ईश्वर दुबे
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भोपाल : उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि जिद, जुनून एवं जज्वे से बड़े से बड़े लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। मध्यप्रदेश की प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त करने वाले रीवा संभाग के विद्यार्थियों ने यह साबित कर दिया है कि विन्ध्य का भविष्य सुनहरा है और आने वाले दिनों में यह विद्यार्थी अपना योगदान देंगे। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय रीवा परिसर के सभागार में माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल की 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा में प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त करने वाले रीवा संभाग 66 विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
“आपरेशन निखार” की सराहना की
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि इस उपलब्धि के लिए रीवा संभाग की चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है। उन्होंने प्रतिभाशाली बच्चों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की तथा कहा कि संस्कारवान शिक्षा ही सर्वोत्तम है। शिक्षित होकर संस्कारवान बनें और आगे बढ़ते रहें। शुक्ल ने कहा कि जीवन में निराश न हों। सफलतायें एवं असफलतायें मिलती रहती हैं अपने लक्ष्य के लिए हमेशा प्रयासरत रहें। उन्होंने कहा कि इन बच्चों ने जो अपने अनुभव बताये हैं उससे यह सिद्ध होता है कि इन्हें आगे बढ़ने का मंत्र प्राप्त हो गया है। आगे की शिक्षा में इसी लगन और मेहनत से लगे रहे। उन्होंने रीवा संभाग के कमिश्नर बीएस जामोद द्वारा शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए संभाग में प्रारंभ किये गये “आपरेशन निखार” की प्रशंसा की जिसके सार्थक परिणाम सामने आये हैं। उन्होने कहा कि प्रशासन के साथ-साथ शिक्षा विभाग के शिक्षकों व अन्य अधिकारियों ने रीवा संभाग में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए समन्वित प्रयास किया है जो बधाई के पात्र हैं। उन्होंने अपेक्षा की कि प्रतिभाशाली बच्चों से अन्य बच्चे भी प्रेरणा लेगें।
मुख्यमंत्री ने उज्जैन में संत कंवरराम जी की प्रतिमा का किया अनावरण
उज्जैन: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि संतो का जीवन और आदर्श हमेशा अनुकरणीय होते हैं। सूर्य स्वयं जलकर हम सबको प्रकाश देता है, उसी तरह संत भी स्वयं तप कर हम सबके जीवन को ज्ञान और आनंद से प्रकाशित करते हैं। संत कंवरराम जी भी ऐसे ही एक महान संत थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोमवार को उज्जैन की सिंधी कॉलोनी, अलखधाम नगर के सार्वजनिक उद्यान में संत कंवरराम जी की प्रतिमा के अनावरण समारोह में यह बात कही। उन्होंने समर्थ सेवा संस्थान के द्वारा आयोजित दिव्यांगजनों को नि:शुल्क हवाई यात्रा करवाने पर बने गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड के प्रमाण-पत्र का वितरण भी किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज का दिन अत्यंत शुभ दिन है। आज वैशाख माह की पूर्णिमा है। आज बुध्द पूर्णिमा है। संत कंवरराम जी ने लोगों को सच्चाई और नैतिकता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। वे सबको साथ में लेकर चलने में विश्वास रखते थे। इस उद्यान में संत कंवरराम जी की प्रतिमा स्थापना से सबको उनका आशीर्वाद मिलता रहेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नगरपालिका निगम के अधिकारियों से कहा कि उद्यान का नियमित रुप से रख-रखाव किया जाए। उन्होंने अलखधाम नगर के उद्यान को आदर्श उद्यान बनाए जाने के लिए शासन की ओर से सहयोग राशि प्रदान करने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दिव्यांगजनों को नि:शुल्क धार्मिक यात्रा के प्रमाण-पत्र वितरित किये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दिव्यांगजनों की सेवा ईश्वर की सेवा के समान है। समर्थ सेवा संस्थान द्वारा अत्यंत प्रशंसनीय कार्य किया गया है, जो सबके लिए अनुकरणीय है। समर्थ सेवा संस्थान ने अब तक 47 दिव्यांगजनों को धार्मिक हवाई यात्रा नि:शुल्क कराई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपनी ओर से संस्था के पदाधिकारियों को शुभकामनाऐं दीं।
