राहत बचाव के लिए एनडीआरएफ टीम मौके पर पहुंच चुकी है. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि स्लैब गिरने के बाद जोर का धमाका हुआ. ऐसा लगा कि बिल्डिंग में धमाका हुआ है. स्थानीय लोगों का कहना है कि चार मंजिला इमारत संकरी जगह पर है जहां आसानी से पहुंच पाना मुश्किल है.
बी.एम.सी. अधिकारियों का कहना है कि ‘अभी पुख्ता तौर पर मलबे में फंसे लोगों की संख्या के बारे में बता पाना मुश्किल है. लेकिन चालीस से पचास लोगों के फंसे होने की आशंका है. अभी मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने की प्राथमिकता है. बिल्डिंग किस वजह से गिरी है इसके बारे में तत्काल कुछ कह पाना मुश्किल है.’

अधिकारियों का कहना है कि जो बिल्डिंग गिरी है वो जीर्णशीर्ण हालत में थी. एक तरीके से कह सकते हैं कि इमारत की बुनियाद कमजोर थी. अधिकारियों का ये भी कहना है कि जिस इलाके में यह हादसा हुआ है वहां पहुंचने में दिक्कत हो रही है. अब इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो चुकी है. कांग्रेस के नेता अमीन पटेल ने कहा कि इस तरह के हादसे के लिए म्हाडा जिम्मेदार है. हालांकि अभी इस विषय पर सरकार की तरफ से प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है.
Mumbai: Kesarbai building has collapsed at Tandel street, in Dongri. More than 40 people are feared trapped. pic.twitter.com/H2eVbtgaH6
— ANI (@ANI) July 16, 2019
मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि इस तरह के हादसे के लिए बी.एम.सी. ही पूरी तरह जिम्मेदार है. बी.एम.सी. के अधिकारी हर वर्ष कमजोर इमारतों का लेखाजोखा तैयार करते हैं. लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात रहता है. एक हादसे के बाद दूसरे हादसे के लिए बी.एम.सी. और राज्य सरकार को इंतजार रहता है. हर एक हादसे के बाद मंत्री, विधायक और अधिकारी इस तरह की समस्या से निपटने का दावा करते हैं. लेकिन आप खुद देख सकते हैं कि डोंगरी में क्या हुआ है.
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