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रायपुर : 

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के 75वें जन्मदिवस पर छत्तीसगढ़ ने सामाजिक सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। सूरजपुर जिले की 75 ग्राम पंचायतों को “बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत” घोषित किया गया है। विगत दो वर्षों में इन पंचायतों में बाल विवाह का एक भी प्रकरण दर्ज न होने के आधार पर यह मान्यता प्रदान की गई।

इस उपलब्धि के पीछे राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े की सतत पहल, सक्रिय मार्गदर्शन और नेतृत्व को निर्णायक माना जा रहा है।उनके नेतृत्व में विभाग ने गाँव-गाँव तक जागरूकता अभियान चलाया, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और पंचायत प्रतिनिधियों को सक्रिय किया तथा समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की।
श्रीमती राजवाड़े ने कहा, कि सूरजपुर जिले की यह पहल केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का कार्य करेगी। प्रधानमंत्री जी के अमृत महोत्सव वर्ष में यह उपलब्धि समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक सशक्त संदेश है।

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ की बड़ी उपलब्धि

सामुदायिक भागीदारी की सराहना
जिला प्रशासन ने इस पहल की सफलता में महिला एवं बाल विकास विभाग, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय समुदाय की संयुक्त भूमिका की सराहना की। सभी के सामूहिक प्रयास से यह सुनिश्चित हुआ कि शिक्षा और जागरूकता को प्राथमिकता मिले और कोई भी बाल विवाह न हो।

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ की बड़ी उपलब्धि

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में 10 मार्च 2024 को “बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान” की शुरुआत हुई थी। यह अभियान यूनिसेफ के सहयोग से और मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में संचालित किया जा रहा है।राज्य सरकार ने बाल विवाह उन्मूलन को सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में रखा है और विभाग लगातार जनजागरूकता, निगरानी और सामाजिक सहभागिता को मजबूत कर रहा है।

सूरजपुर की इस सफलता से प्रेरित होकर अब छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी पंचायतों और नगरीय निकायों को “बाल विवाह मुक्त” घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। जिन जिलों में विगत दो वर्षों में बाल विवाह का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है, वहां शीघ्र ही प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे।

 

रायपुर : 

 

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय गुरूवार को सुदर्शन चौनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में साक्षात्कार के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को समाप्त कर लोगों का विश्वास जीतना और विकास की दिशा में आगे बढ़ना हमारी सरकारी की प्रमुख उद्देश्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार इस उद्देश्य को धरातल पर लाने के लिए नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से लोगों के जीवन स्तर को उन्नत बनाने का कार्य कर रही है। अब तक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के 327 गांव आबाद हो चुके हैं। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को रोजगार से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। नक्सलियों की गतिविधियों से निर्दाेष लोगों की मौत हो रहीं थी, आम लोगों की रक्षा करना सरकार का दायित्व है। हमारी सरकार ने नक्सलवाद को 31 मार्च 2026 तक समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। सरकार बनने के बाद ज्वाइंट टास्क फोर्स का गठन कर नक्सलवाद को समाप्त करने प्रयास जारी है।

विकसित भारत के संकल्प के साथ ही विकसित छत्तीसगढ़ का संकल्प होगा पूरा

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री का संकल्प 2047 तक भारत को विकसित भारत के रुप में खड़ा करना है। यह संकल्प सबकी सहभागी से पूरा हो और इस संकल्प को पूरा करनेे केन्द्र और राज्य सरकार का निंरतर कार्य कर रही है। एक नया भारत का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के संकल्प के साथ ही विकसित अंजोर विजन (छत्तीगढ़ विजन) डॉक्यूमेंट 2047 तैयार कर राज्य के विकास के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। सभी को विकसित छत्तीसगढ बनाने में सहयोग करना चाहिए।

