ईश्वर दुबे
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Bhilai
नई दिल्ली । भारतीय सुरक्षाबलों ने मंगलवार को दो आतंकियों को राजौरी के कालाकोट जंगल में मार गिराया है। 48 घंटे से चल रही इस मुठभेड़ में तीन पैराकमांडो घायल हुए हैं। भारतीय सुरक्षाबलों को आतंकियों के राजौरी स्थित कालाकोट जंगल में छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके बाद आतंकियों की तलाश जंगल में शुरू हो गई। सुरक्षाबलों को करीब आते देख आतंकियों ने फायरिंग शुरू की और फिर जवाबी फायरिंग में दो आतंकी मारे गए। 9 पैरा कमांडो स्पेशल यूनिट के तीन जवान भी चोटिल हुए हैं।
भारतीय सुरक्षा बलों को अभी भी यहां तीन आतंकियों के होने की सूचना है। पूरे इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। कालाकोट का यह इलाका काफी घने जंगल से घिरा हुआ है। इसमें गुफाएं भी हैं। ऐसे में आतंकियों के लिए यह बेहतर पनाहगाह बन गया है। आतंकियों की तलाश के लिए खोजी कुत्तों और ड्रोन की भी मदद ली जा रही है।
कालाकोट जंगल में 48 घंटे से आपरेशन चल रहा है। भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू और कश्मीर पुलिस के जवान आपरेशन में लगे हुए हैं। तीनों सुरक्षाबलों के आला अधिकारी भी नजर बनाए हुए हैं। गौरतलब है कि करीब 10 दिन पहले ही अनंतनाग के कोकेरनाग में सात दिनों तक आतंकी आपरेशन चला था। इसमें सेना के दो अधिकारी व एक जवान शहीद हो गए थे वहीं जम्मू कश्मीर पुलिस के भी एक डीएसपी ने शहादत दी।
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और आम आदमी पार्टी समेत कई ट्रस्टों की याचिकाओं पर सुनवाई टल गई है। अब नौ अक्टूबर को मामले की अगली सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि अदालत की कार्यवाही किस चरण में है। याचिकाकर्ता ने रिट पांच महीने की देरी से क्यों दाखिल की। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि इस तरह के मामलों में देरी घातक हो सकती है? उन्होंने कहा कि, जहां तक समवर्ती क्षेत्राधिकार का सवाल है, विषय-वस्तु क्षेत्राधिकार और क्षेत्रीय क्षेत्राधिकार अलग-अलग हैं। सामान्यतः हम वहीं हस्तक्षेप करते हैं जहां विषय-वस्तु क्षेत्राधिकार का अभाव होता है। साथ ही, यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि इसे दिल्ली से बाहर स्थानांतरित नहीं किया जा रहा है। यह सब दिल्ली में ही है।
दरअसल सोनिया गांधी, प्रियंका, राहुल गांधी, आदमी पार्टी और पांच ट्रस्ट की ओर से दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। सभी ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने टैक्स निर्धारण को केंद्रीय सर्कल में ट्रांसफर करने के इनकम टैक्स के फैसले को सही ठहराया था।
26 मई को राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और आम आदमी पार्टी को राहत नहीं मिली थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने टैक्स निर्धारण को केंद्रीय सर्कल में ट्रांसफर करने के इनकम टैक्स के फैसले को सही ठहराया था। फेसलैस एसेसमेंट से केंद्रीय सर्किल में केस ट्रांसफर करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कर दी गई थीं।
हाईकोर्ट ने कहा था कि फेसलेस असेसमेंट द्वारा मूल्यांकन करने का कोई मौलिक या निहित कानूनी अधिकार नहीं है। असेसमेंट को कानून के अनुसार और बेहतर समन्वय के लिए ट्रांसफर किया गया है।
जस्टिस मनमोहन और जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने कहा था कि ये ट्रांसफर कानून के अनुसार था। हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि उसने गुण-दोष के आधार पर मामले की जांच नहीं की। पक्षकार उचित वैधानिक प्राधिकरण के समक्ष अपनी दलीलें रखने के लिए स्वतंत्र हैं।
नई दिल्ली । भारत ने कनाडा से उनके 41 डिप्लोमैट्स को वापस बुलाने को कहा है। खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या पर जारी तनाव के बीच ये फैसला लिया गया है। इन डिप्लोमैट्स को भारत छोडऩे के लिए 10 अक्टूबर की डेडलाइन दी गई है।
डेडलाइन के बाद इन 41 में से जो डिप्लोमैट भारत में रह जाएंगे, उनको मिलने वाली छूट और दूसरे फायदे (डिप्लोमैटिक इम्यूनिटी) बंद कर दिए जाएंगे। कनाडा के भारत में करीब 62 डिप्लोमैट्स काम करते हैं। 10 अक्टूबर के बाद देश में केवल 21 कनाडाई डिप्लोमैट्स ही बचेंगे। डेडलाइन से पहले अगर कनाडा के डिप्लोमैट्स वापस नहीं लौटे तो उनकी इम्यूनिटी खत्म कर दी जाएगा। ऐसे में सबसे पहले जानिए कि डिप्लोमैटिक इम्यूनिटी क्या होती है?
