बसपा की प्रदेश स्तरीय बैठक में फैसला, निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उतारेंगे प्रत्याशी
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार का असर, बसपा प्रदेश अध्यक्ष बोले- जोगी कांग्रेस से गठबंधन का फायदा नहीं
रायपुर. लोकसभा चुनाव में बसपा को मिली करारी हार का असर छत्तीसगढ़ में भी दिखने लगा है। उत्तरप्रदेश में सपा से गठबंधन तोड़ने के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी बसपा ने छत्तीसगढ़ जोगी कांग्रेस (जेसीसीजे) से किनारा कर लिया है। बसपा ने प्रदेश में होने वाले निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अकेले उतरने का फैसला किया है। सोमवार को बसपा की प्रदेश स्तरीय बैठक के बाद इस पर निर्णय लिया गया। पार्टी का कहना है कि जोगी कांग्रेस से गठबंधन का उन्हें प्रदेश में कोई फायदा नहीं मिला है।
आठ माह बाद नेता बोले- पार्टी को जमीनी स्तर पर करेंगे मजबूत
बसपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत पोयाम का कहना है कि पार्टी अब जमीनी स्तर पर संगठन की मजबूती के लिए प्रयास करेगी। इसके लिए नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव अकेले ही लड़ने का फैसला किया गया है। गठबंधन से कोई लाभ नहीं मिलने के कारण बसपा सुप्रीमो मायावती की ओर से इसके लिए निर्देश जारी किए गए हैं। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष पोयाम ने कहा कि अजीत जोगी के साथ संबंध मधुर बने रहेंगे। दरअसल, लोकसभा में मिली हार के बाद पार्टी की ओर से समीक्षा बैठक बुलाई गई थी। जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।
विधानसभा चुनाव से पहले हुआ था गठबंधन
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 से पहले सितंबर में अजीत जोगी की पार्टी ने बसपा के साथ गठबंधन किया था। इस चुनाव में प्रदेश की 90 में से 35 सीटों पर बसपा और 55 सीटों पर गठबंधन में अजीत जोगी की पार्टी ने चुनाव लड़ा। दोनों के गठबंधन को सात सीटें मिली थीं, जिनमें दो बसपा की थीं। इसके बाद लोकसभा चुनाव में सभी 11 सीटों पर बसपा ने अकेले चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली।