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Share Market: स्टॉक मार्केट में गिरावट का दौर जारी है, बाजार संभलकर फिर टूट रहा है. ऐसे में अगर कोई ये कहे कि सेंसेक्स 1 लाख पॉइंट को पार कर जाएगा, तो आपको लगेगा बकवास ही कर रहा है. लेकिन अनुमान तो कुछ ही इस तरह के दिख रहे हैं कि दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 1 लाख पॉइंट को पार कर जाएगा. चलिए समझते हैं पूरा गुणा-गणित…

ट्रंप के फैसलों और बाजार की गिरावट
शेयर बाजार में जब पहली बार अक्टूबर-नवंबर 2024 में गिरावट शुरू हुई थी. तब किसी को अनुमान नहीं था कि सेंसेक्स 1 लाख पॉइंट के पार जाएगा. फिर भी बाजार ने रफ्तार पकड़ी और दिसंबर की शुरुआत में ही 6% का तगड़ा रिटर्न दे दिया. देश की इकोनॉमी के मैक्रोइकोनॉमिक्स की स्टेबिलिटी और अच्छे कैश फ्लो को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने उम्मीद जताई कि दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 1,05,000 पॉइंट को टच कर जाएगा. ये अनुमान तब का है जब डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ नहीं ली थी. अमेरिका ने टैरिफ वॉर नहीं छेड़ा था और ना ही भारत की इकोनॉमी पर ट्रंप के फैसलों का प्रभाव पड़ना शुरू हुआ था.

डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही ताबड़तोड़ फैसले लेने शुरू किए. भारत को दबाव में कई तरह के टैरिफ करने पर विचार करना पड़ रहा है. अमेरिका को मोस्ट फेवर्ड नेशन स्टेटस देने पर भी विमर्श चल रहा है. इस बीच शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों (FPI) ने तेजी से निकासी की है और भारतीय शेयर बाजार ने फरवरी में 30 साल की सबसे बड़ी गिरावट का स्तर छुआ है. इन सबकी पृष्ठभूमि में क्या 1 लाख पॉइंट तक पहुंचना मुमकिन है?

चाहिए होगी 41% की बढ़त
मार्केट में गिरावट के रुख के बावजूद ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली का दावा है कि शेयर बाजार दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 1,05,000 पॉइंट को टच कर सकता है. हालांकि बाजार को अगर ऐसा करना है तो उसे अभी के स्तर से एक साल में करीब 41% की बढ़त हासिल करनी होगी. भारतीय शेयर बाजार की रिस्क झेलने की क्षमता का उसे रिवॉर्ड मिलेगा. दिसंबर 2025 तक सेंसेक्स 93,000 पॉइंट के लेवल तक तो आराम से पहुंच सकता है. ये मौजूदा लेवल से करीब 25% अप होगा. हालांकि अगर जोखिम फैक्टर एक हद से ज्यादा पहुंच जाता है, तब मॉर्गन स्टेनली के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में शेयर बाजार के दिसंबर 2025 तक 70,000 पॉइंट पर आने की आशंका भी है. ये अभी के स्तर से करीब 6% नीचे होगा.

हालांकि भारत को लेकर मार्गन स्टेनली के इंडिया रिसर्च हेड रिद्धम देसाई का कहना है कि अब मार्केट अपने बॉटम लेवल पर आ चुका है और यहां से ऊपर उठने की तैयारी करेगा. सिर्फ कोई ग्लोबल मंदी ही मार्केट को इस साल नीचे रख सकती है.

 

UFBU Strike: अगर आपका भी अगले हफ्ते बैंक से जुड़ा कोई काम है तो उसके ल‍िये अभी से प्‍लान‍िंग कर लीज‍िए. जी हां, अगले हफ्ते की आख‍िर में बैंक लगातार चार द‍िन तक बंद रहने वाले हैं. ऐसा इसल‍िए क्‍योंक‍ि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) की तरफ से बताया गया क‍ि 24-25 मार्च को उसकी दो द‍िन की राष्‍ट्रव्‍यापी हड़ताल पूर्व तय कार्यक्रम के अनुसार होगी. UFBU की तरफ से कहा गया कर्मचारी संगठन की प्रमुख मांगों पर भारतीय बैंक संघ (IBA) के साथ बातचीत में क‍िसी तरह का पॉज‍िट‍िव नतीजा नहीं निकल पाया.