कार्यक्रम में श्री श्याम माहेश्वरी ने संस्थान के बारे में जानकारी प्रदान की। श्री दौलत खेमचंदानी ने संत कंवरराम जी का जीवन परिचय प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि संत कंवर राम जी एक प्रसिद्ध भारतीय संत और कवि थे, जिन्होंने भक्ति साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी कविताओं में जीवन के मूल्यों, प्रेम और अध्यात्म की गहराई को व्यक्त किया गया है। संत कंवर राम जी का जन्म राजस्थान में हुआ था। उनकी कविताओं में सादगी, प्रेम और अध्यात्म की भावना देखने को मिलती है। उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों और अंधविश्वासों के खिलाफ आवाज उठाई।
भोपाल : उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने मंदसौर जिले के मल्हारगढ विधानसभा के विभिन्न क्षेत्रों में 2करोड़ 32 लाख के निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया। विकास कार्यों की गति प्रदान करने के उद्देश्य से एक करोड़ की लागत से निर्मित नगर परिषद नारायणगढ़ के नवीन कार्यालय भवन का लोकार्पण किया।
उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने कहा कि नगर परिषद भवन का नाम सुदर्शन नाम रखा जाएगा। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने कहा कि मल्हारगढ़ सूक्ष्म सिंचाई परियोजना से हर खेत को सिंचाई के लिए पानी एवं हर गांव में पीने के पानी की सुविधा मिलेगी।
उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने खजूरी गोड़ में अस्पताल के लिए जमीन दान करने वाले दानदाताओं का सम्मान किया। उन्होंने कहा कि खजूरी गोड़ में मांगलिक भवन बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने गांधी सागर का पानी खेतों में लाने का काम किया है। जिस पर लगातार काम चल रहा है। जिससे अब किसान 1 साल में तीन बार फसल ले सकेंगे। एक समय था जब किसान सिंचाई और बिजली के लिए परेशान था लेकिन अब बिजली 24 घंटे मिल रही है। सिंचाई के लिए बड़ी-बड़ी सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाएं बन रही है। सरकार ने आयुष्मान कार्ड योजना चलाई, जिससे गरीब व्यक्ति की संकट के समय मदद की है, जिससे हर परिवार को एक साल में 5 लाख तक का निशुल्क इलाज की सुविधा मिल रही है। सरकार ने गैस कनेक्शन, शौचालय की व्यवस्था, किसान सम्मान निधि, बिना ब्याज के ऋण, लाडली बहना योजना, संबल जैसी अनेक योजनाएं चलाई है।
इस अवसर पर सांसद सुधीर गुप्ता, राज्यसभा सांसद बंशीलाल गुर्जर, सुवासरा विधायक हरदीप सिंह डंग, जिला अध्यक्ष राजेश दीक्षित, पूर्व विधायक राधेश्याम पाटीदार, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी, पत्रकार एवं आम नागरिक मौजूद रहें।
भोपाल : जनजातीय कार्य एवं गैस राहत मंत्री डॉ. कुँवर विजय शाह ने कहा कि जनजातीय शिल्प को बाजार उपलब्ध कराने के लिये संभाग एवं ट्रायबल के 20 जिलों में ट्रायबल मार्ट खोले जायेंगे। उन्होंने कहा कि जनजातीय कलाकारों को उनके उत्पाद का पूरा मूल्य नहीं मिल पाया। सभी शिल्पकारों और कलाकारों को उनके उत्पाद के माध्यम से उचित मूल्य दिलाकर उन्हें आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सुदृढ़ और सशक्त बनाया जायेगा। मंत्री डॉ. शाह शुक्रवार को रवीन्द्र भवन के हंसध्वनि सभागार में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय जनजातीय शिल्पग्राम महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर अतिथि कलाकारों को संबोधित कर रहे थे। तीन दिवसीय शिल्प महोत्सव में प्रदेश के जनजातीय कलाकारों द्वारा निर्मित विभिन्न शिल्प कलाओं का प्रदर्शन किया जा रहा है।
मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि जनजातीय स्वरूप को संरक्षित करने की आवश्यकता है। जनजातीय वर्ग की पहचान उनके विशेष पहनावे, भोजन, वस्त्रों, नृत्य, संगीत और वाद्य यंत्रों के माध्यम से भी की जाती है। उनकी पारंपरिक वेषभूषा एवं तीज-त्यौहारों के महत्व को हम समझते हैं। परन्तु आधुनिकता के साथ उनकी यह पारंपरिक पहचान लुप्त सी होने लगी हैं। इसे जीवित रखने के उद्देश्य से इस शिल्प ग्राम महोत्सव के माध्यम से ट्रेनर्स के लिये ट्रेनिंग कार्यक्रम रखे गये हैं। मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि शिल्प उत्पादों को पहचान दिलाने के लिये मध्यप्रदेश सरकार प्रयासरत है। इस अनुक्रम में नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ डिजाइन भोपाल के माध्यम से "आदिरंग" प्रोजेक्ट प्रारंभ किया जा रहा है। इससे जनजातीय शिल्पकारेां को उनके कौशल उन्नयन करेंगे। इस प्रकार प्रशिक्षित हमारे कलाकार अन्य शिल्पियों और कलाकारों को प्रशिक्षित करेंगे।
जनजातीय शिल्प महोत्सव पर रवीन्द्र भवन परिसर में प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। इसमें जनजातीय कलाकारों द्वारा निर्मित उत्कृष्ट शिल्प कलाओं में यथा माटी शिल्प, होम आर्किटेक्चर, पेन्टिंग्स के अलावा जनजातीय व्यंजनों के भी स्टॉल लगाकार प्रदर्शन किया गया। प्रदेश के विभिन्न ट्रायबल जिलों से पधारे कलाकारों ने रंग-बिरंगे परिधानों में राज्य अपनी कला का प्रदर्शन किया।
प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य गुलशन बामरा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए 3 दिवसीय कार्यक्रम के बारे में अवगत कराया। आयुक्त शुक्ला ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव एवं अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर एसीएस जनजाति विनोद कुमार, प्रमुख सचिव गुलशन बामरा, आयुक्त जनजातीय शुक्ला, संचालक वंदना वैद्य सहित अनेक कलाकर और अधिकारी उपस्थित थे।
भोपाल : “AI भारत @ एमपी” कार्यशाला में डिजिटल गवर्नेंस को अधिक प्रभावी, समावेशी और नागरिकोन्मुखी बनाने के लिये ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ (AI) और ‘आधार’ (UIADI) के प्रयोग की संभावनाओं पर विचार मंथन किया गया। दो दिनों में नीति-निर्माताओं, तकनीकी विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और सरकारी प्रतिनिधियों ने कार्यशाला में भागीदारी करते हुए नॉलेज शेयर और विचार-विमर्श किया। कुशाभाऊ ठाकरे इन्टरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, भोपाल में आयोजित 2 दिवसीय कार्यशाला का समापन शुक्रवार को हुआ।
कार्यशाला का आयोजन मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (MPSEDC) और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग (NeGD), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने संयुक्त रूप से किया। दूसरा दिन केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोग और समन्वय को बेहतर बनाने पर केन्द्रित रहा। साथ ही डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत तकनीक आधारित प्रशासन के लिए रोडमैप पर भी विचार मंथन किया गया।
मध्यप्रदेश बना डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में शीर्ष राज्य
