ईश्वर दुबे
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Bhilai
रायपुर :
नियद नेल्लानार योजना से सुकमा जिले के दूरस्थ एवं अंदरूनी गांवों में बुनियादी सुविधा और शासकीय योजनाओं व कार्यक्रमों का लाभ आम जनता को सुलभ होने से गांवों और ग्रामीणों की तस्वीर संवरने लगी है। सुकमा जिले के दूरस्थ गांवों में कलेक्टर के मार्गदर्शन में लगातार सुविधा शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। प्रशासन की यह पहल से ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो वर्षों से मूलभूत सुविधाओं और सरकारी योजनाओं से वंचित रहे थे।
सुरक्षाबलों द्वारा दो दिन पहले न्यूट्रलाइज किए गए नक्सली कमांडर हिड़मा के गांव पूवर्ती में भी जिला प्रशासन द्वारा बीते दिनों सुविधा शिविर लगाकर ग्रामीणों को महतारी वंदन योजना, जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, पीएम किसान सम्मान निधि सहित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं से लाभान्वित किया गया। इसी दौरान पुवर्ती की निवासी श्रीमती मड़कम हान्दा ने शिविर में उपस्थित बीसी सखी की सहायता से आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से महतारी वंदन योजना की 1000 रुपए पाकर प्रसन्नता जताई और इसके लिए शासन-प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
पूवर्ती सुविधा शिविर में कुल 21 ग्रामीणों को आधार कार्ड के माध्यम से 43 हजार रुपए की राशि निकालकर दी गई। प्रशासन का मुख्य उद्देश्य दूरस्थ, दुर्गम और संचारविहीन क्षेत्रों में लोगों को शासन की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुँचाना है। इस दिशा में पूवर्ती कैंप में जियो नेटवर्क का स्थापित होना एक बड़ी उपलब्धि है। नेटवर्क विस्तार से अब पूवर्ती ही नहीं, बल्कि चिमलीपेंटा, तुमलपाड़, जोनागुड़ा, सिंगाराम तथा टेकलगुड़े जैसे आसपास के अंदरूनी गांव भी संचार सुविधा से जुड़ गए हैं। मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट मिलने से ग्रामीण पहली बार अपने परिजनों से आसानी से संपर्क कर पा रहे हैं। साथ ही डिजिटल बैंकिंग, आधार आधारित लेनदेन और ऑनलाइन सेवाएँ भी अब उनकी पहुँच में हैं।
शासन और जिला प्रशासन की सामूहिक पहल से दूर-दराज के वनांचल क्षेत्रों में नेटवर्क, इंटरनेट और बैंकिंग जैसी मूलभूत सेवाओं का विस्तार तेजी से हो रहा है। इन सुविधाओं के कारण ग्रामीणों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आने लगा है, जो उनके सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
रायपुर :
छत्तीसगढ़ में सेमीकंडक्टर उद्योग की स्थापना से प्रदेश के विकास में नया आयाम जुड़ रहा है। छत्तीसगढ़ के युवा अब दुनिया की सबसे आधुनिक तकनीक में अपनी जगह बना रहे हैं। सेमीकंडक्टर क्रांति के साथ छत्तीसगढ़ देश के उच्च-प्रौद्योगिकी मानचित्र पर उभर रहा है।
पॉलीमैटेक इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा राज्य में सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित करने का निर्णय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विज़न और केंद्र सरकार की अग्रणी तकनीकी नीतियों का परिणाम है। पॉलीमैटेक इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड, जो भारत की पहली सेमीकंडक्टर चिप निर्माता कंपनी है, छत्तीसगढ़ में ₹1143 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक विनिर्माण इकाई स्थापित कर रही है। डेढ़ लाख वर्ग फीट क्षेत्र में बनने वाला यह प्लांट वर्ष 2030 तक 10 अरब चिप्स का उत्पादन करेगा, जो टेलीकॉम, 6G/7G, लैपटॉप, पावर-इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य उभरती तकनीकों में उपयोग होंगे। इस प्लांट से छत्तीसगढ़ के अनेक युवाओं को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है। पॉलीमैटेक इलेक्ट्रॉनिक्स ने छत्तीसगढ़ के चयनित युवाओं की पहली सूची जारी की है, जिनमें अधिकांश छत्तीसगढ़ के इंजीनियरिंग और कॉमर्स ग्रेजुएट्स शामिल हैं। चयनित युवाओं में में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से कुल 12 युवा शामिल हैं। इनमें दुर्ग से आभार मेहूंकर (B.Tech–EEE), भिलाई से अभिषेक काशी (B.Tech–E&T), बालोद से नवीन कुमार देवांगन (B.Tech–ME), रायपुर से कुणाल यादव (BE–Mechanical), बस्तर से तुषार देवांगन (B.Tech–E&T), रायपुर से अपूर्व देवांगन (B.Tech–E&T), भिलाई की धारा सरपे (B.Tech–EEE), रायपुर के अरिन सोनी (B.Tech–E&T), रायगढ़ की तरू यादव (B.Tech–E&T), भिलाई के तुषार कुमार ठाकुर (BE–Mechanical), रायपुर के भूपेंद्र यादव (B.Com) तथा बालोद के अबिश सी. थॉमस (M.Com) को प्रशिक्षण एवं नियुक्ति के लिए चयनित किया गया है।
