ईश्वर दुबे
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Bhilai
मुंगेली :बारिश को देखते हुए मलेरिया संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। इसे देखते हुए कलेक्टर श्री राहुल देव ने चिकित्सा अमले को पूरी सतर्कता एवं सक्रियता के साथ मलेरिया के रोकथाम एवं प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में कलेक्टर के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा मलेरिया के रोकथाम एवं बचाव के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवेंद्र पैकरा ने बताया कि मलेरिया एक जानलेवा मच्छर जनित रक्त रोग है, जो मादा एनोफ़िलेज़ मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया होने पर मरीज में बुखार आना, सर दर्द होना, उल्टी होना, मन का मचलना, ठंड लगना, चक्कर आना, थकान पेट दर्द आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं। उन्होंने कहा कि मलेरिया का ईलाज और रोकथाम संभव है। मलेरिया के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि मलेरिया की रोकथाम के लिए उचित कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत मैदानी स्तर पर फोकस एरिया का चिन्हांकन, मलेरिया के संदेहास्पद रोगियों की रक्त जांच, आर.डी. टेस्ट, माइक्रोस्कोपिक जांच के माध्यम से मलेरिया पैरासाइट स्टेज एंड डेंसिटी का पता लगाना, स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा गृह भेंट कर रैपिड फीवर सर्वे, सुदूर वनांचल सहित स्कूल, छात्रावास हाट बाजार आदि स्थलों में कैंप लगाकर मलेरिया प्रकरणों की जांच, लार्वा नियंत्रण कीटनाशक छिड़काव किया जा रहा है तथा मलेरिया की रोकथाम के प्रति आमजनों को जागरुक भी किया जा रहा है।
डीपीएम श्री गिरीश कुर्रे ने बताया कि मलेरिया की रोकथाम के लिए मच्छरों पर नियंत्रण तथा उनके काटने से बचाव जरूरी है, इसलिए हमें घरों और अपने आस-पड़ोस में अच्छी सफाई रखनी चाहिए, लोगों को मलेरिया होने के कारण की जानकारी देनी चाहिए, घरों के आसपास गंदगी एवं पानी एकत्रित नहीं होना देना चाहिए, कूलर की समय-समय पर साफ-सफाई, मच्छरदानी आदि का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि पानी इकट्ठा वाले स्थान पर मिट्टी तेल का छिड़काव किया जाना चाहिए, जिससे मच्छरों के लार्वा मर जाएं, तालाब या झीलों में लार्वा खाने वाली मछलियां जैसे गैंबुसिया आदि छोड़ना चाहिए, खिड़की एवं दरवाजा में बारीक जाली लगानी चाहिए। उन्होंने बताया कि बुखार या अन्य लक्षण दिखाई देने पर मरीज को तत्काल अपने रक्त की जांच करानी चाहिए एवं चिकित्सक की सलाह से ही दवाई इत्यादि का सेवन करना चाहिए।
जशपुरनगर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल से जिले के प्रसिद्व प्राकृतिक व धार्मिक पर्यटन स्थल मयाली को पर्यटन विभाग ने स्वदेश दर्शन योजना के दूसरे चरण में शामिल कर लिया है। इस योजना में शामिल हो जाने से पर्यटन स्थल में बुनियादी सुविधाओं का विकास तेजी से हो सकेगा। साथ ही इसके प्रचार प्रसार होने से यहां पर्यटकों की हलचल बढ़ने की संभावना भी है।
