ईश्वर दुबे
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Bhilai
मुंबई : किसी फिल्म या सीरियल में पॉजिटिव रोल के साथ-साथ नेगेटिव रोल भी होता है। सीरियल में जहां नायक-नायिकाएं अच्छा काम करते हुए देखे जाते हैं, वहीं नेगेटिव रोल निभाने वाले किरदार उनके लिए मुश्किलें पैदा करते हैं। कई अभिनेत्रियां हैं जिन्होंने टीवी सीरियल में नेगेटिव किरदार निभाया है और खूब मशहूर हुई हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं।
सुधा चंद्रन
सुधा चंद्रन टीवी का मशहूर चेहरा हैं। उन्होंने 'कहीं किसी रोज' और 'डोरी' समेत कई टीवी सीरियल में नेगेटिव किरदार निभाया है। 27 सितंबर 1965 को जन्मी सुधा भरतनाट्यम डांसर भी हैं। उन्होंने हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ में काम किया है।
आम्रपाली गुप्ता
आम्रपाली गुप्ता टीवी का जाना माना नाम हैं। उन्होंने 'बहू बेगम' और 'कुबूल है' समेत कई टीवी सीरियल में नेगेटिव भूमिका निभाई है। इन्हें आम्रपाली यश सिन्हा के नाम से भी जाना जाता है। हाल ही में उन्हें टीवी सीरियल 'रब से है दुआ' में देखा गया। उन्होंने सह-कलाकार यश सिंहा से 2012 में शादी की थी।
अनीता हसनंदानी
अनीता हसनंदानी टीवी सीरियल में नेगेटिव किरदार निभाने के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने 'ये हैं मोहब्बतें' में शगुन का किरदार निभाया है। इससे वह काफी मशहूर हुई हैं। वह टीवी सीरियल 'सुमन इंदौरी' में भी नजर आईं। वह हिंदी फिल्मों 'हीरो', 'रागिनी एमएमएस 2' और 'एक से बुरे दो' में नजर आ चुकी हैं।
काम्या पंजाबी
काम्या पंजाबी ने कई टीवी सीरियल में विलेन का किरदार निभाया है। जिन सीरियल में उन्होंने विलेन का किरदार निभाया है उसमें 'बनूं मैं तेरी दुल्हन', 'रेत' और 'अस्तित्व... एक प्रेम कहानी' शामिल हैं। उन्होंने 'बिग बॉस 7' में हिस्सा लिया था। कलाकार के अलावा काम्या पॉलिटिशियन भी हैं। उन्होंने 2021 में कांग्रेस ज्वाइन किया था।
उर्वशी ढोलकिया
उर्वशी ढोलकिया को कोमोलिका के नाम से लोग जानते हैं। सीरियल 'कसौटी जिंदगी की' में उन्होंने नेगेटिव किरदार निभाया। इस शो से उन्हें पहचान मिली। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वह नेगेटिव किरदार नहीं निभाना चाहती हैं। उन्होंने 'बिग बॉस 6' में जीत दर्ज की थी। ढोलकिया की 16 साल की उम्र में शादी हो गई थी। इसके बाद उनके जुड़वा बच्चे हुए। उन्होंने दोनों को पाला।
मुंबई : बॉलीवुड अभिनेता वरुण धवन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उनके साथ कुछ ऐसा होता है कि वीडियो पर नेटिजंस भी मजेदार प्रतिक्रिया दे रहे हैं। चलिए देखते हैं आखिर क्या है वीडियो और यूजर्स के रिएक्शंस। आइए जानते हैं।
क्या है वायरल वीडियो?