बस्तर के आदिवासियों को देश-दुनिया से जोड़कर दिखाया जा रहा है विकास की राह

मुख्यमंत्री ने कहा कि जा रहा है, ताकि शासन के विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा सके। वनांचल में तेंदूपत्ता खरीदने का कार्य सहकारी समितियों के माध्यम से किया जा रहा है। इसके साथ ही बस्तर के लोगों में नक्सलवादी विचारधारा को जागरूक करने एवं विकास की धारा में जोड़ने के उद्देश्य से बस्तर ओलंपिक व बस्तर पंडुम का आयोजन किया जा रहा है। बस्तर ओलंपिक में 1 लाख 65 हजार लोग शामिल होकर यह साबित किए हैं कि वे विकास की मार्ग पर आगे बढना चाहते हैं।

जापान और कोरिया के लगभग 150 उद्यमी से हुआ संपर्क
आगामी में 6-7 माह में छत्तीसगढ़ में 7 लाख करोड़ के निवेश का मिला प्रस्ताव

मुख्यमंत्री ने अपने विदेश यात्रा को लेकर बताया कि हमारी यात्रा सफल रही जापान और कोरिया में देश का पवेलियन लगा था, हमें 24 से 31 अगस्त तक का समय मिला था जहां सभी क्षेत्र की कला को प्रदर्शित किया गया। उन्होेंने बताया कि प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए विदेश उद्योगपतियों को आमंत्रित किए हैं। नई उद्योग नीति के संबंध में भी जानकारी दिए गए हैं। नई उद्योग नीति में रोजगार को शामिल किया गया है।

जापान और कोरिया के लगभग 150 उद्यमी से संपर्क हुआ

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ में उद्योग की अपार संभावनाएं हैं। यहां नैसर्गिक संपदा है, आयुर्वेदिक के लिए हर्बल प्लांट के हिसाब से देखा जाए तो यहां 44 प्रतिशत वन है। उन्होंने दूरस्थ वनांचलों में भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में कफी विकास हुआ है। प्रदेश में वर्तमान में 15 मेडिकल कॉलेज, आईआईटी, एन आई टी, आई आई एम, नेशनल ला यूनिवर्सिटी सहित उच्च शिक्षण संस्थान की स्थापना की गई है स

भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी के योगदान से यहां एम्स की भी स्थापना हुई है। अब स्वास्थ्य के लिहाज से यहां के लोगों को प्रदेश से बाहर जाना नहीं पड़ेगा। वहीं यहां के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। 18 स्थानीय बोली भाषा में पाठ्य पुस्तक बनाकर छात्रों को उपलब्ध करा रहे हैं।

गायों को लावारिस ना छोड़ें, गौवंश की रक्षा करना हम सब का दायित्व गोचर भूमि में अवैध कब्जा को हटाने सख्ती से कार्यवाही

मुख्यमंत्री श्री साय ने लोगों को आग्रह करते हुए कहा कि आज गाय सड़क पर विचरण कर रहीं हैं, हमें गायों को लावारिस नहीं छोड़ना चाहिए। लावारिस जानवरों के कारण दुर्घटनाएं हो रही है। गौवंश की रक्षा का दायित्व हम सभी का है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में गोचर भूमि में अवैध कब्जा को हटाने का कार्य सरकार करती है। कहीं भी अवैध कब्जा की शिकायत प्राप्त हुआ होगा तो सरकार उसे खाली कराएगी।

 