कंपनी के अधिकारियों ने बताया है कि चयनित युवाओं को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण देने के लिए चेन्नई में ट्रेनिंग दी जाएगी। युवाओं के एयर ट्रैवल, आवास, भोजन सहित सभी खर्च कंपनी वहन करेगी। इसके बाद चयनित युवाओं को एस्टोनिया, सिंगापुर और फ्रांस स्थित पॉलीमैटेक के वैश्विक प्लांट्स में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सभी चयनित उम्मीदवार फ्रेश इंजीनियर्स हैं। मार्च 2026 तक चयनित युवाओं की संख्या बढ़कर 200 से 250 तक हो जाएगी।
"सेमीकंडक्टर उद्योग की स्थापना से प्रदेश के विकास में एक नया तकनीकी अध्याय जुड़ रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विज़न के अनुरूप छत्तीसगढ़ अब उच्च-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में तेज़ी से उभर रहा है। पॉलीमैटेक द्वारा राज्य के युवाओं को चयनित कर उन्हें चेन्नई सहित एस्टोनिया, सिंगापुर और फ्रांस के वैश्विक प्लांट्स में उच्चस्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करना इस बात का प्रमाण है कि हमारे युवाओं की क्षमता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल रही है। यह अवसर न केवल रोजगार का माध्यम बनेगा, बल्कि युवाओं को अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर तकनीक की गहन समझ देकर उन्हें भविष्य का तकनीकी नेतृत्व प्रदान करेगा। हमारी सरकार हर निवेशक को पूर्ण सहयोग और हर युवा को विश्वस्तरीय कौशल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।” - मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में राज्य स्तरीय दिशा समिति की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक में विभिन्न विभागों की केंद्र एवं राज्य पोषित योजनाओं की प्रगति की व्यापक और विस्तृत समीक्षा की गई।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी पात्र हितग्राही योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे तथा सभी योजनाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध और प्रभावी ढंग से सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि दिशा समिति की बैठकें अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं। इन्हीं बैठकों के माध्यम से केंद्र पोषित योजनाओं की नियमित समीक्षा की जाती है। उन्होंने निर्देशित किया कि प्रत्येक 6 माह में दिशा समिति की बैठक अनिवार्य रूप से आयोजित की जाए। उन्होंने बताया कि 26 विभागों के अंतर्गत कुल 81 योजनाएँ संचालित हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने सांसदों से आग्रह किया कि वे जिले स्तर पर आयोजित प्रत्येक तिमाही दिशा समिति की बैठकों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें।
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने बैठक की नियमितता, बेहतर समन्वय और समयबद्ध क्रियान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह समिति विकास कार्यों की दिशा तय करने वाली प्रमुख संस्था है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत संचालित प्रमुख योजनाओं—महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, सांसद आदर्श ग्राम योजना, और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की।
बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग से संबंधित पीएम जनमन, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तथा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की स्थिति पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री श्री साय ने निर्देशित किया कि शत-प्रतिशत पात्र किसानों को योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जाए और किसी भी पात्र किसान को लाभ से वंचित न रखा जाए। उन्होंने इस दौरान वनभूमि पट्टाधारियों के एग्रीस्टेक पंजीयन की स्थिति की भी जानकारी ली।
मुख्यमंत्री श्री साय ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के सहयोग से प्रारम्भ हुई डेयरी समग्र विकास योजना की समीक्षा के दौरान धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों को शीघ्र लक्ष्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों के साथ-साथ पारंपरिक रूप से दुग्ध उत्पादन करने वाले किसानों को भी योजना से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि योजना को बढ़ावा मिले और अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हों।