वियना कन्वेंशन में डिप्लोमैटिक रिलेशन्स और विदेश में डिप्लोमैट्स को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में बताया गया है। इसके तहत डिप्लोमैट्स पर कोई मुकदमा नहीं चलाया जा सकता और न ही उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। हालांकि, अगर कोई डिप्लोमैट होस्ट देश के कानून के मुताबिक कोई अपराध करता है तो उसे उसके देश वापस भेजा जाएगा, जहां पर आगे की कार्रवाई होगी। इसके अलावा डिप्लोमैट्स की घर की तलाशी भी नहीं ली जा सकती है। उन्हें किसी भी केस में गवाह नहीं बनाया जा सकता है।
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री को कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के संबंध में आवश्यक जानकारी और दस्तावेज भेजने के लिए एक सख्त आदेश जारी किया, जिसकी सुनवाई वर्तमान में उच्च न्यायालय द्वारा की जा रही है। मस्जिद समिति के वकील ने अदालत को बताया कि भूमि विवाद के संबंध में विभिन्न राहतों के लिए मुकदमा दायर करना हाल ही में बाहरी लोगों द्वारा प्रेरित घटना थी, भले ही विभिन्न धार्मिक समुदाय क्षेत्र में सांप्रदायिक सद्भाव के साथ रह रहे हों। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ वर्तमान में मस्जिद समिति द्वारा दायर एक विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद पर कई मुकदमों को अपने पास स्थानांतरित करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मई 2023 के आदेश को चुनौती दी गई है।
अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आज मैं आपको पृष्ठभूमि बताना चाहता हूं। मथुरा सिविल कोर्ट में हमने धारा 24 सीपीसी के तहत एक आवेदन दायर किया, जिसमें मांग की गई कि कृष्ण जन्मभूमि से संबंधित सभी विवादों को मूल सुनवाई के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर का दूसरा रिमाइंडर जारी किया जब रजिस्ट्रार इलाहाबाद हाई कोर्ट को अपनी रिपोर्ट देनी होगी कि कृष्ण जन्मभूमि से संबंधित कितने मामलों को इलाहाबाद हाई कोर्ट में स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से केस संबंधी ब्यौरा मांगा था। हाईकोर्ट रजिस्ट्रार से पूछा गया कि इस मामले में कौन-कौन सी याचिकाएं एक साथ जोड़ी जानी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान संकेत दिया था कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ही सारे मामले को सुनेगा। जस्टिस किशन कौल ने टिप्पणी करते हुए कहा कि बेहतर है कि ये मामला हाईकोर्ट ही सुने क्योंकि मामले में कई सारी याचिकाएं दाखिल हैं।
