ईश्वर दुबे
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Bhilai
एक प्रदर्शनकारी किसान ने बताया कि हमें मोबाइल फोन और चैनल के माध्यम से यह जानकारी मिली कि प्रधानमंत्री मोदी का विमान बठ़िडा में उतर गया है और मौसम खराब होने की वजह से पायलट ने आगे जाने से इनकार कर दिया है। ऐसे में अगर कोई भी व्यक्ति सड़क के रास्ते हुसैनीवाला मेमोरियल जाना चाहता है तो महज एक ही मार्ग है।
चंडीगढ़। पंजाब के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बुधवार को बड़ी चूक का मामला सामने आया। जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस आमने-सामने है। जहां एक तरफ भाजपा ने पंजाब सरकार और कांग्रेस पर करारा हमला बोलते हुए इसे साजिश करार दी। वहीं कांग्रेस ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने फिरोजपुर की रैली को इसलिए स्थगित किया क्योंकि वहां भीड़ ही नहीं थी। इतना ही नहीं मुख्मयंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी यह मामने से इनकार करते हुए दिखाई दिए कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक हुई है। हालांकि उन्होंने मामले की जांच कराने की बात कही और फिर तीन सदस्यीय उच्च समिति का गठन कर दिया, जो 3 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट 'इंडिया टुडे' की रिपोर्ट के मुताबिक, एक प्रदर्शनकारी किसान ने बताया कि हमें मोबाइल फोन और चैनल के माध्यम से यह जानकारी मिली कि प्रधानमंत्री मोदी का विमान बठ़िडा में उतर गया है और मौसम खराब होने की वजह से पायलट ने आगे जाने से इनकार कर दिया है। ऐसे में अगर कोई भी व्यक्ति सड़क के रास्ते हुसैनीवाला मेमोरियल जाना चाहता है तो महज एक ही मार्ग है।
काफी नाराज थे PM मोदी !
आपको बता दें कि पंजाब दौरे पर आए प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को एक फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट के लिए फंसे रहे, क्योंकि कुछ प्रदर्शनकारियों ने उनके मार्ग को अवरुद्ध कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने वापस बठ़िडा जाने का निर्णय लिया। बठ़िडा हवाईअड्डे के अधिकारी ने बताया कि हवाई अड्डे पर लौटने पर प्रधानमंत्री मोदी ने वहां के अधिकारियों से कहा, अपने मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहना कि मैं बठिंडा हवाई अड्डे तक जिंदा लौट पाया।
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी का मार्ग अवरुद्ध करने वाले प्रदर्शनकारी मिश्रीवाला और प्यारेलाल गांव के थे और यह लोग दो दिनों से यहां पर प्रदर्शन कर रहे थे। जबकि मुख्यमंत्री चन्नी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि पुलिस ने मंगलवार की रात प्रदर्शनकारियों से रास्ता खाली करने के लिए कहा था। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने पहले भाजपा की रैली में जा रहे समर्थकों को रोका था। हालांकि, इस मामले में किसी भी पुलिसकर्मी के खिलाफ अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है और मुख्यमंत्री चन्नी ने किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने से साफ इनकार कर दिया था।
मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा था कि बीती रात (मंगलावर की रात) सड़क पर एकत्र हुए कुछ प्रदर्शनकारियों को हटा दिया गया था लेकिन यदि अचानक से कोई दिन में आ गया तो इसका मतलब यह नहीं है कि इससे कोई खतरा हो गया। उन्होंने कहा था कि किसान एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर भी प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन उन्होंने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया।