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युवक पर एसिड अटैक; अस्पताल में नहीं थे डाक्टर, दस घंटे तड़पने के बाद मिला इलाज

रायगढ़. घर में सो रहे युवक पर अज्ञात लोग एसिड फेंककर फरार हो गए। इधर संजीवनी 108 के टोल फ्री नंबर पर कॉल रिसीव नहीं होने पर परिजन पीड़ित को इलाज के लिए मेकाहारा लेकर आए। बर्न वार्ड में इमरजेंसी डॉक्टर के नहीं होने से मरीज को सुबह 11 बजे तक तड़पना पड़ा। 10 घंटे बाद सोमवार को सुबह डॉक्टर के राउंड पर आने के बाद एसिड पीड़ित का इलाज शुरू हुआ। 

 

मामला जांजगीर-चांपा जिले में चंद्रपुर थाना क्षेत्र चंदेली गांव का है। ग्रामीण महेश राणा (32) रविवार की रात सोया हुआ था। लगभग 12 बजे अज्ञात हमलावर उसके घर में घुस गया। महेश राणा के चेहरे पर उसने एसिड फेंक दिया। महेश ने बताया कि चेहरे में एसिड गिरने के बाद उसे गरम पानी डाले जाने का एहसास हुआ। उसने शोर मचाया, आरोपी वहां से भाग चुका था।

 

हादसे के बाद घर के दूसरे सदस्यों के अलावा मोहल्ले के लोग भी उसके घर में जुट गए। चेहरे में एसिड पड़ने की आशंका होने पर महेश के मोबाइल से पत्नी कुमुदनी राणा ने संजीवनी वाहन के लिए टोल फ्री नंबर 108 पर फोन किया। कॉल सेंटर में किसी ने फोन कॉल रिसीव नहीं किया। परिजन उसे पुलिस के 112 वाहन में रात डेढ़ बजे अस्पताल लेकर पहुंच गए। बर्न वार्ड में डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं थे। नर्सों ने मामूली मरहम पट्टी कर दी। सुबह 11 बजे जब डॉक्टर राउंड पर आए तो उपचार शुरू किया गया। 


पेट्रोल पंप में काम करता है युवक: ग्रामीण युवक चंद्रपुर के एचपी पेट्रोल पंप में काम करता है। मरीज के अन्य परिजन आशंका जता रहे हैं कि पेट्रोल पंप में ही किसी के साथ महेश का विवाद हुआ होगा। जिसके चलते उस पर एसिड अटैक हुआ है। महेश ने कहा कि उसका किसी से कोई विवाद नहीं हुआ था। चंद्रपुर पुलिस ने इस मामले में छानबीन शुरू कर दी है। 


गेट खुला था, डॉक्टरों की नींद नहीं खुली: हादसे के बाद सबसे पहले मरीज को लेकर परिजन चंद्रपुर के सरकारी अस्पताल में पहुंचे। मरीज की पत्नी कुमुदनी ने बताया उस समय अस्पताल का गेट खुला हुआ था। भीतर जाकर देखे तो अस्पताल के सभी कर्मचारी सोए हुए थे। अंत में चंद्रपुर की पुलिस टीम ने भी आवाज लगाई, इसके बाद भी अस्पताल के कर्मचारी व डॉक्टरों की नींद नहीं खुली। 


इमरजेंसी में डॉ. नवीन कर रहे थे ड्यूटी: रविवार के दिन मेकाहारा के अधिकांश डॉक्टर छुट्टी पर रहते हैं। इमरजेंसी में कुछ डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाती है। रविवार को डॉ. नवीन अग्रवाल बर्न वार्ड में ड्यूटी पर थे। इमरजेंसी ड्यूटी होने के बाद भी वे वार्ड में नहीं गए। ऐसे में एसिड से झुलसे मरीज को 10 घंटे तक डॉक्टर का इंतजार करना पड़ा। 


सीधी बात : डॉ. हबेल सिंह उरांव, सहायक अधीक्षक, मेकाहारा 
सवाल: रविवार की रात एसिड पीड़ित आया था, उसके इलाज में देर क्यों हुई? 
जवाब: मुझे मरीज के बारे में जानकारी नहीं है। 
सवाल: रविवार के दिन अस्पताल के सभी डॉक्टर छुट्टी में रहते हैं क्या? 
जवाब: ऐसा नहीं है, इमरजेंसी डॉक्टर मरीजों की देखभाल करते हैं। 
सवाल: उस रात बर्न वार्ड में ड्यूटी पर कौन था, क्या उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे? 
जवाब: डॉ. नवीन अग्रवाल की ड्यूटी थी, यदि उन्होंने इलाज में लापरवाही की है तो कार्रवाई तो करेंगे ही।

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