जाँच में 1.64 करोड़ रूपये नकद और 400 ग्राम सोना जब्त

रायपुर, 19 सितंबर 2025/राज्य जीएसटी विभाग ने जीएसटी एनालिटिक्स और इंटेलिजेंस नेटवर्क तथा जीएसटी प्राईम पोर्टल का उपयोग करके बोगस फर्म और बोगस बिल तैयार करने वाले सिंडिकेट का पता लगाया है। इसका मास्टर माइंड मो. फरहान सोरठिया है, जो जीएसटी के कर सलाहकार के रूप में कार्य करता था। इस सिंडिकेट के कारण राज्य को प्रतिमाह करोड़ों रूपये के कर राजस्व का नुकसान होता था।
राज्य जीएसटी की बी.आई.यू. टीम इस प्रकरण पर एक माह से कार्य कर रही थी। मास्टर माइंड मो. फरहान सोरठिया के ऑफिस में 12 सितंबर को जांच की गयी। जांच के दौरान यहां से 172 फर्मों के बारे में जानकारियां मिली। फरहान ने अपने 5 ऑफिस स्टॉफ को फर्मों का पंजीयन कराने, रिटर्न फाईल करने और ई-वे बिल तैयार करने के लिये रखा था। इसके अलावा मास्टर माइंड के आफिस से बोगस पंजीयन के लिये किरायानामा, सहमति पत्र, एफिडेविट तैयार करने के भी साक्ष्य मिले हैं।
26 बोगस फर्मों से ही 822 करोड़ का ई-वे बिल जनरेट किया गया, जबकि रिटर्न में 106 करोड रूपये का ही टर्नओव्हर दिखाया गया है। केवल इन फर्मों से ही राज्य को 100 करोड़ रूपये के जीएसटी का नुकसान होने का प्रारंभिक आंकलन है। यहां से प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार राज्य के भीतर और पंजाब, असम, मणिपुर, ओडिसा में भी पंजीयन लिया गया है। पंजीयन के लिए बोगस दस्तावेज जैसे किरायानामा एवं सहमति पत्र भी तैयार किये जाते थे। इन फर्मों के माध्यम से बोगस सप्लाई बिल और ई-वे बिल जारी किए जा रहे थे।
मो. फरहान के बोगस फर्मों से संबंधित दस्तावेज छुपाये जाने की सूचना पर विभाग ने 17 सितंबर को फरहान के चाचा मो. अब्दुल लतीफ सोरठिया के आवास में सर्च (जांच) किया गया। वहां अधिकारियों को 1 करोड़ 64 लाख रूपये के नोट और 400 ग्राम सोने के 4 बिस्किट मिले। विभाग के अधिकारियों ने इसे जब्त कर के आयकर विभाग को सूचना दे दी है।
जीएसटी अधिकारियों द्वारा इन फर्मों से करोड़ों रूपए के जीएसटी फ्रॉड की राशि की गणना की जा रही है। इस प्रकरण में कई ब्रोकर, स्क्रैप डीलर और इनपुट टैक्स क्रेडिट के लाभ लेने वाली कम्पनियाँ भी विभाग के जांच के दायरे में है। राज्य कर विभाग द्वारा मामले की गहन जांच की जा रही है और आगे की विधिक कार्यवाही प्रगति पर है।

 

पीएम सूर्यघर से सूरज देगा बिजली, बदलेगा जिंदगी का हर कोना

सिर्फ विटामिन डी नहीं, जीवन का आधार है सुरज की रोशनी

रायपुर, 19 सितंबर 2025/ देश को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने और हर घर तक स्वच्छ, सस्ती एवं निरंतर बिजली पहुँचाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना शुरू की गई है। यह महत्वाकांक्षी योजना न केवल नागरिकों को बिजली बिल से हमेशा के लिए राहत दिला रही है, बल्कि परिवारों को आत्मनिर्भर बनाते हुए पर्यावरण संरक्षण में भी क्रांतिकारी योगदान दे रही है। छत्तीसगढ़ में इस योजना का क्रियान्वयन मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में अत्यंत प्रभावी और संवेदनशील ढंग से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में सौर ऊर्जा को अपनाने की गति तेज हुई है।

देश की “पावर कैपिटल” कहलाने वाले कोरबा जिले में प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना का प्रभाव विशेष महत्व रखता है। यहाँ अनेक परिवार इस योजना का लाभ उठाकर हर महीने बचत कर रहे हैं और बिजली बिल आने जाने के झमेले से मुक्त हो रहे हैं। इन्हीं में से एक प्रेरक उदाहरण हैं नकटीखार, कोरबा निवासी रंजीत कुमार है, जिन्होंने अपने परिवार के जीवन में ऊर्जा क्रांति का मार्ग प्रशस्त किया है।

