Print this page

दो साल में 'बने बिलासपुर स्मार्ट सिटी' से प्रोजेक्ट 'हमर बिलासपुर' हो गया, पर न रोड बनी, न काम हुए Featured

दो सड़कों पर काम जारी, 22 वार्ड एरिया बेस्ड डेवलपमेंट में शामिल, 1041 एकड़ होगा विकसित, 3966 करोड़ के कार्य
बिलासपुर. स्मार्ट सिटी के नाम पर बिलासपुर को अब तक 108 करोड़ रुपए मिल चुके हैं। केंद्रीय अनुदान के लिए आयोजित तीसरे राउंड की स्पर्धा में अपना शहर तीसरी बार में जून 2017 में पास हुआ। दो साल में प्रोजेक्ट का नाम 'बने बिलासपुर सिटी स्मार्ट' बदल कर 'हमर बिलासपुर' कर दिया गया, पर इस बीच शहर को एक अदद रोड की सहूलियत भी नहीं मिल सकी है।
30 करोड़ की लागत से बन रही हैं दोनों स्मार्ट सड़क
भक्त कंवरराम नगर द्वार से गणेश चौक, नेहरू नगर जिसे मिट्टी तेल गली के नाम से जाना जाता है, को स्मार्ट रोड के रूप में विकसित किया जाना है। इस पर काम चलते हुए दो साल से भी अधिक का  समय बीत चुका है। दो हिस्सों में पूर्व में बनी कांक्रीट और डामरीकृत सड़क निर्माण के नाम पर अब गड्ढे और धूल के गुबार में डूब चुकी है। कुछ ऐसी ही हालत व्यापार विहार रोड की है। दोनों स्मार्ट रोड की लागत 30 करोड़ है।
वर्क आर्डर में निर्धारित अवधि बीत गई
मिट्टी तेल गली की लंबाई 770 मीटर है। लागत 770 मीटर है। सड़क के दोनों ओर डक्ट, डिवाइडर, सोलर लाइट, सीसी कैमरे, लैंड स्केपिंग कई तरह की सहूलियतों के साथ इसे स्मार्ट रोड का नाम दिया गया है। ईई सुरेश बरुआ का दावा कि बारिश के पहले पूरी रोड का डामरीकरण कर दिया जाएगा। हालत यह है कि एक भी दोपहिया वाहन गुजर जाए तो धूल उड़ने लगती है। रहवासियों को श्वास रोग की शिकायत शुरू हो गई है।
किन कार्यों के लिए अभी और कितना इंतजार
25 करोड़ की लागत वाले व्यापार विहार रोड के पहले चरण का काम तारबाहर से महिमा चौक तक शुरू, कांक्रीटीकरण में छह महीने और लगेंगे।
6.72 करोड़ की लागत से व्यापार विहार में निर्माणाधीन प्लेनेटोरियम का काम डोम की ढलाई तक पहुंचा। इसी साल पूरा होने नोडल अधिकारी का दावा।
 20 करोड़ की आईटीएमएस बिल्डिंग का नक्शा संयुक्त संचालक टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, रायपुर से पारित होने की स्थिति में। पूरी तरह ग्रीन बिल्डिंग। अगले छह महीने में टेंडर व निर्माण शुरू कराने का दावा।
 चीफ ऑपरेशन मैनेजर, जीएम, लीगल एडवाइजर, रिसेप्शनिस्ट, कंप्यूटर ऑपरेटर, प्यून, सिक्योरिटी गार्ड सहित 25 पदों की भर्ती के लिए टेंडर महीने भर के अंदर खुलेगा। कंसल्टेंट के माध्यम से होगी भर्ती।
देरी पर नोडल अफसर ने सफाई दी
नोडल अफसर पीके पंचायती के मुताबिक 73 कार्यों के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट की नियुक्ति के लिए तीन बार टेंडर कराने पड़े। प्राइस वाटर हाउस कूपर और ट्रेक्टाबेल के ज्वाइंट वेंचर को 6 अक्टूबर 2018 को 4 वर्षों के लिए नियुक्त किया गया। 46 कार्यों के लिए कंपनी से सुझाव मिल चुके हैं कि किस तरह विश्वस्तरीय सहूलियतें उपलब्ध कराई जाना है।

Rate this item
(0 votes)
newscreation

Latest from newscreation