कार्यशाला के दूसरे दिन समापन सत्र में MPSEDC के परियोजना निदेशक गुरु प्रसाद ने बताया कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जहाँ SD-WAN एनेबल्ड SWAN नेटवर्क स्थापित है। यह नेटवर्क 2 Gbps की स्पीड से संचालित हो रहा है। मध्यप्रदेश के पास 1 पेटाबाइट की क्षमता वाला स्वयं का डाटा सेंटर भी है। उन्होंने बताया कि 'संपदा 2.0' और एंड-टू-एंड सेवा ऑटोमेशन जैसे नवाचारों से मध्यप्रदेश अग्रणी राज्यों में शामिल हुआ है। प्रदेश में एवीजीसी, ड्रोन, जीसीसी और सेमी-कंडक्टर जैसे उभरते क्षेत्रों में पॉलिसीज बनाकर उनकी गाइडलाइन्स भी जारी कर दी गई हैं।
भोपाल : ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने विभागीय योजनाओं की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देशित किया कि लंबित बिजली बिलों की वसूली के लिये सुनियोजित कार्य-योजना बनायें। उन्होंने कहा कि बिजली बिल वसूली की त्रैमासिक समीक्षा करेंगे।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पीएम सूर्यघर योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करें और इसका क्रियान्वयन भी सुनिश्चित करें। लाइन लॉसेस कम करने के लिये लक्ष्य तय करें। साथ ही अवैध बस्तियों में स्थायी बिजली कनेक्शन देने के संबंध में सभी पहलुओं का अध्ययन कर योजना बनायें।
मंत्री तोमर ने वितरण ट्रांसफार्मर में मीटरीकरण समय-सीमा में कराने के निर्देश दिये। उन्होंने ई-केवाईसी, उद्योग मित्र योजना सहित अन्य योजनाओं की समीक्षा कर जरूरी निर्देश दिये।
घटना-दुर्घटना पर रखें कड़ी नजर
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पड़ोसी देश के साथ चल रहे तनाव के मद्देजनर किसी भी घटना-दुर्घटना पर कड़ी नजर रखें। हर हाल में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाये। विद्युत व्यवधान नहीं होना चाहिये। जिला प्रशासन के सतत सम्पर्क में रहें, किसी भी स्तर पर मिस कम्युनिकेशन नहीं होना चाहिये।
अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नीरज मण्डलोई ने विभागीय योजनाओं की प्रगति की जानकारी दी। इस अवसर पर एमडी पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी अविनाश लवानिया, एमडी मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी क्षितिज सिंघल उपस्थित रहे। बैठक में एमडी पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी अनय द्विवेदी, एमडी पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी अनूप सिंह, एमडी ट्रांसको सुनील तिवारी और एमडी जनरेशन कम्पनी मंजीत सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े रहे।
उप मुख्यमंत्री एवं सागर जिले के प्रभारी मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने सागर ज़िले के बीना अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर टेली-मेडिसिन से जिला चिकित्सालय एवं बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ डॉक्टरों से परामर्श लें एवं संबंधित पीड़ित व्यक्ति की वीडियो कांफ्रेंसिंग से चर्चा कराकर, स्वास्थ्य परीक्षण करें। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने सौ बिस्तरों वाले अस्पताल की सभी अनापत्तियां पूर्ण कर शीघ्र कार्य शुरू करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जिला खनिज प्रतिष्ठान के तहत अर्जित फंड एक रिजर्व फंड है। इस फंड से जिलों के खनन प्रभावित क्षेत्रों में सार्वजनिक हित और सबके उपयोग के लिए स्थायी प्रकृति के ठोस काम ही कराए जाएं। काम ऐसे हों, जिसका लाभ अधिकतम लोगों को मिले। इस (डीएमएफ) मद से स्कूल भवन, अस्पताल, सामुदायिक भवन, औषधालय भवन, पशु चिकित्सालय/औषधालय, खेल मैदान सहित विशेष पिछड़े एवं कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) की बसाहट क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार स्थायी श्रेणी के काम कराए जाएं। उन्होंने कहा कि अस्थायी प्रकृति के एवं मरम्मत आदि