वायरल वीडियो के अनुसार अभिनेता वरुण धवन, जब एयरपोर्ट से बाहर निकले, तो वहां मौजूद एक महिला और दो बच्चों से उन्होंने बात की। इसी दौरान एक छोटे बच्चे ने हाथ बढ़ाकर वरुण को अपना सनग्लास देने का इशारा किया और वरुण ने चश्मा उतारकर बच्चे को पहना दिया। फिर अभिनेता ने उन बच्चों के साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं। वीडियो में वरुण स्वेट शर्ट और लोअर पहने नजर आ रहे हैं।
नेटिजंस ने दी प्रतिक्रिया
इस वीडियो के वायरल होते ही नेटिजंस की प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं। एक यूजर ने लिखा कि बच्चे ने बिचारे का चश्मा छिन लिया। वहीं दूसरे यूजर ने बोला कि अभिनेता कितने अच्छे हैं कि उन्होने अपनी सनग्लास बच्चे को दे दिया। वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा कि अभिनेता दिल के बहुत अच्छे इंसान हैं। इसके अलावा कुछ यूजर्स ने उनके इस व्यवहार की तारीफ भी की है।
वरुण धवन का वर्कफ्रंट
वरुण धवन की आगामी फिल्में दर्शकों का मनोरंजन करने को तैयार हैं। वह जल्द ही 'सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी' में जाह्नवी कपूर के साथ नजर आने वाले हैं। यह एक रोमांटिक फिल्म है जो धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले बन रही है। इसके अलावा उनके पास 'नो एंट्री 2', 'भेड़िया 2' और 'है जवानी तो इश्क होना है' भी है। इसके अलावा अभिनेता 'बॉर्डर 2' की भी शूटिंग कर रहे हैं।
मुंबई : मनोरंजन की दुनिया के जाने-माने अभिनेता रोनित रॉय ने साल 1992 में बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इसके बाद एक्टर टीवी और फिल्मी जगत के मशहूर अभिनेताओं में शुमार हो गए। हाल ही में रोनित रॉय ने अपने संघर्ष के दिनों को याद किया और बताया कि वह एक वक्त का खाना खाकर दिन गुजारना पड़ता था। उन दिनों को याद करते हुए अभिनेता काफी भावुक हो गए। जानिए उन्होंने क्या कहा।
एक दिन में एक बार ही खा पाते थे अभिनेता
रोनित रॉय हाल ही में हिंदी रश के साथ एक बातचीत में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंंने अपने पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को लेकर अपने विचार साझा किए। उन्होंने अपने शुरुआती संघर्ष के बारे में बताते हुए कहा, ‘बांद्रा स्टेशन के बाहर एक मशहूर ढाबा है। मैं हर रात वहां खाना खाता था, वो भी दिन में सिर्फ एक बार, क्योंकि मैं उतना ही खा सकता था।’ इसके साथ ही अभिनेता ने बताया कि उस ढाबे में हर दिन का अलग-अलग मेनू था और सभी का रेट अलग-अलग।
रोटी और प्याज खाने को सोचा
आगे बातचीत में एक्टर ने बताया, ‘एक दिन, मैं वहां ढाबे में गया और वहां काम करने वाले एक व्यक्ति से सिर्फ दो रोटी और एक प्याज मांगा ,क्योंकि मेरे पास पैसे नहीं बचे थे। लेकिन उसने मुझे दाल भी दी और कहा, 'यह मेरी तरफ से है।' वह पल मेरे जहन में बस गया।’ इस वाकये को याद करते हुए अभिनेता काफी भावुक हो गए।
पहली बार मिले इतने पैसे
आपको बताते चलें कि रोनित रॉय ने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत साल 1992 में 'जान तेरे नाम' से किया था। अभिनेता ने बताया कि उन्हें उनकी पहली फिल्म के लिए 50,000 रुपये मिले थे, जो एक्टर की जिंदगी का सबसे बड़ा पल था। हालांकि, अभिनेता की पहली ही फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट रही थी। इसके साथ ही एक्टर को कई टीवी सीरिल्स से भी काफी पहचान मिली, जैसे- ‘कसौटी जिंदगी की’ और ‘क्योंकि सास भी कभी बहु थी’।
भारतीय टीम के अनुभवी तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के 5/74 के प्रदर्शन को लॉर्ड्स के ऑनर्स बोर्ड में शामिल किया गया है। इस उपलब्धि को वह अपने बेटे अंगद के साथ साझा करना चाहते हैं। दाएं हाथ के गेंदबाज ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा कि जब उनका बेटा बड़ा होगा तब वह उसे इसके विषय में बताएंगे।
'जब मेरा बेटा बड़ा होगा..'
