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छत्तीसगढ़ में ईवीएम को लेकर हुए ये घटनाएं लोकतंत्र में बहुत बुरी खबर हैं Featured

By December 04, 2018 366

सा तो कभी नही सुना। एक अधिकारी ईवीएम लेकर अपने घर चला गया। एक नहीं ,दो नही, तीन मशीनें। घर रख लीं। रात को पुलिस को खबर मिली तो निर्वाचन आयोग के अफसरों ने उसके घर से जब्त कीं । दूसरा पीठासीन अधिकारी खुल्लमखुल्ला भाजपा के पक्ष में मतदान करा रहा था। पुलिस ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इस तरह के न जाने कितने अधिकारी इस काम में लगे रहे होंगे? दो अन्य अधिकारी ड्यूटी से हटा दिए गए। दो पुलिस अफसर हटा दिए गए। 

मंदिर में कब से चढ़ने लगे पार्टी के चुनाव चिन्ह?

छत्तीसगढ़ में पहले चरण के मतदान में बहुत से मतदान केंद्रों पर ईवीएम मशीनों में खराबी के चलते दो घंटे से लेकर चार घंटे तक मतदान रुका रहा था। उन बूथों के मतदाता देर तक इंतजार करने के बाद घर वापस लौट गए। सैकड़ों मतदाता तो कई किलोमीटर पैदल चलकर वोट डालने आए थे। चुनाव आयोग की पर्याप्त ट्रेनिंग के बाद यह हाल हुआ। इसके बाद मंगलवार को दूसरे चरण के मतदान में भी दो सौ मतदान केंद्रों पर मशीनें खराब हो गईं। दो से तीन घंटे मतदान रुका रहा। लोग मतदान केंद्रों पर आकर लौट गए। भाजपा के एक नेता मतदान पर्ची के साथ पांच सौ रूपए का नोट नत्थी करके मतदाताओं तक पहुंचा रहे थे। पकड़े गए।

 

इसी पार्टी के एक नेता के घर से चुनाव आयोग के अफसरों ने शराब की पेटियां बरामद कीं। मामला दर्ज हो गया। एक सांसद मतदान केंद्र पर पार्टी के सिंबल वाला गमछा डाल कर दबंगई के साथ गए। शिकायत दर्ज हुई। रमन सिंह मंत्रिमंडल के एक वरिष्ठ मंत्री कुर्ते पर पार्टी का सिंबल लगाकर चले गए। मीडिया के सामने बेशर्मी से बोले ,मंदिर गया था। चाहने वालों ने फूल जेब में दे दिया। मंदिर में फूल की जगह पार्टी के सिंबल कब से चढ़ाए जाने लगे -इसका उनके पास कोई उत्तर नहीं था। इसकी भी शिकायत हुई।

नौकरशाहों का सामंती रवैया

सबसे बड़ी गैर जिम्मेदारी मुख्य चुनाव अधिकारी ने दिखाई।  संवेदनहीन रवैया दिखाते हुए उन्होंने एक चैनल पर कहा कि 19 हजार मशीनों में से 562  खराब हो गईं तो क्या बड़ी बात है। अगर एक मतदाता भी केंद्र पर जाकर मतदान से वंचित हो जाता है तो यह भारी भूल है। वहां तो डेढ़ दो लाख मतदाता मतदान केंद्रों से लौट गए। इसके बाद अधिकारी कहते हैं कि भले ही दो घंटे मतदान रुका रहा हो। खत्म तो पांच बजे ही करना होगा। ऐसे सामंती नौकरशाह अधिकारी  का रवैया समझ से परे है।

चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने रायपुर में और दिल्ली में पार्टी के प्रदेश प्रभारी पी एल पूनिया ने चुनाव आयोग से मिलकर शिकायतें दर्ज कराई। बघेल ने तो उन मतदान केंद्रों का प्रमाण सहित हवाला दिया ,जहाँ मशीनें खराब हुई थी। बघेल का कहना है कि कांग्रेस की स्थिति अपेक्षाकृत मजबूत थी और पिछले चुनावों का रिकॉर्ड भी इसकी पुष्टि करता है। सवाल यह उठता है कि पिछले चुनाव में दोनों बड़ी पार्टियों के बीच सिर्फ 0.7 फीसदी मतों का अंतर था। ऐसे में बड़े पैमाने पर मशीनों की खराबी से संदेह भरे सवाल उठने लाजिमी हैं। कोई षड्यंत्र न भी हो तो स्वस्थ्य लोकतंत्र का तकाजा यही है कि एक भी मतदाता को अपने अधिकार से वंचित न रहना पड़े। अफसोस छत्तीसगढ़ ने इस मामले में जिम्मेदारी भरा आचरण नहीं किया है। 
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