ईश्वर दुबे
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Bhilai
भोपाल : राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल राजभवन में नवरात्रि के उपलक्ष्य में आयोजित गरबा महोत्सव में शामिल हुए। उन्होंने गरबा महोत्सव का शुभारंभ माँ अम्बे की आरती से किया। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने सभी को नवरात्र पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ दी।
नई दिल्ली। चीन और पाक सीमा पर सेना को प्रलय मिसाइल की ताकत मिलेगी। प्रलय मिसाइल कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है। दिसंबर 2022 वायुसेना के लिए 120 मिसाइलों का अप्रूवल मिला था। इसके बाद अप्रैल 2023 में दो यूनिट का अप्रूवल मिला। जिसमें करीब 250 मिसाइलें थीं। ताकि इन्हें भारतीय सेना के रॉकेट फोर्स में शामिल किया जा सके। इसके बाद सितंबर 2023 में डीएसी ने इस मिसाइलों के लिए आर्मी रेजिमेंट बनाने की अनुमति दी। अब एक यूनिट जिसमें 120 मिसाइलें होंगी, उनका अप्रूवल मिलना बाकी है। इसके बाद कुल मिलाकर 370 मिसाइलें सेना में शामिल होंगी। प्रलय मिसाइल कम दूरी की सतह से हवा और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है।
प्रलय मिसाइल की रेंज 150 से 500 किमी है। प्रलय की स्पीड 1200 किमी प्रति घंटा है। जिसे बढ़ाकर 2000 किमी प्रति घंटा किया जा सकता है। यानी हवा से टारगेट पर गिरते समय इसकी गति ज्यादा हो जाती है। चीन के पास इस तरह की डोंगफेंग-12 मिसाइल है। जबकि, पाकिस्तान के पास गजनवी, एम-11 (चीन से मिली) और शाहीन मिसाइल है।
कम रेंज का फायदा ये है कि यह सीमा के पास मौजूद दुश्मन के अड्डों को चुटकियों में खत्म कर देगी। साल 2021 के दिसंबर महीने में 24 घंटे के अंदर इस मिसाइल का दो बार परीक्षण किया गया था। चीन और पाक सीमा पर इस मिसाइल की तैनाती से दोनों देश हद में रहेंगे। अगर सीमा के पास से इसे दागे तो चीन या पाक के बंकरों, तोपों, मिलिट्री बेस या उनके हथियार डिपो को खत्म करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।
प्रलय मिसाइल की एक्यूरेसी और गति ही इसे सबसे ज्यादा घातक बनाती है। 5 टन वजनी यह मिसाइल अपनी नाक पर 500 से 1000 द्मद्द वजन का पारंपरिक हथियार ले जा सकती है। इस मिसाइल को बनाने में तीन मिसाइलों की तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। ये मिसाइलें हैं- प्रहार, पृथ्वी-2 और पृथ्वी-3।
प्रलय मिसाइल रात में भी हमला करने की क्षमता रखती है। यानी चीन के ठिकानों पर रात में भी हमला संभव है। यानी इसमें इंफ्रारेड या थर्मल स्कैनर लगा होगा जो रात में हमला करने में मदद करता है। प्रलय मिसाइल इनर्शियल गाइंडेंस सिस्टम पर चलती है। सॉलिड प्रोपेलेंट फ्यूल है। यानी इस मिसाइल के वॉरहेड में हाई एक्सप्लोसिव, पेनेट्रेशन, क्लस्टर म्यूनिशन, फ्रैगमेंटेशन, थर्मोबेरिक और केमिकल वेपन लगा सकते हैं। प्रलय की टारगेट ध्वस्त करने की सटीकता 10 मीटर यानी 33 फीट है। यानी टारगेट से 33 फीट के दायरे में यह मिसाइल गिरती है, तो भी उतना ही नुकसान करेगी, जितना सटीक निशाने पर गिरती तो करती। यानी जितना इलाका नष्ट करना है, उतना ही बर्बाद होगा।
