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मुख्यमंत्री अचानक पहुंचे मार्ट,ग्राहकों से की मुलाकात,ग्राहक बोले जीएसटी रिफॉर्म्स, बचत क्रांति Featured

 

रायपुर :

 

राजधानी रायपुर के सरोना स्थित शुभम "के मार्ट" में रोजमर्रा की ज़रूरत का सामान खरीद रहे लोग उस समय सुखद आश्चर्य से भर उठे, जब उन्होंने देखा कि जीएसटी बचत का लाभ उन्हें मिल रहा है या नहीं उसे देखने स्वयं प्रदेश के मुखिया आए है।

दरअसल, आज जीएसटी बचत उत्सव को लेकर जनभावनाओं से रूबरू होने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय "शुभम के मार्ट" पहुंचे। उन्होंने खुद ग्राहक बनकर 1,645 रुपये के घरेलू सामान की शॉपिंग की एवं यूपीआई से भुगतान भी किया।इस दौरान उन्होंने खरीदारी कर रहे लोगों से बातचीत की और जीएसटी दरों में कटौती से घरेलू सामानों के मूल्य में आए फर्क के बारे में जानकारी ली।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मार्ट पहुंचकर ज़रूरत के सामान खरीदे और जीएसटी दरों में कमी का लाभ लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आत्मीयता से लोगों का हालचाल जाना। उन्होंने खरीदारी कर रही गृहिणियों से घरेलू बजट पर आए असर की जानकारी ली, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों से उनकी दिनचर्या के बारे में पूछताछ की। इस बीच उन्होंने रोजमर्रा का सामना खरीदते हुए अन्य ग्राहकों से आत्मीयतापूर्वक वार्तालाप किया। मुख्यमंत्री का यह आत्मीय व्यवहार देखकर मौजूद लोग गदगद हो उठे और कहा कि प्रदेश का मुखिया आज हमारे बीच एक आम आदमी की तरह शामिल है। इस दौरान उन्होंने खरीददारों से चर्चा करते हुए जीएसटी सुधारों पर लोगों के विचार सुने। लोगों ने बताया कि दवाइयों और राशन की कीमत घटने से उन्हें बड़ी राहत मिली है। मुख्यमंत्री मुस्कुराते हुए बोले—"यही तो असली मकसद है कि सुधार की गूंज आम जनता तक पहुंचे।" इसके बाद उन्होंने खुद भी सामान खरीदा और नई कीमतें देखकर कहा—"यह सुधार केवल कागज पर नहीं, बल्कि हर परिवार की ज़िंदगी में दिखाई देने वाला परिवर्तन है।"

मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी को स्वदेशी की मुहिम का साथ देने का आग्रह भी किया, जिस पर लोगों ने कहा आप आगे बढ़े ,हम आपके साथ है।

जीएसटी कटौती नहीं, यह "बचत क्रांति" है

मुख्यमंत्री से चर्चा करते हुए खरीदारी कर रहे रिटायर्ड एयरफोर्स अधिकारी श्री टी. पी. सिंह ने कहा कि आने वाले समय में जब इस दौर का इतिहास लिखा जाएगा, तब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुए जीएसटी सुधार को ऐतिहासिक बजट क्रांति के रूप में दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा—"पहले हम जितने पैसों में 30 दिन का राशन लेते थे, अब उन्हीं पैसों से 40 दिन से अधिक का राशन ले पा रहे हैं। हमारे प्रधानमंत्री ही इतना बड़ा साहसिक निर्णय ले सकते थे, कोई और ऐसा नहीं कर पाता।"

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