31 वर्षीय गेंदबाज ने इंग्लैंड के खिलाफ जारी तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन पहली पारी में पांच विकेट लिए। लॉर्ड्स में बुमराह ने पहली बार टेस्ट मैच की किसी पारी में इतने विकेट लिए हैं। शुक्रवार का खेल समाप्त होने के बाद जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने पांच विकेट हॉल हासिल करने के बाद जश्न क्यों नहीं मनाया, इसके जवाब में बुमराह ने कहा- 'सच तो यह है कि मैं थक गया था। मैं 21 साल के लड़के की तरह उछल-कूद नहीं कर सकता। मुझे खुशी है कि मैंने योगदान दिया। ऑनर्स बोर्ड पर नाम देखकर अच्छा लगा। यह एक ऐसी बात है जिसके बारे में मैं अपने बेटे को बड़ा होने पर बता सकता हूं।'
दिग्गजों की सूची में हुए शामिल
बुमराह भारत के 15वें गेंदबाज हैं जिन्होंने लॉर्ड्स में पांच या इससे अधिक विकेट लिए हैं। वहीं, बुमराह विदेशी धरती पर सर्वाधिक बार फाइव-फर लेने वाले भारतीय गेंदबाज बन गए हैं। बुमराह उन भारतीय गेंदबाजों की सूची में शामिल हो गए हैं जिन्होंने लॉर्ड्स मैदान पर फाइव-फर पूरे किए हैं। बुमराह से पहले मोहम्मद निसार, अमर सिंह, लाला अमरनाथ, वीनू मानकड़, रमाकांत देसाई, बीएस चंद्रशेखर, बिशन सिंह बेदी, कपिल देव, चेतन शर्मा, वेंकटेश प्रसाद, आरपी सिंह, प्रवीण कुमार, भुवनेश्वर कुमार और ईशांत शर्मा ऐसा कर चुके हैं।
फिटनेस पर सवाल उठाने वालों पर भड़के बुमराह
दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद बुमराह ने उनकी फिटनेस पर सवाल खड़े करने वालों पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा- 'लोग दर्शकों के लिए सनसनी फैलाना चाहते हैं, मैं समझता हूं कि वे इन सब से पैसा कमाना चाहते हैं। मुझे खुशी है कि मैं उनकी इसमें मदद कर रहा हूं। यादें महत्वपूर्ण हैं और मैं जितना हो सके उतना योगदान देना चाहता हूं।' बता दें कि, बुमराह को एजबेस्टन टेस्ट में आराम दिया गया था। भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान शुभमन गिल ने बताया था कि तेज गेंदबाज के वर्कलोड को मैनेज करने के उद्देश्य से उन्हें आराम दिया गया है। इस दौरे पर बुमराह अपना दूसरा मुकाबला खेल रहे हैं।
युवाओं के प्रदर्शन पर क्या बोले बुमराह?
इस दौरान बुमराह ने युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर भी बात की। उन्होंने कहा- 'ये युवा बहुत आत्मविश्वासी हैं और उन्हें बहुत ज्यादा मार्गदर्शन या जानकारी की जरूरत नहीं है। जब भी और जिस भी क्षमता में उन्हें मेरी जरूरत होगी, मैं उनकी मदद के लिए तैयार हूं, और मैं यहां पिछले दौरों में सीखे अपने अनुभव उनके साथ साझा करता हूं।'
खेल जगत में उस वक्त सनसन फैल गई जब लिवरपूल से खेलने वाले पुर्तगाल के स्टार फुटबॉलर डिओगो जोटा की कार दुर्घटना में अचानक मौत हो गई। इस घटना ने प्रशंसकों से लेकर खिलाड़ियों तक को झकझोर कर रख दिया। भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को भी डिओगो जोटा की मौत ने झकझोर कर रख दिया है। इसका खुलासा उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा जारी किए गए वीडियो में किया।
डिओगो जोटा की मौत ने सिराज को चौंकाया
बीसीसीआई ने शनिवार को एक वीडियो जारी किया, जिसमें सिराज को डिओगो जोटा पर बात करते देखा गया। उन्होंने कहा- 'आखिरी मैच में जब हम लोग आ रहे थे तब पता चला था कि डिओगो जोटा की कार दुर्घटना में मौत हो गई। मैं पुर्तगाल का प्रशंसक हूं क्योंकि सीआर7 (क्रिस्टियानो रोनाल्डो) भी उसी टीम से खेलते हैं। मैं बहुत भावुक हूं।' तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन सिराज ने जोटा को अपना विकेट समर्पित किया था और उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। इसके विषय में उन्होंने कहा- 'मुझे पिछले मैच में करना था लेकिन नहीं हो सका। जिंदगी अप्रत्याशित है। हम किसके लिए लड़ रहे हैं। हम किसके लिए कर रहे हैं। कल का ही पता नहीं है। जिंदगी का कुछ भरोसा नहीं है। मैं चौंक गया, मुझे समझ नहीं आया ये कैसे हो गया।'