नगरीय प्रशासन विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), मिशन अमृत, तथा प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने शहरी आवास निर्माण में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने पर विशेष ज़ोर दिया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के अंतर्गत जारी आयुष्मान कार्ड एवं वय वंदन कार्ड की संख्या पर विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने नियद नेल्ला नार क्षेत्र के गांवों में विशेष अभियान चलाकर आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। साथ ही आयुष्मान कार्ड से जुड़ी शिकायतों पर कठोर कार्रवाई करने और हितग्राहियों की सुविधा के लिए राज्य-स्तरीय हेल्पलाइन नंबर जारी करने की आवश्यकता पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना एवं पोषण योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि इन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने मध्याह्न भोजन की उत्कृष्ट गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वस्थ महिला और स्वस्थ बच्चे ही स्वस्थ प्रदेश के विकास का आधार हैं
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के प्रख्यात साहित्यकार श्री विनोद कुमार शुक्ल को साहित्य जगत के प्रतिष्ठित ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित किए जाने पर बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्री विनोद कुमार शुक्ल हिंदी साहित्य की उस विराट परंपरा के प्रतिनिधि हैं, जिसने अपनी सादगी, संवेदना और अद्भुत लेखन-शक्ति से साहित्य की दुनिया में एक विशिष्ट स्थान बनाया है। उनकी लेखनी ने न केवल हिंदी भाषा को समृद्ध किया है, बल्कि पाठकों की अनेक पीढ़ियों को गहराई से प्रभावित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हम सभी प्रदेशवासियों के लिए गर्व का क्षण है कि श्री विनोद कुमार शुक्ल को यह सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान साहित्य जगत में उनके अद्वितीय योगदान को प्रदर्शित करता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री विनोद कुमार शुक्ल के सुदीर्घ, स्वस्थ और सक्रिय जीवन की कामना करते हुए कहा कि उनका रचनात्मक योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।
*भरतपुर में नई ग्रामीण बस सेवा शुरू*
*मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सेवा से ग्रामीणों में खुशी की लहर*
रायपुर, 21 नवम्बर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की जनहितकारी सोच एवं मंशानुरूप परिवहन मंत्री श्री केदार कश्यप के निर्देश पर मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के भरतपुर ब्लॉक में ग्रामीण बस सेवा के तहत नई बसों का शुभारंभ किया गया।
*ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर और सुरक्षित परिवहन व्यवस्था उपलब्ध है कराना*
उल्लेखनीय है कि परिवहन मंत्री श्री केदार कश्यप के मार्गदर्शन में ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर, सुगम और सुरक्षित परिवहन व्यवस्था उपलब्ध कराने का लक्ष्य लगातार साकार हो रहा है। उनकी प्राथमिकता हमेशा से अंतिम व्यक्ति तक शासकीय सुविधाएं पहुँचाना रही है। ग्रामीण बस सेवा इसी संकल्प का प्रभावी उदाहरण है, जिसने गांवों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में नई ऊर्जा प्रदान की है।
*विद्यार्थियों, महिलाओं और आमजनों को बड़ी सुविधा*
नई बस सेवा शुरू होने से भरतपुर एवं आसपास के गांवों के विद्यार्थियों, महिलाओं, मजदूरों तथा आम लोगों को अब नियमित और सुरक्षित परिवहन सुविधा मिल सकेगी। अब विद्यार्थियों को स्कूल-कॉलेज पहुँचने में आसानी होगी, महिलाएं बिना परेशानी अस्पताल, बाज़ार और आवश्यक कामों के लिए अपने गंतव्य तक सुगमता से यात्रा कर सकेंगी, वहीं मजदूर वर्ग को रोजगार स्थलों तक पहुंचने में समय और सुविधा दोनों मिलेंगी।
इस अवसर पर सभी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उपस्थिति में बसों को हरी झंडी दिखाकर उनके निर्धारित मार्गों पर रवाना किया गया। बसों के प्रस्थान के साथ ही ग्रामीणों में उत्साह और प्रसन्नता का माहौल रहा। लोगों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सेवा उनकी वास्तविक जरूरतों को पूरा करती है।
*ग्रामीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल*
यह बस सेवा केवल परिवहन व्यवस्था का विस्तार नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, गांव और शहर के बीच संपर्क बढ़ेगा तथा विकास की गति और तेज होगी। मुख्यमंत्री श्री साय की प्रतिबद्धता और प्रशासनिक टीम के समन्वित प्रयासों का परिणाम है कि ग्रामीण क्षेत्र अब सुविधाओं और विकास के नए मानक स्थापित कर रहे हैं।
इस अवसर पर जनपद अध्यक्ष माया प्रताप सिंह, उपाध्यक्ष हीरालाल मौर्य, जनपद सदस्य सुखलाल मरावी, नगर पंचायत अध्यक्ष कौशल पटेल, उपाध्यक्ष निलेश मिश्रा, जनपद सीईओ, परिवहन अधिकारी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
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राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने केंद्र सरकार द्वारा संचालित ‘आदि कर्मयोगी अभियान’, ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ तथा ‘प्रधानमंत्री जनमन अभियान’ को जनजातीय समाज के उत्थान हेतु महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि ये सभी योजनाएँ देश के करोड़ों आदिवासी परिवारों को शिक्षा, आजीविका, स्वास्थ्य और विकास के नए अवसर प्रदान कर रही हैं। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु आज अम्बिकापुर में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम को सम्बोधित कर रही थी।
अम्बिकापुर में जनजातीय गौरव दिवस का कार्यक्रम आयोजित
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है, और इसकी झलक बस्तर की ‘मुरिया दरबार’ जैसी जनजातीय परंपराओं में भी दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा की जनजातीय विरासत अत्यंत समृद्ध और आपस में जुड़ी हुई है। उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति भवन में ‘जनजातीय दर्पण’ संग्रहालय की स्थापना की गई है, तथा वहां आदिवासी कला और संस्कृति को विशेष स्थान दिया गया है। राष्ट्रपति ने अपने सम्बोधन में छत्तीसगढ़ में जनजातीय गौरव पखवाड़ा मनाने, जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय बनाने और शासकीय योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि दिल्ली में आयोजित ‘आदि कर्मयोगी’ राष्ट्रीय सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के आदिवासी विकास विभाग को उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय तथा उनकी पूरी टीम को बधाई दी।
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रमेन डेका ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस अपनी पहचान, सांस्कृतिक विरासत और उन वीर पूर्वजों को स्मरण करने का दिन है, जिन्होंने जनजातीय इतिहास को गौरवशाली अध्यायों से भर दिया। समारोह में उपस्थित देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का सम्मान करते हुए राज्यपाल ने कहा कि एक साधारण परिवार से निकलकर राष्ट्र के सर्वाेच्च संवैधानिक पद तक पहुँचने की उनकी प्रेरक यात्रा पूरे भारत के लिए उदाहरण है। भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने उनके व्यक्तित्व और संघर्ष के कई प्रेरक प्रसंगों को याद किया। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा ने नशाखोरी, अन्याय और अंधविश्वास के खिलाफ साहसिक अभियान चलाया। उनके नेतृत्व में हुआ ‘उलगुलान’ ब्रिटिश शासन को चुनौती देने वाला ऐतिहासिक आंदोलन था, जिसने जनजातीय स्वाभिमान और अधिकारों की लड़ाई को नई दिशा दी। उन्होंने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह, राजा गेंद सिंह, कंगला मांझी, वीर सीताराम कंवर और गुंडाधुर जैसे महानायकों ने अपने बलिदान और संघर्ष से स्वतंत्रता आंदोलन और जनजातीय गौरव को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया। उनका योगदान प्रदेश की स्मृतियों में सदा अमर रहेगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह छत्तीसगढ़ का सौभाग्य है कि राष्ट्रपति जी ने अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद इस समारोह में शामिल होकर प्रदेश की गरिमा बढ़ाई है। कुछ दिन पूर्व नक्सल पीड़ित परिवारों से राष्ट्रपति की भेंट का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रत्येक पीड़ित से आत्मीयता से हाल-चाल जानकर अपनी ममतामयी छवि प्रस्तुत की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ का इतिहास अत्यंत समृद्ध है और यहाँ के आदिवासी समाज ने देश की स्वतंत्रता में अमूल्य योगदान दिया है। हाल ही में 1 नवम्बर को आयोजित रजत महोत्सव में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी भी उपस्थित थे और उन्होंने आजादी की लड़ाई से जुड़े आदिवासी महापुरुषों पर आधारित म्यूज़ियम का लोकार्पण किया। उन्होंने बताया कि जनजातीय विद्रोह के नायकों की स्मृति को सहेजने हेतु शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक सह-संग्रहालय का निर्माण किया गया है, जिसे राज्य स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री द्वारा जनता को समर्पित किया गया। यह देश का पहला जनजातीय संग्रहालय है, जिसमें डिजिटल माध्यम से जनजातीय गौरवगाथा को देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के करकमलों से आज जनजातीय विद्रोह के नायकों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवारजनों का सम्मान होना सभी के लिए गौरव का विषय है। साथ ही जनजाति एवं उपजनजाति प्रमुखों को भी सम्मानित किया गया, जो अपने ज्ञान और अनुभव से समाज को निरंतर जागरूक कर रहे हैं।
