ईश्वर दुबे
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Bhilai
छात्रा भारत की पहली कोरोना मरीज थी। दो साल पहले यानि की 30 दिसंबर 2022 को भारत में कोरोना से पीड़ित पहले मरीज की पहचान हुई थी। हालांकि, अब वह बिल्कुल स्वस्थ है और अब अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के लिए फिर से एक बार वुहान जाना चाहती है।
लोग अपने करियर के लिए कुछ भी कर देना चाहते है और ऐसा ही कुछ केरल के त्रिसुर की रहने वाली युवती ने कर दिखाया है। बचपन से डॉक्टर का सपना देखने वाली भारत की छात्रा चीन के वुहान में मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी। लेकिन जब कोरोना महामारी ने दुनिया में अपना पैर पसारा तो वह कोरोना का शिकार हो गई। बता दें कि, यह छात्रा भारत की पहली कोरोना मरीज थी। दो साल पहले यानि की 30 दिसंबर 2022 को भारत में कोरोना से पीड़ित पहले मरीज की पहचान हुई थी। हालांकि, अब वह बिल्कुल स्वस्थ है और अब अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के लिए फिर से एक बार वुहान जाना चाहती है। लड़की के पिता ने कहा कि, कोरोना को अब काबू किया जा सकता है और बेटी के करियर के लिए यह करना पड़ेगा।
जब वुहान में कोरोना महामारी अपना कहर बरपा रहा थआ तब केरल की छात्रा वापस त्रिसूर लौट आई थी लेकिन हफ्ते बाद ही वह कोरोना पॉजिटिव हो गई। अगर वह वुहान में कोरोना पॉजिटिव पाई जाती तो शायद उनका भारत लौटना बहुत मुश्किल हो जाता। बता दें कि, छात्रा इस दौरान ऑनलाइन क्लास लेकर अपनी पढ़ाई कर रही है। उन्होंने पिछले वर्ष दिसंबर महीने में एमबीबीएस कोर्स को ऑनलाइन ही कंप्लीट कर लिया था और परीक्षा भी पास कर ली थी। लेकिन अब उन्हें कॉलेड लौटना होगा क्योंकि चीन के कानून के मुताबिक, एमबीबीएस स्टूडेंट्स को 52 सप्ताह तक इंटर्नशिप प्रोग्राम में शामिल होना ही पड़ता है और ग्रेजुएशन फाइनल ईयर के बाद अस्पताल में उनकी मौजुदगी काफी महत्वपूर्ण होती है। अगर ऐसा नहीं किया तो डिग्री नहीं दी जाती है।
बता दें कि, इस समय वुहान में सभी कॉलेज बंद है। छात्रा के पिता के मुताबिक, बेटी को चीन जाना होगा, वुहान में कई अधिकारियों से बात करने के बाद केन्द्र सरकार से गुहार लगाई है। उन्होंने आगे कहा कि, कोरोना से सभी प्रभावित हुए है और मेरी बेटी भी इससे अछुती नहीं रही है। वह दो बार कोरोना से संक्रमित हुई है। पहली भारतीय जब कोरोना से संक्रमित हुई तो उस समय डॉक्टरों के पास कोई जानकारी नहीं थी और न ही उस वायरस को कोई नाम दिया गया था। बाद में जब इसे कोविड-19 नाम दिया गया तब छात्रा में कई लक्षण दिखने शुरू हो गए। वह त्रिसूर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुई थी।
शरीर को स्वस्थ और फिट बनाए रखने के लिए आहार का संतुलित होना सबसे आवश्यक माना जाता है। संतुलित आहार का मतलब, तरह-तरह की सब्जियां, फल, साबुत अनाज औऱ अन्य पौष्टिक चीजों का अधिक से अधिक मात्रा में सेवन। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक रोजाना फल का सेवन करना सभी लोगों के लिए बहुत आवश्यक होता है। फल खाने से आहार में विविधता आती है, साथ ही इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर के लिए विटामिन्स, प्रोटीन और अन्य आवश्यक तत्वों की पूर्ति कर सकते हैं। आहार विशेषज्ञ कहते हैं, बेहतर स्वास्थ्य के लिए दिन में तीन बार अलग-अलग तरह की सब्जियां खानी चाहिए, वैसे ही फलों को भी अपने आहार में शामिल बहुत जरूरी है। दो तरह के फलों का रोजाना सेवन करना बहुत बेहतर माना जाता है। ज्यादातर फलों के सेवन से शरीर को हाइड्रेटेड रखने, वजन को कम करने और पोषक तत्वों की आसानी से पूर्ति की जा सकती है। वैसे यहां ध्यान रखना आवश्यक है कि फलों का सेवन सही समय और सही मात्रा में किया जाए।
आयुर्वेद के अनुसार किसी भी अन्य भोजन की तुलना में फलों को ब्रेक डाउन तेजी से होता है। ऐसे में इसे किसी भी अन्य खाद्य पदार्थ के साथ खाने से शरीर में विषाक्त पदार्थों का निर्माण हो सकता है, जिसे सामान्य भाषा में आम के नाम से जाना जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि कई अलग-अलग तरह के खाद्य पदार्थों का एक साथ सेवन करने से पाचन प्रक्रिया धीमी हो सकती है।
इस तरह की समस्याओं का हो सकता है खतरा- अन्य चीजों या भोजन के साथ फलों के सेवन की स्थिति में सबसे पहले भारी भोजन का पाचन होता है, जिसके कारण फलों को लंबे समय तक बिना पचे ही पेट में रहना पड़ सकता है। यह स्थिति अपच के साथ शरीर के लिए पोषक तत्वों को अवशोषित करने में भी समस्या खड़ी कर सकती है। इसके अलावा, दूध और दही जैसे डेयरी उत्पादों के साथ फल खाने से त्वचा से संबंधित समस्याएं जैसे मुंहासे, सोरायसिस और एक्जिमा का खतरा बढ़ जाता है।
फलों को खान का सही समय क्या है- आयुर्वेद के अनुसार सुबह खाली पेट फल खाना सबसे फायदेमंद माना जाता है। इस समय आपका पेट फलों से अधिकतम पोषक तत्वों को अवशोषित कर सकता है। इसके अलावा, साधारण कार्ब्स का सेवन सुबह और कसरत से पहले और बाद में करना सबसे अच्छा है। सूर्यास्त के बाद हल्की चीजों का सेवन करना सबसे अच्छा है।
