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*छत्तीसगढ़ अब जटिल हृदय उपचारों में बना देश का अग्रणी राज्य – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय*

 

*प्रदेश का स्वास्थ्य ढांचा आधुनिकता और विश्वास का बन रहा है प्रतीक – स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल*

 

*एसीआई में देश का छठा और सरकारी संस्थान का पहला बैकमैन टोटल फिजियोलॉजिकल पेसिंग केस : छत्तीसगढ़ को मिली ऐतिहासिक सफलता*

 

*राइट एट्रियम या बैकमैन बंडल में लीड लगाने का पहला मामला*

 

रायपुर, 25 सितम्बर 2025/ प्रदेश में आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की उत्कृष्टता का प्रतीक, प्रदेश का सबसे पुराना और सबसे बड़ा पंडित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय तथा इससे संबद्ध डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय के डॉक्टरों की टीम ने जटिल उपचारों में लगातार ऐसे कीर्तिमान स्थापित किए हैं जिन पर हर किसी को गर्व हो सकता है। ताज़ा उदाहरण एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट (एसीआई) के कार्डियोलॉजी विभाग में हुआ, जहाँ 68 वर्षीय महिला मरीज पर देश का छठा और किसी भी सरकारी संस्थान का पहला बैकमैन टोटल फिजियोलॉजिकल पेसिंग सफलतापूर्वक किया गया।

 

डॉक्टरों के अनुसार यह जटिल प्रक्रिया अब तक एम्स दिल्ली और पीजीआई चंडीगढ़ जैसे शीर्ष संस्थानों में भी नहीं की गई थी। बैकमैन टोटल फिजियोलॉजिकल पेसिंग का अर्थ है – हृदय की धड़कन को पूरी तरह प्राकृतिक कंडक्शन सिस्टम (conduction system) के जरिए नियंत्रित करना, ताकि मरीज को लंबे समय तक स्थिर और सुरक्षित हृदय गति मिल सके।

 

यहां ध्यान देने योग्य है कि अब तक एसीआई और अन्य सरकारी कार्डियक संस्थानों में लेफ्ट बंडल या हिज़ बंडल में लीड लगाने के कई केस हो चुके हैं, लेकिन राइट एट्रियम यानी बैकमैन बंडल में लीड लगाने का यह पहला मामला है। इससे हृदय के दोनों चैम्बर्स की धड़कनें प्राकृतिक विद्युत मार्ग (conduction system) से संचालित होती रहती हैं।

 

एसीआई के कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने बताया कि रायपुर निवासी यह मरीज सिक साइनस सिंड्रोम नामक गंभीर हृदय रोग से पीड़ित थी। इस रोग में हृदय को धड़कन देने वाली कोशिकाएँ (पेसमेकर कोशिकाएँ) क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और धड़कन अनियमित हो जाती है। सामान्यतः ऐसे मामलों में वेंट्रिकुलर या लेफ्ट बंडल पेसिंग की जाती है, लेकिन इस मरीज का हृदय कमजोर था और एट्रियल रिद्म भी अनियमित थी। केवल वेंट्रिकुलर पेसिंग करने से हार्ट फेल्योर और तेज धड़कन का खतरा था।

 

इसी कारण एसीआई की टीम ने बैकमैन टोटल फिजियोलॉजिकल पेसिंग का निर्णय लिया। इस प्रक्रिया में हृदय की प्राकृतिक विद्युत संरचना के एट्रियम भाग में पेसमेकर की लीड लगाई गईं। यह तकनीक हृदय को उसके स्वाभाविक ढंग से धड़कने में मदद करती है और हार्ट फेल्योर का जोखिम बेहद कम कर देती है।

 

*इस तरह संपन्न हुई प्रक्रिया*

 

सबसे पहले लेफ्ट बंडल की स्थिति का इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी मैपिंग किया गया। फिर ठीक उसी तरह राइट एट्रियम के बैकमैन बंडल की मैपिंग कर लीड इंप्लांट की गई। इस तरह पूरा पेसिंग सिस्टम प्राकृतिक ढंग से काम करने लगा।

 

उपचार करने वाली टीम में कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव, डॉ. एस. के. शर्मा, डॉ. कुणाल ओस्तवाल, डॉ. अनुराग कुजूर और डॉ. वेद प्रकाश शामिल थे। यह उपचार मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत किया गया, जिसमें योजना का लाभ दिलाने में मेडिको सोशल वर्कर खोगेंद्र साहू का विशेष योगदान रहा।

 