उल्लेखनीय है कि मयाली नेचर केैम्प,जिले के कुनकुरी ब्लाक में चराईडांड़ बगीचा स्टेट हाईवे में स्थित है। बेलसोंगा डेम और एशिया की सबसे उंचा शिवलिंग माना जाने वाला मधेश्वर पहाड़ का विहंगम मनमोहक दृश्य पर्यटकों को घंटों समय व्यतीत करने का अवसर देता है। वनविभाग ने इस स्थल पर पर्यटकों की सुविधा के लिए टेंट की व्यवस्था भी की है। इन टेंट हाउस में डेम के किनारे,हरियाली से भरे हुए प्राकृतिक स्थल पर रात्रि विश्राम का परिवार के साथ आनंद उठाने के लिए भारी संख्या में पर्यटक जुटते हैं। विशेष कर विकेंड के दिनों में यहां पर्यटकों की हलचल अधिक रहती है। पर्यटकों को मयाली नेचर कैंप में बोटिंग का आनंद उठाने की सुविधा भी दी गई है। इसके लिए गाइड के साथ सुरक्षा के सभी इंतजाम किये गए हैं। राज्य सरकार के सहयोग से मयाली नेचर कैम्प में कैकट्स गार्डन का विकास भी किया जा रहा है। इस विशेष गार्डन में देश भर में पाएं जाने वाले कैक्ट्स की प्रजातियों को समेटा गया है ताकि युवा पीढ़ी कैम्टस से भली भांति परिचित हो सके। इसका एक उद्देश्य लोगों को बायोडायर्वसिटी और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना भी है।
विकास के लिए दस करोड़ की स्वीकृति -
स्वदेश दर्शन योजना में शामिल करने के साथ ही पर्यटन विभाग ने मयाली के विकास के लिए 10 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की है। इसके लिए जिला स्तरीय संचालन समिति का गठन करते हुए,विकास के लिए एक्शन प्लान और डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार प्रदेश में अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं लागू हुई है। राज्य के निःशक्तजनों के लिए सरकार सहारा बन रही है। जिसके समाज कल्याण विभाग के माध्यम से राहत पहुंचाने का कार्य हो रहा है। निराश्रित, बुजुर्ग एवं दिव्यांग हर वर्ग के कल्याण के लिए योजनाओं पर काम हो रहा है।
जिला कांकेर, ग्राम गोतपुर आवास पारा निवासी 13 वर्षीय कुमारी वर्षा 80 प्रतिशत दिव्यांग है और चलने-फिरने में अक्षम है। उसे कहीं भी जाने के लिए दूसरे पर निर्भर रहना पड़ता था। अब उसकी राहे आसान हो गई है और वह अपना सफर पूरा करने के लिए खुद सक्षम है। क्योंकि समाज कल्याण विभाग द्वारा व्हील चेयर प्रदान किया गया। व्हील चेयर मिल जाने से अब उन्हें गांव से बाहर आने-जाने में आसानी होगी। समाज कल्याण विभाग की अधिकारी श्रीमती क्षमा शर्मा ने बताया कि दिव्यांग वर्षा के पिता श्री कमलेश के द्वारा व्हीलचेयर प्रदान करने हेतु आवेदन किया गया था, जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए समाज कल्याण कार्यालय परिसर में व्हीलचेयर प्रदान किया गया।
सहसपुर लोहारा थाना क्षेत्र के बीरेन्द्र नगर में खंभे से टूटकर नाले में गिरे हाइटेंशन तार के करंट से एक ग्रामीण की मौत हो गई। घटना शुक्रवार सुबह की है। घटना को लेकर बिजली कंपनी के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश है। पिछले दो माह में इस तरह के हादसे में 6 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं एक का हाथ काटना पड़ चुका है।
जानकारी के मुताबिक मृतक बुधारू (37) ग्राम बीरेन्द्र नगर का रहने वाला था। शुक्रवार सुबह वह खेत की तरफ नाले के पास गया था। जहां पहले से खंभे से हाइटेंशन तार टूटकर नाले में गिरा था। इस पर बुधारू की नजर नहीं गई। नाले में उतरने पर बुधारू करंट के संपर्क में आ गया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
कुछेक लोगों ने जब बुधारू को मृत पड़ा देखा, तो ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। बिजली सप्लाई बंद करने के बाद शव को नाले से बाहर निकाला गया। आलम ये है कि बिजली कंपनी अपने ही कर्मियों को मुआवजे के लिए भटका रहा है। इसी तरह के मामले में ग्राम रणवीरपुर निवासी रमेश पटेल (22) बिजली कंपनी का कर्मचारी ट्रांसफार्मर सुधारते करंट से झुलस गया था। इलाज के दौरान उसके बाएं हाथ को काटना पड़ा था। लेकिन मुआवजा नहीं मिला। अब तक पीड़ित परिवार मुआवजे के लिए भटक रहा है।