5 द‍िन का वर्क‍िंग वीक करने की मांग
भारतीय बैंक संघ (IBA) के साथ मीट‍िंग में UFBU के मेंबर्स ने सभी कैडर में भर्ती और पांच द‍िन का वर्क‍िंग वीक समेत कई मुद्दे उठाए थे. नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्प्लाइज (NCBE) के महासचिव एल चंद्रशेखर ने कहा कि बैठक के बावजूद प्रमुख मामलों को लेकर क‍िसी तरह की सहमत‍ि नहीं बन पाई. UFBU नौ बैंक यूनियनों का एक संगठन है, जिसने 24 और 25 मार्च को हड़ताल बुलाई है. एक अधिकारी ने बताया कि 22 मार्च को चौथा शनिवार और 23 मार्च को रविवार होने के कारण बैंक बंद रहेंगे.

लगातार 4 दिनों तक बंद रह सकते हैं बैंक
शन‍िवार-रव‍िवार के साथ हड़ताल होने से बैंक लगातार चार दिनों तक बंद रह सकते हैं. हालांकि इस मामले को लेकर केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के साथ 18 मार्च को सुलह बैठक होनी है. UFBU ने केंद्रीय श्रम मंत्रालय के सामने 13 मांगें रखी हैं, जिनमें पर्याप्त भर्तियां और सप्ताह में पांच दिन काम करना शामिल है. उन्होंने कहा, 'पब्‍ल‍िक सेक्‍टर का बैंकिंग सिस्टम देश के वित्तीय ढांचे की रीढ़ है. लेकिन, पिछले कुछ साल में पब्‍ल‍िक सेक्‍टर के बैंकों में कर्मचारियों की संख्या काफी कम हो गई है. इससे काम का माहौल बिगड़ गया है और इनकी कार्यक्षमता और पहुंच पर असर पड़ा है.

7 दिसंबर के एमओयू पर कार्रवाई
UFBU ने कहा, IBA ने 8 मार्च, 2024 को कर्मचारियों की यूनियन और बैंक के अधिकारी संगठनों के साथ एक एग्रीमेंट पर साइन क‍िये थे. इनमें 1 नवंबर, 2022 से 31 अक्टूबर, 2027 की अवधि के लिए वेतन संशोधन और अन्य सेवा शर्तों में सुधार शामिल हैं. यूनियन ने साफ तौर पर मांग की क‍ि IBA को अंतिम समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले पांच दिन का वर्क‍िंग वीक लागू करना चाहिए. 7 दिसंबर, 2023 को भी एमओयू पर साइन क‍िये गए थे. SBI स्टाफ एसोसिएशन के पूर्व उप मुख्य सचिव ने कहा था कि UFBU और IBA दोनों की तरफ से फाइन डेज वर्क‍िंग वीक पर सहमति जताई गई थी. लेकिन इसे लागू नहीं किया गया.

