×

Warning

JUser: :_load: Unable to load user with ID: 809

Print this page

सोशल मीडिया में ट्रोल होनें के बाद मध्यप्रदेश की विद्युत् वितरण कम्पनी नें किया अभूतपूर्व काम, खबर पढ़े Featured

By July 09, 2019 448

इंदौर सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करने वाली मध्यप्रदेश की एक सरकारी विद्युत वितरण कम्पनी ने उपभोक्ताओं तक अपनी बात पहुंचाने के लिए इसी माध्यम का सहारा लिया है. बता दें कि यह कम्पनी सूबे के 15 जिलों में बिजली आपूर्ति का जिम्मा संभालती है। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक संतोष टैगोर ने सोमवार को बताया कि सूबे के ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह के निर्देशों के मुताबिक महीने भर के भीतर 1,006 Whatsapp समूह बनाए गए हैं, जिससे बिजली वितरक कम्पनी सीधे उपभोक्ताओं से जुड़ कर सीधा संवाद स्थापित कर सके।

इनमें इंदौर क्षेत्र के 706 और उज्जैन क्षेत्र के 300 वॉट्सऐप समूह शामिल हैं। उन्होंने बताया, 'इन वॉट्सऐप समूहों के जरिए हम उपभोक्ताओं को बता रहे हैं कि उनके क्षेत्र में नियमित रख-रखाव के लिए कब बिजली बंद रहेगी। अगर मौसम संबंधी कारणों या अचानक किसी तकनीकी खराबी के चलते विद्युत वितरण में व्यवधान उत्पन्न होता है, तो इसकी सूचना भी इन समूहों के जरिए उपभोक्ताओं तक पहुंचाई जा रही है।' टैगोर ने बताया कि इन वॉट्सऐप समूहों से अब तक कुल 40,000 सदस्यों को जोड़ा गया है जिन्हें बिजली आपूर्ति संबंधी जरूरी सूचनाएं नियमित रूप से दी जा रही हैं।

 

आखिर किन लोगों को जोड़ा गया है इन Whatsapp समूहों में
बताया गया है कि मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र की विद्युत वितरण कंपनी के साथ उस  क्षेत्र के विधायकों, सांसदों और उनके नामित प्रतिनिधियों को भी इन समूहों से जोड़ा गया है। गौरतलब है कि राज्य के ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने 10 जून को मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों की विशेष बैठक में कम्पनी के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि जूनियर इंजिनियर स्तर के सभी अफसर वॉट्सऐप समूह बनाकर इनमें बिजली उपभोक्ताओं समेत अलग-अलग तबके के लोगों को जोड़ें. सिंह ने कहा था कि वॉट्सऐप समूह बनाने का फैसला इसलिए किया गया, क्योकि बिजली वितरण में समस्या पैदा होने पर उपभोक्ताओं को वस्तुस्थिति की सही जानकारी दी जा सके और अफवाहों का बाजार गर्म न हो. ये अभूतपूर्व कदम मध्यप्रदेश सरकार और विद्युत् विभाग नें जनता से सीधे संवाद के लिए बनाया है, जो एक सराहनीय पहल है.

Rate this item
(0 votes)
Last modified on Tuesday, 09 July 2019 11:08

Latest from

Related items