सिराज ने दी डिओगो जोटा को श्रद्धांजलि
लॉर्ड्स टेस्ट के दूसरे दिन सिराज ने इंग्लैंड को आठवां झटका जेमी स्मिथ के रूप में दिया। उन्होंने युवा विकेटकीपर बल्लेबाज को ध्रुव जुरेल के हाथों कैच कराया। वह 56 गेंदों में छह चौके की मदद से 51 रन बनाकर आउट हुए। सिराज ने अपना यह विकेट कार दुर्घटना में मारे गए फुटबॉलर डिओगो जोटा को समर्पित किया। तेज गेंदबाज ने जोटा की 20 नंबर जर्सी का इशारा किया। इससे पहले रियल मैड्रिड के स्टार फुटबॉलर कायलियन एमबाप्पे ने भी डिओगो जोटा को श्रद्धांजलि दी थी। इसकी तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी।
मौत से 10 दिन पहले हुई थी शादी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्पेन में डिओगो जोटा की कार दुर्घटनाग्रस्त हुई। हादसे के वक्त उनके साथ कार में उनके भाई आंद्रे भी मौजूद थे। आंद्र भी 26 वर्षीय फुटबॉलर हैं। यह दुखद घटना जोटा की शादी के 10 दिन बाद हुई है। उन्होंने 10 दिन पहले लंबे समय से गर्लफ्रेंड रहीं रुटे कार्डोसो के साथ पोर्टो में शादी की थी।
नई दिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले ने क्रिकेट नियमों में बदलाव की मांग की है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध हटाने और ड्यूक गेंद की गुणवत्ता बहान करने की सिफारिश की है। दरअसल, भारत और इंग्लैंड के बीच जारी टेस्ट सीरीज के अभी सिर्फ तीन मुकाबले हुए हैं और ड्यूक बॉल को लेकर विवाद शुरू हो गया है।
'कुछ करना होगा'
ईएसपीएनक्रिकइन्फो से बात करते हुए कुंबले ने कहा, 'हां, यह उचित ही है कि गेंद नरम हो रही है या उसे बदलने की ज़रूरत है क्योंकि यह लगातार और बहुत बार अपनी लय खो रही है। कुछ तो जरूर करना होगा। अगर गेंद 10 ओवर तक नहीं टिकती, तो बार-बार गेंद बदलना अच्छी बात नहीं है - न सिर्फ क्रिकेट के लिए, बल्कि गेंद के लिए भी।'
10 ओवर के खेल के बाद गेंद बदलने से भारतीय खिलाड़ी नाराज
लॉर्ड्स में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन सुबह के सत्र में दो बार गेंद को बदला गया। महज 10 ओवर के खेल के बाद गेंद को दोबारा बदलने को लेकर भारतीय खिलाड़ियों में रोष दिखा था। महान लेग स्पिनर कुंबले ने आगे कहा कि एक संभावित समाधान पिछले वर्षों के विनिर्माण मानकों पर लौटना हो सकता है। उन्होंने ड्यूक्स गेंद के पुराने संस्करण को बहाल करने की मांग का समर्थन करते हुए कहा, 'मुझे लगता है कि यह उचित है कि आप पाँच साल पहले जो उपलब्ध था उसे वापस लाएं।'
कुंबले ने की लार के उपोयग पर प्रतिबंध हटाने की मांग
इस दौरान कुंबले ने आईसीसी से गेंद को चमकाने के लिए लार के उपयोग पर प्रतिबंध हटाने का आग्रह किया। उन्होंने आगे कहा- इससे निश्चित रूप से मदद मिलेगी। गेंद को बेहतर ढंग से चमकाएं और कम से कम उसे रिवर्स करें। आजकल, ऐसे ज्यादा मौके नहीं आते जहां गेंद रिवर्स हो, खासकर इन हालातों में।'
नई दिल्ली : इंग्लैंड अंडर-19 और भारत अंडर-19 की टीमों के बीच 2 मैचों की यूथ टेस्ट सीरीज शुरू हो गई है. लेकिन इस सीरीज के पहले मुकाबले में वैभव सूर्यवंशी कुछ खास नहीं कर सके. वह इस मैच की पहली पारी में सस्ते में अपना विकेट गंवा बैठे.
