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’’निर्वाचन 2018 सुगम, सुघ्घर, समावेशी’’ सेक्टर अधिकारियों को प्रशिक्षण Featured

दुर्ग। विधानसभा निर्वाचन 2018 के अंतर्गत जिले के विधानसभा क्षेत्रों के लिए नियुक्त सेक्टर अधिकारियों को आज बी.आई.टी. काॅलेज में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में सेक्टर अधिकारियों को निर्वाचन से संबंधित उनके कर्तव्यों और दायित्वों की विस्तार से जानकारी दी गई। अधिकारियों को निर्वाचन प्रक्रिया प्रारंभ होने से लेकर निर्वाचन प्रक्रिया पूरी होने तक उनके द्वारा किए जाने वाले दायित्वों से अवगत कराया गया। सेक्टर अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण कराने के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। सेक्टर अधिकारियों को विशेष कार्यकारी मजिस्ट्रेट की शक्तियां दी गई है। प्रत्येक 10-12 मतदान केन्द्रों के लिए एक सेक्टर अधिकारी की नियुक्ति की गई है। उन्हें बताया गया है कि अपने निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित मतदान केन्द्रों के नक्शे का पूर्ण रूप से अवलोकन एवं क्षेत्रों का भ्रमण सुनिश्चित कर लें।
सेक्टर अधिकारियों को उनके सेक्टर क्षेत्र के अंतर्गत सभी मतदान केन्द्रों में पहुंच कर सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी दी गई है। सेक्टर अधिकारी का दायित्व है कि वे अपने सेक्टर क्षेत्र में मतदान केन्द्रों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। सभी मतदान केन्द्रों के दायरे में निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें।
अधिकारियों का दायित्व है कि वे मतदाताओं को ई.व्ही.एम. से मतदान करने की प्रक्रिया का प्रदर्शन करायें। सेक्टर अधिकारियों की यह भी जिम्मेदारी है कि वे मतदान केन्द्र के स्वरूप और उसकी संवेदनता का भी अनिवार्य रूप से विवरण रखें। मतदान की पूर्व संध्या मतदान केन्द्रों में मतदान दलों के माध्यम से मतदान सामग्री पहुंचाना सुनिश्चित करेंगे। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सुरक्षा बल संबंधित मतदान केन्द्र में पहुंचे है या नहीं। मतदान कर्मियों के बीच ई.व्ही.एम. का संचालन अथवा मतदान प्रक्रिया के विषय में अंतिम समय तक किसी भी प्रकार की संदेह को दूर करेगा। पूरी तरह से संतुष्ट हो जाने पर नियंत्रण कक्ष को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
मतदान दिवस पर मतदान शुरू होने से पहले माॅक पोल की स्थिति सुनिश्चित करेगा। यदि कोई समस्या हो तो सुधारात्मक कार्यवाही करेगा। मतदान केन्द्रों का बार-बार भ्रमण करेगा और बिना विलंब के मतदान शुरू होने की सूचना देगा। जहां कहीं भी ई.व्ही.एम. बदलने की स्थिति उत्पन्न हो, उसे बदलने की व्यवस्था करेगा। मतदान एजेंटों की उपस्थिति-अनुपस्थिति का पता लगाना और सूचना देना होगा। मतदान दल को आवश्यक सहायता करेगा। उनकी महती जिम्मेदारी होगी कि वे मतदान केन्द्रों का दौरा करने के दौरान मतदान संबंधी सभी पहलूओं की जांच करेगा। माॅक पोल प्रमाणन सुनिश्चित करने के साथ ही इसकी सूचना आर.ओ. को देगा। मतदान प्रणाली की जांच करना, समय-समय पर मतदान प्रतिशत की सूचना देना, मतदान वाले दिन प्राप्त शिकायत का निदान करना, मतदान उपरान्त ई.व्ही.एम. को सिलिंग करने, मतदान सामग्री प्राप्ति स्थल पर पहुंचाने, मतदान कर्मियों को मानदेय के वितरण का कार्य सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी होगी। सेक्टर अधिकारी यह भी जांच करेगा कि पीठासीन अधिकारी उपयुक्त ढंग से डायरी की प्रतिपूर्ति किया है कि नहीं, ई.व्ही.एम. मशीन ठीक से सील की गई है या नहीं।

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