाददाता सम्मेलन बुलाया है, जिसमें वह उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा करेगा। उत्तर प्रदेश में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल मई में समाप्त होगा, जबकि अन्य चार राज्यों में विधानसभाओं का कार्यकाल मार्च में विभिन्न तिथियों पर समाप्त हो रहा है।

कई चरणों में होंगे पांच राज्यों के चुनाव, तारीख आने का इंतजार 

चुनाव आयोग द्वारा आयोजित अंतिम सम्मेलन में, मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि सभी दल चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश राज्य में विधानसभा चुनाव समय पर हों, यहां तक ​​​​कि कोविड की वृद्धि के मद्देनजर अभियानों पर प्रतिबंध लगाने के लिए भी हंगामा हुआ। पोल बॉडी ने मतदान वाले राज्यों में अधिकारियों से टीकाकरण कार्यक्रम में तेजी लाने के लिए कहा और चुनाव के दौरान कोविड की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई उपायों की घोषणा की। वर्तमान उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल मई में समाप्त हो रहा है, जबकि अन्य चार विधानसभाओं का कार्यकाल मार्च में अलग-अलग तिथियों पर समाप्त हो रहा है।

नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत की 90 फीसदी से अधिक वयस्क आबादी को कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक मिल चुकी है।

प्रधानमंत्री कोलकाता में चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के दूसरे परिसर का वस्तुत: उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे।

उन्होंने कहा, कि आज भारत की वयस्क जनसंख्या में से 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की एक डोज लग चुकी है। सिर्फ 5 दिन के भीतर ही डेढ़ करोड़ से ज्यादा बच्चों को भी वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ये उपलब्धि पूरे देश की है, हर सरकार की है। मैं विशेष रूप से इस उपलब्धि के लिए देश के वैज्ञानिकों का, वैक्सीन मैन्यूफैक्च र्स का, हमारे हेल्थ सेक्टर से जुड़े साथियों का धन्यवाद करता हूं। सबके प्रयासों से ही देश ने उस संकल्प को शिखर तक पहुंचाया है, जिसकी शुरूआत हमने शून्य से की थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नया परिसर पश्चिम बंगाल के लोगों को विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को सस्ती और अत्याधुनिक देखभाल सुविधा प्रदान करने में एक लंबा सफर तय करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, देश के प्रत्येक नागरिक को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के संकल्प की यात्रा में हमने एक और मजबूत कदम उठाया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि साल की शुरूआत देश ने 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन से की थी। वहीं आज साल के पहले महीने के पहले हफ्ते में ही, भारत 150 करोड़ यानी 1.5 अरब वैक्सीन डोजेज का ऐतिहासिक मुकाम भी हासिल कर रहा है।

उन्होंने कहा कि एक साल से भी कम समय में 150 करोड़ की खुराक एक महत्वपूर्ण उपलब्धि और देश की इच्छा शक्ति का प्रतीक है। मोदी ने कहा कि यह देश के नए आत्मविश्वास, आत्मनिर्भर भारत और गौरव को प्रदर्शित करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण जैसे-जैसे मामले बढ़ रहे हैं, वैक्सीन की 150 खुराक का यह कवच और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अब तक पश्चिम बंगाल को भी कोरोना वैक्सीन की करीब-करीब 11 करोड़ डोज मुफ्त मुहैया कराई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि बंगाल को डेढ़ हजार से अधिक वेंटिलेटर, 9 हजार से ज्यादा नए ऑक्सीजन सिलेंडर भी दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 49 पीएसए नए ऑक्सीजन प्लांट्स ने भी काम करना शुरू कर दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना आज एफोर्डेबल और समावेशी स्वास्थ्य देखभाल के मामले में एक ग्लोबल बेंचमार्क बन रही है। पीएम-जेएवाई के तहत देशभर में 2 करोड़ 60 लाख से ज्यादा मरीज, अस्पतालों में अपना मुफ्त इलाज करा चुके हैं। अनुमान बताते हैं कि योजना के अभाव में मरीजों को 50 से 60 हजार करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते थे। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 17 लाख से अधिक कैंसर रोगी भी लाभान्वित हुए।

यह योजना कैंसर, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों की नियमित जांच के माध्यम से गंभीर बीमारियों का शीघ्र पता लगाने और शीघ्र उपचार को बढ़ावा दे रही है। स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र इस अभियान में मदद कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल में भी ऐसे 5 हजार से अधिक केंद्र बनाए गए हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि देश में 15 करोड़ से अधिक लोगों की ओरल, सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर की जांच की जा चुकी है।

इस अवसर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया, डॉ. सुभाष सरकार, शांतनु ठाकुर, जॉन बारला और निसिथ प्रमाणिक मौजूद थे।

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