ईश्वर दुबे
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रायपुर : नमो ड्रोन दीदी योजना अंतर्गत बलौदाबाजार जिले के स्व सहायता समूह की अधिक से अधिक महिलाओं को ड्रोन उडाने क़ा प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। कलेक्टर श्री दीपक सोनी ने कृषि विभाग के अधिकारियों को इस सबंध में जरुरी निर्देश दिए हैं। ड्रोन दीदी श्रीमती निरुपा साहू एवं ड्रोन पायलट निखिल कन्नौजे ने कलेक्टर श्री सोनी से मुलाकात कर अपने अनुभव साझा किये। कलेक्टर ने उनके कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें प्रेरणा स्रोत बताया।उन्होंने उर्वरक व कीटनाशक छिड़काव में ड्रोन के उपयोग को किसानों के लिए फायदेमंद कहा और ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने की बात कही।
विकासखंड बलौदाबाजार अंतर्गत ग्राम लाहौद निवासी ड्रोन दीदी श्रीमती निरुपा साहू ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होंने ड्रोन से दवाई छिड़काव क़ा कार्य अप्रैल 2024 से शुरू किया है। इसके पूर्व उन्होंने ग्वालियर स्थित प्रशिक्षण संस्थान से ड्रोन उडाने का 15 दिन का प्रशिक्षण लिया। उन्होने बताया कि बिहान अंतर्गत वैभव लक्ष्मी स्व सहायता समूह से जुडी हैं। नमो ड्रोन दीदी योजना के बारे में जानकारी कृषि विभाग के अधिकारियो से मिली। ड्रोन दीदी ने बताया कि ड्रोन से यूरिया या कीटनाशक छिड़काव के लिए प्रति एकड 300 रुपये शुल्क लेती हैं और उन्हें अब तक करीब 25 हजार रूपये की आय हो चुकी है। ग्राम लटुआ निवासी ड्रोन पायलट निखिल कन्नौजे ने बताया कि वह इफ्को कंपनी से जुडा है और कंपनी के माध्यम से ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण लिया है। उन्होंने बताया कि ड्रोन को 2 से 3 किलोमीटर की दूरी तक उड़ाया जा सकता है। विगत अप्रैल माह से करीब 88 एकड़ खेतों में दवाई का छिड़काव ड्रोन से कर चुके हैं।
ज्ञातव्य है कि केंद्र सरकार द्वारा नमो ड्रोन दीदी योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि आने वाले चार वर्षों में 15 हजार स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराया जाए। यह ड्रोन, महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इन ड्रोन्स का इस्तेमाल कृषि क्षेत्र में उर्वरकों का छिड़काव करने के लिए किया जाएगा।
रायपुर :छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिलाओं के हितों में अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रहीं हैं। इन्हीं में से एक लखपति दीदी योजना है। यह एक ऐसी योजना है, जिसमें सुनहरे भविष्य की उम्मीद और बेबस, लाचार महिलाओं के साथ-साथ अपने जरूरी खर्चों के लिए पैसों की मोहताज महिलाओं की खुशियां भी छिपी है। धमतरी जिले के पोटियाडीह की लखपति दीदी श्रीमती संतोषी हिरवानी खुशी-खुशी बतातीं हैं कि उन्हें अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए किसी का मोहताज होने की जरूरत नहीं है। शासन की कई योजनाओं का लाभ लेते हुए वह अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने में सफल हुई हैं। विविध प्रकार की आयमूलक गतिविधियों से उन्हें अच्छी खासी आमदनी होने लगी है। राष्ट्रीय आजीविका मिशन बिहान के तहत अब वह लखपति दीदी बन गई हैं।
श्रीमती हिरवानी कृषि मित्र हैं, वह किसानों को जैविक खाद के निर्माण और जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के साथ ही जैविक कीटनाशक की बिक्री कर अतिरिक्त आय अर्जित कर रही हैं। उन्हें शासन की महत्वाकांक्षी योजना महतारी वंदन योजना का लाभ भी मिल रहा है। इन खुशियों के पीछे आर्थिक सशक्तिकरण का वह आधार भी है, जो कि महतारी वंदन जैसी योजना के बलबूते छत्तीसगढ़ की गरीब महिलाओं में आत्मनिर्भरता की नींव धीरे-धीरे मजबूत करती जा रही है। महज 7 महीनों में ही विष्णु सरकार की इस महतारी वंदन योजना ने छत्तीसगढ़ की न सिर्फ महिलाओं में अपितु घर-परिवार में भी खुशियों की वह मिठास घोल दी है, जिसका परिवर्तन उनके जीवनशैली में भी बखूबी नजर आने लगा है। इस योजना से महिलाओं का सम्मान भी बढ़ा है।
संतोषी चिकन सेंटर का संचालन कर रहीं हैं, जिससे उन्हें 6 से 7 हजार रूपये तक की मासिक आमदनी हो रही है। समय-समय पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत मजदूरी भी करतीं हैं। संतोषी मनरेगा के तहत बने मुर्गी शेड में मुर्गियों का पालन करतीं हैं। वे बताती हैं कि इन सभी कामों से उसे साल में एक लाख रूपये से अधिक की आमदनी होती है। इन सभी से मिले आमदनी का उपयोग वे अपने दोनों बच्चों को अच्छी सी अच्छी शिक्षा में देने के लिए करेंगी। श्रीमती संतोषी ने अपने जीवन में आये इस सुधार के लिए देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद दिया है।