रायपुर मेयर एजाज ढेबर पर FIR हुई है। 24 जुलाई को हुए कांग्रेस के आंदोलन को लेकर एजाज ढेबर, आशीष द्विवेदी समेत कई कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया गया है। आरोप है बिना अनुमति विधानसभा घेराव के लिए रास्ता बाधित किया गया। साथ ही पुलिस से गाली-गलौच और मारपीट की गई।
FIR के मुताबिक, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शासन की अनुमति के बगैर विधान सभा घेराव करने के लिए रास्ता बाधित किया। आंदोलन के दौरान लाउड स्पीकर के माध्यम से शांति व्यवस्था बनाए रखने,भीड़ को गैर कानूनी करार देने के बावजूद, ड्यूटी पर उपस्थित पुलिस बल के साथ बदसलूकी की गई।
सरकारी काम में बाध डालने पर थाना सिविल लाइन में धारा 191(2), 296 समेत कई धाराओं में केस दर्ज कर जांच में लिया गया है।
रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ के तहत आज छत्तीसगढ़ विधानसभा के आवासीय परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपनी मां के सम्मान में वहां बेल का पौधा लगाया। विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सीताफल, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने हनुमान फल और उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने नीम के पौधे का रोपण किया।
विधानसभा आवासीय परिसर में वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम में कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने रामफल, वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने महुआ, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल ने आंवला, श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने हर्रा, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने लक्ष्मण फल, वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने बेल तथा राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने पीपल का पौधा लगाया।
वृक्षारोपण कार्यक्रम में विधायकों और राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी अपनी मां की स्मृति और सम्मान में पौधे लगाए। कार्यक्रम में आज विभिन्न प्रजाति के सौ से अधिक पौधे लगाए गए। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विधानसभा के आवासीय परिसर में 50 एकड़ क्षेत्र में इकोलॉजिकल पार्क (Ecological Park) विकसित किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज यहां ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से आज छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर स्थित समिति कक्ष में राष्ट्रीय रजक महासंघ की छत्तीसगढ़ इकाई के प्रदेश-भर से आए सदस्यों ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय का राष्ट्रीय रजक महासंघ के सदस्यों ने पुष्पगुच्छ व शॉल भेंटकर अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से उन्होंने विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के सशक्तिकरण से ही मजबूत राष्ट्र का निर्माण होता है। मुख्यमंत्री श्री साय को सदस्यों ने सामाजिक मांगों से सम्बंधित ज्ञापन भी सौंपा। इस अवसर पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष तथा विधायक श्री धरमलाल कौशिक सहित राष्ट्रीय रजक महासंघ से प्रदेश अध्यक्ष श्री विश्राम निर्मलकर, श्री सुरेश निर्मलकर, श्री चूड़ामणि निर्मलकर, श्री महेश कुमार कर्ष, श्री दिनेश निर्मलकर, डॉ लेखराम निर्मलकर, श्री दयालुराम निर्मलकर, श्री राकेश रजक, श्री लोकेश रजक सहित प्रदेश भर से आए सदस्य उपस्थित रहे।