पुणे। महाराष्ट्र के बावधन बुद्रुक इलाके में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। इसमें तीन लोग मारे गए हैं। हादसे की सूचना मिलते ही हिंजवडी पुलिस पहुंची हैं। इमरजेंसी सर्विसेस की स्थिति का आकलन करने और क्रैश में प्रभावित लोगों को निकालने के लिए टीम पहुंची है। पिंपरी चिंचवाड़ के एक पुलिस अधिकारी ने कहा, पुणे जिले में बावधन के पास एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में तीन लोगों के मारे जाने की आशंका है। अधिक विवरण की प्रतीक्षा है। बता दें कि पिछले महीने भी यहां एक और हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था।
हिंजवाड़ी पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक कन्हैया थोराट ने बताया, बावधन इलाके में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, तीन लोगों के मारे जाने की आशंका है, लेकिन हेलीकॉप्टर की सटीक पहचान और स्वामित्व की पुष्टि की जानी बाकी है क्योंकि यह अभी भी आग की लपटों में घिरा हुआ है। पुणे क्रैश का वीडियो भी सामने आया है। इसमें दिख रहा है कि आसमान से उड़ते-उड़ते हेलिकॉप्टर जमीन पर आकर गिरा। कुछ ग्रामीणों की नजर हेलिकॉप्टर पर पड़ी तो उन्होंने इसका वीडियो बनाया। हेलिकॉप्टर जमीन पर गिरा और इसमें आग लग गई। तेज आवाजों और धमाकों के साथ कुछ ही देर में हेलिकॉप्टर जलकर पूरी तरह से राख हो गया।
हिसार। हरियाणा चुनाव के बीच डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम बुधवार सुबह 6 बजे जेल से रिहा हो गया। राम रहीम को 3 शर्तों के साथ 20 दिन की पैरोल मिली है। जिसमें राजनैतिक कार्यक्रम न करना भी शामिल है।
हालांकि राम रहीम के बाहर आते ही डेरे का सियासी खेल शुरू हो गया है। राम रहीम की पैरोल की खुशी में डेरे ने हरियाणा के हर ब्लॉक में नाम चर्चा रखी गई है। जो बुधवार और गुरुवार तक चलेगी। 5 अक्टूबर को प्रदेश में वोटिंग होगी है। माना जा रहा है कि नाम चर्चा के दौरान ही डेरे की तरफ से राम रहीम का संदेश श्रद्धालुओं तक पहुंचाया जाएगा कि उन्हें अंदरखाने किसे सपोर्ट करना है।
यह बात अलग है कि डेरा हमेशा चुनाव में किसी एक पार्टी को सपोर्ट करने से इंकार करता है, लेकिन पैरोल के समय को देखकर विरोधी इस लेकर सवाल उठाते रहते हैं। अगर डेरे के वोटर एकतरफा हुआ तब उन सीटों पर इसका असर पड़ सकता है, जहां 2 उम्मीदवारों और खासकर भाजपा-कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला है।
चुनाव आयोग के सूत्रों का कहना है कि हरियाणा सरकार से कहा गया है कि अगर राम रहीम आचार संहिता या शर्तों का उल्लंघन करता है, तब पैरोल तुरंत कैंसिल होगी। हरियाणा में 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। रिजल्ट 8 अक्टूबर को आएगा। इसी वजह से राम रहीम की पैरोल को चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। हरियाणा की 36 सीटों डेरे से जुड़े श्रद्धालुओं का वोट बैंक है। यौन शोषण और मर्डर केस में राम रहीम रोहतक जेल में सजा काट रहा है। पैरोल के दौरान राम रहीम उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित बरनावा आश्रम में रहेगा।