नई दिल्ली । मैसेजिंग एप्प व्हाट्सएप ने अगस्त महीने में उन एकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाना शुरु कर दिया है, जिनके बारे में शिकायतें मिली हैं। मेटा की स्वामित्व वाली कंपनी ने भारत में रिकॉर्ड 74 लाख से अधिक बैड अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। मिली जानकारी के अनुसार कंपनी ने अपनी मासिक अनुपालन रिपोर्ट में बताया कि अगस्त में उसने 74,20,748 अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगा दिया। इनमें से लगभग 35,06,905 अकाउंट पर बिना किसी शिकायत के स्वयं संज्ञान लेते हुये बैन लगाया गया। देश में 50 करोड़ से अधिक यूजरों वाले लोकप्रिय मैसेजिंग प्लेटफॉर्म को अगस्त में रिकॉर्ड 14,767 शिकायत रिपोर्ट प्राप्त हुईं, और 71 पर कार्रवाई की गई। कंपनी के अनुसार, रिपोर्ट में यूजरों से प्राप्त शिकायतों और व्हाट्सएप द्वारा की गई कार्रवाई के साथ-साथ उसके प्लेटफॉर्म पर दुरुपयोग से निपटने के लिए व्हाट्सएप की अपनी निवारक कार्रवाइयों का विवरण शामिल है। इसके अलावा, कंपनी को अगस्त में देश में शिकायत अपीलीय समिति से केवल एक आदेश मिला जिसका उसने अनुपालन किया।
भारत ने 14 जुलाई 2023 को दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर अपना तीसरा चंद्रयान मिशन लॉन्च किया। इस मिशन पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई थी। इसके बाद 23 अगस्त को शाम छह बजकर पांच मिनट पर चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया।
कई देशों ने भारत को दी बधाई
भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बना, जिसने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैडिंग की है। चंद्रयान-3 की इस सफलता पर कई देशों ने भारत को बधाई दी थी।
तीन सितंबर से गहरी नींद में प्रज्ञान
चंद्रयान-3 मिशन के जरिए लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान ने चांद की सतह पर लैंड किया। रोवर प्रज्ञान ने 10 दिनों तक अपने काम को बखूबी अंजाम दिया। इसके बाद वह तीन सितंबर को गहरी नींद में सो गया। रोवर प्रज्ञान ने इन 10 दिनों के दौरान कई महत्वपूर्ण डेटा को इसरो के पास भेजा। हालांकि. इसके बाद से अभी तक वह नींद से जागा नहीं, यानी कि उससे इसरो का संपर्क नहीं हो पाया। इससे लोगों के मन में यह सवाल उठने लगे कि क्या भारत का चंद्रयान-3 मिशन अब खत्म हो गया है।
इसरो को उम्मीद, नींद से जागेगा प्रज्ञान
हालांकि, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को उम्मीद है कि रोवर नींद से जागेगा और फिर से अपने काम में जुट जाएगा। इसरो ने 22 सितंबर को अपने एक ट्वीट में कहा,
चंद्रयान-3 मिशन: विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ संचार स्थापित करने के प्रयास किए गए हैं, ताकि उनकी जागने की स्थिति का पता लगाया जा सके। फिलहाल उनकी ओर से कोई संकेत नहीं मिले हैं। संपर्क स्थापित करने के प्रयास जारी रहेंगे।
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने क्या कहा?