रायपुर : यह कोरबा जिले के कोरबा विकासखण्ड के अंतर्गत पहाड़ों से घिरा विमलता गाँव है। भले ही इन गांव में रहने वाले परिवारों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन पानी को लेकर यहाँ की समस्या बहुत बड़ी है। गर्मी क्या आई ? गाँव का हैंडपंप जलस्तर नीचे जाने से जवाब दे जाता था। इस गांव के लोगों ने ऐसे कई गर्मी के मौसम देखे हैं, जो उन्हें पानी के बूँद-बूँद के लिए मोहताज करते हुए उनकी आँखों से आँसुओं के बूँद गिराए हैं। अब जबकि गाँव में जल जीवन मिशन से घर-घर नल लग गया है तो यहाँ पीने के पानी के लिए गर्मी के दिनों में ग्रामीणों को आँखों से आँसुओं की बूंद नहीं गिराना पड़ता। गाँव में लगे नल और घरों के कनेक्शन से उन्हें गर्मी और बरसात में स्वच्छ पानी की धार मिल जाती है। उन्हें लगभग एक किलोमीटर दूर पहाड़ के नीचे मुसीबत मोल लेकर खतरनाक ढोढ़ी में पानी भरने नहीं जाना पड़ता।
कोरबा ब्लाक के नकिया पंचायत अंतर्गत ग्राम विमलता में जल जीवन मिशन के माध्यम से नल कनेक्शन घर-घर लगाया गया है। जल संकट वाले इस ग्राम में हर साल गर्मी के दिनों में पानी की समस्या विकराल हो जाती थी। बारिश के समय जान जोखिम में लेकर पहाड़ के चट्टानों के बीच ढोढ़ी का पानी निकालना पड़ता था। इस दौरान पत्थरों के फिसलन होने से गिरने का खतरा भी बना रहता था। वे मटमैला पानी पीने मजबूर थे। ग्राम विमलता की महिला रामवती बाई, फुसुन्दरी बाई ने बताया कि गर्मी आते ही सभी को पानी के लिए जूझना पड़ता है। जलस्तर नीचे चले जाने के बाद समस्या और भी बढ़ जाती थी। बारिश के समय बहुत कम पानी से काम चलाना पड़ता था। अब घर में नल का कनेक्शन लग जाने से सुबह शाम पानी उपलब्ध हो जाता है। उन्हें 01 किलोमीटर दूर ढोढ़ी से पानी नहीं लाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि गर्मी के दिनों में पानी की समस्या देखकर रोना आ जाता था। ग्रामीण दिलमती बाई ने बताया कि पास का हैण्डपम्प से लगातार पानी निकालने से हैंडपंप भी बिगड़ जाते थे। गांव में सोलर ड्यूल पंप लगा है, जिससे गांव वालों को आसानी से पीने का पानी मिलने लगा है। उन्होंने बताया कि घरों में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा महिलाओं को ही परेशानी उठानी पड़ती थी। उन्हें ही दूर कहीं से पानी लाना पड़ता था। अब ऐसी समस्या दूर हो गई है। गाँव के जनेऊ सिंह का कहना है कि घर-घर नल लगाना बहुत अच्छी पहल है। इससे स्वच्छ पेयजल मिल रहा है। घरों में नल का कनेक्शन भी लगा है। पानी की सप्लाई से गाँव वालों को राहत मिलने लगी है। सोलर ड्यूल पंप लग जाने से 24 घण्टे पानी की सुविधाएं मिल गई है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव द्वारा हर घर पेयजल पहुंचाने का संकल्प लिया गया है। जिला कलेक्टर के निर्देश में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा दूरस्थ ग्रामों में क्रेडा के सहयोग से सोलर ड्यूल पंप स्थापित कराकर घरों में नल कनेक्शन दिया गया है। इससे दूरस्थ क्षेत्रों में पानी की गंभीर समस्या कम हो गई है। उन्हें घर पर ही पानी उपलब्ध हो पा रहा है।
छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के लोरमी थाना क्षेत्र में बीते सोमवार को मिले शव की शिनाख्त नहीं हो पाई। जिस वजह से मुक्तिधाम सेवा समिति ने बुधवार को पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर हिंदू रीति रिवाज से शव का अंतिम संस्कार किया।
