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सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में वर्दीधारी महिला नक्सली ढेर, कई नक्सलियों के घायल होने का दावा Featured

गोंदेरास के जंगल में तड़के हुई मुठभेड़, हथियार समेत बड़ी संख्या में नक्सली सामान बरामद
बड़े नक्सली नेताओं समेत 70 से ज्यादा नक्सलियों के मौजूद होने की थी सूचना, मारे गए नक्सलियों की पहचान नहीं
दंतेवाड़ा. पुलिस और डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) की संयुक्त टीम ने बुधवार तड़के नक्सलियों के कैंप पर धावा बोल दिया। सुरक्षाबलों ने महिला नक्सली समेत दो वर्दीधारी नक्सलियों को मार गिराया। हालांकि बाकी नक्सली जंगल का फायदा उठाकर भाग निकले। मारे गए नक्सलियों की अभी शिनाख्त नहीं हो सकी है। पुलिस ने मौके पर हथियार समेत भारी मात्रा में सामान बरामद किया है। खास बात यह है कि पहली बार नक्सलियों से मुठभेड़ में महिला कमांडो को भी शामिल किया गया।
दंतेवाड़ा-सुकमा बॉर्डर के जंगलों में 7 से ज्यादा कैंप लगा रखे थे नक्सलियों ने
मुठभेड़ के बाद नक्सलियों से बरामद सामान लेकर लौटते जवान।
पुलिस को दंतेवाड़ा-सुकमा बॉर्डर पर गोंदेरास के जंगलों में मंगलवार को बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। साथ ही यह भी पता चला था कि वहां पर नक्सलियों के कई बड़े नेताओं की भी मौजूदगी है। इस पर अरनपुर थाने से एसटीएफ और डीआरजी की एक टीम बनाकर देर शाम उन्हें रवाना किया गया। इसके बाद टीम वहां पहुंची तो पता चला कि नक्सलियों ने सात से ज्यादा कैंप लगा रखे थे। जवानों ने घेराबंदी की और तड़के 5 बजे मुठभेड़ शुरू हो गई।
करीब एक घंटे से ज्यादा चली इस मुठभेड़ में जवानों ने वर्दीधारी महिला नक्सली को ढेर कर दिया। बाकी नक्सली जंगल का फायदा उठाते हुए भाग निकले। जवानों के मुताबिक, मौके से भागे नक्सलियों में से कई को गोली भी लगी है। जवानों को मौके से इंसास राइफल, 12 बोर बंदूक, पाइप बम के साथ सामानों का जखीरा बरामद हुआ है। हालांकि इसमें क्या-क्या और है, ये जवानों के लौटने के बाद ही पता चल सकेगा। दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने मुठभेड़ की पुष्टि की है।
पहली बार मुठभेड़ में शामिल हुई महिला कमांडो, बंद कराए गए मोबाइल टावर
नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में पहली बार महिला कमांडो को भी शामिल किया गया। टीम के साथ 10 महिला कमांडो भेजी गई थीं। यह महिला कमांडो जिला पुलिस बल का हिस्सा हैं। इनमें सरेंडर कर चुकी महिला नक्सली भी शामिल हैं। जिस टीम ने नक्सलियों के साथ मुठभेड़ की, उसमें 2-3 सरेंडर महिला नक्सली भी शामिल थीं। वहीं इस मुठभेड़ से पहले उस क्षेत्र के सभी मोबाइल टावर पुलिस ने बंद करा दिए थे। इसका बड़ा कारण कि नक्सलियों के संतरी जवानों के पहुंचने की सूचना न दें सकें।

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