छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ (14697)

दुर्ग एसपी ने गुम मोबाइल की रिकवरी के बाद उन्हें वापस करने के लिए उनके मूल मालिकों को सेक्टर-6 स्थित पुलिस कंट्रोल रुम बुलाया था। सोमवार शाम वो खुद कंट्रोल रूम पहुंचे और IMI नंबर और बिल के आधार पर मोबाइल के मूल मालिकों को उनका मोबाइल फोन वापस दिया। दुर्ग पुलिस ने साल 2023-2024 के दौरान गुम हुए मोबाइल की रिकवरी करके उनके मूल मालिकों को सौंपने का काम किया। दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने खुद अपने हाथों से 35 लाख रुपए कीमत के 170 मोबाइल फोन लोगों को वापस किया। अपना खोया हुआ मोबाइल पाकर लोग खुश नजर आए।

 

भिलाई नगर निगम में सफाई और कचरा के निपटान को लेकर स्वास्थ्य अधिकारी पर करोड़ों के घोटाले का आरोप लगा है। इस आरोप के बाद अपर संचालक, संचालनालय, नगरीय प्रशासन व विकास, रायपुर ने नगर निगम भिलाई के स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा को कारण बताओ नोटिस जारी कर 7 दिन के अंदर जवाब मांगा है।

वहीं 18 दिन बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि उन्हें ऐसे किसी भी नोटिस की जानकारी नहीं है।

सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार

नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा से जब शिकायत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि 20 जनवरी 2024 को उन्होंने नगरीय प्रशासन मंत्री छत्तीसगढ़ शासन से शिकायत की थी। उसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि नगर निगम भिलाई में सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है। इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

 

इन दिनों गर्मी की सर्दी का प्रकोप देखने को मिल रहा है। सर्द-गर्म के संपर्क में आने से लोग सर्दी-खांसी से संक्रमित हो रहे है। खासतौर से गले में बनने वाली कफ परेशान कर रहा है। इसी वजह से इन दिनों सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पताल में सर्दी-खांसी के मरीज बड़ी संख्या में पहुंच रहे है। वही संक्रमित होने वाले को पूरी तरह से ठीक होने में 10 से 15 दिन तक का समय लग जा रहा है।

मौसमी बीमारी का प्रकोप तो खत्म हो गया है, लेकिन भीषण गर्मी के बीच सर्द-गर्म ने लोगों को दिक्कत बढ़ा दी है। हो यह रहा है कि गर्मी से बेचने के लिए लोग ठंडे पानी और ठंडे पदार्थ का सेवन ज्यादा कर रहे है। ऐसे में गर्म शरीर में ठंडा पदार्थ जाने से शरीर का तापमान एकदम से प्रभावित हो रहा है और लोग गर्मी की सर्दी से संक्रमित हो जा रहे है। इसी वजह से सिम्स और जिला अस्पताल की मेडिसिन ओपीडी में लोग सर्दी-खांसी की शिकायत लेकर पहुंच रहे है।

चिकित्सकों के मुताबिक इस तरह की सर्दी को ठीक होने में समय लगता है और सर्दी से संक्रमित व्यक्ति का कफ ज्यादा बनता है जो उन्हें परेशान करता है। ऐसे में जरूरी है कि धूप से आने के बाद तत्काल पानी व अन्य ठंडे पदार्थ का सेवन न करे, इस तरह की गलती करने की वजह से इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

 

बलरामपुर। जिले में एक नर्स के साथ छेड़छाड़ और मारपीट का मामला सामने आया है. राजपुर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत भदार में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक गाड़ी में नर्स का कार्य कर रही महिला के साथ एक युवक ने छेड़छाड़ करते हुए मारपीट किया और शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाया. मामले में नर्स की शिकायत पर राजपुर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज किया. वहीं कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, पीड़िता नर्स सीएचसी राजपुर में आरएचओ के पद पर पदस्थ है. नर्स की ड्यूटी मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक में घूम-घूम कर लोगों का इलाज करना है और दवाई का वितरण करना है. इसी कड़ी में यह नर्स ग्राम सेवारी और भदार में दवाई का वितरण कर रही थी तभी ब्रम्हादेव नाम के युवक ने नर्स के साथ छेड़छाड़ करते हुए मारपीट की और उसके कपड़े भी फाड़ दिए. मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

 


बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में खेत में पड़ा UBGL (बेरेल ग्रेनेड लांचर) फटने से दो बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई. इस घटना की जानकारी होते ही मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ लग गई. यह घटना इंद्रावती नदी पार बोड़गा गांव की है. बताया जा रहा कि गांव के पास खेत में बच्चे खेल रहे थे. इस दौरान खेत में पड़ा था जिंदा UBGL फट गया, जिसकी चपेट में आने से दो बच्चों की मौत हो गई. घटना की जानकारी होते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे और बच्चों के शव लेकर भैरमगढ़ के लिए निकले. वहीं एसपी जितेंद्र यादव ने कहा, घटना की सूचना मिली है, तस्दीक की जा रही है।

 

रायपुर। जनता की मर्जी ही पीएम मोदी की मर्जी है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक जनता की पहली पसंद मोदी हैं। इससे इंडी गठबंधन सहित समूचा विपक्ष बौखलाया हुआ है। क्योंकि मोदी की लोकप्रियता के सामने उनकी दाल नहीं गल रही है। इसलिए अब उम्र का नया शिगूफा ले आए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे 81 साल की उम्र में भी कांग्रेस को जीवित में करने लगे हैं। कांग्रेस और उनकी सहयोगी पार्टियों को पहले उन पर रहम करना चाहिए। अकाट्य सत्य है कि “आएगा तो मोदी ही , विपक्षी अपना घर संभालें। ये बातें सीएम विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से पीए

नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई पर कहा कि जब से छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनी है, तब से ही हम नक्सलवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ रहे हैं। अभी तक 104 नक्सली मारे जा चुके हैं। कुछ दिन पहले नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली थी, जिसमें कांकेर में एक दिन में 29 नक्सली मारे गए, बीजापुर में दस, अबुझमाड़ में दस अभी दो दिन पहले शुक्रवार को ही बारह नक्सलियों मुठभेड़ में मारे गए। फोर्स ने इन चार मुठभेड़ में ही 61 नक्सलियों को जान से हाथ धोना पड़ा। इससे पहले इतनी संख्या में कभी नक्सली नहीं मारे गए, जिनमें 20-20 लाख के इनामी नक्सली भी थे। ये हमारे लिए एक बहुत बड़ी सफलता थी। सुरक्षाबलों ने बहुत साहस के साथ ये काम किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार का भी छत्तीसगढ़ को बहुत फायदा मिला है। गृहमंत्री शाह अगले एक-दो वर्षों में छत्तीसगढ़ से पूरी तरह नक्सलवाद खत्म करना चाहते है पर दुर्भाग्य है कि कांग्रेस और खास कर पूर्व मुख्यमंत्री इन मुठभेड़ों को फर्जी बता रहे है। जबकि नक्सली खुद लिस्ट जारी कर मुठभेड़ और नक्सली मौतो को स्वीकार किया है। कांग्रेस की ऐसी आदत ही रही है। इन लोगों ने मोदी के पाकिस्तान पर सर्जिकल और एयर स्ट्राइक पर भी सवाल खड़े किए थे। ये सब करके ये सेना और सुरक्षाबल के मनोबल घटाने का काम कर रहे हैं, जो सही नहीं है।


सीएम साय ने आदिवासियों को असली हिंदू बताते हुए कहा कि सभी ट्राइबल के त्यौहार भी सनातनी ही होते हैं। दीपावली भी बड़े धूमधाम से मनाई जाती है, जिसमें दो दिन दीए जलाते हैं। एक दिन कच्चे दीए और दूसरे दिन पक्के दिये। तीसरे दिन अन्नकूट होता है, जिसमें सुबह मवेशियों को नहलाकर उनके सींगो में तेल लगाना, उनको माला पहनाना साथ ही भोजन पकाकर खिलाते है एवं पूजा करते हैं। पौष पूर्णिमा का त्योहार भी आता है जब खेती बाड़ी से भी फ्री हो जाते हैं। इस दिन बाहर पिकनिक मनाते हैं और अगले दिन घर में अच्छे व्यंजन बनाकर खाते हैं। होली का भी त्यौहार बड़े आनंद के साथ मनाते हैं, लगभग सभी त्योहार ट्राइबल में भी मनाए जाते हैं।

राजनीतिक गतिविधियों से इतर पारिवारिक छुट्टियों और घूमने फिरने जाने के संबंध में सवाल पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम कभी खाली रहे ही नहीं। पिताजी के देहांत के बाद 10 वर्ष के उम्र से ही हमारा बचपन संघर्षों में बीता। खेलना-कूदना हमारे सौभाग्य में नहीं था। जिम्मेदारियां ज्यादा थी पर पौष पूर्णिमा जिसमें बाहर पिकनिक मनाने जाने की परंपरा है तो हम गांव के बाहर एक नदी गुजरती है जहां परिवार के साथ जाते और वहीं एक समय का खाना पकाते और खाते थे। फिर राजनीति में आने के बाद हमारा अधिकांश समय सामाजिक कार्यक्रमों एवं लोगों के बीच में ही गुजरा है।