रेहुंटा लाखासर रोड में सोमवार को अज्ञात शव मिला था। पुलिस प्रशासन के पता करने के बाद भी उसका कोई परिजन नहीं मिला। ऐसे में पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में मुक्तिधाम सेवा समिति ने शव का अंतिम संस्कार किया। मुक्तिधाम सेवा समिति अज्ञात शवों का रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कराती है।
अबतक 13 से ज्यादा अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार कराया
मानव सेवा ही प्रभु सेवा है की तर्ज पर समिति ने अब तक 13 से ज्यादा अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार विधि विधान से कराया है। बुधवार को इस सेवा कार्य में पुलिस प्रशासन की ओर से एसआई सुशील कुमार बंछोर, मुक्तिधाम सेवा समिति के संयोजक सदस्य शरद कुमार डड़सेना, पवन अग्रवाल, नर्मदा कश्यप, नंदलाल खत्री, यतीन्द्र खत्री, पप्पू चंदेल, बंटी खत्री, शेर खान, बिट्टू रात्रे, पिंटू और शाहिद मौजूद रहे।
प्रदेश में निकाय चुनाव के लिए परिसीमन की प्रक्रिया जारी है। यह प्रक्रिया 183 निकायों में से 80-90 में ही हो रही है। इस क्रम में रायपुर नगर निगम का परिसीमन हो गया है। इसमें ज्यादातर वार्डों के नंबर और तस्वीर बदल गई है। 2 वार्ड तो पूरी तरह से अलग-अलग वार्डों में मर्ज हो गए। हालांकि इसके बावजूद रायपुर में कुल वार्डों की संख्या 70 ही है। परिसीमन 2011 की जनगणना के आधार पर किया गया है।
गुरुवार को प्रकाशित परिसीमन में पं. रविशंकर शुक्ल वार्ड-35 को खत्म कर दिया गया। यहां कांग्रेस से एमआईसी सदस्य आकाश तिवारी पार्षद हैं। इस वार्ड को दो टुकड़े में बांटकर आबादी गुरुगोविंद सिंह वार्ड और लाल बहादुर शास्त्री वार्ड में शिफ्ट कर दी गई।
इसके अलावा महात्मा गांधी वार्ड भी खत्म हो गया है। यहां भाजपा के प्रमोद साहू पार्षद और जोन अध्यक्ष हैं। इनके पंडरी और देवेंद्र नगर वाले वार्ड को आसपास के वार्डों में मर्ज कर दिया गया। शंकर नगर, शक्ति नगर सहित आसपास के इलाके को महात्मा वार्ड बना दिया गया है।
इसके अलावा कांग्रेस की जोन अध्यक्ष निशा देवेंद्र यादव के शहीद पंकज विक्रम वार्ड के 70% से ज्यादा हिस्से को मौलाना अब्दुल रऊफ और शहीद राजीव पांडे वार्ड में मर्ज कर दिया गया। महापौर एजाज ढेबर के समीकरण भी गड़बड़ा गए हैं, क्योंकि उनके मौलाना अब्दुल रऊफ वार्ड में शैलेंद्र नगर और टैगोर नगर को जोड़ दिया गया है। सभापति प्रमोद दुबे के वार्ड बैरन बाजार में सिविल लाइन के कुछ वोटर्स शामिल किए गए हैं। एससी आरक्षित पं. विद्याचरण शुक्ल वार्ड 51 को बदलकर 50 कर दिया गया है।
पुराने पं. विद्याचरण शुक्ल वार्ड के एससी बहुल क्षेत्र को काटकर सामान्य बनाया गया है। यहां से कांग्रेस के धनेश बंजारे राणा पार्षद हैं। विशेष समुदाय बहुल शहीद राजीव पांडे वार्ड में सामान्य मतदाताओं वाले हिस्से को जोड़ दिया गया है।
बंजारी माता वार्ड के एमआईसी सदस्य नागभूषण राव यादव के वार्ड के बीच से वोटर्स को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है, जबकि वार्ड के किनारे से जनसंख्या को काटा जाता है। इस तरह सभी 70 वार्डों में फेरबदल किया गया है।
बता दें कि रायपुर नगर निगम में कुल 13 एमआईसी सदस्य और 10 जोन अध्यक्ष आते हैं। इनमें से एक एमआईसी सदस्य और एक जोन अध्यक्ष का वार्ड लगभग खत्म हो गया है। दोनों वार्डों से कांग्रेस के सदस्यों का प्रतिनिधित्व है।