के काम संबंधित विभागों के विभागीय बजट से कराए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रालय में जिला खनिज प्रतिष्ठान के भाग-ख के तहत हो सकने वाले विकास कार्यों की मंजूरी के लिए आयोजित बैठक में अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य की सभी विकास परियोजनाओं में गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित किया जाए तथा उन्हें समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि योजनाओं के लक्ष्यों की प्राप्ति में गति लायी जाए और हर स्तर पर नियोजन की स्पष्टता हो। मुख्यमंत्री डॉ. ने कहा कि परियोजनाओं की सफलता का मूल मंत्र समर्पण, पारदर्शिता और समय प्रबंधन है। उन्होंने कहा कि अधूरी अथवा लंबित परियोजनाओं पर विशेष ध्यान देते हुए कार्य में तेजी लायी जाए, जिससे जनहित में समय रहते लाभ पहुंचाया जा सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रालय में जल संसाधन विभाग की वृहद परियोजना नियंत्रण मंडल की 126 वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। बैठक में जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री कार्यालय एवं जल संसाधन डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव वित्त श्री मनीष रस्तोगी सहित जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य में सड़कों का निर्माण पूर्ण गुणवत्ता के साथ किया जाए और उसमें दीर्घकालिक जरूरतों को विशेष रूप से ध्यान में रखा जाएं। उन्होंने कहा कि सड़कें प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास की रीढ़ हैं। उनका निर्माण टिकाऊ, सुरक्षित और आधुनिक मानकों के अनुरूप हो।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्माण कार्यों में पारदर्शिता और तकनीकी दक्षता सुनिश्चित की जाएं। साथ ही सड़क परियोजनाओं के निर्माण में तय समय-सीमा का पालन किया जाए, ताकि जनता को जल्द से जल्द बेहतर आवागमन सुविधाएं मिल सकें। बैठक में प्रदेश में चल रही प्रमुख सड़क परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई एवं आगामी कार्य योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सड़क निर्माण में नवीन तकनीकों को अपनाया जाए और पर्यावरणीय मानकों का पालन कर पारिस्थितिकीय संतुलन का भी ध्यान रखा जाए।
बैठक में लोक निर्माण मंत्री एवं मप्र सड़क विकास निगम के उपाध्यक्ष श्री राकेश सिंह, मुख्य सचिव एवं मप्र सड़क विकास निगम के उपाध्यक्ष श्री अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव वन श्री अशोक बर्णवाल, अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण श्री नीरज मंडलोई, अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री संजय कुमार शुक्ल, प्रमुख सचिव श्री मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव खनिज साधन श्री उमाकांत उमराव, प्रबंध संचालक मप्र सड़क विकास निगम श्री भरत यादव, निगम में स्वतंत्र संचालक एवं संचालक मंडल के विशेष सदस्य श्री वेंकटेश बालासुब्रमण्यम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में निगम के प्रबंध संचालक श्री यादव ने बताया कि निगम द्वारा गत वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 1586 करोड रुपए की लागत से 1127 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण कराया गया। इसी दौरान सड़क विकास के पूंजीगत कार्यों पर 2761.47 करोड रुपए एवं संधारण व मरम्मत कार्यों पर 280.79 करोड रुपए इस प्रकार कुल 3042.29 करोड रुपए व्यय किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जारी वित्त वर्ष के लिए 1425 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य लिया गया है। इस पर 3134 करोड़ रुपए खर्च किए जायेंगे। