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कांग्रेस ने कहा- भाजपा सरकार भी लेती थी हिन्दू संगठनों की जानकारी Featured

रायपुर। भाजपा धर्म से धर्म और भाई से भाई को लड़ाने की साजिश कर रही है। यह कहना है कांग्रेस का। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी कहना है कि हिंदू संगठनों की जानकारियां तो पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में भी पुलिस जुटाती रही है।

विभिन्न संगठनों के बारे में जानकारी एकत्र करना, तो पुलिस की कार्यप्रणाली का सामान्य हिस्सा है, लेकिन भाजपा शांत छत्तीसगढ़ में नफरत के बीज बाने की चाल चल रही है, जो कि अब बेनकाब हो गई है।

कांग्रेस ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में 26 फरवरी 2015 को जारी पत्र की प्रति भी जारी की है, जिसमें भी हिंदू संगठनों की जानकारी सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों से मांगी गई थी। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री त्रिवेदी का कहना है कि पुलिस की सामान्य प्रक्रिया के पत्र को भाजपा के लोगों ने जानबूझकर सोशल मीडिया में वायरल किया, ताकि साम्प्रदायिकता फैलाई जा सके। यह दो माह पहले प्रदेश में बनी कांग्रेस सरकार को बदनाम करने की साजिश थी।

भाजपा ने सोशल मीडिया पर पुलिस मुख्यालय की गुप्तावार्ता शाखा से पुलिस अधीक्षकों को जारी पत्र वायरल किया और कांग्रेस सरकार पर कई तरह के सवाल उठाए। त्रिवेदी का कहना है कि जब पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में पुलिस ने हिंदू संगठनों की जानकारी एकत्र की, तब कोई आपत्ति नहीं थी।

कांग्रेस सरकार में पुलिस उसी प्रक्रिया का पालन कर रही है, तो वह हिंदू विरोधी कैसी हो गई? जिस तरह के बयान और ट्वीट कांग्रेस सरकार के लिए किए जा रहे हैं, क्या वे पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर लागू नहीं होते?

 

क्या रमन सरकार भी नक्सलियों और इस्लामी आतंकियों को डाटा बेचना चाहती थी? त्रिवेदी का कहना है कि भाजपा के डीएनए में ही साम्प्रदायिक सद्भावना बिगाड़ना है। उसकी हर सोच और उसका हर कदम देश की समरसता पर प्रहार करने वाला होता है।

देश और प्रदेश की जनता भाजपा के नापाक मंसूबों को समझ चुकी है। यही वजह है कि विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता ने भाजपा को नकार दिया था।

 

सीएम के पिता के मौखिक आदेश पर काम तो नहीं कर रहे एसपी

प्रदेश में जाति के आधार पर संगठनों की जानकारी मांगने के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है। भाजपा ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके पिता पर निशाना साधा है। भाजपा ने गरियाबंद इसमें पूछा है-इस पत्र को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल देखें। अगर शासन के अधिकृत आदेश के बिना हिंदू संगठनों की जानकारी इकठ्ठा की जा रही थी, तब तो और गंभीर मामला बनता है। जिलों में एसपी ने सीएम के पिता के मौखिक आदेश पर तो यह कार्रवाई नहीं की थी।

भाजपा इस मामले में एसआइटी जांच की मांग करती है। भाजपा ने एक और ट्वीट किया। इसमें लिखा-यह सवाल इसलिए है क्योंकि सीएम के रिश्तेदारों का दखल बढ़ने संबंधी खबरें मीडिया में आयी हैं और सीनियर बघेल लगातार हिंदू विरोधी कृत्य में सक्रिय रहते हैं। क्या इस पर सरकार एसआइटी का गठन करेगी। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने भी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का आरोप भी लगाया था।

 

मुस्लिम व दूसरे संगठनों की भी जानकारी मांगी

पुलिस मुख्यालय की गुप्तवार्ता शाखा ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों से केवल हिंदू ही नहीं, मुस्लिम, कर्मचारी, सामाजिक संगठनों की भी जानकारी मांगी है। सभी संगठनों के पदाधिकारियों का नाम व पता, राजनीतिक पार्टी से उनकी सम्बद्धता, समाज में उनका प्रभाव, संगठन का उद्देश्य व गतिविधियां और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी मांगी गई है।

 

हर वर्ष जुटाई जाती है जानकारी: एडीजी

गुप्तवार्ता शाखा के एडीजी संजय पिल्ले का कहना है कि पुलिस तो हर साल विभिन्न् संगठनों की जानकारी अपडेट करती है। इससे वर्तमान पदाधिकारियों का पता चल जाता है और नए संगठन बने हों, तो उनके बारे में भी जानकारी मिल जाती है। यह पुलिस की सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है।

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