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट द्वारा किया गया यह सफल उपचार छत्तीसगढ़ की चिकित्सा सेवाओं के उच्च स्तर और निरंतर प्रगति का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल अब केवल सामान्य उपचार तक सीमित नहीं है, बल्कि विश्वस्तरीय जटिल प्रक्रियाओं को भी सफलतापूर्वक अंजाम दे रहा है। मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों की टीम को साधुवाद देते हुए कहा कि यह उपलब्धि न केवल मरीजों के जीवन को नई आशा देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सरकारी संस्थान चिकित्सा विज्ञान में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं।

 

स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट, रायपुर द्वारा किया गया यह जटिल उपचार प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे की मजबूती और चिकित्सकों की उत्कृष्ट क्षमता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि अब छत्तीसगढ़ के मरीजों को अत्याधुनिक कार्डियक प्रक्रियाओं के लिए महानगरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि हर नागरिक को मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से निःशुल्क और उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध हों। स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सक दल को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय चिकित्सा मानचित्र पर और अधिक प्रतिष्ठित करेगी।

 

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 में इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी के सर्वाधिक मामलों के उपचार में एसीआई देशभर में पाँचवें स्थान पर रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में नागरिक सुविधाओं का निरंतर विकास किया जा रहा है। प्रदेश में 2 मेट्रोपॉलेटिन क्षेत्र भोपाल और इंदौर की स्वीकृति के बाद 2 नए मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र जबलपुर और ग्वालियर को शीघ्र मंजूरी दी जाएगी। मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र अधोसंरचना को सशक्त बनाएंगे।

बालाघाट के नक्सल प्रभावित एवं ग्रामीण क्षेत्रों के 4 हजार से अधिक युवाओं को मिला रोजगार
लगभग एक हजार युवतियों का बैंगलोर की कंपनियों में होगा प्लेसमेंट
850 युवाओं को विशेष दस्ते में भर्ती के नियुक्ति-पत्र मिले

6.69 लाख धान उत्पादक किसानों के खाते में 337 करोड़ बोनस राशि अंतरित की
किसानों की आर्थिक मजबूती से ही प्रदेश बनेगा समृद्ध
245 करोड़ लागत के निर्माण कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण
बालाघाट जिले के 4000 से अधिक युवाओं को दिए नियुक्ति-पत्र
कटंगी में नया सामुदायिक अस्पताल और कटंगी-सिवनी राजमार्ग पर बनेगा नया सेतु
हाईस्कूल को हायर सेकेंड्री स्कूल में किया जाएगा प्रोन्नत
नेशनल पार्क से लगे खेतों की फसलों को जंगली जानवरों से बचाने कराई जाएगी सोलर फेंसिंग
राजीव सागर परियोजना से नहलेसरा बांध के इंटरलिंक के लिए कराया जाएगा परीक्षण
जंगली जानवरों के हमले में 5 मृतकों के परिजन को दिए जाएंगे 17-17 लाख रुपए
मुख्यमंत्री डॉ. यादव कटंगी में आयोजित राज्यस्तरीय किसान सम्मेलन में हुए शामिल

 

रायपुर : 

 

राज्यपाल श्री रमेन डेका ने बुधवार को कबीरधाम प्रवास के दौरान ऐतिहासिक एवं धार्मिक धरोहर भोरमदेव मंदिर प्रांगण में जिले की लखपति दीदियों से मुलाकात की। राज्यपाल ने प्रदर्शनी में लगाए गए विभिन्न स्व-सहायता समूहों के स्टॉल का अवलोकन किया और महिलाओं द्वारा किए जा रहे आजीविका आधारित कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने महिलाओं की सफलता की कहानियों को ध्यानपूर्वक सुना और उनके नवाचारों तथा जीवन में आए सकारात्मक परिवर्तनों की सराहना की।

राज्यपाल श्री डेका ने ढोलबज्जा की सुखिया बैगा से मुलाकात कर उनके समूह मां लक्ष्मी स्व-सहायता समूह द्वारा बाँस से निर्मित टोकरी, सपा एवं सजावटी सामग्रियों की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि समूह की मासिक आमदनी 12 से 15 हजार रुपये तक हो रही है। इसी तरह ग्राम सिल्हाटी की अन्नपूर्णा स्व-सहायता समूह की महिलाओं से बातचीत में राज्यपाल ने उनके बेकरी व्यवसाय, कोदो-कुटकी से पौष्टिक उत्पाद एवं महुआ लड्डू तैयार करने की प्रक्रिया को जाना। महिलाओं ने बताया कि शासन से 3 लाख रुपये का ऋण एवं अनुदान प्राप्त हुआ है, जिससे समूह की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

