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हर्षोल्लास के साथ 11 को मनाया जाएगा रक्षाबंधन पर्व

भोपाल । रक्षाबंधन का पर्व पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ 11 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन का पर्व श्रवण नक्षत्र में चार योग के साथ मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि दो दिन होने के कारण लोग असमंजस में हैं। ज्योतिषियों का कहना है कि श्रवण नक्षत्र में पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को शुरू हो रही है इसीलिए इसी दिन रक्षा सूत्र बांधने का शुभ मुहूर्त रहेगा। 12 अगस्त को स्नान दान की पूर्णिमा रहेगी। ज्योतिषियों ने बताया कि भारतीय हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 12 अगस्त को सुबह 6 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी। श्रवण नक्षत्र का योग सुबह 6.23 से प्रारंभ होगा। श्रवण नक्षत्र एवं पूर्णिमा का संयोग भी रक्षाबंधन के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। यदि 12 अगस्त को तिथि का मान सूर्योदय से 4 घंटे से अधिक होता तो रक्षाबंधन 12 अगस्त को मान्य होती। रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त को ही मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन पर राखी बांधने के चार शुभ मुहूर्त भी बनेंगे। इस साल रक्षाबंधन पर एक नहीं बल्कि चार शुभ योग बन रहे हैं। जिससे इस दिन का महत्व दोगुना बढ़ गया है। अच्छे मुहूर्त, शुभ योग और भद्रारहित काल में भाई की कलाई पर राखी बांधने से उसके हर कार्य सफल होते हैं।रक्षाबंधन पर शुभ योग: आयुष्मान योग - 10 अगस्त को रात 7.35 बजे से 11 अगस्त को दोपहर 3.31 बजे से, रवि योग - 11 अगस्त को सुबह 6.53 बजे तक। सौभाग्य योग - 11 अगस्त को दोपहर 3.32 बजे से 12 अगस्त को सुबह 11.33 बजे तक, शोभन योग - रक्षाबंधन पर शोभन योग भी बनेगा। 11 अगस्त को पूर्णिमा तिथि सुबह 9:18 बजे से शुरू होगी, जिसके साथ ही भद्रा का प्रारंभ भी हो जाएगा जो कि रात 8 बजकर 9 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष विषयक ग्रंथों के आधार पर एवं निर्णय सिंधु के अनुसार भद्रा पुच्छ में शुभ कार्य किया जा सकता है अत: रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त शाम 6:29 से शुरू होगा। भद्रा पुच्छ या भद्रा के उपरांत राखी बांधना अति उत्तम रहेगा। रक्षाबंधन के पावन पर्व पर भद्रा का निषेध किया गया है अत: भद्रा के समय रक्षाबंधन नहीं मनाना चाहिए। आज ही पूर्णिमा व्रत एवं श्रावणी उपाकर्म भी किया जाएगा स्नान दान की पूर्णिमा 12 अगस्त को की जाएगी।

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