नई दिल्ली । मध्य प्रदेश के महाकाल मंदिर सहित कुछ रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। राजस्थान में हनुमानगढ़ रेलवे स्टेशन सुपरिटेंडेंट को धमकी भरा पत्र मिला है। पत्र में मध्यप्रदेश-राजस्थान के रेलवे स्टेशन, महाकाल मंदिर सहित धार्मिक स्थलों में विस्फोट करने की बात लिखी है। धमकी देने वाले ने खुद को जैश-ए-मोहम्मद का जम्मू-कश्मीर एरिया कमांडर मोहम्मद सलीम अंसारी बताया है। धमकी के बाद उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि मीडिया के जरिए सूचना मिली है। हम सतर्कता बरत रहे हैं। राजस्थान पुलिस से संपर्क कर कार्रवाई होगी। महाकाल मंदिर के आसपास पुलिस ने डॉग स्क्वॉड के साथ सर्चिंग शुरू की है।
राजस्थान के हनुमानगढ़ रेलवे स्टेशन सुपरिंटेंडेंट नागेंद्र सिंह को पीले रंग का लिफाफा मिला। पत्र डिप्टी सुपरिंटेंडेंट जगत नारायण के नाम से था। सिंह ने बताया कि पत्र में राजस्थान और मध्य प्रदेश को खून से रंगने की बात लिखी थी। पत्र जीआरपी को सौंप दिया है। इसमें जम्मू-कश्मीर में जिहादियों की हत्या का बदला लेने के लिए स्टेशनों और उज्जैन महाकाल को बम से उड़ाने की धमकी लिखी है।
हे खुदा मुझे माफ कर, जम्मू-कश्मीर में मारे जा रहे हमारे जिहादियों की मौत का बदला जरूर लिया जाएगा। हम ठीक 30 अक्टूबर को जयपुर, जोधपुर, अलवर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, बूंदी, उदयपुर, बीकानेर, जयपुर मंडल, मध्य प्रदेश के भी रेलवे स्टेशन, 2 नवंबर को उज्जैन महाकाल मंदिर, जयपुर के कई धार्मिक स्थानों, रेलवे स्टेशन और सैन्य अड्डों को बम से उड़ा दिया जाएगा। राजस्थान और मध्य प्रदेश को खून से रंग दिया जाएगा। जैश-ए-मोहम्मद, खुदा हाफिज।
मुंबई। महाराष्ट्र के ठाणे में एक सरकारी आश्रय स्थल में रहने वाली चार नाबालिग लड़कियां कथित तौर से लापता हो गई हैं। पुलिस ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि 13 से 17 साल की ये लड़कियां उल्हासनगर (ठाणे), यूपी, बांग्लादेश और मुंबई के मानखुर्द की रहने वाली हैं।
उन्होंने बताया कि ये लड़कियां देर रात आश्रय गृह से भाग गईं। आश्रय स्थल के प्राधिकारियों ने कल्याण, अमरनाथ और उल्हासनगर रेलवे स्टेशन समेत कई स्थानों पर उनकी तलाश की। उनका पता नहीं चलने पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि नाबालिगों की तलाश की जा रही है।
केंद्र ने नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग (NAFLD) के मामलों के प्रबंधन को लेकर नए दिशा-निर्देश और प्रशिक्षण मैनुअल जारी किया. NAFLD के रोगी भारत में चिंताजनक रूप से बढ़ रहे हैं. नए उपायों में पुरानी स्थिति के निदान और उपचार के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव और शुरुआती दौर में ही इस पर अधिक ध्यान देने पर जोर दिया गया है.
NAFLD से शरीर में पनप सकते हैं गंभीर रोग
कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (NPCDCS) के हिस्से के रूप में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, क्योंकि NAFLD मोटापे, टाइप 2 मधुमेह, डिस्लिपिडेमिया या उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप, कोरोनरी धमनी रोग और कई कैंसर से निकटता से जुड़ा हुआ है.