श्री रंजीत कुमार जो एसईसीएल, कुसमुंडा में डंपर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत हैं, मेहनतकश व्यक्ति हैं। हर महीने आने वाला बिजली बिल, परिवार की रोजमर्रा की जरूरतें और बच्चों की पढ़ाई के खर्चों के बीच बिजली बिल अक्सर उनके बजट को बिगाड़ देते थे। यही कारण था कि जब प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत आवेदन कर इसका लाभ उठाने का निश्चय किया। दो माह पहले आवेदन करके उन्होंने अपने घर की छत पर सोलर पैनल सिस्टम लगवाया। जिसकी कुल लागत लगभग 2 लाख 10 हजार रुपए रही, 78 हजार रुपए केंद्र सरकार की सब्सिडी पहले ही मिल चुकी है। शेष राशि में उन्होंने सस्ती व आसान दर पर लोन लेकर तथा कुछ नकद भुगतान देकर किया। सिर्फ कुछ हफ्तों में ही यह निवेश उनके जीवन के लिए सबसे बड़ा वरदान साबित हुआ। पहले जहां उनके घर का बिजली बिल हर महीने एक हजारों रुपए तक पहुँच जाया करता था, वहीं अब सौर ऊर्जा से चल रहे घर का मासिक बिल मात्र 130 रुपए आ रहा है।

प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना केवल परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधारने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रकृति और पर्यावरण की भी बड़ी मित्र है। सौर ऊर्जा से न केवल कोयला और डीज़ल जैसे पारंपरिक ईंधनों पर निर्भरता कम होती है, बल्कि वायु प्रदूषण में भी भारी कमी आती है। कोरबा जैसे औद्योगिक जिले में, जहाँ कोयला आधारित बिजली उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है, वहां सौर ऊर्जा का बढ़ता उपयोग पर्यावरण संरक्षण में ऐतिहासिक योगदान है। परिवारों को बिजली बिल से मुक्तिमिल रही है, घरों में रोशनी और उपकरणों का संचालन संभव हो रहा है, लोग ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं।

श्री कुमार और उनके परिवार ने बताया “अब हमें बिजली बिल की चिंता नहीं रहती। सौर पैनल ने हमारी जिंदगी आसान बना दी है। बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं होती और घर के उपकरण भी बिना रुकावट चलते हैं।
आज उनका घर न केवल रोशन है बल्कि ऊर्जा बचत और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक आदर्श भी बन गया है। प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के सशक्त क्रियान्वयन से आमजन का जीवन बदल रहा है। यह योजना उन हजारों परिवारों के लिए प्रेरणा है, जो अब तक बिजली का स्थाई उपाय ढूंढ रहें थे। पीएम सूर्यघर योजना ने उन्हें आत्मनिर्भरता, आर्थिक मजबूती और स्वच्छ ऊर्जा की राह दिखाई है।

ई-वेस्ट कलेक्शन वाहनों को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
नागरिकों को स्वच्छता की दिलाई शपथ

मुख्यमंत्री ने रानी दुर्गावती चिकित्सालय में स्वच्छता के लिए किया श्रमदान

अब कटनी बनेगा कनकपुरी
माइनिंग सेक्टर में आया 56 हजार करोड़ का निवेश
मुख्यमंत्री ने कटनी जिले को दी लगभग 233 करोड़ लागत के विकास कार्यों की सौगात
बड़वारा से सांदीपनि विद्यालयों सहित विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वदेशी अपनाने के लिए प्रदेशवासियों को किया प्रेरित
"गर्व से कहो हम स्वदेशी अपनाएंगे"
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने प्रदेश में अपना जन्म दिवस मनाकर जनजातीय अंचल धार को किया धन्य
माताओं-बहनों-बेटियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सरकारी खजाने में कोई कमी नहीं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जबलपुर में राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह के 168वें बलिदान दिवस कार्यक्रम को किया संबोधित
महाकौशल महावीरों की धरती है, जिसे राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह जैसे बलिदानियों ने अपने रक्त से सींचा

 

रायपुर : 

 

स्वामी आत्मानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बलौदाबाज़ार में जिला प्रशासन की ओर से आज भव्य रोजगार मेले का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा और कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार मंत्री गुरु खुशवंत साहेब शामिल हुए।

छत्तीसगढ़ में एआई हब और तकनीकी शिक्षा से खुलेगा रोजगार का नया द्वार: गुरु खुशवंत साहेब