शाम के समय नहीं खाने चाहिए फल- स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक शाम के समय फलों का सेवन नहीं करना चाहिए। शाम को फल खाने से नींद और पाचन प्रक्रिया में गड़बड़ी हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार शाम 4 बजे से पहले या सूर्यास्त से पहले फल खाया जा सकता है। फलों में सिंपल कार्ब्स होते हैं जिसका अर्थ है कि उनका आसानी से ब्रेक डाउन होता है। इससे यह आपको तुरंत ऊर्जा प्रदान करने के साथ रक्त शर्करा के स्तर को तुरंत बढ़ा सकते हैं। सोने के समय रक्त शर्करा में बढ़ोतरी आपकी नींद को बाधित कर सकती है। इसके अलावा सूर्यास्त के बाद, हमारा मेटाबॉलिजम धीमा हो जाता है और पाचन तंत्र के लिए कार्ब्स को पचाना मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि शाम को कार्ब्स का सेवन सीमित मात्रा में करना बेहतर है।
एक नई खोज ने पूरी दुनिया में सनसनी फैला दी है। शोध के मुताबिक यूरोप में संक्रमण का पहला मामला सामने आने से पहले ही कोविड-19 नॉर्वे में पहुंच गया था।अकर्सस यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल (आहुस) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने हाल ही में यूरोप में पहले मामले का पता चलने से एक महीने पहले दिसंबर 2019 में कोविड -19 के खिलाफ एंटीबॉडी पाई थी।
कोरोना वायरल का जन्म कहां हुआ था इसको लेकर तमाम थ्योरियों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से तफ्तीश जारी है। ये तो सभी जानते हैं कि कोरोना चीन के वुहान शहर से निकलकर दुनिया के दूसरे देशों में संक्रमण फैलाया था। लेकिन एक नई खोज ने पूरी दुनिया में सनसनी फैला दी है। शोध के मुताबिक यूरोप में संक्रमण का पहला मामला सामने आने से पहले ही कोविड-19 नॉर्वे में पहुंच गया था।अकर्सस यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल (आहुस) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने हाल ही में यूरोप में पहले मामले का पता चलने से एक महीने पहले दिसंबर 2019 में कोविड -19 के खिलाफ एंटीबॉडी पाई थी।
शोधकर्ताओं ने खोज को "बहुत आश्चर्यजनक" करार दिया। उन्होंने कहा कि यह नई खोज दुनिया में कोरोना वायरस महामारी के इतिहास को बदल सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 31 दिसंबर, 2019 को चीन में स्वास्थ्य अधिकारियों ने हुबेई प्रांत के वुहान में एक साथ बहुत सारे निमोनिया के मामले पाए गए। इसी के आधार पर चीन से नोवल कोरोना वायरस की पहचान की गई। इसके बाद, यूरोप में पहला कोविड -19 मामला जनवरी 2020 में पता चला था। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वायरस उसी वर्ष 24 फरवरी तक नॉर्वे में नहीं फैला था।
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पहले से जमा किए हुए खून के नमूनों में एंटीबॉडीज की खोज की थी। नमूने उस समय एक गर्भवती महिला से लिए गए थे और संक्रामक बीमारी के जांच के लिए जमा कर रखे गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्लेषण किए गए 6,520 नमूनों में से 98 में एंटीबॉडी का पता चला है। शोधकर्ताओं का कहना है कि भले ही कुछ मामलों में झूठे-पॉजिटिव परिणामों के नतीजे होने के बाद भी इस पड़ताल को गंभीरता से लेने की जरूरत है। अहुस के परियोजना प्रबंधक ऐनी एस्किल्ड को यह कहते हुए उद्धृत किया कि ऐसे कई संकेत हैं कि वे विदेश में संक्रमित थे। अहस के शोधकर्ताओं ने कहा कि हाल के निष्कर्ष बताते हैं कि संक्रमण दुनिया के बड़े हिस्से में जितना हमने सोचा था, उससे पहले से फैल गया था।
अपने ट्वीट में अखिलेश यादव ने लिखा कि मेरे हैलिकॉप्टर को अभी भी बिना किसी कारण बताए दिल्ली में रोककर रखा गया है और मुज़फ़्फ़रनगर नहीं जाने दिया जा रहा है। जबकि भाजपा के एक शीर्ष नेता अभी यहाँ से उड़े हैं। हारती हुई भाजपा की ये हताशा भरी साज़िश है। जनता सब समझ रही है।
उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर चुनावी दल लगातार प्रचार प्रसार कर रहे हैं। आज इसी कड़ी में अखिलेश यादव को मुजफ्फरनगर में राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करना था। इसके लिए अखिलेश यादव को मुजफ्फरनगर भी पहुंचना था। इन सबके बीच अखिलेश यादव ने बड़ा आरोप लगाया है। अखिलेश यादव ने दावा किया है कि दिल्ली में मेरा हेलीकॉप्टर रोका गया है। उन्होंने कहा कि बिना कारण बताए मेरा हेलीकॉप्टर रोक कर रखा गया है और मुजफ्फरनगर नहीं जाने दिया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा कि हारती हुई भाजपा की यह हताशा भरी साजिश है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश चुनाव में पहले और दूसरे चरण का मतदान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में होना है। अपने ट्वीट में अखिलेश यादव ने लिखा कि मेरे हैलिकॉप्टर को अभी भी बिना किसी कारण बताए दिल्ली में रोककर रखा गया है और मुज़फ़्फ़रनगर नहीं जाने दिया जा रहा है। जबकि भाजपा के एक शीर्ष नेता अभी यहाँ से उड़े हैं। हारती हुई भाजपा की ये हताशा भरी साज़िश है। जनता सब समझ रही है। वहीं समाजवादी पार्टी की ओर से ट्वीट किया गया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के पश्चिमी यूपी के दौरे से डरी भाजपा सरकार। दिल्ली से मुजफ्फरनगर हेलिकॉप्टर की अकारण रोकी उड़ान। लोकतंत्र की हत्या कर रही सरकार। चाहे जितने हथकंडे अपना ले दंभी सत्ता, जनता देगी जवाब। भाजपा सरकार के दिन है बचे चार!