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने 28 सितंबर को गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि प्रज्ञान रोवर अगर नींद से नहीं जागता है तो भी कोई समस्या नहीं होगी। उसने वह काम कर दिया है, जो उससे हम लोगों ने उम्मीद की थी।
फ्लाइट के क्रू मेंबर को अब परफ्यूम, दवाओं और डेंटल हाइजीन जैसे प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से रोका जा सकता है। इसका कारण यह है कि इनमें भारी मात्रा में अल्कोहल होता है और उड़ान से पहले या बाद में विमान कर्मियों का किए जाने वाला ब्रेथलाइजर टेस्ट को प्रभावित कर सकता है।
अगर फ्लाइट के क्रू मेंबर इन सभी का इस्तेमाल करते है तो इससे कहीं न कहीं ब्रेथलाइजर टेस्ट पॉजिटिव आ सकता है, जिससे बचने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ये प्रस्ताव लाई है।
माउथवॉश/टूथ जेल/परफ्यूम या अल्कोहल पर लगेगी रोक
DGCA ने शराब के सेवन के लिए विमान कर्मियों की मेडिकल जांच की प्रक्रिया में संशोधन करने का प्रस्ताव दिया है।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, डीजीसीए द्वारा जारी किए गए ड्राफ्ट में कहा गया है कि 'कोई भी क्रू मेंबर किसी भी दवा/फॉर्मूलेशन का सेवन नहीं करेगा या किसी भी पदार्थ जैसे माउथवॉश/टूथ जेल/परफ्यूम या अल्कोहल युक्त किसी भी प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं करेगा क्योंकि इससे ब्रेथलाइजर टेस्ट पॉजिटिव हो सकता है।'
कैमरे की निगरानी में होते हैं ऐसे टेस्ट
डीजीसीए प्रमुख ने कहा कि यह केवल एक मसौदा सीएआर (सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स) है जिसे हितधारकों की टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखा गया है। जानकारी के लिए बता दें कि नियामक डीजीसीए समेत भारत में एयरलाइंस किसी भी उड़ान से पहले ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट को लेकर काफी सख्त रही हैं। यही कारण है कि ऐसे परीक्षण हमेशा कैमरे की निगरानी में होते हैं।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) मंगलवार को 15 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होकर 10,000 किमी की दूरी तय करने वाली एक पूर्ण महिला क्रॉस-कंट्री बाइक रैली शुरू करेगा।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से आयोजित होने वाला यह अभियान देश की महिला शक्ति या नारी शक्ति का जश्न मनाने के लिए सीआरपीएफ महिला बाइकर्स के एक समूह यशस्विनी के साथ शुरू होगा। सीआरपीएफ की कुल 150 महिला अधिकारी तीन टीमों में विभाजित होकर क्रॉस-कंट्री अभियान पर निकलेंगी।
स्टैच्यू आफ यूनिटी में एकत्रित होंगी।
75 रायल एनफील्ड बाइकों पर सवार होकर ये टीमें भारत के उत्तरी (श्रीनगर), पूर्वी (शिलांग) और दक्षिणी (कन्याकुमारी) क्षेत्रों से अपनी यात्रा शुरू करेंगी। अभियान दल 31 अक्टूबर, 2023 को होने वाले ग्रैंड फिनाले के लिए गुजरात के एकता नगर (केवडि़या) में स्टैच्यू आफ यूनिटी में एकत्रित होगा।
यात्रा के दौरान रास्ते में कई जिलों में विभिन्न कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है, जिसमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लक्षित समूहों जैसे स्कूली बच्चों और कॉलेज की लड़कियों, महिला स्वयं सहायता समूहों, एनसीसी के कैडेटों के साथ बातचीत शामिल है।