खुद की राजनैतिक व्यस्तता के बीच परिवार को संभालने में पत्नी की भूमिका के सवाल पर साय ने कहा कि मेरा ससुराल गांव से 20 किमी दूर ही है और यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे बहुत अच्छी धर्मपत्नी मिली है। जिन्होंने बिना शिकायत किए हुए हर समय सहयोग किया है और आज जब हम मुख्यमंत्री बनने के बाद ज्यादा व्यस्त हो गए तो पूरा क्षेत्र आज वो ही संभाल रही हैं। सभी कार्यक्रमों में लोग उन्हें आमंत्रित करते हैं, उनको सुनते हैं वो अच्छी वक्ता भी हैं। पूजा-पाठ में उनकी बहुत रुचि है। गीता,रामायण जैसें ग्रंथ वो पढ़ी हैं।

अपने राजनीतिक सफर के बारे में बताते हुए विष्णुदेव साय ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था, क्योंकि मैं जब 10 साल का था तब पिता जी का साया हमारे सर से उठ गया था। घर में बड़े भाई होने के नाते अपनी पढाई के साथ-साथ छोटे भाई बहनों को पढ़ाने की जिम्मेदारी एवं मां-दादी का ख्याल रखना और खेती बाड़ी करना था। जब हमारी पढ़ाई कंप्लीट हुई, उस समय पंचायत चुनाव का समय भी था। गांव वालों के कहने पर हमने पंच का चुनाव लड़ा और पांच वर्ष तक पंच रहे। अगला चुनाव जब आया तो पूरे पंचायत वालों ने कहा कि आप सरपंच बनना चाहोगे तो हम आपको निर्विरोध सरपंच बना देंगे। लोगों से आग्रह करके हमने 13 में से 12 वार्ड में निर्विरोध पंच बनाया और एक वार्ड में चुनाव हुआ तो भी हमारा ही प्रत्याशी जीता। 6 महीने सरपंच रहने के बाद जब विधानसभा चुनाव हुए तो भारतीय जनता पार्टी ने तपकरा विधानसभा से हमें प्रत्याशी बनाया और वो चुनाव भी हम एक प्रकार से निर्विरोध जीते।

320 विधानसभा सीटों में हमारी विधानसभा ही ऐसी थी जहां कांग्रेस प्रत्याशी को तकनीकी कारणवश उनका चुनाव चिन्ह अलॉट नहीं हो पाया, जिससे साइकल छाप पर उन्होंने चुनाव लड़ा और आगे उनकी जमानत जब्त हो गई, जिसका कहीं न कहीं फायदा मुझे मिला और हमने 15000 वोटों से जीत कर एक रिकॉर्ड बनाया। भाजपा ने हमेशा मुझे आगे बढ़ाया। अविभाजित मध्यप्रदेश में 2 बार विधायक रहा और 1999 में भारतीय जनता पार्टी ने रायगढ़ से मुझे सांसद प्रत्याशी बनाया और फिर 4 बार लगातार एवं 20 साल सांसद रहा, इसी दौरान पार्टी ने मुझे 3 बार प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व भी दिया। मोदी जी के पहले कार्यकाल में मुझे केंद्रीय राज्यमंत्री के रूप में भी कार्य करने का मौका मिला।

चुनाव के बाद सरकार की ये होगी प्राथमिकता
चुनाव के बाद सरकार की प्राथमिकता के सवाल पर सीएम साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता से जो वादा करके हम सरकार में आए हैं, जो मोदी की गारंटी हैं, उनको लागू करना एवं छत्तीसगढ़ की जनता के विश्वास पर खरा उतरना ही हमारी प्राथमिकता है। चुनाव से पहले 3 महीने की सरकार में हमने अनेक सौगातें छत्तीसगढ़ की जनता को देने का काम किया है। जिसमें 18 लाख प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृत, 3100 रुपया क्विंटल धान खरीदी, महतारी वंदन के तहत हर महीने 1000₹ महिलाओं के खाते में भेजना। इसके अलावा भी बहुत से काम मोदी के गारंटी के तहत हुए हैं।

 