इससे पहले अखिलेश यादव ने समाचार चैनलों पर दिखाए जा रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के ओपिनियन पोल पर तंज करते हुए इसे ओपियम पोल करार दिया था। यादव ने अपने संबोधन में कहा, भाजपा के नेता अपने बयानों से चुनाव को दूसरी दिशा में ले जाना चाहते हैं। व्हाट्सऐप पर तमाम भ्रांतियां फैलाई जा रही है। ओपिनियन पोल वास्तव में ओपियम (अफीम) पोल है। हमें इससे सावधान रहना है। गौरतलब है कि सपा ने निर्वाचन आयोग से समाचार चैनलों पर दिखाए जा रहे ओपिनियन पोल को आचार संहिता का उल्लंघन करार देते हुए बंद कराने की मांग की थी। इसे लेकर भाजपा ने सपा पर निशाना साधा था।
गुरु के मौत के बाद बाबा 1977 में वृंदावन आ गये। 1979 में बाबा काशी आकर बस गये। भिक्षु परिवार से होने की वजह से बाबा ने बचपन से ही फल और दूध त्याग दिया था। वो दान लेना और मिठाई खाना भी पसंद नही करते।
काशी के दुर्गाकुंड इलाके में रहने वाले 126 साल के स्वामी शिवानंद बाबा को पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया हैं। प्रभासाक्षी की टीम ने बाबा से बातचीत कर उनके सेहत का राज जाना और लोगो के लिए उनका संदेश पूछा।
बाबा का जन्म बांग्लादेश के श्रीहट्ट में 08.08.1896 को एक भिखारी परिवार में हुआ था। छः वर्ष की उम्र में गरीबी के चलते माता पिता ने बंगाल के नवदीप में एक गुरु के यहां छोड़ दिया। 1903 में बाबा जब बांग्लादेश पहुंचे तो पता चला कि भूख से बहन और माता पिता की मौत हो चुकी हैं। 1907 में अपने गुरु ओमकारा नंद गोस्वामी से दीक्षा मिला। गुरु के मौत के बाद बाबा 1977 में वृंदावन आ गये। 1979 में बाबा काशी आकर बस गये। भिक्षु परिवार से होने की वजह से बाबा ने बचपन से ही फल और दूध त्याग दिया था। वो दान लेना और मिठाई खाना भी पसंद नही करते।
बाबा बताते हैं कि बचपन से ही मैं भोर में तीन बजे उठ जाता हूं। नित्य क्रिया कर पानी पीकर 45 मिनट योग करता हूं। छत से 16 से 18 सीढ़िया रोज उतरा चढ़ता हूं और साथ ही 3 से 4 किमी रोज टहलता हूं। आठ बजे तक सो जाता हूं।
जिंदगी में कभी नही खाया ऑयली फूड
बाबा ने बताता गरीबी बहुत नजदीक से देखा हूं। खाने में उबला चावल, दो रोटी, ब्वॉयल हरी सब्जियां खाते हैं। खाने में कोई भी तेल घी का इस्तेमाल नही करते। कभी ओवर डाइट नही लेता। पानी करीब रोज 4 से 5 लीटर बाबा पीते हैं। बाबा बताते हैं कि वो कभी बीमार नही पड़े हैं। कृष्ण मंत्र, शिव मंत्र, गीता पढ़ना उनको अच्छा लगता हैं। बाबा ने देश विदेश ( आस्ट्रेलिया, अमेरिका, जर्मनी, हंगरी ) की कई यात्राएं भी की हैं। कभी स्कूल नही गये लेकिन उनको हिंदी, अंग्रेजी और बांग्ला अच्छे से आता हैं। बाबा के फॉलोवर दिल्ली, कोलकाता, मुंबई समेत विदेशों में भी हैं। गरीबों को भोजन कराने में उनको बहुत आनंद आता हैं। बाबा ने बताया भारत कुछ बड़े हॉस्पिटल के डॉक्टर उनपर रिसर्च और मेडीकल टेस्ट भी कर चुके हैं। उन्होंने बताया इस बार शायद वो वोट न दे पाये, क्योंकि वृंदावन में भक्तों के साथ उनका कुछ कार्यक्रम हैं। PM मोदी उनको बहुत पसंद हैं। उन्होंने योग को एक नई पहचान दी हैं। उनका संदेश यही है कि लोग जीने की पद्धति बदले और जंक फूड से बचे। योग करे और ऑयली फूड न खाए।
पेबल इंडिया ने अपनी लेटेस्ट स्मार्टवॉच Pebble Pace Pro को लॉन्च कर दिया है। वॉच पेबल पेस का अपग्रेड वर्जन है। कंपनी के अनुसार, पेबल पेस प्रो सबसे बड़े डिस्प्ले वाली स्मार्टवॉच में से एक है। यह रोजाना काम आने वाले कई दिलचप्स फीचर्स के साथ आता है। भारत में इसका मुकाबला हाल ही में लॉन्च हुई रीबॉक एक्टिवफिट 1.0 से देखने को मिलेगा।पेबल पेस प्रो की कीमत 2,999 रुपये है और यह अब पेबल के अपने ऑनलाइन स्टोर के साथ-साथ अमेजन इंडिया पर भी उपलब्ध है। वॉच चार कलर ऑप्शन में उपलब्ध है - जेट ब्लैक, गोल्डन ब्लैक, आइवरी और मेटालिक ब्लू, और ये बिक्री के लिए उपलब्ध है। वॉच 5,000 रुपये से कम प्राइस रेंज में मौजूद अन्य स्मार्टवॉच जैसे रीबॉक एक्टिवफिट 1.0, रियलमी वॉच 2 प्रो, नॉइज कलरफिट प्रो 3 और अन्य को टक्कर देगी।Pebble Pace Pro के खास फीचर्स
1. फीचर्स की बात करें तो, पेबल पेस प्रो टॉप पर एक घुमावदार गिलास के साथ 1.7 इंच का एचडी डिस्प्ले के साथ आती है। जबकि पिछली पीढ़ी के पेबल पेस ने एक गोल कंट्रोलर डायल था। नए पेस प्रो स्मार्टवॉच में एकमात्र फिजिकल ऑपरेशन बटन के रूप में एक फ्लैट बटन है। अन्य प्रमुख फीचर्स में वॉच पर मल्टी-इंफॉर्मेंशन एक्सेस के लिए एक नोवल स्प्लिटस्क्रीन मोड शामिल है, जो पेस पर भी उपलब्ध था।2. हेल्थ और वेलनेस फीचर्स का बात करें तो, पेस प्रो चौबीसों घंटे हार्ट रेट मॉनिटरिंग के साथ-साथ ब्लड-ऑक्सीजन की निगरानी के लिए SpO2 सेंसर के साथ आती है। वॉच ब्लड-प्रेशर भी ट्रैक करती है।