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा चिन्हित मार्गो के पुनर्निर्माण, संधारण, डामरीकृत नवीनीकरण, सुदृढ़ीकरण, रेगुलर कॉन्ट्रैक्ट एवं उपभोक्ता शुल्क संग्रहण के लिए निविदा आमंत्रित की गयीं। निविदा समिति के अनुमोदन उपरांत 35 प्रकार के सड़क निर्माण कार्यों के लिए 3443.72 करोड रुपए की निविदाएं स्वीकृत कर न्यूनतम दर वाले निविदाकारों को निविदा स्वीकृति पत्र जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि भोपाल-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 46 में नवीन प्रस्तावित एकरेखण (एलाईनमेंट) के लिए कार्यवाही की जा रही है। इससे भोपाल-जबलपुर मार्ग की दूरी कम हो जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारे देश की पहचान सिंधु घाटी सभ्यता और सिंधु नदी से जुड़ी है। प्राचीन काल में विकसित सिंधु घाटी सभ्यता आज भी पूरे देश को गौरवान्वित करती है। सम्राट दाहिर सेन का अपनी धर्म और संस्कृति को बचाने के लिए संघर्ष आज भी हमें प्रेरणा और साहस प्रदान करता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी देश, धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए समर्पित और प्रतिबद्ध हैं। भोपाल, संत हिरदाराम की पुण्य भूमि है, संत परम्परा के अनुसार हम "जियो और जीने दो" के सिद्धांत में विश्वास करते हुए प्राणी मात्र से प्रेम के भाव का व्यवहार में भी निवर्हन करते हैं। सिंधी समाज ने इन मूल्यों का पालन करते हुए अपने धर्म और संस्कृति की सरक्षा के लिए अपना घर-परिवार और व्यापार छोड़ा। संघर्ष और चुनौतियों का सामना करते हुए अपनी कर्मठता और आत्मविश्वास से उन्होंने स्वयं को पुन: स्थापित भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सिंधु भवन में आयोजित चेतीचांद महोत्सव एवं प्रतिभा सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक श्री भगवान दास सबनानी ने की। इस अवसर पर मध्यप्रदेश सिन्धु भवन ट्रस्ट के पदाधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अपनी क्षमता, योग्यता और निरंतर मेहनत से सिंधी समाज ने व्यापार और उद्योग जगत में कई उपलब्धियां अर्जित की हैं। राज्य सरकार प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों और स्थानीय स्तर पर उद्यमिता के विस्तार के लिए प्रतिबद्ध है, और इस दिशा में निरंतर हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उद्योग स्थापना और व्यापारिक गतिविधियों के संचालन के लिए नीतियों और प्रकियाओं को सरल और सुगम किया गया है। प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। व्यापार और उद्योग रोजगार उपलब्ध कराने का प्रमुख माध्यम है। अन्य राज्यों तथा विदेश से भी निवेश के लिए उद्योगपतियों और व्यापारियों को आमंत्रित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिंधी समाज के बंधुओं से प्रदेश में व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार की पहल करने का आव्हान करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में हर संभव सहयोग के लिए तत्पर है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव से विधायक श्री भगवानदास सबनानी ने राजा दाहिर सेन, संत कंवर दास और शहीद हेमू कालानी के प्रसंगों को शालेय स्तर पर पाठ्यक्रम में शामिल करने, प्रदेश के सिंधी समाज की बहुलता वाले शहरों में शहीद हेमू कालानी की प्रतिमा स्थापित करने, सिंधी संग्रहालय के लिए भूमि उपलब्ध कराने और सिंधी अकादमी का बजट बढ़ाने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के कुल स्टार्ट-अप में से 45 प्रतिशत से अधिक की मालकिन महिलाएं हैं। ड्रोन दीदी के रूप में स्वसहायता समूह की बहनें नई पहचान बना रही हैं। शासकीय नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण ने बहन-बेटियों को सफलता के नए पंख दिए हैं। प्रदेश में महिलाओं के नाम