स्वयं के खेत में बना दिया गौवंश के लिए गौठान, लगाया सोलर पैनल और गोबर गैस संयंत्र
रायपुर : आज के इस आधुनिक दौर में वैसे तो खेती किसानी के काम को उतना महत्व नहीं दिया जाता है, जितना की सरकारी या किसी अन्य नौकरी को दिया जाता है। पुराने समय में बुजुर्गाे का मानना था, कि नौकरी करोगे तो जीवन भर नौकर ही बनकर रह जाओगे। इसलिए पुराने लोग नौकरी को कम और स्वयं के व्यवसाय को अधिक महत्व देते थे। ऐसी ही कहानी धमतरी जिले के ग्राम गाड़ाडीह निवासी प्रगतिशील किसान श्री रमनलाल साहू की है। जिन्होंने परम्परागत खेती को पीछे छोड़ आधुनिक खेती को अपनाया है। जैविक खेती को बढ़ावा देते हुए जल एवं पर्यवरण संरक्षण की दिशा में भी सराहनीय काम किया है।
प्रगतिशील किसान श्री साहू बताते हैं कि वे बीते 8 सालों से धान की जैविक खेती कर रहे हैं और जल संरक्षण की दिशा में रबी सीजन में दलहन-तिलहन की फसल ले रहे हैं। इससे जमीन की उर्वरकता तो बढ़ी ही है, साथ ही फसल की उत्पादकता भी बढ़ी है। उन्होंने बताया कि उनके पास 3 एकड़ से अधिक कृषि भूमि है, जिसमें खरीफ सीजन में धान और रबी सीजन में दलहन-तिलहन की फसल लेते हैं। श्री साहू बताते है कि किसान होने के साथ-साथ पशु मित्र भी है, उन्होंने गली-मोहल्लों में घूमने वाले गौवंश को सहारा देने के उद्देश्य से अपने खेत समीप 25 डिस्मिल क्षेत्र में गौठान तैयार किया है। इन गौवंश से प्राप्त होने वाले गोबर का उपयोग जैविक खेती करने में कर रहे हैं। वहीं दूध बेचकर हर माह 9 हजार रूपये की शुद्ध आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। श्री साहू ने यह भी बताया कि उन्होंने खेत में छोटा सा तालाब बनाया है, जिससे गौवंश के लिए पानी की व्यवस्था हो रही है, वहीं क्रेडा की ओर से सोलर पैनल भी लगवाया है। इसके साथ ही गोबर गैस संयंत्र लगाकर गौवंश के लिए दाना-पानी उबालते हैं।
श्री रमनलाल साहू रासायनिक खेती के दुष्परिणामों के बारे में अन्य किसानों को जागरूक करते हुए जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। साथ ही अपने गौशाला से उत्पादित गोबर, गौ मूत्र को अपने खेतों में उपयोग करते हुए रासायन मुक्त अन्न की पैदावार कर उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की व्यवस्था करते हैं। जैविक कृषि को बढ़ावा देने और उल्लेखनीय कार्य के लिए श्री साहू को मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने विगत दिनों इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित बलराम जयंती के अवसर पर सम्मानित भी किया।
रायपुर : एक छोटे से गांव से निकल कर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना और वहां से आईआईटी धनबाद का सफ़र और फिर टाटा स्टील जैसे बड़ी कंपनी में मैनेजर का प्रतिष्ठापूर्ण पद प्राप्त करना किसी भी श्रमिक परिवार के बच्चे के लिए एक सपने जैसा है। इस सपने को हकीकत में बदलने का काम एक श्रमिक परिवार के होनहार बच्चे ने कर दिखाया है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर राजधानी रायपुर में आयोजित राज्य स्तरीय श्रमिक सम्मेलन में श्रमिक परिवार के इस होनहार युवा श्री पंकज साहू को इस शानदार कामयाबी के लिए सम्मानित किया और उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। वर्तमान में पंकज साहू ओडिशा के जैपुर जिले के कलियापानी स्थित टाटा स्टील कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत है। पंकज साहू इस सम्मान के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का हृदय से आभार मानते हैं।
पंकज साहू की कहानी संघर्ष, मेहनत, इच्छाशक्ति और सरकारी योजनाओं से मिले सहयोग का एक जीता जागता उदाहरण है। धमतरी जिले के छोटे से गाँव दर्री के निवासी पंकज एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। पंकज साहू बताते हैं कि उनके पिता श्री जयलाल साहू धमतरी के एक निजी दुकान में श्रमिक के रूप में कार्यरत थे और उनकी माता श्रीमती ज्ञानबती साहू रेज़ा मज़दूर के रूप में काम करती थी। वे छत्तीसगढ़ शासन के श्रम विभाग में निर्माणी श्रमिक के तौर पर पंजीकृत है। पंकज की प्रारंभिक पढ़ाई गाँव में ही हुई थी।