3. इसमें 8 स्पोर्ट्स मोड का सपोर्ट मिलता है, साथ ही वॉच रेगुलर समेत जनरल एक्सरसाइज (जिसमें वॉकिंग, रनिंग और रिलेटेड एक्टिविटीज शामिल हैं) को भी ट्रैक करने में सक्षम है। वॉच स्लीप ट्रैकिंग, रेगुलर हाइड्रेशन अलर्ट और मासिक धर्म भी ट्रैक करने में सक्षम है। अन्य फीचर्स में कॉल नोटिफिकेशन और म्यूटिंग, स्मार्टफोन नोटिफिकेशन अलर्ट और 100 से अधिक वॉच फेस शामिल हैं।
वकीलों का नेतृत्व करते हुए एडवोकेट केजी शर्मा और एडवोकेट सुरिंदर पाल ने बताया कि कि गत दिनों मलेरकोटला में अपनी पत्नी कांग्रेस केबिनेट मंत्री रजिया सुल्तान की चुनावी बैठक के दौरान पूर्व डीजीपी मुहम्मद मुस्तफा ने पंजाब की अमन शांति को भंग करने की साज़िश के तहत हिन्दू समाज के लिए बहुत ही धमकी भरी गंदी भड़काऊ शब्दाबली का प्रयोग किया।
लुधियाना । लुधियाना के वकील भाईचारे और अखंड भारत सनातन हिन्दू संघ के पदाधिकारियों की ओर से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू के सलाहकार पूर्व डीजीपी और कांग्रेस केबिनेट मंत्री रजिया सुल्तान के पति मुहम्मद मुस्तफा के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और मंत्री रजिया सुल्तान की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग को लेकर रोष प्रदर्शन करते हुए पुलिस कमिश्नर लुधियाना को मांगपत्र सौंपा।
वकीलों का नेतृत्व करते हुए एडवोकेट केजी शर्मा और एडवोकेट सुरिंदर पाल ने बताया कि कि गत दिनों मलेरकोटला में अपनी पत्नी कांग्रेस केबिनेट मंत्री रजिया सुल्तान की चुनावी बैठक के दौरान पूर्व डीजीपी मुहम्मद मुस्तफा ने पंजाब की अमन शांति को भंग करने की साज़िश के तहत हिन्दू समाज के लिए बहुत ही धमकी भरी गंदी भड़काऊ शब्दाबली का प्रयोग किया। यहां तक कि पूर्व डीजीपी ने पुलिस प्रशासन एवं चुनाव आयोग को धमकाते हुए कहा कि अगर हिन्दू समाज से संबंधित किसी भी बैठक के आयोजन को उनके इलाके में पुलिस प्रशासन की ओर से इजाजत दी गई तो वे पंजाब के हालात खराब कर देंगे। जिसके लिए पुलिस प्रशासन एवं चुनाव आयोग जिम्मेवार होंगे।
एडवोकेट केजी शर्मा और एडवोकेट नवीन शर्मा ने बताया कि वकील भाईचारे और अखंड भारत सनातन हिन्दू संघ की ओर पुलिस प्रशासन से मांग कि गई कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू के सलाहकार पूर्व डीजीपी और कांग्रेस केबिनेट मंत्री रजिया सुल्तान के पति मुहम्मद मुस्तफा के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए देश द्रोह का मामला दर्ज करते हुए गिरफ्तार किया जाए और मंत्री रजिया सुल्तान की उम्मीदवारी रद्द की जाए। जिससे प्रदेश में शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव करवाए जा सके। इस मौके पर एडवोकेट सुरिंदर पाल, एडवोकेट केजी शर्मा, एडवोकेट आरके मोर्या, एडवोकेट मनीष पुरंग, दीपक जैन, एस्ट्रो अश्विनी शर्मा, एडवोकेट नवीन शर्मा, एडवोकेट विजय शर्मा, एडवोकेट प्रदीप कपूर, एडवोकेट दलजीत राय, एडवोकेट अमित राय, एडवोकेट सुमित जग्गा, एडवोकेट प्रकाश चोपड़ा, एडवोकेट रमेश भारद्वाज, एडवोकेट रजिंदर शर्मा आदि काफी संख्या में वकील भाईचारा विशेष रूप से उपस्थित था।
बीएमसी ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर एक सर्वे किया है। जिसमें पाया गया कि मुंबई में सबसे ज्यादा केस ओमिक्रॉन के मामले सामने आए। टीके के दोनों डोज लेने वाले 89 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
तीसरी लहर के दौरान मुंबई में अधिकांश नए मामले ओमिक्रॉन से संबंधित थे। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अनुसार, कुल 280 नमूनों में से 89% ओमिक्रॉन से, आठ प्रतिशत डेल्टा डेरिवेटिव से, तीन प्रतिशत डेल्टा वेरिएंट और दूसरे वेरिएंट से संक्रमित थे। नगर सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि नवीनतम दौर के परीक्षणों के लिए, 373 नमूनों का परीक्षण किया गया। इनमें से 280 सैंपल बीएमसी इलाके के क्षेत्र से लिए गए थे।
280 नमूनों का आयु समूह विश्लेषण
280 रोगियों में से कुल 34%, यानी 96 रोगी, 21 से 40 वर्ष के आयु वर्ग के हैं और 28% या 79 रोगी 41-60 वर्ष आयु वर्ग के हैं। केवल 22 मरीज अंडर-20 श्रेणी के थे।
280 नमूनों का टीकाकरण विश्लेषण
जब वैक्सीनेशन के दोनों डोजों के आधार पर विश्लेषण किया गया, तो 280 रोगियों में से सात को केवल टीके की पहली खुराक मिली थी। इनमें से छह मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा; दो मरीजों को गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती करना पड़ा। टीके की दोनों खुराक लेने वाले 174 रोगियों में से 89 रोगियों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इनमें से दो मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत थी, जबकि 15 मरीजों को इंटेंसिव केयर यूनिट में भर्ती कराना पड़ा। कुल मरीजों में से 99 मरीजों ने कोविड का टीका नहीं लिया। इनमें से 76 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
सात चरणों में किया गया टेस्ट
टेस्ट का पहला बैच: कोविड से संक्रमित 188 मरीजों के सैंपल की जांच की गई। इनमें से 128 मरीज डेल्टा वेरियंट से संक्रमित पाए गए। दो अल्फा सबटाइप से संक्रमित पाए गए, 24 केपीए सबटाइप के साथ और अन्य सामान्य प्रकार के कोविड वायरस से संक्रमित थे।