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजस्व मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का विजन है कि प्रदेश के प्रत्येक युवा को रोजगार मिले। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का प्रयास है कि कॉलेज की पढ़ाई पूरी करते ही युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार संकल्पित है।

कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सफलता का एकमात्र रास्ता कड़ी मेहनत है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं के सुरक्षित भविष्य की जिम्मेदारी लेकर सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए प्रदेश में साढ़े 13 एकड़ में एआई हब का निर्माण किया जाएगा, जिससे युवाओं को नई तकनीकी सुविधाओं का लाभ मिलेगा। साथ ही उन्होंने शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज स्थित आई-हब लैब की भी जानकारी युवाओं के साथ साझा की।

रोजगार मेले में हम होंगे कामयाब अभियान के तहत 60 तथा जिला रोजगार कार्यालय के माध्यम से 15, इस प्रकार कुल 75 युवाओं को ऑफर लेटर प्रदान किए गए। मेले में कुल 1458 पदों के विरुद्ध 1300 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए, जिनके आधार पर युवाओं को उनकी योग्यता व रुचि के अनुरूप रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।

इस अवसर पर कलेक्टर श्री दीपक सोनी, जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री आकांक्षा जायसवाल, नगर पालिका अध्यक्ष श्री अशोक जैन, जनपद अध्यक्ष श्रीमती सुलोचना यादव, भारत स्काउट गाइड के अध्यक्ष श्री विजय केशरवानी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और युवा उपस्थित रहे।

 

रायपुर :

 

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) अंतर्गत महिलाओं के स्व-सहायता समूह गेंदा फूल की खेती कर आजीविका संवर्धन की दिशा में नई मिसाल गढ़ रहे हैं। कांकेर जिले के महिला स्व-सहायता समूहों को बैंक लिंकेज के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया गया है। इसी राशि से समूहों की महिलाओं ने गेंदा फूल की खेती प्रारंभ की है।

उन्नत खेती की दिशा में उद्यानिकी विभाग के सहयोग से माह मई-जून में 50 से 55 महिलाओं को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण उपरांत कांकेर विकासखंड के विभिन्न ग्रामों-पीढ़ापाल से रामरहीम समूह, भीरावाही से जय अंबे समूह, कोकपुर से मां दंतेश्वरी समूह, मुरडोंगरी से पूजा समूह, किरगोली से सरस्वती समूह तथा बारदेवरी से जय अंबे समूह ने 10 से 20 डिसमिल क्षेत्र में गेंदा फूल की खेती प्रारंभ की। इस प्रकार कुल एक एकड़ भूमि में 17,600 पौधों का रोपण किया गया है। साथ ही 50 डिसमिल में अतिरिक्त 2,700 पौधे भी लगाए गए हैं।

मुरडोगरी की पूजा स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती जगबती ने बताया कि 20 से 30 डिसमिल क्षेत्र में की गई खेती से अब तक 69 किलो फूल की उपज प्राप्त हुई है। इसे 60 से 70 रुपए प्रति किलो की दर से विक्रय कर महिलाओं ने 4,000 से 5,000 रुपए की आय अर्जित की है। उन्होंने कहा कि इस गतिविधि से वे न केवल आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं को भी रोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बना रही हैं।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) अंतर्गत महिलाओं की यह पहल ग्रामीण क्षेत्र की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणादायी बन रही है। गृह कार्य के साथ-साथ रोजगार अर्जित कर महिलाएं अपने परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही हैं। कलेक्टर श्री नीलेश क्षीरसागर, सीईओ जिला पंचायत श्री हरेश मंडावी ने बताया कि 18 सितम्बर से 35 महिलाओं को गेंदा फूल की उन्नत खेती का प्रशिक्षण आरसेटी में दिया जा रहा है। इससे महिलाएं आधुनिक तकनीकों को अपनाकर उत्पादन बढ़ा सकेंगी तथा भविष्य में अन्य जिलों में विक्रय कर अपनी आय में और वृद्धि कर पाएंगी।

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