पंकज बताते है कि उन्हें बचपन से ही मैथ्स, साइंस जैसे विषयों में विशेष रूचि थी, उनके पिता भी मैथ्स ग्रेजुएट है। आर्थिक परिस्थिति के चलते उन्हें श्रमिक के रूप में कार्य करना पड़ रहा था। पंकज साहू ने स्कूल के दिनों में ही तय कर लिया था कि इंजीनियर बनकर परिवार की परिस्थिति को बदलेंगे। लेकिन जब इंजीनियरिंग करने की बारी आई, तो परिवार के सामने आर्थिक चुनौतियाँ खड़ी हो गईं। इंजीनियरिंग की पढ़ाई का खर्च वहन करना उनके परिवार के लिए नामुमकिन था।
पंकज साहू और उनके परिवार के लिए छह हज़ार की सीमित आय में शिक्षा की ऊँचाइयों को छूना आसान नहीं था। पंकज साहू भावुक होकर कहते हैं कि उन्होंने अपने स्कूल शिक्षा के दौरान ही स्वयं सेवी संस्था के साथ जुड़कर काम करना शुरू कर दिया था। गर्मियों की छुट्टियों में आस पड़ोस के बच्चों को प्राइवेट ट्यूशन दिया करते थे। उससे मिली मेहताना से अपने पढ़ाई का खर्चा उठाते थे। उन्होंने बताया कि 12वीं पास होने के बाद पैसे की कमी होने के कारण वे पीईटी का फार्म तक नहीं भर पाये थे।
ऐसे में उन्हें बीएससी में एडमिशन लेना पड़ा। लेकिन पंकज साहू की इंजीनियरिंग करने की चाहत तब भी क़ायम रही। उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई के साथ धमतरी में निजी दुकानों में काम करना शुरू किया, साथ ही प्राइवेट कोचिंग और एनजीओ के साथ काम जारी रखा। इस तरह उन्होंने पैसे जोड़कर पीईटी परीक्षा में पास होकर शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज जगदलपुर में माईनिंग डिपार्टमेंट में बीई में दाखिला लिया। कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही एनजीओ में वॉलंटियर के रूप में कार्य करते रहे जिससे वे अपने कॉलेज और हॉस्टल का व्यय वहन कर सका।
इंजीनियरिंग के बाद भी पंकज की राह आसान नहीं थी। उन्होंने एम टेक करने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने गेट की परीक्षा पास की, लेकिन मुश्किलें थमी नहीं थी, एम टेक की पढ़ाई का खर्च सालाना लगभग एक लाख रुपये था, जो उनके परिवार के लिए एक भारी बोझ था। इतनी सीमित आय में उच्च शिक्षा ग्रहण करना मुश्किल था, लेकिन पंकज के जीवन में श्रम विभाग द्वारा संचालित मेधावी छात्र-छात्रा शिक्षा प्रोत्साहन योजना मील का पत्थर साबित हुई। उन्हें गांव के कुछ जागरूक जनप्रतिनिधियों से योजना के बारे में पता चला, जिसने उनके सपनों को नई उड़ान मिली। योजना के तहत पंकज की एमटेक की शिक्षा का पूरा खर्च छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वहन किया गया। इस योजना का लाभ लेते हुए उन्होंने आईआईटी धनबाद से एमटेक की डिग्री प्राप्त की और अपनी कड़ी मेहनत और लगन के कारण गोल्ड मेडल हासिल किया।
धनबाद में अपनी एमटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद पंकज को वेदांता रिसोर्स में प्लेसमेंट मिला, और जल्द ही उन्हें टाटा स्टील कंपनी में मैनेजर के पद पर नियुक्ति मिली। आज पंकज सालाना 18 लाख रुपये के पैकेज पर कार्यरत हैं और उनका जीवन पूरी तरह से बदल चुका है।
पंकज ने भावुक होते हुए कहते हैं कि अगर उन्हें मुख्यमंत्री मेधावी छात्र-छात्रा शिक्षा प्रोत्साहन योजना और उनके माता-पिता का सहारा न मिलता, तो शायद उनके लिए इतनी बड़ी कंपनी में मैनेजर की पोस्ट तक पहुँचना एक सपना ही रह जाता। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार का आभार व्यक्त किया, जिसके चलते उनके जैसे कई गरीब बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर मिल रहा है।
पंकज की कहानी उन लाखों बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत है जो आर्थिक तंगी के कारण अपने सपनों को छोड़ने पर मजबूर हो जाते हैं। यह कहानी बताती है कि सरकारी योजनाएँ यदि सही ढंग से लागू हों और जरूरतमंदों तक पहुँचें, तो वे किसी के भी जीवन में चमत्कारी बदलाव ला सकती हैं।
स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय दुर्ग अंतर्गत गठित ग्रामीण प्रौद्योगिक और उद्यमिता फाउंडेशन
रायपुर : राज्यपाल रमेन डेका ने स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय दुर्ग अंतर्गत गठित ग्रामीण प्रौद्योगिक और उद्यमिता फाउंडेशन के तहत किये जा रहे स्टार्टअप्स का प्रस्तुतीकरण देखा। उन्होंने सभी स्टार्टअप्स की सराहना करते हुए इसे आम व्यक्ति के लिए सरल व सुलभ बनाने पर बल दिया।
राज्यपाल श्री डेका ने सभी उद्यमियों द्वारा प्रस्तुत विभिन्न योजनाओं को प्रोत्साहित किया और कहा कि स्टार्टअप्स के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार से जोड़ सके ऐसी योजनाएं बनाई जायंे। इस संबंध में उन्होंने उद्यमियांे का मार्गदर्शन किया और उपयोगी सुझाव दिये।