क्यों होती है यह बीमारी
यह लिवर की बीमारी लिवर की कोशिकाओं में अतिरिक्त वसा के जमा होने के कारण होता है, जरूरी नहीं कि यह शराब के अधिक सेवन के कारण हो, जैसा कि कुछ दशक पहले तक होता था और जबकि लिवर में कुछ वसा होना सामान्य है, अगर यह अंग के वजन का 5 प्रतिशत से अधिक है, तो इसे फैटी लिवर या स्टेटोसिस कहा जाता है. इस बीमारी में कई तरह की स्थितियां शामिल हैं, जिनमें साधारण फैटी लीवर (NAFL या साधारण स्टेटोसिस) से लेकर नॉन-अल्कोहलिक स्टेटोहेपेटाइटिस (NASH) तक शामिल हैं. NAFL में, हेपेटिक स्टेटोसिस बिना किसी महत्वपूर्ण सूजन के सबूत के मौजूद होता है, जबकि NASH में, हेपेटिक स्टेटोसिस हेपेटिक सूजन से जुड़ा होता है. NASH वाले व्यक्तियों में लगातार सूजन और लीवर सेल क्षति से लीवर फाइब्रोसिस हो सकता है, जिसकी विशेषता स्कार टिश्यू का इकट्ठा होना है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक रैली के दौरान तबीयत खराब होने पर कहा था कि मोदी को सत्ता से हटाने से पहले नहीं मरूंगा। इसके बाद पीएम मोदी ने फोन कर उनका हाल चाल जाना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से बात कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।
कांग्रेस अध्यक्ष ने एक रैली के समय चक्कर आने की शिकायत की थी और उन्हें चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध करानी पड़ी थी। जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के जसरोटा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते समय खरगे अस्वस्थ हो गए थे। चिकित्सकीय सहायता मिलने के बाद रैली को संबोधित करते हुए खरगे ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सत्ता से हटाने से पहले मरने वाले नहीं हैं। mकांग्रेस नेताओं ने बताया कि उपचार के बाद खरगे की हालत अब स्थिर है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष को फोन किया और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।
खरगे ने बीच में छोड़ा भाषण
मल्लिकार्जुन खरगे जम्मू-कश्मीर के कठुआ के जसरोटा में एक सार्वजनिक रैली में बोलते समय असहज महसूस कर रहे थे। खरगे जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रचार के तीसरे दौर के अंतिम दिन लोगों को संबोधित करने के लिए अपना भाषण छोड़कर चले गए, क्योंकि उन्हें बहुत ज्यादा बेचैनी महसूस हो रही थी। मंच में मौजूद पार्टी के नेत खरगे का हाथ पकड़ कर ले गए। अस्पताल में एडमिट होने के कुछ देर बाद खरगे को डिस्चार्ज कर दिया गया l
मैं 83 साल का, इतनी जल्दी नहीं मरने वाला- खरगे
तबीयत बिगड़ने के बाद खरगे ने चुनावी जनसभा में कहा, ‘हम राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए लड़ेंगे। मैं 83 साल का हूं, मैं इतनी जल्दी मरने वाला नहीं हूं। मैं तब तक जिंदा रहूंगा जब तक प्रधानमंत्री मोदी सत्ता से बाहर नहीं हो जाते।’ कर्नाटक सरकार के मंत्री और मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे ने एक्स पर लिखा, ‘पिता मल्लिकार्जुन खरगे को जम्मू-कश्मीर के जसरोटा में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते समय थोड़ी अस्वस्थता महसूस हुई। पिता ( खरगे) की मेडिकल टीम ने जांच की है। शरीर में थोड़ी कम खून की समस्या पाई गई है। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनकी हालत में सुधार है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के सूत्रों के अनुसार, पिछले विधानसभा चुनावों यानी 2014 के बाद से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. इस साल आतंकी घटनाओं में 2014 के मुकाबले दसवां हिस्सा कमी आई है. कश्मीर क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में वोटिंग में अच्छी वृद्धि का एक प्रमुख कारण आतंकी घटनाओं में कमी ही मानी जा रही है. एक अधिकारी ने कहा कि ये महत्वपूर्ण है क्योंकि 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और केंद्र शासित प्रदेश में इसके पुनर्गठन के बाद जम्मू-कश्मीर में ये पहला विधानसभा चुनाव है.
हालांकि, जम्मू संभाग के एक जिले को छोड़कर सभी जिलों में मतदान प्रतिशत में 2014 के बाद से गिरावट आई है, जहां मतदान समाप्त हो चुका है. जम्मू संभाग में मतदान में कमी का एक संभावित कारण ये हो सकता है कि हाल ही में इस क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है. 27 सितंबर तक जम्मू क्षेत्र में 15 आतंकवादी हमले और मुठभेड़ों में 11 नागरिक और 17 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं.
18 और 25 सितंबर को पहले दो चरणों में मतदान करने वाले जम्मू-कश्मीर के 13 जिलों में से आठ में 2014 के विधानसभा चुनावों की तुलना में औसत मतदान कम दर्ज किया गया. इन 13 जिलों में से पांच जम्मू क्षेत्र में हैं, जबकि तीन कश्मीर घाटी में हैं.