अहमदाबाद | रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा आज 01 अक्टूबर 2023 को “14 मिनट मिरेकल” वंदे भारत ट्रेनों की अंतिम टर्मिनल स्टेशनों पर साफ-सफाई योजना की दिल्ली से शुरुआत गई। अहमदाबाद डिवीजन में “14 मिनट मीरेकल से गांधीनगर मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस और साबरमती जोधपुर वंदे भारत एक्सप्रेस सहित भारत भर में सभी वंदे भारत ट्रेनों ने अपनी सफाई और हाउसकीपिंग के मामले में क्रांतिकारी बदलाव होगा। इस परिवर्तन ने न केवल बहुमूल्य समय बचेगा बल्कि ट्रेन में स्वच्छता के लिए एक नया मानक भी स्थापित होगा। 14 मिनट मीरेकल एक अग्रणी दृष्टिकोण है जो कुशल और संपूर्ण सफाई पर ध्यान केंद्रित करता है, स्वच्छता और सौंदर्यात्मक एक उच्च मानक स्थापित करता है। इस इनोवेटिव मेथड ने वंदे भारत एक्सप्रेस पर सफाई और रखरखाव के लिए पारंपरिक रूप से लगने वाले समय को काफी कम कर दिया है।
त्वरित बदलाव: इस अप्रोच के साथ, सफाई और हाउसकीपिंग दल प्रत्येक कोच के लिए सफाई के समय को घटाकर केवल 14 मिनट करने में कामयाब होगा। यह तीव्र बदलाव यह सुनिश्चित करता है कि ट्रेन समयबद्धता बनी रहे और अपनी अगली यात्रा के लिए तुरंत तैयार हो। सफाई का उच्च मानक: कम समय सीमा के बावजूद, 14 मिनट मीरेकल सफाई से कोई समझौता नहीं करता है। सफ़ाई दल सावधानीपूर्वक हर नूक पर काम करते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि यात्री अपनी पूरी यात्रा के दौरान स्वच्छ और स्वच्छ वातावरण का आनंद उठा सकें। तीन-व्यक्ति प्रति कोच मॉडल: इस उल्लेखनीय उपलब्धि को हासिल करने के लिए, प्रति कोच तीन-व्यक्ति मॉडल को अपनाया गया है। टीम का प्रत्येक सदस्य स्पेफिक कार्यों के लिए कार्य करता है। जो जिसमें कुशल है इस प्रकार तीनों व्यक्ति अपना-अपना कार्य करते है। और इस प्रकार कोच की स्वछता सुनिश्चित होती है। वंदे भारत ट्रेनों पर 14-मिनट मीरेकल की सफलता सफाई और हाउसकीपिंग कर्मचारियों के समर्पण और नवाचार का प्रमाण है। यात्री अब एक ऐसी ट्रेन का आनंद ले सकते हैं जो न केवल समय पर चलती है बल्कि स्वच्छता का हाइ स्टेंडर्ड भी बनाए रखती है, जो भारत में रेल यात्रा के लिए एक नया बेंच मार्क स्थापित करती है। यह पहल दर्शाती है कि कैसे दक्षता और गुणवत्ता साथ-साथ चल सकती हैं, जिससे अंततः यात्री अनुभव में वृद्धि होती है।
शिमला । हिंदुस्तान-तिब्बत बॉर्डर को जोडऩे वाले नेशनल हाईवे-5 पर हिमाचल के किन्नौर के निगुलसरी में रविवार सुबह फिर से भारी लैंडस्लाइड हो गया। इससे समूचे किन्नौर जिले का शेष देश दुनिया से संपर्क कट गया। हाइवे पर दोनों ओर वाहनों की लंबी लंबी कतारें लग गई हैं। निगुलसरी में एनएच-5 बंद होने से सैकड़ों पेटी सेब और मटर की फसल टापरी मंडी और ट्रकों में फंस गई है। इससे बागवानों की चिंताएं बढ़ गई है। लोक निर्माण विभाग सडक़ की बहाली में जुटा हुआ है, लेकिन पहाड़ी से बार बार गिर रहे पत्थर इसमें बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। इससे पहले भी बीते छह और सात सितंबर को यहां भारी लैंडस्लाइड हुआ था और सडक़ का करीब 400 मीटर हिस्सा धंस गया था। उस दौरान हाईवे 11 दिन तक बंद रहा। दिन-रात सडक़ बहाली का काम किया गया। तब जाकर सडक़ को खोला गया।
भदोही । भदोही जिले में 14 डीजे संचालकों के खिलाफ ध्वनि प्रदूषण का मामला दर्ज किया गया है। यह मामला गणेश प्रतिमा विसर्जन और बारावफात के जुलूस में तेज़ आवाज़ से डीजे बजाकर ध्वनि प्रदूषण फैलाने तथा घंटों सड़क जाम करने के आरोप में शहर कोतवाली में दर्ज किया गया। बता दें कि ये जुलूस 28 सितंबर को निकाले गए थे। शनिवार रात जारी एक बयान में पुलिस ने कहा कि गणेश प्रतिमा विसर्जन और बारावफात के जुलूस 28 और 29 सितंबर में डीजे संचालकों ने वाहन की क्षमता से अधिक साउंड बाक्स लगाकर नियमों का उल्लंघन किया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार चौदह डीजे संचालकों और इनके मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। शहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार सेठ ने बताया की कटरा पुलिस चौकी इंचार्ज महेश कुमार सिंह की तहरीर पर कुल 14 डीजे संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। 