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एनसीआर पहुंचा एमपी का हनीट्रैप मामला, खुलासों से सियासी और प्रशासनिक अमलों में हड़कंप Featured

By September 27, 2019 277
मध्यप्रदेश के हनीट्रैप मामले के तार अब दिल्ली और गाजियाबाद से जुड़ते नजर आ रहे हैं। ताजा खुलासे से राजनेताओं और प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले की मॉनिटरिंग खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ कर रहे हैं। बुधवार को उन्होंने अपने मंत्रियों के साथ अलग-अलग बैठक कर मामले की जांच के बारे में जानकारी ली। 
 
हनीट्रैप मामले की आरोपी श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन और बरखा को 30 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा दिया गया है। अन्य आरोपी आरती दयाल और मोनिका यादव को एक अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।

गाजियाबाद में फ्लैट

मध्यप्रदेश पुलिस की सायबर सेल ने गाजियाबाद के पॉश इलाके में बिना सरकारी मंजूरी के फ्लैट ले रखा था। पुलिस महानिदेशक वीके सिंह ने इस मामले की जानकारी होने के बाद कई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को फटकारा और पूछा कि इतनी दूर सायबर सेल के लिए फ्लैट लेने का क्या कारण था। इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने आनन-फानन में सायबर सेल से फ्लैट खाली करवा लिया है।

सूत्रों के अनुसार, मध्यप्रदेश पुलिस की सायबर सेल ने सरकारी कामकाज के नाम पर दिल्ली से सटे गाजियाबाद जिले के एक पॉश इलाके में किराये का फ्लैट लिया हुआ है। जांच शुरू हई तो सवाल उठा कि फ्लैट दिल्ली से दूर वो भी बिना शासकीय अनुमति के क्यों लिया गया।

एसआईटी की नजर

हनीट्रैप मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) की नजर मध्यप्रदेश के कई आईएएस अफसरों पर है। इनमें से एक अधिकारी आरोपी के घर भी देखे गए थे। माना जा रहा है कि टीम जल्द ही उनसे सवाल-जवाब कर सकती है।

आरोपी आरती दयाल ने कबूला गुनाह, एसएससी की तैयारी करने आई थी भोपाल

दूसरी ओर भोपाल में एसएससी परीक्षा की तैयारी करने आई हनीट्रैप गैंग की सदस्य आरती दयाल ने पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। उसने पुलिस को बताया कि टेंडर लेने का तरीका उसने श्वेता जैन से सीखा था। इसके बाद उसने अपनी गैंग में और लड़कियों को जोड़ा। उसने बिजनेस के सिलसिले में इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह से मिलने की बात भी कबूली है।

सरकारी गवाह नहीं बनेगी आरती

पुलिस ने बताया कि वह आरती को अपना गुनाह कबूल करने के बाद सरकारी गवाह नहीं बनाएगी। हालांकि पुलिस ने पहले ही एक छात्रा को सरकारी गवाह बना लिया है। छात्रा को इंदौर की पलासिया  थाना पुलिस अपने साथ लेकर भोपाल लेकर पहुंची है।

आरोपियों के बैंक खाते सील करने की तैयारी

हनीट्रैप गैंग की चारों महिला आरोपियों के बैंक खाते सीज करने के लिए पुलिस ने भोपाल की बैंकों को पत्र लिखे हैं। पुलिस के अनुसार, अभी उनके पांच खातों की जानकारी ही मिल सकी है। एक टीम चारों महिलाओं की वैध और अवैध संपत्तियों की जानकारी जुटा रही है। वहीं, पुलिस को पांच कंपनियों और कुछ एनजीओ के नामों की जानकारी भी मिली है जो आरोपियों के द्वारा संचालित किए जा रहे थे।

तीन दिन में तीन रैकेट का किया भंडाफोड़

जिस्मफरोशी की आड़ में चल रहे हाईप्रोफाइल ब्लैकमेलिंग को लेकर जब भोपाल पुलिस ने थोड़ी निगरानी बढ़ाई तो इस तरह के अवैध कारोबार सामने आने लगे। इससे पहले इंदौर और भोपाल में ही पकड़े गए दोनों सेक्स रैकेट पुलिसकर्मियों की शह पर ही चल रहे थे। खास बात यह है कि मंगलवार को भोपाल के निशातपुरा क्षेत्र में पुलिस की कार्रवाई के बाद राजवंश कॉलोनी के एक मकान में दबिश दी गई। निशातपुरा पुलिस ने यहां से सात कॉलगर्ल, चार ग्राहक और एक दलाल को पकड़ा। इनमें एक नाबालिग भी शामिल है।

मददगार 3 पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज

हनीट्रैप में आरोपियों की मदद करने वाले तीन पुलिसकर्मियों पर क्राइम ब्रांच ने अड़ीबाजी का केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। ये पुलिसकर्मी आरोपी लड़कियों के इशारे पर लोगों से रुपये देने का दबाव बनाते थे। तीनों पुलिसकर्मियों की पहचान सुभाष गुर्जर, अनिल जाट और लाड़ सिंह के रूप में हुई है। इस मामले में टीम ने नौ लड़कियों, आठ ग्राहक और तीन दलालों को बुधवार को ही गिरफ्तार कर लिया था।

एसआईटी बनने के 24 घंटे के भीतर बदले गए चीफ

ब्लैकमेलर गैंग की करतूतों की जांच के लिए सोमवार को गठित 12 सदस्यीय एसआईटी के चीफ को सरकार ने 24 घंटे के भीतर ही बदल दिया था। अब इसकी जिम्मेदारी एडीजी संजीव शमी को दी गई है। इससे पहले इस टीम के चीफ 1997 बैच के आईपीएस डी श्रीनिवास वर्मा थे।