रायपुर : छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) द्वारा हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी स्कूल की द्वितीय मुख्य परीक्षा 23 जुलाई 2024 से 12 अगस्त 2024 तक आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा के सुचारू संचालन और नकल प्रकरणों पर अंकुश लगाने हेतु राज्य स्तर पर एक ऑनलाइन प्रशिक्षण उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता माशिमं की अध्यक्ष श्रीमती रेणु जी. पिल्ले और सचिव श्रीमती पुष्पा साहू ने की। कार्यक्रम में राज्य के उड़नदस्ता टीम के सदस्य और जिला शिक्षा अधिकारी उपस्थित थे। प्रशिक्षण में निरीक्षण दल को निर्देशित किया गया कि उनका मुख्य उद्देश्य अनुचित साधनों की रोकथाम, परीक्षा संचालन नियमों का पालन और संवेदनशील केंद्रों पर सतत निगरानी रखना है।
निरीक्षण दल को यह भी निर्देश दिया गया कि एक केंद्र पर एक ही समय में एक से अधिक निरीक्षण दल न हों और निरीक्षण के दौरान परीक्षार्थियों में भय का वातावरण न उत्पन्न हो। परीक्षा केंद्रों पर अनावश्यक रूप से न बैठें और ऊंची आवाज में वार्तालाप न करें जैसे महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए।
अध्यक्ष श्रीमती रेणु जी. पिल्ले ने समस्त निरीक्षणकर्ताओं से अपेक्षा की कि नकल पर अंकुश लगाना उनकी जिम्मेदारी है और इसे सजगता से लिया जाना चाहिए। उन्होंने निरीक्षण प्रपत्र को सावधानीपूर्वक और पूर्ण रूप से भरने के निर्देश भी दिए।
परीक्षा केंद्र निरीक्षण के दौरान, सचिव श्रीमती पुष्पा साहू ने कुछ केंद्रों में कुछ कमियाँ पाईं और उन पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने चेतावनी दी कि परीक्षा का संचालन नियमानुसार किया जाना चाहिए।
रायपुर : छत्तीसगढ़ मदरसा बोर्ड रायपुर द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। छत्तीसगढ़ मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष श्री अलताफ अहमद ने परीक्षा परिणामों को जारी किया। उन्होंने परीक्षा में उर्तीण सभी परीक्षार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।
छत्तीसगढ़ मदरसा बोर्ड द्वारा घोषित परिणामों में हाईस्कूल पत्राचार पाठ्यक्रम परीक्षा में 60.93 प्रतिशत, हायर सेकेण्डरी पत्राचार पाठ्यक्रम परीक्षा (कला संकाय) में 69.73 प्रतिशत, हायर सेकेण्डरी वाणिज्य संकाय में 81.81 प्रतिशत, हायर सेकेण्डरी विज्ञान संकाय में 82.05 प्रतिशत, उर्दू अदीब में 91.67 एवं उर्दू माहिर प्रमाण-पत्र परीक्षा में 100 प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए।
परीक्षा परिणाम का अवलोकन परीक्षार्थीगण छत्तीसगढ़ मदरसा बोर्ड की वेब साइट
https://cgmbresult.cgmadarsaboard.in/page/result
पर कर सकते हैं।
रायपुर : जैवविविधता से समृद्ध छत्तीसगढ़ राज्य में ‘‘पैराटैक्सोनॉमी एवं जैवविविधता संरक्षण’’ हेतु 22 जुलाई से राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के कैम्पस में 21 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। वनमंत्री श्री केदार कश्यप के दिशा-निर्देश पर आयोजित इस प्रशिक्षण के माध्यम से प्रदेश में जैव विविधता के संरक्षण, संवर्धन और उचित प्रबंधन में मदद मिलेगी।
यह प्रशिक्षण कार्यकम छत्तीसगढ़ राज्य जैवविविधता बोर्ड, राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ठैप्) कोलकाता के सहयोग से आयोजित किया गया है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव, तथा छत्तीसगढ़ राज्य जैवविविधता बोर्ड के अध्यक्ष श्री राकेश चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण के प्रथम चरण में 66 युवाओं हेतु प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया है, जिसमें से 48 प्रशिक्षणार्थी उपस्थित हुए हैं। पैराटैक्सॉनामी तकनीकी प्रशिक्षण किसी पौधे की पहचान, उसके गुणों व उपयोग को जानने के लिए अत्यंत आवश्यक होता है।