राज्यपाल श्री रमेन डेका ने एकता समूह द्वारा जैविक खेती और ब्लैक राइस उत्पादन की पहल को अभिनव बताते हुए विशेष रूप से सराहा। उन्होंने कहा कि परंपरागत धान की विलुप्त होती प्रजातियों का संरक्षण भविष्य के लिए महत्वपूर्ण कदम है। समूह की महिलाओं ने जानकारी दी कि बीज उत्पादन एवं विपणन से सीजन में 2 से 3 लाख रुपये तक की आमदनी हो जाती है।

इसी क्रम में राज्यपाल ने अमीन माता स्व-सहायता समूह की महिलाओं से भेंट की, जो कपड़े से बैग, पर्स और थैले बनाकर बाजार में अच्छी आमदनी कमा रही हैं। उन्होंने महिलाओं से कहा कि इस तरह के उद्यम से न केवल आर्थिक सशक्तिकरण होगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलेगा।

राज्यपाल श्री डेका ने इस दौरान वन विभाग की ओर से तरेगांव एवं सिंघारी समितियों के शहद संग्राहकों को सुरक्षा किट भी वितरित किए। उन्होंने समूहों द्वारा औषधीय उत्पाद, शहद और अन्य सामग्रियों के बारे में विस्तार से जानकारी ली और कहा कि इन गतिविधियों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

राज्यपाल श्री डेका ने लखपति दीदियों को टिप्स देते हुए कहा कि उत्पादों की गुणवत्ता और पैकेजिंग पर विशेष ध्यान देना चाहिये। ऑनलाइन मार्केटिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर इसे बढ़ा सकते है। पारंपरिक उत्पादों को ब्रांडिंग कर राज्य व देश स्तर पर पहचान दिलाएं। इस अवसर पर राज्यपाल श्री रमेन डेका ने सभी लखपति दीदियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

इस अवसर पर कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा, वनमंडलाधिकारी श्री निखिल अग्रवाल एवं जिला पंचायत सीईओ श्री अजय त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

 

रायपुर :

 

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की दूरदर्शी सोच और राज्य सरकार की हर शाला में शिक्षक, हर बच्चे को शिक्षा नीति के तहत शिक्षा व्यवस्था में निरंतर सुधार हो रहा है। ग्रामीण अंचलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए लागू की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया सकारात्मक परिणाम दे रही है। इसका उदाहरण बलरामपुर जिले के प्राथमिक शाला यादवपारा में देखने को मिलता है, जहाँ अब बच्चों को विषयवार पढ़ाई, खेल-आधारित गतिविधियों और व्यक्तिगत ध्यान का लाभ मिल रहा है।

वर्ष 2022 से प्राथमिक शाला यादवपारा एकल शिक्षकीय विद्यालय के रूप में संचालित हो रहा था। कक्षा 1 से 5वीं तक की सभी कक्षाओं को एक ही शिक्षक संभाल रहे थे, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। अभिभावकों की चिंताओं को देखते हुए राज्य सरकार ने युक्तियुक्तकरण नीति के तहत इस विद्यालय में 2025 में सहायक शिक्षिका की पदस्थापना की।

सहायक शिक्षिका श्रीमती आनंदी पल्हे बताती हैं कि अब बच्चों को विषयवार पढ़ाई, गृहकार्य और समूह आधारित गतिविधियों के जरिए शिक्षा दी जा रही है। कहानियों, खेल, चित्रों और पहेलियों के माध्यम से बच्चों की रुचि बढ़ रही है। पहले जहाँ एक ही शिक्षक पर पूरा भार था, वहीं अब बच्चों को समझने योग्य और उच्च गुणवत्ता की पढ़ाई मिल रही है।

स्थानीय अभिभावकों का कहना है कि पहले बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही थी, छोटे बच्चों को कुछ समझ नहीं आता था और बड़े बच्चे भी पीछे रह जाते थे। लेकिन अब बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ा है, वे नियमित विद्यालय आने लगे हैं और पढ़ाई को बोझ नहीं बल्कि आनंद मानने लगे हैं।

राज्य सरकार की इस पहल से प्रदेश भर के विद्यालयों में शिक्षकों की पदस्थापना हुई है। बच्चों को अब व्यक्तिगत ध्यान, गृहकार्य की समीक्षा और खेल-खेल में सीखने का अवसर मिल रहा है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ी है और बच्चों का समग्र विकास संभव हो रहा है।

 

रायपुर : 

 

