रायपुर। कांग्रेस के केंद्रीय संगठन में मची उथल-पुथल और राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से नए अध्यक्ष के लिए पार्टी के आला नेताओं को अधिकृत करने का असर अब छत्तीसगढ़ के नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा पर भी पड़ रहा है। बदले राजनीतिक समीकरण में यह संकेत मिल रहे हैं कि अब सीतापुर से चार बार के विधायक अमरजीत भगत को प्रदेश अध्यक्ष की जगह भूपेश सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है। राहुल गांधी से गुस्र्वार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुलाकात की थी।
कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो इस दौरान राहुल ने भगत को मंत्री बनाने के लिए हरी झंडी दे दी है। सबकुछ ठीक रहा तो भगत को विधानसभा सत्र से पहले मंत्री पद से नवाजा जा सकता है। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत और मंत्री टीएस सिंहदेव ने राहुल गांधी से मुलाकात की।
महंत के साथ उनकी पत्नी कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत भी गई थी। दोनों नेताओं ने राहुल गांधी को जन्मदिन की शुभकमनाएं दी और प्रदेश के राजनीतिक हालात पर चर्चा की। वहीं, मंत्री टीएस सिंहदेव भी प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया के साथ राहुल गांधी से मिलने पहुंचे। करीब 20 मिनट की चर्चा में सिंहदेव ने स्वास्थ्य विभाग के कामकाज के साथ लोकसभा चुनाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
सिंहदेव ने मीडिया से चर्चा में कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी से मुलाकात नहीं हुई थी, इसलिए वे शुक्रवार को मिलने पहुंचे थे। इधर, कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो अमरजीत भगत को पहले प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर सहमति बनती नजर आ रही थी। लेकिन राहुल गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ने की अटकलों के बीच अब नए समीकरण बन रहे हैं।
चर्चा है कि अगर राहुल गांधी राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में अगला कार्यकाल लेते हैं तो अधिकांश प्रदेश के अध्यक्षों को बदला जाएगा। अगर राहुल की जगह कोई नया राष्ट्रीय अध्यक्ष आता है, तो प्रदेश अध्यक्ष बदलना तय है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष की कमान अभी फिलहाल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास ही रहेगी।
कांग्रेस की राजनीति के जानकारों की मानें तो राहुल गांधी ने प्रदेश के चारों वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर ली है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत, मंत्री ताम्रध्वज साहू और टीएस सिंहदेव ने मुलाकात के दौरान प्रदेश के राजनीतिक हालात की जानकारी दी है।
अब तक प्रदेश के नेताओं का फोकस नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर था। लेकिन राहुल गांधी से मुलाकात के बाद समीकरण बदल गये। सरगुजा लोकसभा में सभी विधायक कांग्रेस के होने के बाद भी लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। मोदी सरकार ने बड़ा दांव खेलते हुए रेणुका सिंह को मंत्री बनाया है। अब प्रदेश में भी अमरजीत को मंत्री बनाकर भविष्य के चुनावी समीकरण को साधने की कांग्रेस कोशिश करेगी।