चीफ को बदले जाने पर प्रशासन ने कहा कि आईजी वर्मा ने ही इच्छा जाहिर की थी कि उन्हें इस जिम्मेदारी से दूर रखा जाए। हालांकि आईजी वर्मा ने इस संबंध में ज्यादा कुछ कहने से मना करते हुए सिर्फ इतना कहा कि न मैंने एसआईटी प्रमुख बनने के लिए आवेदन किया था और न ही हटने के लिए।

मंगलवार सुबह हनीट्रैप मामले की जांच के लिए एसआईटी के प्रमुख के तौर पर डी श्रीनिवास वर्मा ने काम शुरू कर दिया था। दोपहर तक केस से जुड़ीं फाइलें भी देखीं। शाम को उन्हें पता चला कि अब संजीव शमी एसआईटी के प्रमुख होंगे।

हनीट्रैप मामले में लैपटॉप से चार हजार फाइलें बरामद

एसएसपी इंदौर रूचिवर्धन मिश्रा ने गुरुवार की शाम बताया था कि, हनीट्रैप मामले में मोनिका (मामले के सिलसिले में गिरफ्तार आरोपियों में से एक) को अदालत में गवाह के रूप में पेश किया जाएगा। वह कॉलेज की प्रथम वर्ष की छात्रा है और खुद पीड़ित है। उसके पिता ने भी मानव तस्करी का मामला दर्ज कराया है।

जांच कर रहे अधिकारियों को महिलाओं से जब्त किए गए लैपटॉप और मोबाइल फोन में करीब चार हजार फाइलें मिली हैं। इनमें कई अश्लील चैट के स्क्रीनशॉट, अधिकारियों के अश्लील वीडियो, समझौता करने वाले अधिकारियों के वीडियो और ऑडियो क्लिप मिले हैं। इन ऑडियो और वीडियो क्लिप में बड़ी संख्या में कथित तौर पर नौकरशाह, मंत्री और पूर्व सांसद शामिल हैं।

नेताओं और अधिकारियों की लंबी सूची है

अधिकारियों ने कहा कि डिजिटल फाइलों की सूची जल्द ही 5,000 तक पहुंच सकती है। जांच में यह भी पता चला है कि, ब्लैकमेलर महिलाएं भोपाल के मंहगे क्लबों में आती-जाती थीं। वहां उनके लिए कमरे बुक कराए जाते थे, लेकिन अब उन क्लबों के चेक-इन रजिस्टर गायब हैं और उनके रिकॉर्डों में भी हेरफेर करने की लगातार कोशिश की जा रही है। हनीट्रैप में वरिष्ठ नौकरशाहों से लेकर जूनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर और बड़े नेताओं की लंबी सूची है।

एसआईटी जांच टीम के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन वीडियो को गलत हाथों में पड़ने से रोकना है। मामले की जांच कर रहे एक निरीक्षक को बाहर कर दिया गया है। उस पर पकड़े गए फोन की क्लिप ब्लूटूथ के जरिए अपने फोन में ट्रांसफर करने का आरोप था। 

मालूम हो कि, इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन की तीन करोड़ रुपये मांगने की शिकायत के बाद भोपाल और इंदौर पुलिस ने ब्लैकमेलिंग करने वाली पांच महिलाओं को गिरफ्तार किया था। यह महिलाएं अफसरों और नेताओं के वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करती थीं।

बड़े राजनेता या नौकरशाह की भूमिका मिली, तो कार्रवाई होगी

मध्यप्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन ने शुक्रवार को कहा कि अगर हनी ट्रैप मामले की जांच में किसी बड़े राजनेता या नौकरशाह की आपराधिक भूमिका पाई जाती है, तो वह भी कानूनी कार्रवाई से बच नहीं सकेगा। गृह मंत्री का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब इस हाई-प्रोफाइल सेक्स स्कैंडल मामले में शामिल प्रभावशाली हस्तियों को लेकर अटकलें दिनों-दिन तेज होती जा रही हैं।

जांचकर्ताओं को संदेह है कि आपत्तिजनक सामग्री के जरिये शिकार को ब्लैकमेल करने के लिये संगठित तरीके से काम करने वाले हनी ट्रैप गिरोह ने राजनेताओं और नौकरशाहों समेत कई रसूखदारों को भी जाल में फंसाया था।

बच्चन ने कहा, "मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में हनी ट्रैप मामले की निष्पक्ष जांच कराई जा रही है। कोई भी जन प्रतिनिधि या नौकरशाह, अगर हनी ट्रैप मामले में शामिल है पाया जाता है तो वह कानूनी कार्रवाई से नहीं बच पाएगा।"

गिरोह के जाल में फंसे रसूखदारों के नाम जाहिर न किए जाने के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा, "सही समय आने दीजिए, इस मामले में सभी नामों का खुलासा हो जाएगा।"

हनी ट्रैप मामले में प्रदेश पुलिस मुख्यालय के गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख को आनन-फानन बदले जाने पर बच्चन ने कहा कि यह बदलाव प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा था। जो हो गया, वह हो गया। वैसे भी मामले में पुलिस की जांच काफी आगे बढ़ चुकी है।

कांग्रेस पर हनी ट्रैप मामले में राजनीतिक फायदा उठाने के भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए बच्चन ने कहा, "मामले में कानून पूरी तरह निष्पक्ष तरीके से काम कर रहा है और अब जिसे जो अनुमान लगाना है, लगाता रहे।"
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