28 सितंबर को गणेश प्रतिमा विसर्जन और बारावफात जुलूस के दौरान वाहनों पर काफी संख्या में बड़े डीजे और वूफर लगाने से बिजली के तार, खम्भे ,और अन्य सरकारी संपत्ति क्षतिग्रस्त हो गई। कई जगह बिजली आपूर्ति और वाई फाई बाधित हुई और सड़क जाम होने से यातायात घंटों बाधित रहा। इसलिए इन डीजे संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
कोच्चि, शिक्षा के अधिकार कानून के बावजूद स्कूल से वंचित संतान के अभिभावकों ने न्यायालय की शरण ली है। मामला केरल की एक दंपत्ति का है जिनके बीच संतान के नामकरण को लेकर विवाद हो गया था। मामला ने तब तूल पकड़ा, जब बेनाम बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र को अवांछित बताते हुए स्कूल प्रबंधन ने प्रवेश से इंकार कर दिया। इसे लेकर माता - पिता ने अलग अलग नाम सुझाया जिससे विवाद खड़ा हो गया। मामला केरल हाईकोर्ट पहुंचा जहां अदालत को बच्चे का नामकरण पुण्य बालगंगाधरन नायर करना पड़ा। कोर्ट का कहना है कि बच्चे के कल्याण के लिए नाम बेहद जरूरी है। खास बात है कि बच्चे का नाम रखने की प्रक्रिया में कोर्ट ने माता-पिता की सिफारिश भी माना ।
केरल हाईकोर्ट का कहना था कि पैरेंट्स के बीच जारी विवाद को सुलझाने में समय लगेगा और यह बच्चे के लिए ठीक नहीं है। बच्चे के नाम करण के लिए कोर्ट ने पैरेंस पैट्रिया अधिकार का इस्तेमाल किया। अदालत ने कहा कि इस अधिकार का इस्तेमाल करते समय माता-पिता के अधिकार के बजाय बच्चे के कल्याण को सबसे ऊपर रखा जाता है। बेंच ने कहा कि कोर्ट को बच्चे के नाम का चुनाव करना ही होगा। नाम का चुनाव करते समय बच्चे का कल्याण, सांस्कृतिक विचार, माता-पिता के हित जैसी चीजों का ध्यान रखना होगा।
गौरतलब है कि माता द्वारा बच्चे का नाम पुण्य नायर तथा पिता द्वारा पद्म नायर नामकरण पर रजिस्ट्रार ने माता-पिता दोनों की सहमति को अनिवार्य बताया। माता से अलग हो चुके माता-पिता इस मुद्दे पर एक राय नहीं बना सके। जिस कोर्ट ने कई पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बच्चे का नाम पुण्य बालगंगाधरन नायर या पुण्य बी. नायर रखने का फैसला किया।
नई दिल्ली । हत्या व रेप के मामले में 40 साल बाद दोषी ठहराए गए 75 वर्षीय शख्स को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। मिली जानकारी के अनुसार 1983 में हुई वारदात के मामले में शख्स को 40 साल बाद दोषी ठहराया गया था। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने मुकदमे के निपटारे में देरी को ध्यान में रखते हुए बुजुर्ग शख्स को जमानत दे दी। यह घटना वर्ष 1983 की है। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि अपनी उम्र को देखते हुए शख्स जमानत बढ़ाए जाने का हकदार है, जब तक कि उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित अपील का अंतिम निपटारा न हो जाए। पीठ ने कहा कि आम तौर पर, शीर्ष अदालत को किसी भी मामले का फैसला करने के लिए समय-सीमा तय करने के लिए उच्च न्यायालय को निर्देश जारी नहीं करना चाहिए, लेकिन मुकदमे में 40 साल की देरी को देखते हुए, उसने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि वह इस मामले को बारी से पहले प्राथमिकता दे। अपील का निपटान कानून के अनुसार किया जाए।