प्रशिक्षणार्थियों को यह प्रशिक्षण बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया के विशेषज्ञ प्रशिक्षकों (त्मेवनतबम च्मतेवद) के द्वारा दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में सभी वनमंडलों में गठित जैव विविधता प्रबंधन समिति (बी.एम.सी.) के अंतर्गत आने वाले जीवविज्ञान में स्नातक छात्र-छात्राओं को चयनित कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये प्रशिक्षित छात्र-छात्राएं अपने बी.एम.सी. समिति तथा प्रत्येक ग्राम में जाकर 12 वीं पास विद्यार्थियों तथा व्यक्तियों को प्रशिक्षित करेंगे। प्रशिक्षण का मुख्य बिंदु उनके क्षेत्र में पाए जाने वाले जीव जंतु एवं पौध, वनस्पति प्रजातियों की पहचान करना, उनके औषधीय उपयोग को जानना, उनके उत्पादन की मात्रा को जानना है तथा उनके क्षेत्रों से कौन-कौन व्यक्ति, संस्था उत्पादन क्रय कर ले जा रहा है। इससे ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं से जैवविविधता अधिनियम के अनुसार ए.बी.एस. की राशि प्राप्त कर बी.एम.सी. के खाते में जमा कर सकेंगे तथा इस प्राप्त राशि से क्षेत्र की जैवविविधता के संरक्षण व संवर्धन पर कार्य कर सकेंगे। इसके माध्यम से प्रत्येक स्थानीय निकाय के सम्पूर्ण क्षेत्र में गठित जैव विविधता प्रबंधन समिति (बी.एम.सी.) के सदस्यों को जानकारी उपलब्ध हो सकेगी कि उनके क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन से जैव संसाधन उपलब्ध हैं और उनका क्या उपयोग है, उनका संरक्षण, संवर्धन व उचित प्रबंधन किस प्रकार किया जा सकता है।
प्रशिक्षण के शुभारंभ के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य जैवविविधता बोर्ड के अध्यक्ष श्री राकेश चतुर्वेदी ने कहा कि इस प्रशिक्षण उपरांत 4-5 ग्रामों के बीच एक प्रशिक्षित युवा को रखकर विभागीय कार्यों के साथ समन्वय किया जा सकेगा। राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के डायरेक्टर श्री बी. आनंद बाबू द्वारा इन प्रशिक्षित युवाओं को स्थानीय ग्रामीणों के साथ समन्वय स्थापित कर उन्हें प्रैक्टिकल प्रशिक्षण प्रदान करने तथा पी.बी.आर. तैयार होने के बाद बी.एम.सी. एक्शन प्लान तैयार करने एवं कार्ययोजना तैयार करने में उपयोगी सुझाव दिए गए।
प्रशिक्षण के शुभारंभ के अवसर पर बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया के डायरेक्टर डॉ. ए.ए. मावो, बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वैज्ञानिक डॉ. एस.एस. दास उपस्थित थे।
रायपुर की हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ने 1 जुलाई से मेंस्ट्रुअल लीव पॉलिसी लागू कर दी है। अब गर्ल स्टूडेंट को पीरियड्स के दौरान छुट्टी दी जाएगी। मेंस्ट्रुअल लीव पॉलिसी लागू करने वाला यह संस्थान छत्तीसगढ़ का पहला गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट है।
यूनिवर्सिटी के इस फैसले के बाद छात्राओं में खुशी है और उन्होंने विश्वविद्यालय प्रबंधन का धन्यवाद किया है।
सेमेस्टर में 6 दिनों की छुट्टी ले सकेंगी छात्राएं
पॉलिसी के मुताबिक छात्राएं पीरियड्स के दौरान महीने के एक दिन और 1 सेमेस्टर में 6 दिनों की छुट्टी ले सकेंगी। वहीं यह लीव उनके अटेडेंस में भी काउंट होगी। विश्वविद्यालय ने योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक नोडल अधिकारी को भी नियुक्त किया है।