राजभवन के कांफ्रेंस हॉल में आज उद्यमियों ने 6 स्टार्टअप्स योजनाओं का प्रस्तुतीकरण किया। सुश्री विनिता पटेल ने ग्रामीण महिलाओं विशेषकर आदिवासी समुदाय की महिलाओं को ध्यान में रखते हुए पुनः उपयोग में आ सकने वाले सेनेटरी पैड निर्माण की योजना बताई। श्री करण चंद्राकर ने केले पौधे के अपशिष्ट से कपड़ा, कप-प्लेट, ईट आदि उत्पादन की योजना बताई। श्री राहुल बघेल ने सौर ऊर्जा के उपयोग से आत्मनिर्भर गांव एवं विभिन्न कुटीर उद्योगांे पर प्रस्तुतीकरण दिया। उद्यमी श्री रविन्द्रकुमार धुरंधर ने कुपोषण से पीड़ित लोगांे के लिए इंस्टेट फूड उत्पाद की योजना पर अपना प्रस्तुतीकरण दिया। श्री अंकेश बंजारे ने आदिवासी कलाकारों को डिजिटल प्लेटफॉर्म और वैश्विक बाजार उपलब्ध कराने की योजना बताई तथा पुरूषोतम, अजय कुमार, सिद्धार्थ सिंह ने उच्च क्षमता वाले ड्रोन के माध्यम से कृषि फसलो की निगरानी की योजना के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया।
इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष सहकार भारती (छ.ग.) डॉ. लक्ष्मीकांत द्विवेदी ग्रामीण प्रौद्योगिकी और उद्यमिता फाउंडेशन के संचालक डॉ. आर. एन. पटेल, सीईओ श्री अग्रांशु द्विवेदी तथा उद्यमी उपस्थित थे।
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य स्तरीय श्रमिक सम्मेलन में श्रम विभाग की वेबसाइट श्रमेव जयते को बटन दबाकर लॉंच किया। इस वेबसाइट के डिज़ाइन को बेहतर बनाने के साथ डैशबोर्ड भी बनाया गया है। यह द्वि-भाषायी रहेगा जिससे हिन्दी और इंग्लिश, दोनों भाषा में सामग्री उपलब्ध रहेगी। यह नई वेबसाइट मोबाइल फ्रेंडली भी रहेगी।
वेबसाइट में ई-टिकटिंग प्रणाली श्रमिकों के शिकायत निवारण प्रणाली को सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर आसान बनाया है। इसमें आई शिकायत का समाधान भी सात दिन में किया जाएगा ऐसा न होने पर मामला ऑनलाइन उच्च अधिकारियों तकचला जाएगा। सम्मेलन में 0771 3505050 हेल्पलाइन नंबर भी उपस्थित श्रमिकों के साथ साझा किया गया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विश्वकर्मा जयंती पर आयोजित राज्य स्तरीय श्रमिक सम्मेलन में की घोषणा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज विश्वकर्मा जयंती के पावन अवसर पर प्रदेश के मेहनतकश श्रमिकों के हित में दो महत्वपूर्ण घोषणाएं की। मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशभर में श्रमिकों को 5 रूपए में भरपेट भोजन मिल सके इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों में अन्नपूर्णा दाल-भात केंद्र खोलने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल की योजना के अंतर्गत उत्कृष्ट शिक्षा योजना प्रारंभ करने की घोषणा भी किया। इस योजना के तहत पंजीकृत निर्माण श्रमिक के बच्चों को श्रेष्ठ निजी आवासीय विद्यालय में निःशुल्क अध्ययन की सुविधा प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित राज्य स्तरीय श्रमिक सम्मेलन में ये घोषणाएं की।
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज यहां उनके निवास में केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री श्री एच.डी. कुमार स्वामी ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय ने केंद्रीय मंत्री श्री कुमारस्वामी का अपने निवास में आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने श्री कुमारस्वामी को शॉल एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने केंद्रीय मंत्री श्री कुमारस्वामी के साथ अनौपचारिक चर्चा के दौरान सेल और एनएमडीसी का प्रोडक्शन बढ़ाने, दोनों उपक्रमों और राज्य सरकार के मध्य और बेहतर समन्वय से संबंधित विभिन्न विषयों पर विचार विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों उपक्रमों सेल और एनएमडीसी को सीएसआर मद के कार्यों को और अधिक गति देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नगरनार अंचल में स्थानीय युवाओं के कौशल उन्नयन के अधिक से कार्य किए जाएं, ताकि युवाओं को रोजगार के अच्छे अवसर मिल सकें।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर आये केन्द्रीय मंत्री श्री कुमारस्वामी बस्तर के नगरनार स्टील प्लांट और भिलाई स्टील प्लांट का निरीक्षण करने के बाद आज राजधानी रायपुर पहुंचे।