रायपुर। राजधानी के डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर के रेडियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने 30 वर्षीय महिला को गर्भाशय की दुर्लभ एंडोवैस्कुलर बीमारी एवी मालफॉर्मेशन नामक समस्या से निजात दिलाई है। महिला को 9 साल से इनफर्टिलिटी की समस्या थी। इस दौरान महिला को कई महीनों से अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या हो रही थी, जिसके कारण उसका हीमोग्लोबिन काफी कम हो गया था। रेडियोलॉजी विभाग में डॉ. पात्रे के नेतृत्व में बिना सर्जिकल प्रक्रिया के गर्भाशय धमनी एम्बोलाइज़ेशन प्रक्रिया के द्वारा एवीएम में असामान्य रक्त वाहिकाओं को ब्लॉक कर दिया गया। इस प्रक्रिया के आठ महीने बाद महिला गर्भवती हो गई और उसने दो (जुड़वां) स्वस्थ्य बच्चों को जन्म दिया है।

डॉ. विवेक पात्रे के अनुसार, बच्चेदानी का एवी मालफार्मेशन बहुत दुर्लभ होता है। सक्ति जिला की रहने वाली मरीज को बिलासपुर से अम्बेडकर अस्पताल रिफर किया गया। यहां जांच के दौरान मरीज को एवी मालफार्मेशन की समस्या है,जिसके लिए उन्होंने रेडियोलॉजी विभाग में डॉ. विवेक पात्रे के पास भेजा। डॉ. पात्रे ने मरीज की कलर डॉप्लर सिटी स्कैन और इसके बाद एमआरआई की जिसमें इस बीमारी का सटीक पता चला।

कमर के नीचे बेहोश करके दाहिने जांघ के फिमोरल आर्टरी में एक पतली सी तार और कैथेटर डालकर पिन होल तकनीक से एवी मालफॉर्मेशन को खून सप्लाई करने वाली बायीं और दायीं धमनी को एम्बोलिक एजेंट डालकर बंद कर दिया गया। इससे मालफॉर्मेशन में खून का बहाव रुक गया।


जानें क्या है एवी मालफॉर्मेशन
गर्भाशय धमनीविस्फार विकृति (एवीएम) रक्त वाहिकाओं की एक असामान्य उलझन है जो पक्षी के घोंसले की तरह दिखती है। यह भारी और कभी-कभी जीवन-घातक योनि रक्तस्राव का एक दुर्लभ कारण है। जैसा कि नाम से पता चलता है, यह गर्भाशय की धमनी और शिरापरक परिसंचरण प्रणालियों के बीच एक असामान्य संबंध है।

गर्भाशय धमनी एम्बोलाइज़ेशन (यूएई)
एंडोवैस्कुलर गर्भाशय धमनी एम्बोलाइज़ेशन (यूएई) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें छोटे कणों या एम्बोलिक एजेंट (रेत के दाने के आकार के) को गर्भाशय की ओर जाने वाली रक्त वाहिकाओं में इंजेक्ट किया जाता है। कण वांछित स्थान में रक्त प्रवाह को रोकते हैं और इसे सिकोड़ते हैं। इस तकनीक से यूटेराइन फाइब्रॉएड को भी कम कर सकते हैं। साथ ही साथ पोस्ट पार्टेम हेमरेज से बचाव कर सकते हैं।

बिलासपुर। इमलीपारा रोड चौड़ीकरण का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को व्यापारियों की याचिका पर जारी स्टे को खत्म करते हुए याचिका खारिज कर दी है। इसके साथ ही व्यापारियों की कब्जे वाली 86 दुकानों को तोडऩे का आदेश भी दिया है। ध्यान रहे कि इमलीपारा रोड के मुंहाने पर निर्मित इन दुकानों को हटाने के खिलाफ वहां के व्यापारियों, नागरिकों की ओर से पांच याचिकाएं हाईकोर्ट में दाखिल की गई है। इस पर कई सालों से स्टे था। फैसले के बाद व्यापारियों को निगम के समक्ष 15 दिनों के अंदर आवेदन करना होगा। निगम उनके व्यवस्थापन पर फैसला लेगा। ध्यान रहे कि अभी लोगों को पुराना बस स्टैंड की ओर आने के लिए सत्यम चौक से अग्रसेन चौक जाना पड़ता है। दोनों चौक में ट्रैफिक सिग्नल हैं। इसके कारण लोगों को यहां रुकना पड़ता है। समय भी अधिक लगता है। अक्सर जाम की नौबत रहती है। ट्रैफिक पुलिस को भी यहां अधिक मैन पावर लगाना पड़ता है। इमलीपारा सडक़ बन जाने से काफी राहत मिलेगी। ज्ञात हो कि सत्यम चौक से पुराना बस स्टैंड तक रोज 20 हजार गाडिय़ों का भार रहता है। इसमें सिटी बसों के साथ ही 8 हजार चारपहिया गुजरते हैं। 2 हजार आटो रिक्शा के साथ ही 10 हजार बाइक रोजाना चलती है। 10 करोड़ की लागत से निर्मित इमलीपारा रोड के चौड़ीकरण के मार्ग में आने वाली 86 दुकानों को हटाने के मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने बस स्टैंड नागरिक व्यापारी संघ और नगर निगम की दलीलें सुनीं। निगम की ओर से इसमें कहा गया कि इमलीपारा रोड के एप्रोच पर निगम द्वारा आबंटित चबूतरों की जगह पक्की दुकानें बन जाने से पूरी रोड संकरी हो गई है। इसलिए इसे सीधे बस स्टैंड चौक से जोडऩे में दिक्कत आ रही है। एप्रोच को चौड़ा किए बिना इमलीपारा रोड का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। इसी वजह से लिंक रोड, टेलिफोन एक्सचेंज रोड के ट्रैफिक को इमलीपारा रोड पर डायवर्ट नहीं किया जा पा रहा है। नगर निगम ने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा कि दुकानों के व्यवस्थापन के लिए किनारे 9.99 करोड़ की लागत से कमर्शियल कांप्लेक्स बनाने की योजना बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने बनाई है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद निगम के पक्ष में फैसला दिया है।


