नगर आयुक्त ने कंपनी के खिलाफ कार्रवाई का रिकमंडेशन लेटर भेजा, ब्लैकलिस्टेड करने की अनुशंसा
भिलाई. डस्टबिन सप्लाई में बड़ी धांधली सामने आ रही है। नगर निगम भिलाई को जो डस्टबिन सप्लाई की गई है, उसकी क्वॉलिटी घटिया है। शहर में बांटे गए हर दूसरे डस्टबिन के ढक्कन कभी लगे नहीं। डस्टबिन मुड़ गए हैं या फिर टूट रहे हैं। घटिया क्वालिटी के डस्टबिन सप्लाई होने की वजह से नगर निगम भिलाई ने कंपनी को ब्लैकलिस्टेड करने की अनुशंसा की है। घटिया डस्टबिन सप्लाई कर खुलासा भी भिलाई निगम ने किया। जब निगम आयुक्त एसके सुंदरानी ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के डायरेक्टर को कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के लिए रिकमंडेशन लेटर भेजा। निगम ने एजेंसी का भुगतान रोक दिया है।
डस्टबिन सप्लाई में धांधली कैसे, उसे आप ऐसे समझें
डस्टबिन में ढक्कन ही नहीं लगे: निगम ने जो रिपोर्ट नगरीय प्रशासन एवं विकास के डायरेक्टर को भेजी है। उसमें इस बात का उल्लेख है कि हर दूसरे डस्टबिन का ढक्कन लग ही नहीं रहा है। क्योंकि ढक्कन और डस्टबिन की साइज अलग-अलग है।
सप्लाई में भी देरी: डस्टबिन की सप्लाई जनवरी 2018 से शुरू हुई। जो मार्च-अप्रैल तक होती रही। यहां तक कई खेप तो अगस्त-सितंबर तक हुई। इसे लेकर भी निगम की आपत्ति है।
डस्टबिन की क्वालिटी पर सवाल: डस्टबिन की क्वालिटी पर सवाल शुरू से ही उठ रहे थे। एक-एक घर में गीले और सूखे कचरे काे इकट्ठा करने के लिए दो-दो डस्टबिन बांटे गए। तभी से लोगों ने इसकी क्वालिटी को लेकर सवाल खड़े करने शुरू किए।
एक नजर शहर में सप्लाई हुई डस्टबिन पर
2.78 लाख डस्टबिन का वितरण निगम क्षेत्र में किया गया।
29 हजार घर टाउनशिप में है, जहां डस्टबिन दिया गया।
04 करोड़ रु. से निगम ने डस्टबिन की खरीदी की है।
66 लाख रु. टाउनशिप में बांटे गए डस्टबिन पर खर्च हुए।
70% घरों में बांटे गए डस्टबिन की क्वालिटी घटिया।
खुलासा कैसे: हरेक जोन से आयुक्त ने मांगी रिपोर्ट तो सबमें मिली गड़बड़ी
सालभर पहले भिलाई निगम क्षेत्र में डस्टबिन वितरण किया गया था। इसके बाद लोगों ने निगम में इसकी कंप्लेन की। इस कंप्लेन के बाद निगम आयुक्त ने सभी छह जोन के स्वच्छता निरीक्षकों से मामले की जांच करवाई। सभी जोन में घटिया डस्टबिन सप्लाई सामने आई।
काम में क्वालिटी से समझौता बिल्कुल नहीं
लोगों की मांग पर डस्टबिन की क्वालिटी की जांच करवाई थी। सभी जोन से इसकी रिपोर्ट मंगवाई तो क्वालिटी ठीक नहीं आई। हमने कंपनी को ब्लैकलिस्टेड करने के लिए सरकार को पत्र भेजा है। कंपनी का 10% भुगातन रोक दिए हैं। किसी भी काम में क्वालिटी से समझौता नहीं होगा।
एसके सुंदरानी, आयुक्त, नगर निगम भिलाई