सेल के चेयरमेन श्री अमरेन्दु प्रकाश, एनएमडीसी के सीएमडी श्री अमिताव मुखर्जी, मुख्यमंत्री और खनिज साधन विभाग के सचिव श्री पी.दयानंद, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजू एस. और श्री राहुल भगत, भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक श्री अनिर्बान दासगुप्ता भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
विश्वकर्मा जयंती पर राज्य स्तरीय श्रमिक सम्मेलन का आयोजन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज भगवान विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय श्रमिक सम्मेलन में राज्य के सभी जिलों में अन्नपूर्णा दाल-भात केन्द्र और पंजीकृत श्रमिक परिवारों के बच्चों को श्रेष्ठ आवासीय विद्यालय में निःशुल्क अध्ययन की सुविधा देने के लिए अटल उत्कृष्ट शिक्षा सहायता योजना शुरू करने की घोषणा की।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने इस मौके पर श्रमिकों को विश्वकर्मा दिवस पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए 57 हजार से अधिक पंजीकृत परिवारों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 49.43 करोड़ रूपए की राशि डी.बी.टी. के माध्यम से उनके खाते में अंतरित की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में श्रमवीरों को शाल और प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने श्रम विभाग द्वारा तैयार की गई कॉफी टेबल बुक ‘क्रेडल्स ऑफ होप’ का विमोचन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने श्रमिकों के हित में श्रम विभाग द्वारा शुरू किए गए श्रमेव जयते एप और श्रमिक हेल्पलाइन नंबर की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के पहले कार्यकाल में उन्होंने ढाई से 3 साल तक केंद्र में श्रम राज्य मंत्री के रूप में काम किया। तब श्रमिकों को बहुत ही कम पेंशन राशि मिलती थी। प्रधानमंत्री की पहल पर यह राशि बढ़ाकर एक हजार रूपए की गई। साथ ही प्रोविडेंट फंड बनाकर श्रमिकों को यूनिवर्सल नंबर आबंटित किए गए। इस यूनिवर्सल नंबर के जरिए श्रमिकों को देश के किसी भी स्थान जाने पर इस स्थायी नंबर के जरिए विभिन्न लाभ मिलते हैं। इसी प्रकार श्रमिक भाई पीएफ की राशि क्लेम नहीं करते थे, उन्हें 27 हजार करोड़ रूपए दावा राशि का भुगतान कराया गया।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार में योजनाओं के क्रियान्वयन में सुशासन और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। श्रमिकों को आज विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से भेजी गई है। श्रमिकों के बीच अब कोई बिचौलिया नहीं आएगा। श्रमिकों को अब राशि सीधे उनके बैंक खातों में मिल रही है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के लिए संचालित अनेक कल्याणकारी योजनाएं जिसे पिछली सरकार ने बंद कर दी थी। मुख्यमंत्री श्री साय उन योजनाओं को पुनः शुरूआत कर रहे हैं। यह श्रमिकों के लिए खुशी का अवसर है। श्रम मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश के श्रमिकों के हित अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा 235 करोड़ रूपए अलग-अलग योजना के माध्यम से सहायता राशि श्रमिकों को प्रदान की गई है। जिसका सीधा लाभ श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों को मिल रहा है।
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि श्रमेव जयते एप और शिकायत निवारण पोर्टल एवं टोल फ्री नंबर जारी किया गया है। अब श्रमवीरों द्वारा किसी भी समय अपने शंका, समस्या का निवारण घर बैठे कर सकते हैं। रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि श्रमवीर हमारे प्रदेश के रीड़ की हड्डी है, इनके दम पर ही हमारा राज्य प्रगतिशील है। श्रमवीरों के सच्चे सम्मान के लिए हमारी सरकार हमेशा कार्यरत है। उन्होंने कहा कि श्रमवीरों के बच्चों के भविष्य व शिक्षा के लिए हमें बेहतर से बेहतर प्रयास करना चाहिए।
