रायपुर. अब राज्य में बनने वाली सड़क, पुल-पुलिया, पीएचई और निर्माण के अन्य कामों पर सरकार की सीधी नजर रहेगी। किसी भी ठेकेदार या एजेंसी के काम को पास करने से पहले इंजीनियरों को उसकी गुणवत्ता को परखना होगा। सरकार ने हर विभाग और निर्माण के हर काम की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए 100 बिंदुअाें का चेक लिस्ट तैयार किया है।
इन बिंदुओं पर परखने के लिए सरकार ने हर काम के पैरामीटर को भी चेक लिस्ट में शामिल किया है। संबंधित इंजीनियर को इन कामों के पूरा होने के दौरान नजर रखनी होगी और प्रोजेक्ट पूरा करने से पहले मुख्य तकनीकी परीक्षक (विजिलेंस) कार्यालय द्वारा तैयार किए गए चेक लिस्ट के अनुसार हां या नहीं में जवाब देना अनिवार्य कर दिया गया है।
मानक के अनुसार तय किए गए बिंदु
सभी विभागों के लिए अब तक बनाए गए मापदंड के आधार पर सौ बिंदुअाें का यह चेक लिस्ट तैयार किया गया है। इससे हर विभाग में निर्माण कार्यों की हर चरण में मॉनिटरिंग के साथ ही, निर्माण सामग्रियों के रखरखाव में की जा रही लापरवाही और भ्रष्टाचार का भी पता चलेगा। गलत रिपोर्ट देने पर संबंधित इंजीनियर की जवाबदेही भी तय हो सकेगी। चेक लिस्ट को तकनीकी स्पेशिफिकेशन के आधार पर तैयार किया गया है। सड़क बनाने के लिए रोड कांग्रेस के प्रावधान के साथ ही बिल्डिंग आदि बनाने के लिए विस्तार से जानकारी दी गई है।
इनका रखना होगा ध्यान
- कॉलम के बेस में रिंग है या नहीं
- कंक्रीट पोरस तो नहीं है
- फ्रेश कंक्रीट का आईएस:1199 के अनुसार 3 स्पेसमैन टेस्ट कराया गया है कि नहीं
- प्लिंथ की हाइट ग्राउंड लेवल से 450 मिमी ऊपर है या नहीं
- प्लिंथ में 25 सेंटीमीटर मोटी फिलिंग की गई है या नहीं
- सीढ़ियों के निर्माण में हेड रूम 2.2 मीटर रखा गया है या नहीं
- ईंटों को उपयोग में लाने से पहले ठीक से गीला किया है या नहीं
- लकड़ी के दरवाजे के फ्रेम को फिक्स करने के लिए तीन होल फॉस किए गए हैं या नहीं
- फॉल्स सीलिंग में जिप्सम और प्लास्टर ऑफ पेरिस की मोटाई की जांच की गई है या नहीं ।
- डामर या कंक्रीट की नई सड़क बनाने से पहले पुरानी सड़क को पूरी तरह से हटाया है या नहीं
गुणवत्ता बढ़ाने में उपयोगी
सरकार के इस कदम को जवाबदेही तय करने और भ्रष्टाचार रोकने की पहल के रूप में देखा जा रहा है। मुख्य सचिव सुनील कुजूर ने स्पष्ट किया है कि इंजीनियरों द्वारा चेक लिस्ट के दस्तावेजों को नियमित भरने से सामग्रियों की खपत में निगरानी रखी जा सकेगी। इससे काम की गुणवत्ता तो बढ़ेगी ही, साथ ही इससे स्नातक और डिप्लोमा इंजीनियर को रोजगार भी सुलभ होगा। उनका कहना है कि दूरस्थ इलाकों में चल रहे निर्माण कार्यों के लिए यह चेक लिस्ट ज्यादा उपयोगी साबित होगा।