इंग्लैंड के खिलाफ यूथ वनडे सीरीज में अपनी तूफानी बल्लेबाजी से सुर्खियां बटोरने वाले 14 साल के भारतीय सनसनी वैभव सूर्यवंशी के लिए यूथ टेस्ट सीरीज की शुरुआत उतनी शानदार नहीं रही. इंग्लैंड अंडर-19 और भारत अंडर-19 के बीच बेकेनहैम में खेले जा रहे पहले यूथ टेस्ट मैच की पहली पारी में सूर्यवंशी सस्ते में पवेलियन लौट गए. वैभव सूर्यवंशी के पिछले प्रदर्शनों को देखते हुए क्रिकेट फैंस को उनसे एक बड़ी उम्मीद की, लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला.
वैभव सूर्यवंशी के साथ पहली बार हुआ ऐसा
बेकेनहैम के केंट काउंटी क्रिकेट ग्राउंड में खेले जा रहे पहले यूथ टेस्ट के पहले दिन वैभव सूर्यवंशी ने भारत अंडर-19 की पारी में आक्रामक अंदाज में शुरुआत करने की कोशिश की. लेकिन उनकी पारी ज्यादा लंबी नहीं चल सकी और वह 14 रन बनाकर आउट हो गए. यह उनके लिए एक निराशाजनक पल रहा, क्योंकि इस दौरे पर ये पहला मौका था जब वह 30 रन का आंकड़ा नहीं छू सके. इससे पहले उन्होंने इस दौरे पर हर एक पारी में 30 से ज्यादा रन बनाए थे.
बता दें, वैभव सूर्यवंशी के यूथ टेस्ट करियर का ये तीसरा मैच है. इससे पहले उन्होंने 2 मुकाबले ऑस्ट्रेलिया की टीम के खिलाफ खेले थे. उन दो मैचों में उन्होंने 108 रन बनाए थे, जिसमें एक शतक भी शामिल है. जो भारत की ओर से यूथ टेस्ट में लगाया गया सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड भी है.
यूथ वनडे में सूर्यवंशी का जलवा
वैभव सूर्यवंशी ने इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में खत्म हुई यूथ वनडे सीरीज में अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से सभी को प्रभावित किया था. इस दौरान उन्होंने 52 गेंदों में शतक जड़कर सबसे कम उम्र में यूथ वनडे शतक बनाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया. इसके अलावा उन्होंने एक मैच में 31 गेंदों में 86 रन भी बनाए और भारत को 3-2 से सीरीज जीतने में अहम भूमिका निभाई. लेकिन टेस्ट फॉर्मेट में उनकी शुरूआत कुछ खास नहीं रही. हालांकि, वह आने वाली पारियों में वह दमदार वापसी करना चाहेंगे.