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश में नई तकनीकी और नवाचार के लिए कई अलग-अलग विधाओं को प्रोत्साहित किया है। उन्होंने गरीब तबके के लिये स्वास्थ्य क्षेत्र में वरदान बन रही आयुष्मान योजना की शुरूआत की, जिसमें 5 लाख रुपये तक का नि:शुल्क इलाज मिल रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा हाल ही में घोषणा की गई है कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत 70 वर्ष से अधिक उम्र वाले प्रत्येक वर्ग के व्यक्ति को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नवाचार, नवीन तकनीक के साथ अलग-अलग विधाओं को प्रोत्साहित करते हैं। बदलते दौर में दांतों का इलाज अपना एक अलग महत्व रखता है। डेन्टल इम्प्लांट की आधुनिक तकनीक आमजन को बेहतर चिकित्सा सेवा प्रदान करने में मददगार सिद्ध होगी।
उत्तर भारत के पहाड़ों से लेकर उत्तर पूर्व भारत तक मानसून के लौटने से पहले तेज वर्षा के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है। हिमाचल में एक सप्ताह मौसम साफ रहने के बाद बुधवार देर रात बादल फटने से एक व्यक्ति की जान चली गई। जबकि फसलों को भी नुकसान पहुंचा है।
उत्तराखंड में भी वर्षा और भूस्खलन के कारण चारधाम यात्रा मार्ग लगातार बाधित हो रहे हैं। इसके अलावा बिहार और सिक्किम में भी वर्षा के चलते दुश्वारियां बनी हुई हैं। उत्तराखंड में मौसम विभाग ने शुक्रवार को कई जिलों में भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया है।
सिरमौर में बादल फटा, एक व्यक्ति की मौत
हिमाचल में बुधवार रात और गुरुवार सुबह भारी वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं एक व्यक्ति की मौत भी हुई है। पांवटा साहिब के कांडो कंसार के जंगल में बुधवार रात करीब एक बजे बादल फटने के बाद पानी के साथ भारी मलबा पड़दूनी गांव तक पहुंच गया। यहां पर लोगों ने घरों की छत पर चढ़कर जान बचाई।
मलबे के कारण यहां करीब 500 एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई है। पंचभइया के खड्ड में भी बाढ़ आने से 1000 बीघा में धान की फसल नष्ट हुई है। वहीं, बाता नदी का जलस्तर बढ़ गया और पुल को छू लिया।
गिरी नदी का जलस्तर बढ़ने से गुरुवार सुबह 4:12 बजे जटोन बैराज के चार फ्लड गेट खोल दिए। सिरमौर जिले के धौलाकुआं में 24 घंटे के दौरान सितंबर में वर्ष 2010 से उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर अब तक की सबसे अधिक 275 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।
नई दिल्ली। दिल्ली के सदर बाजार इलाके में शाही ईदगाह के पास डीडीए के जमीन पर लगाई जा रही रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति को लेकर विवाद जारी है। शाही ईदगाह पार्क में प्रतिमा स्थापित करने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में शाही ईदगाह प्रबंधन कमेटी की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। इससे पहले कोर्ट ने कमेटी से माफी मांगने और विवादास्पद दलीलों को हटाने को कहा था। कमेटी के वकील का कहना है कि बिना शर्त माफी के साथ एक हलफनामा दायर किया गया था, लेकिन वह रिकॉर्ड में नहीं है।
मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी। हाईकोर्ट ने कहा कि वरिष्ठ वकील ने कहा कि उन्होंने रजिस्ट्री में आवेदन के साथ हलफनामा दाखिल किया है। वे रिकॉर्ड में नहीं हैं, उसे रिकॉर्ड में लाया जाए। शाही ईदगाह मैनेजमेंट कमेटी ने दिल्ली हाईकोर्ट में बिना शर्त माफी के साथ हलफनामा दायर किया है। कमेटी ने शाही ईदगाह पार्क में रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा लगाने के खिलाफ याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने समिति की निंदनीय दलीलों के लिए उसे फटकार और कहा था कि समिति सांप्रदायिक दलीलें कर रही है।