जमीन, दुकान और घर की रजिस्ट्री में अतरिक्त छूट मिल रही है, इससे बहनों के पास सम्पत्ति की शक्ति आई है। बहनों का मान तो बढ़ा ही है, घर के फैसलों में भी अब महिलाओं को महत्व मिल रहा है। यह सब संकेत समाज के सशक्त होने के संकेत हैं क्योंकि समाज का सशक्तिकरण महिलाओं में सशक्तिकरण के बिना अधूरा है। हम यदि अपने राज्य को प्रगति की राह पर आगे बढ़ता देखना चाहते हैं तो बहन-बेटियों को शिक्षा, उनके कौशल उन्नयन और उन्हें रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराना जरूरी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कालिदास अकादमी, उज्जैन में सत्यज फाउंडेशन द्वारा आयोजित महिला केंद्रित रोजगार पर्व को मुख्यमंत्री निवास से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बहन-बेटियों को पढ़ाई और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए हर संभव व्यवस्थाएं की जा रही हैं। कामकाजी महिलाओं के छात्रावास निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। महिला एवं बाल विकास के लिए कुल 27 हजार 147 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित है। इसमें छह साल में जेंडर बजट का आकार दोगना हो गया है। व्यापार में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई प्रकार की रियायतें प्रदान की गई हैं। यह हम सबके लिए गर्व का विषय है कि बहन -बेटियां रोजगार और कारोबार में अपने सभी कार्य जिम्मेदारी से संपादित कर रही हैं और परिवार भी संभाल रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बहन-बेटियों के जीवन के हर पड़ाव पर उनके साथ है।
उज्जैन में आयोजित कार्यक्रम में रोजगार पर्व में विभिन्न कम्पनियां शामिल हुईं। कार्यक्रम में कौशल विकास एवं रोजागर राज्य मंत्री तथा उज्जैन जिले के प्रभारी श्री गौतम टेटवाल, विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा, नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव तथा पूर्व केंद्रीय डॉ. सत्यनाराण जटिया उपस्थित थे। कार्यक्रम में 25 से अधिक कम्पनियों ने सहभागिता की।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि उद्योगों का निर्माण किसी मंदिर के बनने की तरह है। उद्योग ऐसे मंदिर हैं जो भगवान की तरह दर्शन जीविका का प्रसाद और आशीर्वाद देते हैं। श्रम शक्ति से लाखों व्यक्तियों को रोजी-रोटी मिलती है। आज के तकनीकी दौर में छोटे देश भी प्रगति कर रहे हैं। युद्धों से विकास में पिछड़ने वाले देश भी उद्यमशीलता से विकसित हो जाते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम आज बदलते दौर का भारत देख रहे हैं, जहां कई क्षेत्रों में तीव्र प्रगति हो रही है। इंदौर ने उद्योगों के विकास का कीर्तिमान बनाया है, इंदौर आईटी क्षेत्र की राजधानी है। इंदौर में श्री अतुल पंचशील जैसे उद्योगपति विशिष्ट कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया प्रदेश में पाँच बड़े नगरों में इण्डस्ट्री पार्क प्रारंभ किये जा रहे हैं। कोरिया जैसे देश जिनसे भारत का पुराना सांस्कृतिक नाता है, वे भी मध्यप्रदेश में निवेश के लिये इच्छुक हैं। आज की कॉन्क्लेव में कोरिया और जापान से भी प्रतिनिधि आये हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कॉन्क्लेव से लगभग 20 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे लगभग 75 हजार रोजगार सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि मुझे बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि आज के टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के भूमि-पूजन एवं शिलान्यास भी हुए हैं। इसमें से जीआईएस-भोपाल में आईटी सेक्टर में प्राप्त 99 प्रस्तावों में से 25 प्रतिशत का आज भूमि-पूजन हुआ है, जो इस बात का द्योतक है कि हम बस वादे नहीं