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पीतांबरा पीठ में जगह नहीं तो होटलों में अनुष्ठान करा रहे चुनावी राज्यों के नेता

दतिया । पीतांबरा पीठ की मां बगुलामुखी को शत्रुहंता के साथ-साथ राजसत्ता की देवी माना जाता है। वैसे तो साल भर यहां राजनेताओं की कतार लगी रहती है। जाप, अनुष्ठान होते रहते हैं। विधानसभा चुनाव नजदीक होने से दावेदार मां की शरण में पहुंच रहे हैं।

जाप और अनुष्ठान का दौर

टिकट और जीत के लिए जाप और अनुष्ठान कराए जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। मप्र ही नहीं चुनावी राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ के नेता भी यहां आ रहे हैं। यहां इतनी संख्या में अनुष्ठान हो रहे हैं कि पीठ में स्थान की कमी पड़ने लगी है। मंदिर प्रबंधन से जुड़े पुजारी बताते हैं कि अब आसपास बने होटलों में पूजा पाठ का क्रम चल रहा है। पुजारी बताते हैं कि नवरात्र से अनुष्ठान कराने वालों की संख्या और बढ़ेगी। चुनाव तक यही स्थिति रहने वाली है।

जनवरी तक बुकिंग फुल

अनुष्ठान की अगर बात करें तो पीतांबरा पीठ प्रबंधन का कहना है कि जनवरी तक उनके यहां शतचंडी और नवचंडी यज्ञ अनुष्ठान आदि की बुकिंग फुल है। ऐसे में अब जो साधक अनुष्ठान के लिए आवेदन दे रहे हैं उन्हें आगे की तिथि के बारे में जानकारी दी जा रही हैं। पीठ पर अनुष्ठान के लिए स्थान न मिल पाने की स्थिति में अब पुजारियों ने अपने यजमान राजनेताओं के अनुष्ठान के लिए पीठ के आसपास बने होटलों में पूजापाठ की व्यवस्था करा दी है।

साधकों ने निवास पर बना रखे हैं पूजा स्थान

दतिया में पीठ से जुड़े पुजारी और साधकों ने अपने निवास स्थानों पर भी पूजा स्थान बना रखे हैं। जहां बाहरी यजमानों के जप तप के साथ अनुष्ठान नवरात्र में कराए जाएंगे। इसके लिए भी तैयारियां जोर-शोर पर हैं। राजनीतिक लोग इन साधकों के संपर्क में हैं। इधर नवरात्र के दिनों में पीतांबरा पीठ पर बाहरी श्रद्धालुओं की भी खासी भीड़ रहेगी।

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