बिलासपुर. अटल यूनिवर्सिटी ने अब छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग देने का निर्णय लिया है। इसके लिए यूजीसी द्वारा बजट भी दिया जाता है। इसके लिए यूनिवर्सिटी ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को पत्र भी लिखा है, पर वहां से उन्हें बजट नहीं मिलेगा। इसका कारण यूनिवर्सिटी का 12 बी में पंजीयन नहीं है। अब ऐसे में खुद के बजट से ही छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग यूनिवर्सिटी को देनी होगी।
नैक के लिए यूनिवर्सिटी ने पीएचडी प्रक्रिया भी शुरू की
अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी नैक की तैयारी में जुट गई है। नैक की तैयारी के लिए यूटीडी के सभी विभागों के साथ-साथ परीक्षा, वित्त, खेल सहित अन्य विभागों को जिम्मेदारी दे दी गई है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी नैक कराने की दृष्टि से पीएचडी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। वहीं लाइब्रेरी तैयार करने और उसके लिए किताबों का भी टेंडर प्रक्रिया शुरू हो रही है। अब ऐसे में यूजीसी की गाइड लाइन के अनुसार यूनिवर्सिटी छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ-साथ नेट, सेट की कोचिंग नए सत्र से देना चाहती है।
इसके लिए यूनिवर्सिटी की कार्यपरिषद ने निर्णय लिया है। वहीं ऐसी कोचिंग के लिए यूजीसी पैसा देती है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी, रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी को यूजीसी से पैसा मिल रहा है। ऐसे में अटल यूनिवर्सिटी ने भी यूजीसी से मांग करने की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन 12बी में पंजीयन नहीं होने के कारण यूजीसी पैसा नहीं देगी। अब यूनिवर्सिटी खुद के पैसे से छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग देने निर्णय लिया है।
इधर मान्यता नहीं मिल रही
अटल यूनिवर्सिटी यूटीडी में 5 नए कोर्स शुरू करना चाहती है। अब ऐसे में कोर्स की मान्यता के लिए यूनिवर्सिटी को यूजीसी और एनसीटीई को जमीन, लाइब्रेरी, खेल मैदान दिखाना है। जो यूनिवर्सिटी के पास नहीं है। इस कारण कोर्स की मान्यता नहीं मिल रही है। यूनिवर्सिटी में खेल मैदान, क्लासरूम, लैब, लाइब्रेरी सिर्फ विकल्प के तौर पर चलाए जा रहे हैं। वहीं यूजीसी के मापदंड पूरा नहीं होने के कारण अनुदान भी नहीं मिल पा रहा है।
10 साल बाद भी नहीं हो पाई 18 पदों पर भर्ती
10 साल बाद भी टीचिंग के 18 पदों पर भर्ती नहीं हो पाई है। यूनिवर्सिटी में शैक्षणिक के 35 पदों में से 17 पदों पर भर्ती हो पाई थी जबकि बचे 18 खाली पदों पर भर्ती के लिए यूनिवर्सिटी ने राज्य शासन से मंजूरी का प्रस्ताव भेजा था। शासन ने मंजूरी तो दे दी थी, लेकिन अप्रूवल नहीं मिला है। 12बी नहीं होने से यूनिवर्सिटी को रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए अनुदान भी नहीं मिल पा रहे हैं। शैक्षणिक पदों में प्रोफेसर के पांच पद, एसोसिएट प्रोफेसर के 8 पद, असिस्टेंट प्रोफेसर के पांच पद हैं।
क्या है 12 बी : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के तय मापदंडों के अनुसार संबद्ध विश्वविद्यालय को शैक्षणिक पदों पर भर्ती करना होता है तभी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से 12 बी की मान्यता मिलती है। मान्यता मिलने के बाद संबद्ध विश्वविद्यालय को यूजीसी से रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए वित्तीय सहायता मिलने का रास्ता साफ हो जाता है