ईदगाह कमेटी ने कोर्ट में पिछली तारीख पर कहा था कि वह याचिका वापस ले रही है, लेकिन हाईकोर्ट ने पहले माफी मांगने को कहा था। इसके साथ ही एकल न्यायाधीश के खिलाफ लगाए गए आरोपों समेत निंदनीय दलीलों को हटाने के लिए आवेदन भी मांगा था, जिन्होंने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि माफी दायर की गई है, लेकिन रिकॉर्ड पर नहीं है। कमेटी ने कहा कि इस मामले में कोर्ट के आदेश के बाद माफीनामा रजिस्ट्री में जमा करा दिया गया है। दस्तावेजों को रिकॉर्ड पर लाने के लिए सुनवाई मंगलवार तक टाल दी गई है।
केरल में मंकीपॉक्स का दूसरा मामला सामने आया है। वहीं, देश में मंकीपॉक्स का यह तीसरा मामला है। शख्स एर्नाकुलम का निवासी है। केरल स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, व्यक्ति की हालत स्थिर है और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
दुबई से केरल लौटा शख्स पाया गया था मंकीपॉक्स संक्रमित
इससे पहले दुबई से केरल लौटे शख्स मंकीपॉक्स से संक्रमित पाए गए थे। 38 वर्षीय शख्स का मलप्पुरम जिले में इलाज चल रहा है। वहीं, 9 सितंबर को देश में मंकीपॉक्स के पहले मरीज मिलने की पुष्टि हुई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि विदेश से लौटे एक व्यक्ति को 8 सितंबर को मंकीपॉक्स के संदेह में आइसोलेशन में रखा गया था।
केंद्र सरकार ने जारी की है एडवाइजरी
मंकीपॉक्स के मामले पर लगाम लगाने के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को एडवाइजरी जारी कर दी है। केंद्र सरकार ने कहा है कि मंकीपॉक्स के मामले सामने न आए, इसके लिए राज्यों को हेल्थ एक्शन लेना चाहिए। वहीं, सभी राज्यों को अपना स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा करनी चाहिए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 14 अगस्त को मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। दो साल में यह दूसरी बार है जब WHO ने मंकीपॉक्स को लेकर हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। देश में कोविड-19 का पहला मामला भी केरल में ही आया था।
नई दिल्ली । चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पूर्वी लद्दाख में पेट्रोलिंग प्वाइंट बढ़ा दिए हैं। सेना अब 65 से बढ़ाकर 72 प्वाइंट्स पर पेट्रोलिंग करेगी। एक रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि विभिन्न स्थानों पर गश्त बढ़ा दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार कठिन मौसम की स्थिति और इलाके के बावजूद भारतीय सुरक्षा बल क्षेत्र पर अपना वर्चस्व सुनिश्चित कर रहे हैं।
पीपी-04 और पीपी-65 के बीच भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनाव कम होने के बाद नए पेट्रोलिंग क्षेत्र की पहचान हुई है। हालांकि दोनों देशों के बीच बफर की मौजूदगी के कारण इन नए गश्ती बिंदुओं तक पहुंचना मुश्किल है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि प्रभावी गश्त सुनिश्चित करने के लिए मार्ग बनाए गए हैं। 2013-14 से भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़पें और गतिरोध बढ़े हैं। 2020 में लद्दाख में गतिरोध के कारण हिंसक झड़पें हुईं। इसमें एक कर्नल सहित 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तब से सुरक्षा बलों को नई तकनीक, ड्रोन, बुनियादी ढांचे, बलों के बीच बेहतर समन्वय और वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (वीवीपी) का उपयोग करके एलएसी के साथ सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए केंद्र की हालिया पहल से बेहतर तरीके से सुसज्जित किया गया है।
चीन के साथ 3488 किलोमीटर का बॉर्डर
भारत चीन के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। इसमें उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के बीच का मध्य क्षेत्र भारत की तरफ और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र चीन की तरफ है। जबकि पूर्वी क्षेत्र अरुणाचल, सिक्किम और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र चीन की तरफ है। लद्दाख चीन के साथ 1,597 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है, उसके बाद अरुणाचल (1,126 किलोमीटर) है।