मुंबई । पिछले कारोबार सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को उतार-चढ़ाव के बाद सेंसेक्स मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ। ट्रंप के ट्रेड वार की आशंका के कारण निवेशक बैचेन दिखाई दिए। सेंसेक्स 7 अंक गिरकर 74,332 के स्तर पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी में 7 अंक की तेजी रही, ये 22,552 पर बंद हुआ। साल 2025 में सेंसेक्‍स और निफ्टी पांच फीसदी से ज्‍यादा गिर चुके हैं। बाजार में आई इस जोरदार गिरावट की वजह विदेशी निवेशकों की ताबड़तोड़ बिकवाली रही है। साल 2024 के अक्टूबर से शुरू हुई विदेशी निवेशकों की बिकवाली, अभी भी नहीं थमी है। बीते 5 महीनों में अब तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से करीब 37 बिलियन डॉलर की निकासी की है।
बाजार जानकारों के अनुसार बाजार में कोहराम मचाने को आमादा विदेशी निवेशकों की राह में घरेलू संस्‍थागत निवेशक रोड़ा बने हुए हैं। इस साल अब तक एफआईआई 1.61 लाख करोड़ रुपये के शेयरों के नेट सेलर रहे हैं, जबकि डीआईआई ने 1.72 लाख करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। सिर्फ फरवरी 2025 में एफआईआईएस ने 34,574 करोड़ के शेयर बेच दिए। घरेलू संस्‍थागत निवेशक अगर बाजार में खरीदार न बने रहते तब बाजार की और भी बुरी गत होती। पिछले कारोबारी सत्र यानी शुक्रवार को भी शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली जारी रही।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का डेटा बताता हैं कि एफआईआईएस ने कैश में 2035.10 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। वहीं, दूसरी डीआईआई यानी घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2320.40 करोड़ रुपये की खरीदारी की है। 07 मार्च के कारोबारी सत्र के दौरान, एफआईआई ने 8,635 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 10,670 करोड़ रुपये के शेयर ब्रिकी किए। डीआईआई ने 10,452 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 8,132 करोड़ रुपये के शेयर की ब्रिकी की। विदेशी निवेशको के लिए अब चीन का बाजार ज्‍यादा आकर्षक हो गया है। विदेशी निवेशक इस समय ‘भारत में बेचो, चीन में खरीदो’ की नीति अपना रहे हैं।

 

नई दिल्‍ली पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) और सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवॉय), लोकप्रिय निवेश योजना हैं। इन दोनों योजनाओं में शानदार ब्‍याज मिलता ही है, साथ ही टैक्‍स छूट भी मिलती है। वर्तमान में पीपीएफ पर 7.1 फीसदी ब्‍याज दिया जा रहा है। सुकन्‍या समृद्धि योजना का खाता केवल 10 साल से कम उम्र की लड़की के नाम पर माता-पिता या कानूनी अभिभावक द्वारा खोला जा सकता है। इन दोनों ही योजनाओं में वित्‍त वर्ष में न्‍यूनतम राशि जमा करानी जरूरी होती है। इसकारण अगर आप भी इन दोनों योजनाओं में 31 मार्च तक न्‍यूनतम निवेश नहीं करते हैं तब आपके खाते निष्किय (बंद) हो सकते हैं और इन्हें दोबारा शुरू करने के लिए जुर्माना देना पड़ सकता है।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड पीपीएफ अकाउंट रखने वालों के लिए मिनिमम डिपॉजिट 500 रुपए है, यानी आपको इसमें एक वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपए का निवेश करना होता है। ऐसा न करने पर आपका खाता बंद हो सकता है। अगर आप यह पैसा नहीं जमा करते हैं, तब आपको 50 रुपए जुर्माना देना पड़ेगा। इसलिए खाता चालू रखने और पेनल्टी से बचना चाहते हैं, तब 31 मार्च 2025 से पहले न्यूनतम आवश्यक राशि जरूर जमा करें।
सुकन्‍या समृद्धि योजना में भी न्यूनतम जमा राशि 250 रुपये प्रति वित्त वर्ष है। वर्तमान में योजना में 8.2 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है। वित्‍त वर्ष में राशि जमा न करने पर खाता बंद हो सकता है। एसएसवाई खाता 21 वर्षों के लिए वैध रहता है या जब लड़की की शादी 18 साल की उम्र के बाद हो जाती है, तब इस बंद किया जा सकता है। हालांकि, बेटी के 18 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए आंशिक निकासी की अनुमति मिलती है।

 

