बिलासपुर. विधानसभा चुनाव के दौरान हजारों लोग वोट नहीं दे सके। उनकी शिकायत थी कि उनका नाम मतदाता सूची से काट दिया गया। उनकी शिकायत को अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया पर अब जब नाम जोड़ने के लिए चल रहे अभियान में हजारों लोग फॉर्म लेकर जा रहे हैं, तब तो यह साबित हो गया है कि वाकई में हजारों के नाम मतदाता सूची में कट गए थे। 26 दिसंबर से लेकर अब तक यानी 10 दिनों में साढ़े पांच हजार से ज्यादा लोग फॉर्म -6 ले चुके हैं।
घर-घर जाकर बीएलओ लेंगे मतदाताओं से आवेदन
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम जारी किया गया है। इसके तहत दो तरह की व्यवस्था की गई है। पहला ये कि प्रत्येक मतदान केंद्र में एक-एक अविहित अधिकारी तैनात किया गया है। अधिकारी को आवेदकों से आवेदन लेना है और उसे बीएलओ को देना है।
बीएलओ की जिम्मेदारी है कि वे अपने निर्धारित क्षेत्र में घर-घर जाएंगे और जिनका नाम मतदाता सूची में नहीं है, उनसे दस्तावेज व ताजा और अच्छी क्वालिटी का फोटो लेकर आवेदन भी लें। बिलासपुर विधानसभा में दो मतदान केंद्र बढ़ गए हैं। यानी अब मतदान केंद्रों की संख्या बढ़कर 228 हो चुकी है। प्रत्येक मतदान केंद्र में अविहित अधिकारी की ड्यूटी लगाई गई है।
वहीं बीएलओ तो पहले से ही हैं। अविहित अधिकारी सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक मतदान केंद्र में बैठ रहे हैं। हालांकि कुछ केंद्रों में अधिकारी के नहीं होने की शिकायत भी पहुंच रही है। वहीं फॉर्म की कमी भी बनी हुई है। सुपरवाइजर अविहित अधिकारी तक फॉर्म पहुंचा रहे हैं और वहां से फॉर्म आवेदकों को दिया जा रहा है।
अधिकारियों के मुताबिक अब तक बिलासपुर विधानसभा के मतदान केंद्रों में मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए पांच हजार से ज्यादा फॉर्म 6 दिए जा चुके हैं। अभी फॉर्म सात की कमी है। इसकी व्यवस्था की जा रही है।
फॉर्म लेकर जा रहे, पर वापस नहीं मिल रहा
अविहित अधिकारियों की मांग पर सुपरवाइजर तहसील कार्यालय में फॉर्म लेने पहुंच रहे हैं। इस पर कर्मचारी उन्हें कह रहे हैं कि वे इतनी अधिक संख्या में फॉर्म लेकर जा रहे हैं, लेकिन उसी तेजी से भरे हुए फॉर्म नहीं आ रहे हैं। इस पर सुपरवाइजर कह रहे हैं कि लोग वापस नहीं दे रहे हैं।
2 लाख 17 हजार मतदाता, 61.33 फीसदी वोटिंग
बिलासपुर विधानसभा में 2 लाख 17 हजार 630 मतदाता हैं। विधानसभा चुनाव में 1 लाख 33 हजार 472 मतदाताओं ने वोट डाले थे। यानी 61.33 फीसदी वोटिंग हुई थी। वहीं हजारों लोगों ने वोट नहीं डाल पाने की शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी से लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी तक किया था।