साल 2008 की बात है। दुनियाभर की इकोनॉमी संकट में थी। लेहमन ब्रदर्स जैसे बड़े इन्वेस्टमेंट बैंक से लेकर जनरल मोटर्स जैसी कंपनियां डूब रही थीं।
इलॉन मस्क की कंपनी टेस्ला शुरुआती दौर में थी। मंदी के कारण हालत इतनी खराब थी कि पहली कार के लिए ग्राहकों से जो बुकिंग अमाउंट लिया था उसे भी खर्च कर दिया।
अपने खर्चों को कवर करने के लिए उन्होंने निजी तौर पर रकम उधार ली थी। वे उस समय बेहद तनाव में रहने लगे थे। उनकी गर्लफ्रेंड रही तालुलाह रिले ने इस वाकये को याद करते हुए कहा-
'वह खुद से बात करने लगे थे, अपने हाथों को फैलाकर जोर-जोर से चिल्लाते थे। कई बार नींद में भी चिल्लाते थे और हाथ पटकते थे। लगता था कि उन्हें कभी भी दिल का दौरा पड़ सकता है।’
आज टेस्ला ₹84 लाख करोड़ के मार्केट कैप के साथ दुनिया की सबसे बड़ी ई-व्हीकल कंपनी है। मार्केट कैप में दूसरे नंबर पर चीन कंपनी BYD है जिसका मार्केट कैप ₹11.8 लाख करोड़ है।
टेस्ला अब भारत में भी अपना शोरूम खोल रही है। 15 जुलाई को मुंबई में ये लॉन्च होगा।