छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां अपने चरम पर हैं। अपना परचम लहराने के लिए हर एक सीट पर पार्टियां पूरा जोर लगा रही हैं। इस सब के बीच दंतेवाड़ा सीट ख़ास वजहों से चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल दंतेवाड़ा सीट को लेकर कहा जाता है कि यहां हर चुनाव में परिवार के लोग ही आमने-सामने होते हैं। इस बार भी यह सिलसिला बदस्तूर जारी है।
चुनावी महाभारत में 'विजय श्री' पाने उतरा परिवार
जनजाति बहुल इस सीट पर एक ही परिवार के सात लोग अलग-अलग पार्टियों से टिकट पाकर एक दूसरे को चुनौती दे रहे हैं। पिछले चुनाव में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला था। दरअसल भाजपा उम्मीदवार भीमा मंडावी कांग्रेस उम्मीदवार देवती कर्मा के बहनोई हैं। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी देवती और सीपीआई उम्मीदवार नंदाराम सोरी आपस में भाई-बहन हैं।
इसके अलावा आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे बल्लू भवानी और निर्दलीय चुनाव लड़ रहीं जया कश्यप रिश्ते देवती के भतीजा-भतीजी हैं। दूसरी तरफ बसपा उम्मीदवार केशव नेताम और निर्दलीय सुदरू कुंजाम का आप उम्मीदवार बल्लू के भांजे है।
चुनावी रंजिश के आड़े नहीं आया रिश्ता
सभी उमीदवार रविवार को जिला पंचायत सदस्य और भाजपा नेता पर नंदलाल मुड़ामी पर हमला खबर मिलते ही उन्हें देखने अस्पताल पहुंचे। इस दौरान इनके रिश्तों की गर्मजोशी साफ़ देख यह लगा कि चुनावी प्रतिस्पर्धा रिश्तों की गरिमा को अब भी नहीं छू पाई।
कांटे की टक्कर की उम्मीद
दंतेवाड़ा की सीट पर 1 लाख मतदाता हैं। रिश्तेदारों के आमने सामने होने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है। कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। कांग्रेस की देवती कर्मा ने अपने पति टाइगर महेंद्र कर्मा की मौत के बाद चुनाव लड़ा और पिछले चुनाव में भाजपा की भीमा मंडावी को करीब 6 हजार वोटों से हराया था।
इन उम्मीदवारों के बीच मुकाबला
| देवती कर्मा | कांग्रेस |
| जया कश्यप | निर्दलीय |
| भीमा मण्डावी | भाजपा |
| केशव नेताम | बसपा |
| बल्लू भवानी | आप |
| नंदाराम सोरी | सीपीआई |
| सुंदरू कुंजाम | निर्दलीय |