कार्यक्रम में विधायक सर्वश्री मोतीलाल साहू, अनुज शर्मा, गुरू खुशवंत साहेब, श्रम विभाग के सचिव सह श्रमायुक्त श्रीमती अलेरमंगई डी., इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह, अपर श्रमायुक्त श्रीमती सविता मिश्रा एवं एल.ए. जांगड़े सहित बड़ी संख्या श्रमवीर, विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ‘आज मोर आवास-मोर अधिकार‘ कार्यक्रम के पश्चात प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों के साथ बैठकर भोजन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने साथ में बैठकर भोजन कर रही जशपुर जिले के कुनकुरी निवासी श्रीमती फुलजेन्सिया एक्का और फरसाबहार की श्रीमती कुसुम से चर्चा करते हुए उनका एवं उनके परिवार का कुशलक्षेम जाना। मुख्यमंत्री के साथ भोजन करने वालों में जशपुर के श्री राम, कबीरधाम के श्री दौलतराम व श्री लालाराम, बस्तर के श्री लाहेन्द्र सिंह और श्रीमती सोनामणि, मुंगेली के श्री महेश और श्री समारू साहू, कांकेर की श्रीमती पूर्णिमा पटेल, बलौदाबाजार की श्रीमती हेमिन ध्रुव, रायपुर की श्रीमती रामबती पुरैना और श्री जट्टासिंग शामिल थे।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, रायपुर लोकसभा सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक द्वय गुरु खुशवंत साहेब और श्री अनुज शर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
रायपुर :श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवागंन ने भगवान विश्वकर्मा की जयंती के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश के श्रमिकों के हित में अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। जिसका सीधा लाभ श्रमिकों एवं उने परिवार के सदस्यों को मिल रहा है। विश्वकर्मा पूजा की पूर्व संध्या पर प्रदेश के सभी श्रमवीरों को हार्दिक बधाई देते हुए श्री देवांगन ने कहा है कि श्रमवीर नये छत्तीसगढ़ को गढ़ने में सार्थक भागीदारी निभा रहे हैं। भगवान विश्वकर्मा निर्माण और सृजन के देवता हैं। संसार के प्रथम वास्तुकार की संज्ञा भी उन्हें दी गई है। विश्वकर्मा जी की कुशल तकनीकी, कौशल और श्रमशीलता प्रेरणादायी है।
रायपुर : जशपुर की 10 वर्षीय बालिका बबिता को माता-पिता ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय बगिया पहुंचकर बच्ची के ईलाज के लिए फरियाद लगायी। यह बच्ची गुमसूम रहती थी, खेलने-कूदने में भी इसे दिक्कत होती थी। कैम्प कार्यालय के निर्देश पर इस बालिका का चिकित्सकीय परीक्षण हुआ। परीक्षण में चिकित्सकों ने दिल में छेद होने की आशांका जतायी और बालिका को समुचित उपचार करने के लिए उनके माता-पिता को समझाईश दी गई।
जिला प्रशासन जशपुर और चिरायु टीम के जरिए बबिता के दिल का एम्स रायपुर में सफल ऑपरेशन हुआ। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हो चुकी है। उसे कैम्प कार्यालय के जरिए नया जीवन मिला है। बबिता के माता-पिता बच्ची के हृदय में छेद होने की जानकारी मिलने पर बहुत चिंतित हो गए थे। लेकिन जिला प्रशासन और कैम्प कार्यालय की मदद से उनकी दिक्कत दूर हो गई। चिरायु टीम के अमित भगत ने बताया बचपन से बबीता को दिल में छेद था, सांस लेने और दौड़ने भागने में भी दिक्कत आती थी।
बबीता की मां जय कुमारी बाई और पिता झमेश राम ने बताया कि उनकी बेटी को जन्म से दिल में छेद होने का अंदेशा था। लेकिन आर्थिक तंगी और ईलाज में होने वाले खर्च को लेकर भी उन्हें दिक्कत महसूस हो रही थी। जैसे ही उनका आवेदन कैम्प कार्यालय को मिला मुख्यमंत्री ने तत्काल बबीता का ईलाज करने के निर्देश दिए। जिला प्रशासन और चिरायु टीम बच्ची के घर जाकर पालकों से सम्पर्क किया और ईलाज की व्यवस्था की गई।
बबीता के माता-पिता ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके सार्थक प्रयास से उनकी बच्ची पूरी तरह से ठीक हो गई है। वर्तमान में कक्षा 6वीं में पढ़ाई कर रहीं हैं। स्कूल आने जाने में भी किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आ रही है। अपनी बच्ची को हंसता मुस्कुराता देखना अच्छा लगता है।
वंदे भारत हमारे समय की बचत का नया मापदंड करेगी स्थापित - राज्यपाल श्री डेका
रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज देश में 6 नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का शुभारंभ किया। गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने हरी झंडी दिखाकर इन ट्रेनों का शुभारंभ किया। छत्तीसगढ़ को भी दुर्ग से विशाखापट्टनम तक वंदे भारत ट्रेन की सौगात मिली।
इस अवसर पर रायपुर रेलवे स्टेशन में एक वृहद कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमे राज्यपाल श्री रमेन डेका बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। राज्यपाल श्री डेका ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह वंदे भारत एक्सप्रेस, जो औसतन 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है, दुर्ग और विशाखापट्टनम के बीच की दूरी को केवल 8 घंटों में पूरा करेगी। वर्तमान में अन्य ट्रेनें इस दूरी को 11 घंटों में तय करती हैं, लेकिन वंदे भारत हमारे समय की बचत का नया मापदंड स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि यह ट्रेन न केवल हमारी यात्राओं को तेज बनाएगी, बल्कि यात्रियों के लिए आरामदायक और सुविधाजनक भी होगी।
राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि वंदे भारत एक्सप्रेस पूरी तरह से स्वदेशी निर्माण है। यह ‘‘मेक इन इंडिया‘‘ और ‘‘आत्मनिर्भर भारत‘‘ की भावना का प्रतीक है। इससे यह स्पष्ट होता है कि हम न केवल आधुनिक तकनीक को अपना रहे हैं, बल्कि इसे अपने देश में विकसित और निर्मित भी कर रहे हैं। यह तकनीकी उन्नति और भारत की आधुनिक रेल प्रणाली का शानदार उदाहरण है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे राज्य के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में, देश की रेल सेवाओं में आधुनिकता और गति का नया अध्याय लिखने वाली वंदे भारत ट्रेन का शुभारंभ हो रहा है। यह सिर्फ एक ट्रेन का उद्घाटन नहीं, बल्कि हमारे देश की प्रगति और आत्मनिर्भरता की एक सशक्त मिसाल है।
राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि ये ट्रेनें सिर्फ तेज गति और आधुनिक सुविधाओं के लिए नहीं, बल्कि हमारे पर्यटन, व्यापार, चिकित्सा, और शिक्षा के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व योगदान देंगी। इस ट्रेन से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी एक नई दिशा मिलेगी। रेलवे से जुड़े क्षेत्रों में रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे युवाओं को लाभ होगा साथ ही छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के बीच आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक आदान-प्रदान को नई दिशा मिलेगी।
कार्यक्रम में केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने कहा कि यह ट्रेन छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश के बीच सेतु का काम करेगा। पहले 12 से 14 घंटे का सफर करना पड़ता था लेकिन अब 8 घंटों में ही विशाखापट्टनम पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में रेलवे के विकास के लिए 20 हजार करोड़ रूपए से ज्यादा की राशि स्वीकृत की गई है।
रायपुर के सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़, तेलंगाना एवं ओडिशा वासियों के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन एक बड़ी सौगात है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में रेलवे का तेजी से विकास हो रहा है।
कार्यक्रम के पूर्व श्री डेका ने वंदे भारत ट्रेन के अन्दर जाकर उपस्थित यात्रियों से बात-चीत की एवं उन्हें बधाई व शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम में दुर्ग के सांसद श्री विजय बघेल, विधायक श्री राजेश मूणत, श्री पुरंदर मिश्रा, श्री मोतीलाल साहू, श्री गुरू खुशवंत साहेब, श्री डोमन लाल कोरसेवाड़ा, श्री गजेंद्र यादव, पूर्व सांसद श्री सुनील सोनी, महापौर श्री एजाज ढेबर एवं अन्य जनप्रतिनिधि, रेलवे के डीआरएम, एडीआरएम अन्य अधिकारी तथा विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन रेलवे मंडल रायपुर के डीआरएम श्री संजीव कुमार ने किया।
देश में 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन के लक्ष्य को पूरा करने में छत्तीसगढ़ का भी होगा महत्वपूर्ण योगदान : मुख्यमंत्री
रायपुर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के गांधीनगर में चौथे ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स समिट एंड एक्सपो (री-इंवेस्ट-24) का शुभारंभ किया। इसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ में क्लीन और ग्रीन एनर्जी (ब्समंद ंदक हतममद मदमतहल) के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को मंच से साझा किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने में छत्तीसगढ़ राज्य का भी महत्वपूर्ण योगदान होगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सोलर एनर्जी, हायडल एनर्जी, बायोगैस से बिजली के उत्पादन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में बिजली की खपत 5500 मेगावाट है। प्रदेश में करीब 15 प्रतिशत बिजली का उत्पादन रिन्यूएबल एनर्जी के स्त्रोतों से किया जा रहा है। इसे आने वाले समय में 45 प्रतिशत तक बढ़ाने का हमारा लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे जहां अक्षय ऊर्जा से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, वहीं जलवायु परिवर्तन की बड़ी चुनौती से निपटने