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राष्ट्रपति ने रेखांकित किया कि पिछले एक दशक में, जनजातीय समुदायों के विकास और कल्याण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर योजनाएँ विकसित और कार्यान्वित की गई हैं। पिछले वर्ष, गांधी जयंती के अवसर पर ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ शुरू किया गया था। इस अभियान का लाभ देश भर के 5 करोड़ से अधिक जनजातीय भाई-बहनों तक पहुँचेगा। वर्ष 2023 में, 75 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन अभियान) शुरू किया गया। ये सभी योजनाएँ इस बात का प्रमाण हैं कि सरकार जनजातीय समुदायों को कितनी प्राथमिकता देती है।
राष्ट्रपति ने कहा कि जनजातीय समुदायों के विकास प्रयासों को नई ऊर्जा देने के लिए, भारत सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के वर्ष के दौरान ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ शुरू किया है। उन्होंने उल्लेख किया कि इस अभियान के तहत देश भर में लगभग 20 लाख स्वयंसेवकों का एक नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये स्वयंसेवक जमीनी स्तर पर काम करके जनजातीय समुदायों का विकास सुनिश्चित करेंगे।
राष्ट्रपति ने यह जानकर प्रसन्नता व्यक्त की कि छत्तीसगढ़ सहित देश भर में लोग वामपंथी उग्रवाद का रास्ता छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के सुविचारित और सुसंगठित प्रयासों से निकट भविष्य में वामपंथी उग्रवाद का उन्मूलन संभव हो पाएगा। उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि हाल ही में आयोजित 'बस्तर ओलंपिक्स' में 1,65,000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जनजातीय महापुरुषों के आदर्शों का पालन करते हुए, छत्तीसगढ़ के लोग एक सशक्त, आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण में अमूल्य योगदान देंगे।
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राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जनजातीय गौरव दिवस 2025 के उपलक्ष्य में सरगुजा जिले में 20 नवम्बर को पीजी कॉलेज ग्राउण्ड में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। कार्यक्रम में राज्यपाल श्री रमेन डेका, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, राज्यमंत्री जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार श्री दुर्गा दास उईके, राज्यमंत्री आवास एवं शहरी मंत्रालय भारत सरकार श्री तोखन साहू, आदिम जाति विकास विभाग कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग मंत्री श्री रामविचार नेताम, प्रभारी मंत्री जिला सरगुजा एवं वित्त वाणिज्यिक कर विभाग मंत्री श्री ओमप्रकाश चौधरी, पर्यटन संस्कृति एवं धर्मस्व विभाग मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, वन एवं जलवायु परिवर्तन परिवहन सहकारिता एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री केदार कश्यप, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण चिकित्सा शिक्षा पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास 20 सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास समाज कल्याण विभाग मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, सरगुजा सांसद श्री चिंतामणी महाराज, उत्तर रायपुर विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, जगदलपुर विधायक श्री किरण सिंह देव, महापौर अम्बिकापुर श्रीमती मंजुषा भगत भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम स्थल में जनजातीय संस्कृति, लोक कला एवं शिल्प, आभूषण एवं वस्त्र, पूजा-पाठ, संस्कार, व्यंजन, वाद्ययंत्रों, जड़ी-बूटियों आदि को प्रदर्शित करने हेतु प्रदर्शनियां लगाई गई। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने प्रदर्शनियों का अवलोकन किया।
पारम्परिक अखरा स्थल एवं जनजातियों के धार्मिक आस्था के केंद्र देवगुड़ी में देवताओं की आराधना