छत्तीसगढ़ अब केवल कोर सेक्टर तक सीमित नहीं है, बल्कि आने वाले समय में यह वेलनेस, हेल्थकेयर और पर्यटन के क्षेत्र में भी राष्ट्रीय पहचान बनाएगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज ओमाया गार्डन, रायपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ केयर कनेक्ट कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने उद्बोधन की शुरुआत शारदीय नवरात्रि की शुभकामनाओं से की और कहा कि यह आयोजन ऐसे समय में हो रहा है, जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में लागू जीएसटी 2.0 ने अर्थव्यवस्था को सरलता, पारदर्शिता और तेजी की दिशा में आगे बढ़ाया है। इस सुधार ने निवेशकों और उद्यमियों के लिए अभूतपूर्व अवसर खोले हैं।

मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ केयर कनेक्ट कार्यक्रम में हुए शामिल

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के विज़न के साथ कदमताल करते हुए प्रदेश सरकार ने विकसित छत्तीसगढ़ का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को साकार करने के लिए पिछले डेढ़ वर्ष में 350 से अधिक सुधार लागू किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि अब हम इज ऑफ डूइंग बिज़नेस से आगे बढ़कर स्पीड आफ डूइंग बिज़नेस के युग में प्रवेश कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ केयर कनेक्ट कार्यक्रम में हुए शामिल

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नई औद्योगिक नीति छत्तीसगढ़ की प्रगति की आधारशिला है। इसी नीति ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है और यही कारण है कि मात्र एक वर्ष के भीतर प्रदेश को लगभग 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इन प्रस्तावों से लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे और सेवा क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ केयर कनेक्ट में अस्पतालों और हेल्थकेयर क्षेत्र में 11 बड़े प्रस्ताव सामने आए हैं। इनमें रायपुर का गिन्नी देवी गोयल मणिपाल हॉस्पिटल (500 बेड), नीरगंगा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (450 बेड), बॉम्बे हॉस्पिटल (300 बेड) और माँ पद्मावती इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (750 बेड) जैसे बड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में कुल मिलाकर 2,466 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश प्रस्तावित है, जिससे लगभग 6,000 नए रोजगार सृजित होंगे।

मेडिसिटी से बनेगा मेडिकल हब

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नवा रायपुर में विकसित हो रहा मेडिसिटी छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर का बड़ा मेडिकल हब बनाएगा। प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों से भी यहां मरीज आते हैं। मेडिसिटी के निर्माण से स्वास्थ्य सेवाएं और मजबूत होंगी और विश्वस्तरीय सुपर स्पेशलिटी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में फार्मा सेक्टर में भी निवेश की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश सरकार फार्मा हब तैयार कर रही है, जहां एक ही स्थान पर अनेक फार्मा इंडस्ट्री अपना संचालन करेंगी। इससे प्रदेश में दवा उद्योग को नई दिशा मिलेगी और सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों के लिए आवश्यक दवाओं की आसान आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

होटल और पर्यटन क्षेत्र में निवेश

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और जैव विविधता पर्यटन उद्योग के लिए अपार अवसर प्रस्तुत करती है। कार्यक्रम में होटल और पर्यटन क्षेत्र से भी 652 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें वेस्टिन होटल रायपुर (212.7 करोड़ रुपये), होटल जिंजर, इन्फेरियन होटल एंड रिसॉर्ट, अम्यूजोरामा अम्यूज़मेंट पार्क एंड होटल जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

पर्यटन को उद्योग का दर्जा

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है और इससे निवेशकों को विशेष लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि होटल, रिसॉर्ट, होम स्टे और मनोरंजन उद्योग से जुड़े उद्यमी प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और प्रकृति का लाभ उठाकर पर्यटन को नई ऊँचाइयों तक ले जाएं।

निवेश प्रक्रिया की सरलता

 

रायपुर : 

 