टेस्ट का दूसरा बैच: कोविड से संक्रमित 376 मरीजों के सैंपल की जांच की गई। इनमें से 304 मरीज डेल्टा वेरियंट से संक्रमित पाए गए। अन्य नमूनों में दो उप-प्रकार '19-ए', उप-प्रकार '20-ए' के 4 और दूसरे वैरिएंट से संक्रमित पाए गए।
तीसरे बैच की जांच: कोविड से संक्रमित 343 मरीजों के सैंपल की जांच की गई। इनमें से 185 मरीज डेल्टा वेरियंट से संक्रमित पाए गए। अन्य नमूनों में डेल्टा डेरिवेटिव के 117 उपप्रकार और अन्य दूसरे वैरिएंट से संक्रमित पाए गए।
टेस्ट का चौथा बैच: कोविड से संक्रमित 281 मरीजों के सैंपल की जांच की गई। इनमें से 210 मरीज डेल्टा से संक्रमित पाए गए। अन्य नमूनों में डेल्टा डेरिवेटिव के 71 उपप्रकार और अन्य दूसरे वैरिएंट से संक्रमित पाए गए।
पांचवां बैच टेस्ट: कोविड से संक्रमित 221 मरीजों के सैंपल की जांच की गई। इनमें से 24 मरीज डेल्टा से संक्रमित पाए गए। कुल 195 रोगियों में डेल्टा व्युत्पन्न उपप्रकार था, जबकि 2 नमूने ओमिक्रॉन से संक्रमित पाए गए थे।
छठा बैच का टेस्ट: कोविड से संक्रमित 297 मरीजों के सैंपल की जांच की गई। इनमें से 183 मरीज (62%) डेल्टा से संक्रमित पाए गए। अन्य नमूनों में, डेल्टा प्रकार के उप-प्रकार के 105 (35 प्रतिशत), उप-प्रकार के ओमिक्रॉन के 7 नमूने (2 प्रतिशत); शेष 1% नमूने अन्य उपप्रकारों से संक्रमित पाए गए।
जांच का सातवां बैच: कोविड से संक्रमित 282 मरीजों के सैंपल की जांच की गई. इनमें से 156 मरीज (55%) 'ओमाइक्रोन' के उपप्रकार से संक्रमित थे; 89 मरीज (32%) डेल्टा डेरिवेटिव से संक्रमित पाए गए। बाकी 37 सैंपल (13 फीसदी) डेल्टा वेरिएंट सबटाइप कोविड वायरस से संक्रमित पाए गए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ओमाइक्रोन संस्करण में तीन सब-स्ट्रेन हैं - BA.1, BA.2, और BA.3। जबकि दुनिया भर में रिपोर्ट किए गए ओमाइक्रोन संक्रमणों में BA.1 उप-स्ट्रेन प्रमुख है, BA.2 उप-स्ट्रेन तेजी से फैल रहा है।
भारत में अगले 14 दिनों में कोरोना की तीसरी लहर चरम पर पहुंच जाएगा। भारत में कोरोना संक्रमण फैलने की दर को दर्शाने वाली 'आर-वैल्यू' के अनुसार 14 जनवरी से 21 जनवरी के बीच कोरोना संक्रमण की दर घटकर 1.57 रह गई है जिससे देश में संक्रमण की तीसरी लहर अगले 14 में अपने चरम पर पहुंच जाएगी।
इसकी जानकारी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास के प्रारंभिक विश्लेषण के अनुसार जारी की गई है। आर-वैल्यू के अनुसार, एक व्यक्ति कितने लोगों को कोरोना का शिकार बना सकता है। यदि यह दर एक से नीचे चली जाती है, तो यह मान लिया जाता है कि वैश्विक महामारी खत्म हो गई है। IIT मद्रास द्वारा साझा किए गए एक विश्लेषण के अनुसार, 14 जनवरी से 21 जनवरी के बीच आर-वैल्यू 1.57 था, जो 7 से 13 जनवरी के बीच 2.2 था, 1 से 6 जनवरी के बीच चार और 25 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच 2.9 था।
बता दें कि, इसका विश्लेषण प्रोफेसर नीलेश एस उपाध्याय और प्रोफेसर एस सुंदर की अध्यक्षता में आईआईटी मद्रास के गणित विभाग और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर कम्प्यूटेशनल मैथमैटिक्स एंड डेटा साइंस ने कम्प्यूटेशनल मॉडलिंग के जरिए किया है।आईआईटी मद्रास ने कहा कि मुंबई और कोलकाता के आर-वैल्यू से पता चलता है कि वहां कोरोना के मामले में कमी आई है जबकि दिल्ली और चेन्नई के लिए यह अभी भी 1 के करीब है। इससे पहले, यह भविष्यवाणी की गई थी कि तीसरी लहर 1 फरवरी से 15 फरवरी के बीच अपने चरम पर पहुंच जाएगी। देश में आज कोरोना के 3,33,533 मामले हैं।
स्टील्थ ओमिक्रॉन (Stealth Omicron) का बढ़ रहा खतरा
डेल्टा और ओमिक्रोन का बीच अब स्टील्थ ओमिक्रॉन (Stealth Omicron) का भी खतरा बढ़ता नजर आ रहा है। ओमिक्रोन के सब वैरिएंट स्टील्थ ओमिक्रॉन को बहुत ज्यादा संक्रमित बताया जा रहा है। इसके मामले भारत समेत डेनमार्क, ब्रिटेन, स्वीडन और सिंगापुर में पाए गए हैं। वहीं यूरोपीय देशों में यह वेरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है।आइये आपको बता दें कि, स्टील्थ ओमिक्रॉन आखिर क्या है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ओमाइक्रोन संस्करण में तीन सब-स्ट्रेन हैं - BA.1, BA.2, और BA.3। जबकि दुनिया भर में रिपोर्ट किए गए ओमाइक्रोन संक्रमणों में BA.1 उप-स्ट्रेन प्रमुख है, BA.2 उप-स्ट्रेन तेजी से फैल रहा है। BA.2 सब-स्ट्रेन, जिसे आमतौर पर स्टील्थ ओमिक्रोन कहा जाता है, ने पूरे यूरोप में एक मजबूत लहर की आशंका पैदा कर दी है। रिसर्चर के अनुसार, ऐसी संभावना है कि, BA.1 से संक्रमित होने के बाद आप BA.2 की भी चपेट में आ सकते है।
जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को आज तक भारत नहीं भूला है। पुलवामा में हुए आतंकी हमले में भारत ने अपने 40 जवानों को खो दिया था। इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया था। सरकार सवालों के कटघरे में थी और सुरक्षा से संबंधित खूफिया एजेंसियों की आलोचना हो रही थी।
जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को आज तक भारत नहीं भूला है। पुलवामा में हुए आतंकी हमले में भारत ने अपने 40 जवानों को खो दिया था। इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया था। सरकार सवालों के कटघरे में थी और सुरक्षा से संबंधित खूफिया एजेंसियों की आलोचना हो रही थी। अब देश में गणतंत्र दिवस का अवसर है ऐसे में आतंकी देश को एक बार फिर हानि पहुंचाने की साजिश रच रहे हैं।
आज तक के अनुसार उन्होंने खुफिया एजेंसी की तरफ से जारी एक नोटिस प्राप्त किया है जिसमें यह आशंका जताई जा रही है कि देश में एक बार फिर आतंकी पुलवामा जैसी घटना को अंजाम देने की फिराक में है। वह देश के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। जानकारी के अनुसार इस घटना को वह जल्द ही अंदाल दे सकते हैं। माना जा रहा है कि आतंकी गणतंत्र दिवस के अवसर पर सुरक्षा बलों पर फीदायीन हमले से हमाला कर सकते हैं। इसके अलावा वह आईइडी ब्लास्ट भी कर सकते हैं। खूफिया विभाग हर तरह से उनकी मंशा का पता लगाने की कोशिश कर रहा है। इस लिए दिल्ली सहित जम्मू कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था हाई अलर्ट पर है।
हाल ही में सुबह करीब साढ़े दस बजे गाजीपुर फूल बाजार से विस्फोटकों से भरा एक बैग बरामद किया गया, जिसके बाद पूरे बाजार को खाली कराकर राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने आईईडी को निष्क्रिय कर दिया। एनएसजी ने पुष्टि की कि यह आरडीएक्स और अमोनिया नाइट्रेट का मिश्रण था जो विस्फोट का कारण बनने के लिए एक परिष्कृत उपकरण से जुड़ा था। इसके बाद आतंकी समूहों ने इस घटना को अंजाम देने की बात को स्वीकार किया था लेकिन दिल्ली पुलिस ने सोमवार को कहा कि उसने गाजीपुर मंडी बम धमाकों के संबंध में अल-कायदा से संबद्ध इस्लामी आतंकवादी समूह अंसार गजवत-उल-हिंद के आतंकी संगठन के दावों को फर्जी पाया है।
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा कि हमें अपने सूत्रों से पता चला है कि पंजाब चुनाव के पहले आने वाले कुछ दिनों में ईडी सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार करने वाली है। उनके ऊपर पहले भी केंद्र सरकार ने दो बार रेड करवाई थी लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला।
पंजाब चुनाव से पहले सर्दी के मौसम में दिल्ली का सियासी पारा अचानक आसमान पर पहुंच गया है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सनसनीखेज दावा किया है। उन्होंने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार कर सकती है। केजरीवाल ने सूत्रों का हवाला देते हुए कहा है कि पंजाब चुनाव से पहले ईडी की छापेमारी हो सकती है और सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार कर सकती है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और कार्यकर्ता इन एजेंसियों से नहीं डरते क्योंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।
बीजेपी कही चुनाव हार रही होती है एजेंसी छोड़ देती है
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा कि हमें अपने सूत्रों से पता चला है कि पंजाब चुनाव के पहले आने वाले कुछ दिनों में ईडी सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार करने वाली है। उनके ऊपर पहले भी केंद्र सरकार ने दो बार रेड करवाई थी लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। जब बीजेपी कही चुनाव हार रही होती है तो वो एजेंसी को छोड़ देती है।
हम चन्नी जी की तरह रोएंगे नहीं
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम चन्नी जी( पंजाब के मुख्यमंत्री) की तरह रोएंगे नहीं, वो बुरी तरह से बौखलाएं हुए हैं क्योंकि उन्होंने गलत काम किया हुआ है। ईडी ने मोटे-मोटे नोट पकड़े हैं। हमें किसी तरह का डर नहीं है क्योंकि हमने कभी भी कोई गलत काम नहीं किया है।
हम मुस्कुराकर स्वागत करेंगे
केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी अपनी सभी एजेंसियों को 'आप' नेताओं के पीछे लगा सकती है। इनमें न केवल सत्येंद्र जैन, बल्कि खुद मुझे, मनीष सिसोदिया, भगवंत मान के घर भी भेज सकते हैं। हम उनका मुस्कुराकर स्वागत करेंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पहले उनके आवास, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर और सत्येंद्र जैन के आवास पर रेड और 'आप' के 21 विधायकों को भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। पंजाब में 20 फरवरी को मतदान होना है।
नेताजी पढ़ाई लिखाई में बहुत तेज थे। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा भी उत्तीर्ण की थी। लेकिन उन्होंने भी आजादी के दीवानों की तरह ही सरकारी नौकरी का मोह नहीं किया। देश प्रेम की वजह से उन्होंने अंग्रेजी नौकरी ठुकरा दी। सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर सबको हैरान कर दिया।