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि अपीलकर्ता को किसी भी अनावश्यक स्थगन की मांग नहीं करनी चाहिए और अपील के शीघ्र निपटान के लिए उच्च न्यायालय के साथ सहयोग करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ता की ओर से डिफ़ॉल्ट के कारण अपील की सुनवाई में देरी होती है, तो प्रतिवादी (पुलिस) के लिए जमानत रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय में आवेदन करने का विकल्प खुला होगा। अपीलकर्ता को 40 साल बाद इस साल अप्रैल में दोषी ठहराया गया था।
नई दिल्ली । भारतीय वायु सेना ने कॉम्बैट सर्च एंड रेस्क्यू, डिस्ट्रक्शन ऑफ एनेमी एयर डिफेंस, काउंटर इनसर्जेंसी ऑपरेशन व रिमोटली पायलेटेड जैसे एयरक्राफ्ट से सामना करने के लिए रक्षा मंत्रालय के समक्ष 156 स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर्स प्रचंड की मांग की है। इस पर 700 किलोग्राम तक के हथियार फिट किए जा सकते हैं। इसकी अधिकतम गति 268 किमी प्रतिघंटा है और रेंज 550 किमी है। जानकारी के मुताबिक, 156 स्वदेशी लाइट कॉम्बैट प्रचंड हेलीकॉप्टर में से 66 हेलीकॉप्टर वायुसेना को मिल सकते हैं, और 90 प्रचंड हेलीकॉप्टर भारतीय थल सेना को मिलेंगे। माना जा रहा है कि वायुसेना की इस मांग को जल्द ही स्वीकृति प्रदान की जा सकती है। गौरतलब है कि इन प्रचंड हेलीकॉप्टर स्वदेश निर्मित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से संबंधित हैं। सेना के कॉम्बैट सर्च एंड रेस्क्यू, डिस्ट्रक्शन ऑफ एनेमी एयर डिफेंस, काउंटर इनसर्जेंसी ऑपरेशन व रिमोटली पायलेटेड एयरक्राफ्ट को धराशाई करने में प्रचंड हेलीकॉप्टर खासे मददगार हैं। यह हेलीकॉप्टर हाई एल्टीट्यूड बंकर बस्टिंग ऑपरेशंस में भी काफी सहायक हैं।
फिलहाल वायु सेना व थल सेना दोनों के पास कुल मिलाकर केवल 15 हेलीकॉप्टर हैं। इनमें से 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना के पास हैं और पांच हेलीकॉप्टर थल सेना के पास हैं। भारतीय सेनाओ ने अपने इन स्वदेशी हेलीकॉप्टरों को अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर चीन और पाकिस्तान बॉर्डर के निकट तैनात किया है।जानकारी के मुताबिक, अब नए हेलीकॉप्टर भी चीन-पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात किये जायेंगे। गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना हेलीकॉप्टरों के साथ युद्धाभ्यास भी कर चुकी है।
रक्षक विशेषज्ञों के मुताबिक, पाकिस्तान की सीमा के पास इसका पहला स्क्वॉड्रन तैनात है। यही कारण है कि अब भारतीय सेना के जवानों के लिए पाकिस्तान सीमा के आसपास निगरानी करना ज्यादा सुविधाजनक और सुरक्षित हो गया है। रक्षा विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इन हेलीकॉप्टर की मदद से आर्म्ड फोर्सज को घुसपैठ की वारदातों पर लगाम लगाने में मदद मिली है। बेंगलुरु में एलसीएच का पहला स्क्वॉड्रन बनाया जा चुका है। इन हेलीकॉप्टरों को सात अलग-अलग यूनिटों के अंतर्गत सात अलग-अलग पहाड़ी इलाकों में तैनात किया जाएगा। तीन घंटे 10 मिनट की उड़ान भरने इस हेलीकॉप्टर की क्षमता दो यात्री व आवश्यक सामग्री के साथ 5,800 किलोग्राम भार वहन करने की है। यह 16,400 फीट तक की ऊंचाई पर टेकऑफ कर सकता है। हेलीकॉप्टर की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए इसमें 20 मिमी की तोप भी हैं। इसके साथ ही इसमें चार हार्डप्वाइंट्स हैं। जिसके कारण हेलीकॉप्टरों में रॉकेट्स, मिसाइल और बम लगाए जा सकते हैं।