में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में अक्षय ऊर्जा के उत्पादन की असीम संभावनाएं हैं। छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण क्रेडा के माध्यम से छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा तथा अन्य गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश के दूरस्थ एवं वनांचलों में स्थित गांवों में जहां बसाहटें काफी बिखरी हुई होती हैं। बसाहटों की दूरी एक दूसरे से दो-तीन किमी तक होती है। बीच में कोई नाला आ गया, कोई छोटी सी पहाड़ी आ गई। ऐसे में बिजली की लाइन खींचना बेहद कठिन होता है और लागत बढ़ जाती है। ऐसे क्षेत्रों में क्रेडा द्वारा सौर ऊर्जा से बिजली पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ढाई हजार से ज्यादा शासकीय भवन, आश्रम छात्रावास और स्वास्थ्य केंद्र सौर ऊर्जा से रोशन हैं। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रेडा को वर्ष 2018 में सराहा गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रारंभ की गई पीएम सूर्यघर योजना से देश का आम आदमी अब बिजली खरीदने वाला नहीं, बिजली बेचने वाला बन जाएगा। छत्तीसगढ़ में भी इस योजना के उत्साह जनक परिणाम मिल रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में वार्डवार शिविर लगाकर लोगों को इस योजना के संबंध में जागरूक किया जा रहा है और मौके पर ही फार्म भराए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से भिलाई के बीच चरौदा में रेलवे की जमीन पर सोलर प्लांट लगाया गया है। इस सोलर प्लांट से रायपुर और दुर्ग की लोकल ट्रेन चल रही हैं। इसी तरह बलरामपुर जिले के तातापानी में गर्म जल के प्राकृतिक कुंड हैं। यहां 100 किलो वाट का भूतापीय विद्युत संयंत्र लगाने का निर्णय लिया गया है। खेती-किसानी में भी सिंचाई के लिए सौर सिंचाई पंपों का उपयोग किया जा रहा है। क्रेडा द्वारा किसानों के खेतों में डेढ़ लाख से ज्यादा सोलर सिंचाई पंप स्थापित किए गए हैं। इसी तरह प्रदेश में सोलर पंप के माध्यम से 230 सौर सामुदायिक सिंचाई संचालित की जा रही हैं। प्रदेश में लगभग 25 हजार सोलर पेयजल पंप स्थापित किये जा चुके हैं। इनसे साढ़े छह लाख परिवारों को शुद्ध पेयजल मिल रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में छोटे-छोटे लघु जल विद्युत संयंत्र भी स्थापित किए गए हैं, इनसे 75 मेगावाट ऊर्जा मिल रही है। प्रदेश में 37 लघु जल विद्युत परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में छत्तीसगढ़ भी प्रमुख भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्षय ऊर्जा प्रदूषण मुक्त ऊर्जा का स्त्रोत है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के स्त्रोत हमेशा मौजूद रहने वाले हैं। पूरी दुनिया इनकी ओर बढ़ रही है। छत्तीसगढ़ में भी हम सब अक्षय ऊर्जा के अधिक से अधिक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए संकल्पित हैं। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा चौथे ’ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट एंड एक्सपो’ (री-इन्वेस्ट) का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य श्री देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल, केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रहलाद जोशी, आंध्रप्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश और गोवा के मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ के उर्जा विभाग के सचिव श्री पी. दयानंद एवं क्रेडा के सीईओ श्री राजेश सिंह राणा भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
इस कार्यक्रम में 40 से अधिक सत्र होंगे। री-इंवेस्ट-24 की थीम ‘मिशन 500 गीगावाट’ है। पहली बार यह कार्यक्रम राजधानी दिल्ली से बाहर हो रहा है।
चौथे ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स समिट एंड एक्सपो (री-इंवेस्ट-24) में ये देश हुए शामिल
एक्सपो समिट में मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, राजस्थान, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश हिस्सा रहा हैं। वहीं इस साल प्रमुख अंतरराष्ट्रीय भागीदारों में ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, जर्मनी और नॉर्वे जैसे देश भी शामिल हैं। री-इन्वेस्ट समिट दुनिया को भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता को प्रदर्शित करने और बहुपक्षीय वार्ता शुरू करके क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है।