जब-जब भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों की गाथा लिखी जाएगी उसमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा। नेताजी ने 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा' के नारे से भारत में राष्ट्रभक्ति की ज्वार को पैदा किया जो स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बेहद कारगर साबित हुआ। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी का योगदान अभूतपूर्व रहा है। भारत को गुलामी की बेड़ियों से आजाद कराने के लिए सुभाष चंद्र बोस ने कई आंदोलन किए जिसकी वजह से उन्हें जेल भी जाना पड़ा। अंग्रेजो के खिलाफ भारत की लड़ाई को और तेज करने के लिए नेताजी ने आजाद हिंद फौज का गठन किया था। इतिहास के विशेषज्ञ यह बताते हैं कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की कथनी और करनी में गजब की समानता थी। वह जो कहते थे, उसे हर हाल में करके दिखाते थे। यही कारण था कि विश्व के बड़े दिग्गज भी उनसे घबराते थे। चलिए आपको नेता जी के जीवन के कुछ किस्सों के बारे में बताते हैं।
- भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सुभाष चंद्र बोस की लोकप्रियता बहुत अधिक थी। भारत के लोग उन्हें प्यार से 'नेता जी' कहते थे। उनके व्यक्तित्व एवं वाणी में एक जोश एवं आकर्षण था और यही कारण था कि उनकी अपील पर हर भारतवासी गौर करता था। उनके हृदय में राष्ट्र के लिए मर मिटने की चाहत थी। जानकार बताते हैं कि नेताजी के हर कदम से अंग्रेजी सरकार घबराती थी।
- कहा जाता है कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ही नेता जी हिटलर से मिलने गए थे। इस दौरान उन्हें एक कमरे में बैठा दिया गया था। उस समय वित्तीय विश्वयुद्ध चल रहा था और हिटलर के जान को खतरा था। थोड़ी ही देर बाद हिटलर की शक्ल का एक शख्स नेताजी से मिलने आया और उनकी तरफ अपने हाथ को बढ़ाया। नेताजी ने हाथ तो मिला लिया लेकिन मुस्कुराते हुए यह भी कहा आप हिटलर नहीं हो सकते हैं। यह सुनते ही वह शख्स चौंक गया।
- हालांकि यह सिलसिला रुका नहीं। ठीक कुछ देर बाद एक और शख्स उनसे मिलने आता है। वह भी नेताजी से हाथ मिलाता है। लेकिन इस समय भी नेता जी कहते हैं कि वह हिटलर से मिलने आए हैं ना कि उनके बॉडी डबल से। कहा जाता है कि इसके बाद खुद हिटलर आया और उसे नेताजी ने पहचान लिया। हिटलर को परिचय देते हुए नेताजी ने बताया कि मैं सुभाष हूं भारत से आया हूं। आप हाथ मिलाने से पहले कृपया दस्ताने उतार दें क्योंकि मैं मित्रता के बीच में कोई दीवार नहीं चाहता। नेताजी के इस आत्मविश्वास को देखकर हिटलर भी उनका कायल हो गया था।
- नेताजी पढ़ाई लिखाई में बहुत तेज थे। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा भी उत्तीर्ण की थी। लेकिन उन्होंने भी आजादी के दीवानों की तरह ही सरकारी नौकरी का मोह नहीं किया। देश प्रेम की वजह से उन्होंने अंग्रेजी नौकरी ठुकरा दी। सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर सबको हैरान कर दिया।
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस बंगाल के देशभक्त चितरंजन दास की प्रेरणा से राजनीति में आए थे। उन्होंने गांधीजी के असहयोग आंदोलन में भी भाग लिया और जेल गए। कांग्रेस में वह लगातार आगे बढ़ते गए और 1939 में उन्हें पार्टी का अध्यक्ष भी चुन लिया गया। हालांकि नेताजी के विचार कांग्रेस और गांधीजी के अहिंसावादी विचार से मेल नहीं खाती थी और इसी कारण उन्होंने कांग्रेस छोड़ दिया। इसके बाद सुभाष चंद्र बोस ने फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की। उन्होंने पूर्ण स्वराज का लक्ष्य रखा और नारा दिया जय हिंद।
- 21 अक्टूबर 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सिंगापुर में आजाद भारत के अस्थायी सरकार की घोषणा की थी। इस दौरान उन्होंने नए सिरे से आजाद हिंद फौज का गठन भी किया और उसमें जान फूंक दी। बोस की इस सरकार को जर्मनी, जापान, फिलीपींस, कोरिया, इटली और आयरलैंड जैसे देशों ने तुरंत मान्यता भी दे दी थी। उसी दौरान जापान ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को इस अस्थाई सरकार को दे दिए थे। 30 दिसंबर 1943 को इन द्वीपों पर आजाद भारत का झंडा फहराया गया था।
एक परिचय
सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में हुआ था। उनके पिता जानकीदास बोस एक वकील थे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रारंभिक शिक्षा कटक में ही हुई। बाद में वह उच्च शिक्षा के लिए कोलकाता चले गए। नेताजी को जलियांवाला बाग कांड ने इस कदर विचलित किया कि वह आजादी की लड़ाई में कूद पड़े। उन्होंने कोलकाता के प्रेसिडेंसी कॉलेज और स्कॉटिश चर्च कॉलेज से पढ़ाई की है। नेताजी ने असहयोग आंदोलन से प्रभावित होकर 1921 में सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया। स्वराज अखबार के जरिए बंगाल में कांग्रेस के प्रचार प्रसार की भी जिम्मेदारी संभाली। 1923 में कांग्रेस युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। 1928 में जब साइमन कमीशन भारत आया तब कांग्रेस ने उसे काले झंडे दिखाए थे। सुभाष चंद्र बोस ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया था। सुभाष चंद्र बोस को 11 बार जेल हुई है। उन्होंने आजाद हिंद फौज का गठन किया था और अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जमकर लड़ाई लड़ी थी।
