एक्यूट इनसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चमकी बुखार ने बिहार के बाद अब छत्तीसगढ़ को भी अपने चपेट में ले लिया है. बस्तर के जगदलपुर में चमकी बुखार से 1 बच्चे की मौत का मामला सामने आया है. बिहार में इस जानलेवा बीमारी से अभी तक 156 बच्चों की मौत हो चुकी है. बस्तर के जगदलपुर डिमरापाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती एक बच्चे की मौत चमकी बुखार से हो गई है.
जगदलपुर के डिमरापाल शासकीय मेडिकल कॉलेज में चमकी बुखार से पीड़ित 3 बच्चों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. इनमें से गंभीर रूप से बीमार 1 बच्चे की मौत हो गई है. मृतक बच्चे का नाम भुवने नाग है जिसकी उम्र 4 वर्ष थी.
बच्चे की मौत की खबर आने पर राजधानी रायपुर से चिकित्सकों का 1 दल बस्तर के जगदलपुर के लिए रवाना हो गया है. चमकी बुखार की दस्तक की जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल जांच दल बनाया और उसे जगदलपुर के लिए रवाना किया.
पीड़ित दो बच्चों का इलाज जारी
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बीते 18 जून को बस्तर के चोलनार गांव से मासूम भुवाने नाग को गंभीर हालत में मेकाॅज में भर्ती करवाया गया था. मासूम की जांच के बाद जो रिपोर्ट आई है उसमें जेई के अलावा एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के भी लक्षण पाए गए थे.
वहीं इलाज से अन्य दो बच्चे 7 साल के कुमार मंडावी और 3 वर्ष के इतियासा की सेहत में सुधार हो रहा है. पिछले कुछ वर्षों में बस्तर में जेई से पीड़ित बच्चे इलाज के लिए आ रहे थे, लेकिन इस साल एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम यानी चमकी बुखार की भी शिकायत के साथ यहां पहुंच रहे हैं.