कोरबा, प्रदेश में सरकार बदलते ही नई सरकार द्वारा कई विभागों में बदलाव कर रही है। इसी बीच एक और बड़ा बदलाव प्रदेश में हो रहा है जहां पूर्व में संचालित प्रदेश के सभी शराब दुकानों के आसपास संचालित हो रहे अवैध ठेला, दुकानों, गुमटी को हटाकर वैध अहाता के लिए ठेका पद्धति लाई गई है जिससे सरकार को राजस्व के रूप में करोड़ों रुपए की बड़ी राशि भी प्राप्त हो रही है।
इसी कड़ी में कोरबा जिले में शराब दुकानों के अहाता के लिए करोड़ों रुपए की बोली लगाई गई है। कोरबा जिले के सबसे महंगे शराब दुकान अहाता में कलेक्टर कार्यालय से महज कुछ दूर संचालित रामपुर शराब दुकान की लगी है जिसके लिए अधिकतम बोली 50 लाख रुपए है। इसी तरह कोरबा जिले में लगभग 29 दुकानों के सामने अहाता के लिए ठेका किया गया है जिसमें लगभग करोड़ों रुपए की बोली लगी है।
इस अहाते के संचालन को लेकर आबकारी विभाग द्वारा अधिकतम बोली लगाने वाले ठेकेदारों को दो दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से राशि जमा करने को कहा है। किसी कारणवश अधिकतम बोली लगाने वाले ठेकेदार के द्वारा यदि राशि का भुगतान नहीं किया जाता है तो उसके निकटतम बोली के नीचे क्रमशः आने वाले ठेकेदारों को मौका दिया जाएगा।


कोरबा, कोरबा जिले के वन मंडल में हाथी अलग-अलग झुंड में घूम रहे हैं। रबी की फसल पकने के कारण किसान खेत की तरफ जा रहे हैं। इसके साथ ही तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण जंगलों की ओर पहुंच रहे हैं। इससे हाथियों के हमले का डर भी बना हुआ है। सरकार द्वारा तेंदूपत्ता की दर साढ़े 5 हजार रुपए मानक बोरा किए जाने के बाद तेंदूपत्ता संग्राहक बढ़े हैं। ऐसी हालत में हाथी और ग्रामीणों के बीच संघर्ष की स्थिति बन सकती है। फॉरेस्ट विभाग हाथियों को रोकने के कारगर उपाय नहीं कर पा रहा है।
ग्रामीण एवं हाथी की सुरक्षा के लिए गांव में मुनादी बैठक लेकर ड्रोन से लोकेशन की जानकारी से लोगो को सावधान किया जा रहा है। इस सब उपाय को करने के बाद भी कोई असर नहीं हो रहा है। रबी की फसल पक रही है। फसल की कटाई चल रही है। दोपहर के वक्त तेज धूप और भीषण गर्मी के कारण किसान सुबह ही खेतों की तरफ चले जाते हैं। सुबह फसल कटाई कर लौटते हैं। यही वक्त हाथियों का भी घने जंगल से बाहर निकलने का होता है। इसके साथ ही तेंदूपत्ता संग्रहण चल रहा है। कुछ लोग डरकर बाहर नहीं निकलते जबकि कुछ लोग जान जोखिम में डालकर निकलते हैं। उनके लिए आय का यही जरिया है।

 

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