नई दिल्ली। नेस्ले इंडिया के एक अधिकारी पर गंभीर आरोप लगे हैं। उन पर आरोप है कि वह इनसाइडर ट्रेडिंग से जुड़े हैं। इस मामले में सेबी ने नेस्ले इंडिया को चेतावनी भरा पत्र भेजा है। अभी तक कंपनी ने उस अधिकारी का नाम नहीं बताया है जिस पर आरोप है।
नेस्ले इंडिया ने बताया कि कंपनी के अनुपालन अधिकारी को सेबी का चेतावनी पत्र मिला है। यह पत्र कंपनी के एक नामित व्यक्ति द्वारा सेबी रेगुलेशंस, 2015 के उल्लंघन के लिए है। साधारण भाषा में कहे तो कंपनी के किसी आदमी ने शेयर बाजार के नियम तोड़े हैं। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि इससे कंपनी के काम पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि इस जानकारी का कंपनी की वित्तीय और परिचालन क्षमताओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। यह जानकारी सेबी लिस्टिंग विनियमों के विनियमन 30 के मुताबिक प्रदान की गई है।
इनसाइडर ट्रेडिंग शेयर बाजार के लिए एक बड़ी समस्या है। इसमें कंपनी के अंदर के लोग जैसे कर्मचारी, डायरेक्टर, बड़े अधिकारी और प्रमोटर, शेयर और बॉन्ड जैसी चीजों की खरीद-बिक्री गैर-कानूनी तरीके से करते हैं। छोटे निवेशकों को बचाने और शेयर बाजार को साफ-सुथरा रखने के लिए सेबी ने नियम बनाए हैं। इन नियमों के तहत कंपनियां खुद अपने शेयर सेकेंडरी मार्केट से नहीं खरीद सकतीं। कोई कंपनी अपने ही शेयर खरीदने लगे तो शेयर का दाम बढ़ जाएगा। यह आम निवेशकों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए सेबी ने यह नियम बनाया है।

नईदिल्ली । अल्ट्रावॉयलेट कंपनी ने टेसेरैक्ट इलेक्ट्रिक स्कूटर के साथ शॉकवेव इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल भी लॉन्च की है। मोटरसाइकिल की तरह, स्कूटर के लिए भी 999 रुपये में प्री-बुकिंग शुरू हो गई है और इसकी डिलीवरी 2026 की शुरुआत में शुरू होगी। शॉकवेव की कीमत पहले 1,000 ग्राहकों के लिए 1.50 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) है। उसके बाद, कीमत बढ़कर 1.75 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) हो जाएगी। शॉकवेव अल्ट्रावॉयलेट के लाइट मोटरसाइकिल प्लेटफॉर्म में प्रवेश का प्रतीक है। कंपनी दो और इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल बेचती है - एफ77 सुपरस्ट्रीट और एफ77 मैक 2। शॉकवेव की 14.5बीएचपी मोटर 3.5केडब्ल्यूएच बैटरी से जुड़ी है।
इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल के पिछले पहिये पर 505 एनएम का टॉर्क होने का दावा किया गया है। इसका वजन 120 किलोग्राम है। दावा किया जाता है कि शॉकवेव एक बार फुल चार्ज होने पर 165 किलोमीटर (आईडीसी) की रेंज देता है। यह महज 2.9 सेकंड में 0 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकता है, जबकि इसकी अधिकतम गति 120 किलोमीटर प्रति घंटे बताई जाती है।
शॉकवेव में डुअल एलईडी हेडलैंप, चार ट्रैक्शन कंट्रोल मोड, स्विचेबल डुअल-चैनल एबीएस और रीजन के छह लेवल जैसे फीचर्स हैं। आगे (19-इंच) और पीछे (17-इंच) स्पोक व्हील हैं। इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल दो रंगों में उपलब्ध है - कॉस्मिक ब्लैक और फ्रॉस्ट व्हाइट। अल्ट्रावॉयलेट के अनुसार, शॉकवेव की बैटरी सुपरनोवा के साथ 30 मिनट से भी कम समय में और बूस्ट चार्जर के साथ 50 मिनट में 20-80 प्रतिशत तक चार्ज हो सकती है।

 

रायपुर :उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव के मुख्य आतिथ्य में आज कुम्हारी नगर पालिका के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एवं पार्षदों का शपथ ग्रहण संपन्न हुआ। विधायक श्री डोमनलाल कोर्सेवाड़ा भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। कुम्हारी के बाजार चौक स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में आयोजित समारोह में एसडीएम श्री महेश राजपूत ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्रीमती मीना वर्मा और पार्षदों को शपथ दिलाई।

उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने नवनिर्वाचित नगर पालिका अध्यक्ष और पार्षदों को बधाई और अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने उम्मीद जताई कि नगर पालिका की यह नई टीम कुम्हारीवासियों के लिए नवीन सुविधाएं विकसित करने के साथ ही शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए सक्रियता से काम करेगी। राज्य शासन द्वारा इसमें हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।

नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती मीना वर्मा के शपथ के बाद 6-6 के समूह में कुल 24 पार्षदों ने शपथ ग्रहण किया। नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्रीमती मीना वर्मा ने सभी अतिथियों और नगरवासियों के प्रति आभार व्यक्त किया। नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने शहर के विकास और समृद्धि के लिए मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया। पूर्व संसदीय सचिव श्री सियाराम साहू सहित गणमान्य नागरिक और शहरवासी बड़ी संख्या में शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे।

कनाडा और चीन के बाद अब मेक्सिको भी अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाने जा रहा है। अमेरिका की तरफ से टैरिफ लगाए जाने के बीच मेक्सिको ने भी जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है। मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लॉडिया शीनबाम ने कहा कि वह मेक्सिको सिटी के सेंट्रल प्लाजा में रविवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन उत्पादों की घोषणा करेंगी, जिन्हें मेक्सिको टार्गेट करेगा। शीनबाम ने यह घोषणा अमेरिका की तरफ से टैरिफ लगाए जाने के बाद की है। अमेरिका ने मेक्सिको से आयातित उत्पादों पर 25 फीसदी शुल्क लगा दिया है। शिनबाम ने कहा, ‘‘ऐसा कोई कारण नहीं है, जो इस (अमेरिका) फैसले का समर्थन करता हो। यह हमारे लोगों और हमारे देशों को प्रभावित करेगा।’’ शीनबाम की इस घोषणा से ऐसा संकेत मिलता है कि मेक्सिको अब भी उम्मीद कर रहा है कि शायद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किए गए ट्रेड वॉर को कुछ ‘कम’ किया जा सकता है।

पेय पदार्थ बनाने वाली प्रमुख कंपनियों कोका-कोला और पेप्सिको के बीच क्रिएटिविटी के साथ एड वॉर फिर शुरू हो गया है। इस बार कोका-कोला के ‘हाफ टाइम’ ए़डवर्टाइजमेंट के जवाब में पेप्सिको ने ‘एनी टाइम’ का अभियान शुरू किया है। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए कोका-कोला के ‘हाफ टाइम’ कैंपेन का जवाब देते हुए पेप्सिको ने कस्टमर्स का ध्यान खींचने की कोशिश की है। इसके तहत कोका- कोला के एड के जवाब में कंपनी ने ‘एनी टाइम’ कैंपेन की शुरुआत करते हुए अखबार में एक पूरे पेज का विज्ञापन जारी किया है। एक महीने पहले टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शुरू किए गए अपने 'हाफ टाइम' कैंपेन में, कोका-कोला ने ब्रेक के समय कॉल्ड ड्रिंक के साथ रिफ्रेश होने का संदेश दिया था।

पेप्सिको ने ‘एनी टाइम’ से की समर कैंपेन की शुरुआत
हालांकि, पेप्सिको ने ‘एनी टाइम’ टैग लाइन के साथ समर कैंपेन की शुरुआत की है। इसके जरिये मैसेज दिया गया है कि किसी विशेष क्षण का इंतजार क्यों करें जब हाथ में पेप्सी के साथ हर पल बेहतर होता है। पेप्सी ने अपने नए एड में ड्रिंक का आनंद लेने के लिए जीवन के सर्वोत्तम क्षणों को लिस्ट किया है... पहली बार, प्यास का समय, दिन का समय, खेलने का समय, क्लास का समय, पास का समय, संकट का समय, लंच का समय, ठंड का समय, एक और समय, डिनर का समय, विजेता का समय, हमारा समय, मेरा समय। इस एड ने विज्ञापनों के रचानात्मक दौर के पुराने दिनों को वापस ला दिया है।

