मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को 177 उम्मीदवारों ने नाम की घोषणा कर दी। इस सूची में भाजपा के कुछ दिग्गज नेताओं के नाम गायब हैं। जिसके बाद भाजपा में टिकट बटवारे को लेकर विरोध शुरू हो गया है। मनचाही सीट नहीं मिलने और सीट कटने से नेता नाराज हैं और उनके समर्थक बिफर गए हैं। राज्यभर में सीट बंटवारे को लेकर शुरू हुए हंगामे का शोर राजधानी में मुख्यमंत्री आवास तक पहुंच गया है।
बाबूलाल गौर समर्थकों का हंगामा
बाबूलाल गौर की सीट गोविंदपुरा को फिलहाल होल्ड पर रखा गया है। जिसके बाद गौर के समर्थकों ने भी जमकर हंगामा काटा। बाबूलाल गौर के समर्थक को आशंका है कि उनका टिकट काटा जा सकता है। गौर के समर्थकों ने बड़ी संख्या में गोविंदपुरा में हंगामा किया। साथ ही उन्होंने बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर को टिकट देने की मांग। समर्थक हर हाल में कृष्णा गौर को टिकट देने की मांग कर रहे हैं। समर्थकों का दावा है कि अगर यह सीट कृष्णा गौर को नहीं दी गई तो यह सीट भाजपा के हाथ से निकल सकती है।
कैलाश जोशी ने गौर से जताई सहानुभूति
पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी ने भी बाबूलाल गौर की सीट होल्ड होने पर दबी जुबान में इसे गलत बताया। जोशी ने कहा, "मैं कुछ कह भी दूं कि गलत हो रहा है तो इससे क्या होगा। पार्टी तय करती है मेरे कहने से कुछ नहीं होगा।"
विधायकों और पूर्व मंत्रियों के टिकट काटे जाने पर जोशी ने कहा, "कोई ना कोई कारण होगा जिसकी वजह से इनके टिकट काटे गए हैं।" कैलाश जोशी ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम में संशोधन के मुद्दे पर कहा कि इससे भाजपा को थोड़ा बहुत नुकसान झेलना पड़ सकता है।
वेल सिंह भूरिया का हंगामा
भाजपा नेता वेल सिंह भूरिया सरदारपुर से विधायक हैं। इस बार उनका टिकट संजय बघेल को दे दिया गया है। टिकट कटने से नाराज भूरिया अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुंच गए। भूरिया अपने समर्थकों की फौज के साथ करीब 25 गाड़ियों में सवार होकर पहुंचे थे।
कुसुम मेहदेल भी शिवराज से मिलीं
पन्ना विधानसभा सीट के लिए भी प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की गई है। कुसुम मेहदेले यहां से विधायक हैं। इस बार उनका टिकट कटने की भी आशंका है। मेहदले मुख्यमंत्री आवास पहुंचीं और शिवराज सिंह से मुलाकात कर उन्होंने टिकट बंटवारे पर अपनी नाराजगी जताई।