- अंकित सिंह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि जब तक नेताजी बोस की भव्य प्रतिमा बनकर तैयार नहीं हो जाती, तब तक उनकी होलोग्राम प्रतिमा उसी स्थान पर मौजूद रहेगी। मैं 23 जनवरी को नेताजी की जयंती पर होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करूंगा।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान किया कि इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब पूरा देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ग्रेनाइट से बनी उनकी भव्य प्रतिमा इंडिया गेट पर स्थापित की जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब तक नेताजी बोस की भव्य प्रतिमा बनकर तैयार नहीं हो जाती, तब तक उनकी होलोग्राम प्रतिमा उसी स्थान पर मौजूद रहेगी। मैं 23 जनवरी को नेताजी की जयंती पर होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करूंगा।
इसी बीच गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज घोषणा की है कि नई दिल्ली के प्रतिष्ठित इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। महान नेताजी को एक उचित श्रद्धांजलि है, जिन्होंने भारत की आजादी के लिए सब कुछ दिया।
अमेरिका स्थित ग्लोबल लीडर अप्रूवल ट्रैकर मॉर्निंग कंसल्ट के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi )भारत की 71 प्रतिशत वयस्क आबादी के साथ दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता (World's Most Popular Leader ) बने हुए हैं।
अमेरिका स्थित ग्लोबल लीडर अप्रूवल ट्रैकर मॉर्निंग कंसल्ट के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi )भारत की 71 प्रतिशत वयस्क आबादी के साथ दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता (World's Most Popular Leader ) बने हुए हैं। शोध फर्म द्वारा किए गए सर्वेक्षण में 13 नेताओं को शामिल किया गया था जिसमें पीएम मोदी 71 प्रतिशत के साथ सूची में सबसे ऊपर हैं, इसके बाद मेक्सिको के एंड्रेस मैनुअल लोपेज़ ओब्रेडोर (66 प्रतिशत), इटली के मारियो ड्रैगी (60 प्रतिशत) और जापान के फुमियो किशिदा (48 प्रतिशत) हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भले ही टॉप पर बने हुए हैं लेकिन इस बात को नकारने वालों की संख्या में लोग काफी ज्यादा है। पीएम मोदी को टॉप में जगह देने को न मानने वालों की सख्या 21 प्रतिशत है।
पीएम मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और कनाडा के जस्टिन ट्रूडो को 43 प्रतिशत की स्वीकृति रेटिंग मिली और उन्हें क्रमशः छठे और सातवें स्थान पर रखा गया। ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन 26 फीसदी अप्रूवल रेटिंग के साथ सर्वे में शामिल नेताओं में सबसे निचले पायदान पर हैं। पिछले दो सालों में पीएम मोदी की अनुमोदन रेटिंग 2 मई, 2020 को 84 प्रतिशत के उच्च स्तर को छू गई। 7 मई 2021 को उनकी अनुमोदन रेटिंग 63 प्रतिशत के साथ सबसे कम थी, जब कोरोनोवायरस की दूसरी लहर अपने चरम पर थी।
जो बाइडेन की अप्रूवल रेटिंग सबसे कम हुई
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की अनुमोदन रेटिंग 43 प्रतिशत के साथ उनके राष्ट्रपति पद के दौरान सबसे कम हो गई है। जब बाइडन से सरकार बनायी थी तब कुछ समय तक उनकी लोकप्रियता काफी ज्यादा थी लेकिन अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की जल्दबाजी में वापसी के कारण और कोरोना के दौरान अमेरिका में ठीक से प्रबंधन न होने के कारण िनकी लोकप्रियता में कम आयी है। पहले महीनों में 50 प्रतिशत से ऊपर लोकप्रियता रही थी।
कैसे किया जाता है सर्वे?
मॉर्निंग कंसल्ट राजनीतिक चुनावों, निर्वाचित अधिकारियों और सर्वेक्षण करने के लिए मतदान के मुद्दों पर वास्तविक समय के मतदान डेटा पर निर्भर करता है। शोध फर्म वयस्क आबादी के साथ प्रतिदिन 20,000 से अधिक वैश्विक साक्षात्कार आयोजित करती है। वैश्विक नेता और देश प्रक्षेपवक्र डेटा किसी दिए गए देश में सभी वयस्कों के सात-दिवसीय चलती औसत पर आधारित है, जिसमें +/- 1-3 प्रतिशत के बीच त्रुटि का अंतर है। जबकि अमेरिका में औसत नमूना आकार 45,000 है, यह अन्य देशों में लगभग 3,000-5,000 के बीच है। हर देश में उम्र, लिंग, क्षेत्र और कुछ देशों में आधिकारिक सरकारी स्रोतों के आधार पर शिक्षा के आधार पर सर्वेक्षणों को महत्व दिया जाता है। भारत में, नमूना साक्षर आबादी का प्रतिनिधि है।