लोगों को याद आ गया 1996 का एड वॉर
इस एड वॉर को लेकर लोग सोशल मीडिया पर बात कर रहे हैं। लोगों ने 1996 के एड वॉर को याद किया, जब पेप्सी ने ‘नथिंग ऑफिशियल अबाउट इट’ टैगलाइन से अपना एड कैंपेन शुरू किया था। पेप्सिको ने 1996 क्रिकेट वर्ल्ड कप में कोका-कोला के हाथों ऑफिशियल ड्रिंक को लेकर स्पॉन्सरशिप राइट खो दिए थे। प्रतियोगिता की मेजबानी भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका ने संयुक्त रूप से की थी। इसके बाद, पेप्सिको ‘नथिंग ऑफिशियल अबाउट इट’ कैंपेन लेकर आई। इस एड में क्रिकेट प्लेयर सचिन तेंदुलकर, विनोद कांबली और मोहम्मद अजहरुद्दीन जुड़े थे। पेप्सिको ने एक बयान में कहा, ‘‘जिन लोगों को याद है, उनके लिए ‘नथिंग ऑफिशियल अबाउट इट’ सिर्फ एक कैंपेन नहीं था - यह एक कल्चरल मोमेंट था। ब्रांड दर्शकों के बीच जुनून में बदल गया। यह साबित करता है कि कभी-कभी बहुत अधिक प्रयास न करना ही जीत का कदम होता है। और अब, दशकों बाद पेप्सी उसी सहज आत्मविश्वास के साथ कदम बढ़ा रही है।’’

सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की एक इकाई पर बैटरी सेल संयंत्र स्थापित करने की समयसीमा को पूरा करने में विफल रहने के लिए जुर्माना लगाया है। इसके लिए उसे उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन Production Linked Incentive (PLI) दिए गए थे। कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। रिलायंस ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसकी अनुषंगी कंपनी रिलायंस न्यू एनर्जी बैटरी स्टोरेज लिमिटेड को तीन मार्च को भारी उद्योग मंत्रालय से एक पत्र मिला, जिसमें एक जनवरी, 2025 से प्रत्येक दिन की देरी के लिए प्रदर्शन सुरक्षा (50 करोड़ रुपये) की 0.1 प्रतिशत की दर से क्षतिपूर्ति वसूलने का निर्देश दिया गया है। इसमें कहा गया है कि यह जुर्माना “उन्नत रसायन सेल के लिए प्रदर्शन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत प्रदान की गई पांच गीगावाट घंटा विनिर्माण क्षमता के संबंध में मंत्रालय के साथ निष्पादित कार्यक्रम समझौते के तहत माइलस्टोन-1 को हासिल करने में देरी के लिए लगाया गया है।“

समय बढ़ाने का अनुरोध किया
तीन मार्च, 2025 तक की गणना के अनुसार यह क्षतिपूर्ति या जुर्माना 3.1 करोड़ रुपये था। आरएनईबीएसएल ने उक्त माइलस्टोन-1 की के लिए समय बढ़ाने का अनुरोध किया है। हालांकि, फर्म ने न तो देरी के कारणों का और न ही लक्ष्य को पूरा करने की नई समयसीमा का खुलासा किया। आरएनईबीएसएल ने 2022 में लगभग 40 करोड़ डॉलर के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) के साथ 10 गीगावाट-घंटा बैटरी क्षमता बनाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह अनुबंध भारत में विकसित एक नवीन ऊर्जा आपूर्ति शृंखला के लिए घरेलू विनिर्माण प्राप्त करने की सरकारी पहल का हिस्सा था।

30 गीगावाट घंटा क्षमता का निर्माण करना था
आरएनईबीएसएल के अलावा, राजेश एक्सपोर्ट्स और ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड की इकाई ने भी बैटरी सेल संयंत्र बनाने के लिए बोलियां जीती थीं। विनिर्माता इस परियोजना के लिए लक्ष्य पूरा करने पर 181 करोड़ रुपये के उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन के लिए पात्र थे, जिसका उद्देश्य उन्नत रसायन सेल बैटरी भंडारण की संचयी 30 गीगावाट घंटा क्षमता का निर्माण करना था।

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