करते, उन्हें धरातल पर उतारकर भी दिखाते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में मध्यप्रदेश टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भोपाल जिले के बैरसिया में मोबाईल, सेमीकंडक्टर डिवाइस पार्क बनाने वाले प्रतिष्ठान विश्व स्तरीय अधोसंरचना का लाभ प्राप्त करेंगे। लगभग 209 एकड़ क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के इस मेगा प्रोजेक्ट से बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध कराना संभव होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल के बैरसिया में महत्वपूर्ण निवेश करीब 1500 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने में सफलता मिली है। स्पेस टेक नीति के अंतर्गत यह कार्य होगा। इससे सायबर सुरक्षा के क्षेत्र में नया दौर सामने आयेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंदौर में एग्रीटेक उत्कृष्टता केन्द्र बनेगा। ड्रोन तकनीक सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आयेगा। परदेशीपुरा आईटी पार्क से नई संभावनाएँ विकसित होंगी। इंदौर आईटी क्षेत्र की नई राजधानी बन गयी है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा तैयार की गयी 18 उद्योग हितैषी नीतियों का लोकार्पण किया था। ये नीतियाँ उद्योगों के विकास में उपयोगी सिद्ध हो रही हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश में अद्भूत कार्य किया है। उनके विकसित भारत@2047 के संकल्प के अनुसार मध्यप्रदेश में निरंतर कार्य हो रहा है। जीआईएस-भोपाल से उद्योग स्थापना के सभी रिकार्ड टूटे हैं। उद्योगपति स्वयं यह कह रहे हैं कि मध्यप्रदेश में एक माह में उद्योग लगाने का कार्य संभव हुआ है।
भोपाल : वन विभाग द्वारा गिद्ध संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की गयी है। लुप्तप्राय गिद्ध प्रजातियों को बचाने और उनके संरक्षण के लिये गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन सेंटर केरवा भोपाल के 6 केप्टिव ब्रीडिंग गिद्धों को प्राकृतिक रहवास हलाली डेम के वन क्षेत्र में छोड़ा गया। इनमें 2 सफेद पीठ वाले गिद्ध एवं 4 लम्बी चोंच वाले गिद्धों को मुक्त किया गया।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव शुभरंजन सेन ने बताया कि मुक्त किये गये सभी गिद्धों पर ऑर्निट्रैक-25 सौर ऊर्जा चलित जीपीएस-जीएसएम ट्रैकर लगाये गये हैं। इसके माध्यम से उनके आवागमन के पैटर्न और आवास उपयोग की निगरानी की जा रही है। सेन ने बताया कि डायरेक्टर टेक फॉर कंजर्वेशन जी. अरेन्द्रन, विश्व प्रकृति निधि भारत द्वारा गिद्धों को ऑर्निट्रैक-25 सौर ऊर्जा चलित जीपीएस-जीएसएम ट्रैकर लगाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। सेन ने कहा कि हलाली डेम के आसपास की बस्तियों में टैग किये गये गिद्धों की सुरक्षा एवं जागरूकता के लिये पर्चे बाँटे गये हैं। इनमें आम लोगों से अपील की गयी है कि अगर गिद्ध घायल होते हैं या उन्हें कोई नुकसान पहुँचता है, तो वे तत्काल वन विभाग को सूचित करें।
गिद्धों के पहले समूह को प्राकृतिक रहवास हलाली डेम के वन क्षेत्र में छोड़ने के अवसर पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव एल. कृष्णमूर्ति, संचालक वन विहार राष्ट्रीय उद्यान मीना अवधेश कुमार शिव कुमार, सहायक संचालक वन विहार संदेश माहेश्वरी, बाम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी मुम्बई के प्रतिनिधि, उप संचालक डॉ. सुजीत नरवड़े, डॉ. सरवन सिंह राठौर, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, डॉ. सेमसन, गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र केरवा भोपाल संजय परिहार, विश्व प्रकृति निधि भारत की प्रतिनिधि संगीता सक्सेना, अजय मिश्रा और रायसेन वन मण्डल के अधिकारी उपस्थित थे।