व्यापार : पाकिस्तान और रूस ने पाकिस्तान स्टील मिल्स परियोजना को बहाल करने और आधुनिक बनाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह दोनों देशों के बीच सहयोग में एक नया अध्याय है। चीन भी पाकिस्तान स्टील मिल्स (पीएसएम) परियोजना का ठेका पाने की दौड़ में शामिल था, जिसे मूलतः सोवियत सहायता से बनाया गया था।
सरकारी समाचार पत्र एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान (एपीपी) की रिपोर्ट के अनुसार, कराची में पीएसएम को फिर से शुरू के समझौते पर शुक्रवार को मास्को स्थित पाकिस्तान दूतावास में हस्ताक्षर किए गए। एपीपी ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य इस्पात उत्पादन को पुनः आरंभ करना और उसका विस्तार करना है, जो दोनों देशों के बीच सहयोग में एक नया अध्याय लिखेगा।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विशेष सहायक हारून अख्तर खान, जो इस समय रूस की यात्रा पर हैं, ने कहा, "रूस के सहयोग से पीएसएम को पुनर्जीवित करना हमारे साझा इतिहास और मजबूत औद्योगिक भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।"
प्रेस सूचना विभाग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि पीएसएम का निर्माण मूलतः 1971 में पूर्व सोवियत संघ की सहायता से किया गया था और यह पाकिस्तान-रूस संबंधों का एक स्थायी प्रतीक बना हुआ है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, 2008 में पीएसएम का पतन शुरू हो गया था, जिसके लिए हजारों नई नियुक्तियां और वैश्विक मंदी जिम्मेदार थे। स्टील मिल को 2008-09 में 16.9 बिलियन पाकिस्तानी रुपये का घाटा हुआ था, जो पांच वर्षों में बढ़कर 118.7 बिलियन पाकिस्तानी रुपये हो गया।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की सरकारें, जो 2008 से 2018 तक सत्ता में रहीं, इस औद्योगिक क्षेत्र को कुशलतापूर्वक चलाने में विफल रहीं।
बाद में, इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार ने इसे पुनर्जीवित करने की पहल शुरू की, जिससे अनुबंध प्राप्त करने के लिए चीन और रूस के बीच होड़ शुरू हो गई।
प्रारंभ में पीटीआई सरकार चीन की ओर झुकी हुई थी और उसने एक चीनी कंपनी के साथ बातचीत शुरू की थी, लेकिन बातचीत सफल नहीं हो सकी। दूसरी ओर, रूसियों ने दावा किया था कि चूंकि परियोजना का निर्माण उन्होंने किया था, इसलिए वे बीमार इकाई को फिर से शुरू करने के लिए सबसे उपयुक्त थे।
तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के कार्यकाल के दौरान वित्तीय वर्ष 2007-08 तक पीएसएम का संचयी लाभ 9.54 बिलियन पाकिस्तानी रुपये था। अगले 10 वर्षों में इसका घाटा बढ़ता गया और 31 मई, 2018 को कार्यकाल के अंत तक यह 200 अरब पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गया।
व्यापार : भारत का उपभोक्ता विवेकाधीन क्षेत्र में मिलेजुले संकेत रहने की संभावना है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों कारकों के संयोजन के कारण वार्षिक आधार पर 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हो सकती है।
क्या है उपभोक्ता विवेकाधीन क्षेत्र ?
कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी उन वस्तुओं और सेवाओं से जुड़ा होता है जो जीवन के लिए अनिवार्य नहीं होतीं, लेकिन आय बढ़ने पर लोग इनकी इच्छा रखते हैं।
नए युग के व्यवसाय में मजबूत वृद्धि की संभावना
रिपोर्ट में कहा गया कि नए युग के व्यवसाय इस सेक्टर को मजबूती देंगे। यह 49 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ सकता है। वहीं, पेंट कंपनियों की धीमी वृद्धि दर इस क्षेत्र पर दबाव बना सकती है।
इन क्षेत्रों में होगी इतनी वृद्धि
इसके अलावा रिपोर्ट में आभूषण में लगभग 20 प्रतिशत, फूड एंड ग्रॉसरी में 16 प्रतिशत, परिधान में 16 प्रतिशत और फुटवियर में 7 प्रतिशत क्षेत्रों में होगी वृद्धि का अनुमान है। विभिन्न श्रेणियों में समान-स्टोर बिक्री वृद्धि (एसएसएसजी) के पहली तिमाही के प्रदर्शन में उल्लेखनीय अंतर देखने को मिलेगा। विशेष रूप से आभूषण क्षेत्र में मजबूत ग्रोथ की उम्मीद है, जबकि ऑफलाइन फूड एंड ग्रॉसरी और वैल्यू रिटेलिंग परिधान में स्थिर वृद्धि की संभावना है। दूसरी ओर, फुटवियर खंड, पेंट कंपनियों और नए युग के व्यवसायों के एसएसएसजी में पहली तिमाही में मांग का दबाव देखने को मिल सकता है।
मार्जिन और ब्रैंड वैल्यूएशन पर असर
एचडीएफसी सिक्योरिटीज का कहना है कि हमारे विवेकाधीन क्षेत्र के मार्जिन में 80 आधार अंकों की गिरावट के साथ 9.6 प्रतिशत तक की गिरावट आने की उम्मीद है। यह कमजोर एसएसएसजी और क्विक कॉमर्स में हो रहे नुकसान के कारण होगा। हालांकि, नए यूग के बिजनेस को छोड़ दें तो मार्जिन लगभग सपाट रहने की संभावना है। इसके अलावा, विवेकाधीन क्षेत्र में आय में गिरावट का दौर देखा गया है। जबकि ब्रांड वैल्यूएशन अभी भी आकर्षक बना हुआ है।
व्यापार : रिलिगेयर एंटरप्राइजेज बोर्ड ने कंपनी को 1,500 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह राशि वॉरंट्स के प्रेफरेंशियल अलॉटमेंट के जरिए जुटाई जाएगी। इसका उद्देश्य कंपनी के कारोबार विस्तार और रणनीतिक पहलों को गति देना है।
रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) एक वित्तीय सेवा कंपनी है जो भारत में कई तरह की सेवाएं प्रदान करती है। यह मुख्य रूप से लघु और मध्यम उद्यमों (SME) को ऋण, किफायती आवास वित्त, स्वास्थ्य बीमा, और खुदरा ब्रोकिंग जैसी सेवाएं देती है।
बर्मन परिवार करेगा 750 करोड़ का निवेश
इस राशि में डाबर के मालिक बर्मन परिवार की कंपनियां 750 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी, जो कुल राशि का 50 प्रतिशत है। जबकि शेष राशि हिंदुस्तान टाइम्स लिमिटेड, निवेशक आशीष धवन, जेएम फाइनेंशियल क्रेडिट सॉल्यूशंस और अन्य निवेशकों द्वारा दी जाएगी। रिलिगेयर ने कहा कि प्रवर्तकों ने 750 करोड़ रुपये का योगदान देकर कंपनी के विकास पथ के प्रति अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता की पुष्टि की है। इससे विभिन्न क्षेत्रों में व्यवसाय वृद्धि को समर्थन मिलेगा और रणनीतिक पहल को बढ़ावा मिलेगा।
कैसे होगा वॉरंट्स जारी ?
कंपनी 235 रुपये प्रति वॉरंट की दर से 6.38 करोड़ वॉरंट्स जारी करेगी। इनमें से प्रत्येक को 10 रुपये के एक पूर्ण भुगतान इक्विटी शेयर में परिवर्तित किया जा सकेगा। ये वॉरंट 18 महीनों के भीतर कन्वर्ट किए जा सकते हैं।
शासन और निष्पादन क्षमताएं मजबूत होंगी
आरईएल ने बताया कि हाल ही में नियुक्त किए गए प्रमोटर नामित निदेशक बीमा, रणनीति और वित्तीय सेवाओं के क्षेत्रों में गहरी विशेषज्ञता रखते हैं। इससे शासन और निष्पादन क्षमताएं और मजबूत होंगी। कंपनी ने कहा कि इस पूंजी निवेश और नए नेतृत्व के साथ, आईएल अब अपने रणनीतिक फोकस को तेज करने, शासन मानकों को बढ़ाने, अपने मुख्य व्यवसायों को बढ़ाने और नए विकास के अवसरों का पीछा करने के लिए अच्छी स्थिति में है। इस फंडरेजिंग के लिए एक्सिस कैपिटल ने वित्तीय सलाहकार के रूप में कार्य किया।