डूमरपारा के शुभ मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड में लापरवाही चरम पर
श्रमिकों को तय सुविधाओं से रखा गया वंचित, 8 के बयाय ले रहे 12 घंटे काम
जांजगीर-चांपा। बाराद्वार क्षेत्र के ग्राम डूमरपारा में संचालित शुभ मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड ने लापरवाही की सारी हदें पार कर दी है। यहां काम करने वाले श्रमिकों का जमकर शोषण किया जा रहा है तो वहीं श्रमिकों को मिलने वाली सुविधा से भी उन्हें वंचित रखा जा रहा है। इसके अलावा उनसे 8 के बजाय 12 घंटे काम लिया जा रहा है। खास बात यह है कि क्रशर का संचालन दो सालों से हो रहा है, जबकि अब तक यहां काम करने वाले श्रमिकों का पंजीयन नहीं हुआ है।
जिले में जिस तरह नियम-कायदे को ताक पर रखकर क्रशरों का संचालन किया जा रहा है उससे खासकर वहां काम करने वाले श्रमिकों का जमकर शोषण हो रहा है। बताया जाता है शुभ मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड यहां दो सालों से संचालित है, लेकिन अब तक यहां कार्यरत किसी भी श्रमिक का पंजीयन नहीं हुआ है। ऐसी स्थिति में काम के दौरान यदि कोई श्रमिक की मौत हो जाए तो उसे आसानी से ठिकाना लगाया जा सकता है। कहा यह भी जाता है कि इस क्रशर में 6 दर्जन से अधिक श्रमिक कार्यरत है, लेकिन सिर्फ 50 श्रमिकों का पंजीयन कराने संबंधित विभाग में आवेदन किया गया है। खास बात यह है कि यहां कार्यरत श्रमिकों से हाड़तोड़ मेहनत कराया जा रहा है। सरकार ने भले ही काम के लिए आठ घंटा तय किया है, लेकिन यहां श्रमिकांे से 12 घंटे तक काम लिया जा रहा है। मजदूरी में भी कटौती की जा रही है। अकुशल श्रमिकों के लिए सरकार ने मजदूरी तय की है लेकिन यहां सरकार के इस फरमान की धज्जियां उड़ाते हुए श्रमिकों को मात्र रुपए के हिसाब से मेहनताना दिया जा रहा है। इसके बावजूद इस क्रशर की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
सेफ्टी से नहीं सरोकार
खास बात यह है इस क्रशर में सेफ्टी नाम की कोई चीज नहीं है। यहां कार्यरत श्रमिकों को सुरक्षा के नाम पर सिर्फ हेल्मेट दिया जाता है जबकि ग्लब्स, जूता, मास्क आदि से उन्हें वंचित रखा जा रहा है। असुरक्षित वातावरण में काम करने के दौरान श्रमिकों में हमेशा अप्रिय स्थिति का खतरा मंडराते रहता है। लेकिन इन सब बातों से क्रशर संचालक को कोई सरोकार नहीं है। उन्हें तो सिर्फ अपनी कमाई से ही मतलब है।
सिलिकोसिस की संभावना
डूमरपारा गांव में दिन रात क्रशर के चलने से पूरा क्षेत्र धूल से सराबोर है। क्रशर परिसर में स्प्रिंकलर भी नहीं है, जिसके चलते वहां काम करने वाले श्रमिकों को हमेशा धूल भरे वातावरण में काम करने की मजबूरी है। यहां कार्यरत किसी भी श्रमिक का स्वास्थ्य परीक्षण भी नहीं कराया जाता। लगातार धूल में काम करने के कारण वहां कार्यरत अधिकांश श्रमिकों में सिलिकोसिस की भरपूर संभावना है।
मिलीभगत का आरोप
शुभ मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड में जिस तरह श्रमिकों के जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है उसके बावजूद श्रम और सेफ्टी विभाग के स्थानीय अफसर चुप्पी साधे हुए। इससे समझा जा सकता है कि ये अफसर क्रशर संचालक पर कितने मेहरबार है। यही वजह है कि इन अफसरों पर हमेशा मिलीभगत का आरोप लगता रहा है। अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन उचित तरीके से नहीं करने के चलते श्रमिक असमय काल के गाल में समाने मजबूर हैं।
12 घंटे काम
शुभ मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड में कार्यरत श्रमिकों का पंजीयन कराने आवेदन दिया गया है। क्रशरों में श्रमिकों से 12 घंटे काम लिया जाता है। अकुशल श्रमिक को आठ घंटे काम के बदले 200 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी दी जाती है।
-राजीव मिश्रा, मैनेजर
शुभ मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड डूमरपारा