व्यक्तिगत स्वार्थ से ऊपर उठकर किया गया हर कार्य सेवा और राष्ट्र निर्माण का कार्य होता है। राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक राष्ट्रनिर्माण में महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना के राज्य स्तरीय स्थापना दिवस एवं सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत देशभर में 4 लाख से अधिक विद्यार्थी स्वयंसेवक के रूप में कार्य कर रहे हैं। हमारे प्रदेश में भी एक लाख से अधिक विद्यार्थी सक्रिय रूप से अपनी भूमिका निभा रहे हैं, जो छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है। आज जिन स्वयंसेवकों को उनके श्रेष्ठ कार्यों के लिए सम्मानित किया जा रहा है, उन्हें हम हार्दिक बधाई देते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज़ादी की लड़ाई के समय यह माना जाता था कि स्वतंत्रता संग्राम में सहयोग देना ही राष्ट्रसेवा है। आज जब देश स्वतंत्र हो चुका है, तो राष्ट्रसेवा का अर्थ है सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में अपना समग्र योगदान देना। एनएसएस के स्वयंसेवक इस दिशा में बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने स्वयंसेवकों को राष्ट्रसेवा का स्वरूप समझाते हुए कहा कि जब हम एक पेड़ लगाते हैं तो राष्ट्रसेवा करते हैं। जब हम किसी को अस्पताल तक पहुँचाते हैं तो राष्ट्रसेवा करते हैं। किसी की आर्थिक मदद करना, किसी को पढ़ने-लिखने में सहयोग करना भी राष्ट्रसेवा ही है। हर कार्य जो हम अपने व्यक्तिगत स्वार्थ से परे होकर करते हैं, वही सेवा और राष्ट्र निर्माण का कार्य है। उन्होंने कहा कि एनएसएस के स्वयंसेवक पूरे मनोयोग से सेवा करते रहें और शिक्षा के प्रचार-प्रसार में योगदान दें ताकि कोई भी शिक्षा से वंचित न रहे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। नई

 

रायपुर :

 

राजधानी रायपुर के सरोना स्थित शुभम "के मार्ट" में रोजमर्रा की ज़रूरत का सामान खरीद रहे लोग उस समय सुखद आश्चर्य से भर उठे, जब उन्होंने देखा कि जीएसटी बचत का लाभ उन्हें मिल रहा है या नहीं उसे देखने स्वयं प्रदेश के मुखिया आए है।

दरअसल, आज जीएसटी बचत उत्सव को लेकर जनभावनाओं से रूबरू होने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय "शुभम के मार्ट" पहुंचे। उन्होंने खुद ग्राहक बनकर 1,645 रुपये के घरेलू सामान की शॉपिंग की एवं यूपीआई से भुगतान भी किया।इस दौरान उन्होंने खरीदारी कर रहे लोगों से बातचीत की और जीएसटी दरों में कटौती से घरेलू सामानों के मूल्य में आए फर्क के बारे में जानकारी ली।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मार्ट पहुंचकर ज़रूरत के सामान खरीदे और जीएसटी दरों में कमी का लाभ लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आत्मीयता से लोगों का हालचाल जाना। उन्होंने खरीदारी कर रही गृहिणियों से घरेलू बजट पर आए असर की जानकारी ली, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों से उनकी दिनचर्या के बारे में पूछताछ की। इस बीच उन्होंने रोजमर्रा का सामना खरीदते हुए अन्य ग्राहकों से आत्मीयतापूर्वक वार्तालाप किया। मुख्यमंत्री का यह आत्मीय व्यवहार देखकर मौजूद लोग गदगद हो उठे और कहा कि प्रदेश का मुखिया आज हमारे बीच एक आम आदमी की तरह शामिल है। इस दौरान उन्होंने खरीददारों से चर्चा करते हुए जीएसटी सुधारों पर लोगों के विचार सुने। लोगों ने बताया कि दवाइयों और राशन की कीमत घटने से उन्हें बड़ी राहत मिली है। मुख्यमंत्री मुस्कुराते हुए बोले—"यही तो असली मकसद है कि सुधार की गूंज आम जनता तक पहुंचे।" इसके बाद उन्होंने खुद भी सामान खरीदा और नई कीमतें देखकर कहा—"यह सुधार केवल कागज पर नहीं, बल्कि हर परिवार की ज़िंदगी में दिखाई देने वाला परिवर्तन है।"

मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी को स्वदेशी की मुहिम का साथ देने का आग्रह भी किया, जिस पर लोगों ने कहा आप आगे बढ़े ,हम आपके साथ है।

जीएसटी कटौती नहीं, यह "बचत क्रांति" है

मुख्यमंत्री से चर्चा करते हुए खरीदारी कर रहे रिटायर्ड एयरफोर्स अधिकारी श्री टी. पी. सिंह ने कहा कि आने वाले समय में जब इस दौर का इतिहास लिखा जाएगा, तब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुए जीएसटी सुधार को ऐतिहासिक बजट क्रांति के रूप में दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा—"पहले हम जितने पैसों में 30 दिन का राशन लेते थे, अब उन्हीं पैसों से 40 दिन से अधिक का राशन ले पा रहे हैं। हमारे प्रधानमंत्री ही इतना बड़ा साहसिक निर्णय ले सकते थे, कोई और ऐसा नहीं कर पाता।"

स्टेशनरी में 12 प्रतिशत था टैक्स, अब हो गया जीरो

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