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जनजातीय गौरव दिवस 2025 के उपलक्ष्य में सरगुजा जिले में 20 नवम्बर को पीजी कॉलेज ग्राउण्ड में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। कार्यक्रम में राज्यपाल श्री रमेन डेका, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, राज्यमंत्री जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार श्री दुर्गा दास उईके, राज्यमंत्री आवास एवं शहरी मंत्रालय भारत सरकार श्री तोखन साहू, आदिम जाति विकास विभाग कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग मंत्री श्री रामविचार नेताम, प्रभारी मंत्री जिला सरगुजा एवं वित्त वाणिज्यिक कर विभाग मंत्री श्री ओमप्रकाश चौधरी, पर्यटन संस्कृति एवं धर्मस्व विभाग मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, वन एवं जलवायु परिवर्तन परिवहन सहकारिता एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री केदार कश्यप, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण चिकित्सा शिक्षा पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास 20 सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास समाज कल्याण विभाग मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, सरगुजा सांसद श्री चिंतामणी महाराज, उत्तर रायपुर विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, जगदलपुर विधायक श्री किरण सिंह देव, महापौर अम्बिकापुर श्रीमती मंजुषा भगत भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने जनजातीय समाज प्रमुखों, पीवीटीजी समुदाय के समाज प्रमुखों, जनजातीय समाज के उत्थान में विशेष योगदान देने वालों, जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम में सेनानियों के परिजनों से भेंट की। श्रीमती मुर्मू ने इन सभी के साथ समूह फोटो खिंचवाई।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले जनजातीय जननायकों एवं सेनानियों के परिजनों का सम्मान किया। राष्ट्रपति ने सोनाखान क्रांति के जननायक शहीद वीर नारायण सिंह एवं शहीद वीर नारायण सिंह के सेनापति, परलकोट क्रांति के जननायक शहीद गेंदसिंह, झण्डा सत्याग्रह के जननायक श्री सुकदेव पातर, भूमकाल क्रांति के जननायक श्री बन्टु धुरवा, जंगल सत्याग्रह के जननायक शहीद रामधीन गोड़, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री राजनाथ भगत एवं श्री माझी राम गोंड़ के परिजनों से भेंट की।
राष्ट्रपति ने बिरहोर जनजाति के श्री राजेश बिरहोर, अबुझमाड़िया जनजाति के श्री रामजी ध्रुव, बैगा जनजाति के श्री एतवारी राम मछिया एवं पहाड़ी कोरवा जनजाति के श्री जोगीराम से सौजन्य भेंट की और हाल-चाल पूछा। राष्ट्रपति ने इसी तरह उरांव जनजाति के श्री मंगल उरांव, नगेशिया जनजाति के श्री धनराम नागेश, खैरवार जनजाति के श्री वीर सिंह खैरवार, कंवर जनजाति के श्री संजय सिंह, नागवंशी जनजाति के श्री लक्कू राम नागवंशी, मुरिया जनजाति के श्री धनीराम शोरी, गोंड़ जनजाति के श्री मोहन सिंह, पंण्डो जनजाति के श्री विनोद कुमार पंण्डो एवं चेरवा जनजाति के श्री डी.एन. चेरवा से भी भेंट की।
पण्डो जनजाति के बसन्त पण्डो से मिलकर जाना कुशलक्षेम, शॉल भेंट कर किया सम्मान
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु कार्यक्रम के दौरान पण्डो जनजाति के बसन्त पण्डो से मिलीं। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने उनका कुशल क्षेम जाना और उन्हें शॉल भेंट की। बसन्त पण्डो ने राष्ट्रपति को बताया कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद जब वर्ष 1952 में अंबिकापुर आए थे, तब वे 08 वर्ष के थे। राष्ट्रपति ने बसन्त पण्डो को गोद लिया और उनका नामकरण किया था। बसंत पण्डो को गोद लेने के बाद, पण्डो जनजाति को ’राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र’ कहलाने का दर्जा प्राप्त हुआ। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने बसन्त पण्डो को कहा कि आप मेरे भी पुत्र की तरह हैं।
जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर अंबिकापुर में आयोजित कार्यक्रम में एक प्रेरक एवं गरिमामय क्षण देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु को बस्तर आर्ट में निर्मित धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्मृति-चिह्न के रूप में भेंट की। यह प्रतिमा जनजातीय विरासत, शौर्य और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक अस्मिता का प्रतीक मानी जाती है।
मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा भेंट की गई यह मूर्ति भगवान बिरसा मुंडा के बलिदान और जनजातीय समाज की गौरवपूर्ण परंपराओं को सम्मानपूर्वक स्मरण कराने वाला एक सशक्त प्रतीक है। कार्यक्रम स्थल पर मौजूद दर्शकों ने इस भावनात्मक क्षण का गर्मजोशी से स्वागत किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासी समाज की समृद्ध परंपराओं, कला, इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम में उनके अप्रतिम योगदान को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जनजातीय समाज की विरासत, संस्कृति और अमूल्य योगदान को संजोने, संरक्षित करने और सशक्त रूप से आगे बढ़ाने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।