ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
+91 98278-13148
newscreation2017@gmail.com
Shop No f188 first floor akash ganga press complex
Bhilai
आरबीआई : मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक बुधवार को मुंबई में शुरू हुई। इसमें लिए गए फैसलों की जानकारी शुक्रवार को मिलेगी। माना जा रहा है कि ब्याज दरों में पांच साल में पहली बार कटौती हो सकती है। आखिरी बार मई 2020 में ब्याज दरों में कमी की गई थी। तब RBI ने रेपो रेट को 4% कर दिया था। कोविड लॉकडाउन के दौरान इकॉनमी को सहारा देने के लिए यह कदम उठाया गया था। यूक्रेन युद्ध, सप्लाई चेन में रुकावट और वैश्विक कीमतों में बढ़ोतरी के कारण महंगाई बढ़ी। इसके बाद RBI ने ब्याज दरों में सात बार बढ़ोतरी की और इसे 6.5% तक पहुंचा दिया। फरवरी 2023 से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
अधिकांश अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 25 बेसिस पॉइंट (bps) की कटौती हो सकती है। लेकिन कुछ इकनॉमिस्ट्स का कहना है कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ को लेकर ऐसे ही धमकियां देते रहे तो रेपो रेट में कटौती जल्दबाजी होगी। इससे वित्तीय बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है। कम ब्याज दरों से रुपये पर भी दबाव पड़ सकता है। विदेशी निवेशकों के लिए अमेरिकी डेट ज्यादा आकर्षक हो सकता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
बैंक ऑफ बड़ौदा कहा कि अनिश्चितता ग्रोथ में जोखिम है। यह RBI को दरों में कटौती शुरू करने के लिए प्रेरित कर सकता है। दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के लिए, दरों में कटौती पहले शुरू हो गई थी, जिससे उन्हें 'वेट एंड वॉच' अप्रोच के लिए समय मिल गया। उन्होंने कहा कि मैक्रो और जियो-पॉलिटिकल कारकों को संतुलित करते रेपो रेट में 25 बीपीएस की कटौती की गुंजाइश है।
इस नीतिगत बैठक में RBI के दो नए सदस्य गवर्नर संजय मल्होत्रा और डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव शामिल हैं। मल्होत्रा ने हाल ही में 1.5 लाख करोड़ रुपये की नकदी डालने के उपायों की घोषणा की। इसे दरों में बदलाव का रास्ता साफ करने वाला कदम माना जा रहा है। दरों में कटौती के बावजूद नकदी की कमी से उधार लेने की लागत अधिक रह सकती है। सरकार ने ब्याज दरों में कटौती का समर्थन किया है। रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है। इसमें कमी होने से बैंकों को सस्ता कर्ज मिलता है। इसका असर आम लोगों के लोन पर भी पड़ता है। लोन की EMI कम हो सकती है।
शेयर बाजार: केंद्रीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति के दिन शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजारों में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की है। इसके बाद बाजार में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला। बाद में बेंचमार्क इंडेक्स निचले स्तरों से संभलता नजर आया। लेकिन क्लोजिंग गिरावट के साथ हुई। निफ्टी 43 अंक नीचे 22,559 पर बंद हुआ। सेंसेक्स 197 अंक नीचे 77,860 और निफ्टी बैंक 223 अंक नीचे 50,158 पर बंद हुआ। निफ्टी मिडकैप 100 150 अंकों की बढ़त के साथ 53,651 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी स्मॉलकैप 100 44 अंकों की गिरावट के साथ 17014 के स्तर पर बंद हुआ।
निफ्टी पर ONGC -3%, ITC -2.5%, SBI -2% और ADANI PORTS -2% की गिरावट के साथ बंद हुए। निफ्टी पर टाटा स्टील +4%, भारती एयरटेल +3.5%, ट्रेंट +3% और हिंडाल्को +2% की बढ़त के साथ बंद हुए। बीएसई पर गॉडफ्रे फिलिप्स +20%, जेडएफ कमर्शियल +9%, चंबल फर्टिलाइजर्स +7% और वेलपसन कॉर्प +7% की बढ़त के साथ बंद हुए। वहीं, जुब्लैंट फार्मा -5%, लेमन ट्री -5%, बीईएमएल -4% और केपीआर मिल्स -3.5% की गिरावट के साथ बंद हुए।
सुबह सेंसेक्स 61 अंक बढ़कर 78,119 पर खुला। निफ्टी 46 अंक बढ़कर 23,649 और बैंक निफ्टी 102 अंक बढ़कर 50,484 पर खुला। सेंसेक्स कुछ देर के लिए 200 अंक ऊपर चला गया था, लेकिन फिर बाद में इसमें करीब 100 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। करेंसी मार्केट में रुपया 11 पैसे मजबूत होकर 87.45 डॉलर पर खुला।
निफ्टी पर भारती एयरटेल, ब्रिटानिया, टाटा स्टील, अल्ट्राटेक सीमेंट, जेएसडब्ल्यू स्टील सबसे ज्यादा लाभ में रहे। पावर ग्रिड, एसबीआई, ओएनजीसी, आईटीसी, टीसीएस में गिरावट रही।
आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा आज सुबह 10 बजे ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर सकते हैं। जी बिजनेस के पोल में 80 फीसदी एक्सपर्ट्स ने चौथाई फीसदी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद जताई है। कल वीकली एक्सपायरी पर एफआईआई ने कैश, इंडेक्स और स्टॉक फ्यूचर समेत 11200 करोड़ रुपये की भारी बिकवाली की, जबकि घरेलू फंड्स ने 2700 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
अक्षय ऊर्जा क्षेत्र की अग्रणी कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग ने बड़ा अपडेट दिया है। शेयर बाजार को दी गई जानकारी में सोलर कंपनी ने बताया कि उसे गुजरात के प्रतिष्ठित खावड़ा आरई पावर पार्क में 245 मेगावाट की सोलर पीवी परियोजना के विकास के लिए एक प्रसिद्ध सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम से अनुबंध मिला है। इस परियोजना की लागत 967.98 करोड़ रुपये है। बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच शेयर (जेनसोल इंजीनियरिंग शेयर) 5.3 फीसदी की बढ़त के साथ 751.45 रुपये पर पहुंच गया।
इस महीने की शुरुआत में भी मिला था बड़ा ऑर्डर
एक्सचेंज फाइलिंग में सोलर कंपनी ने कहा कि यह कम समय में खावड़ा सोलर पार्क में जेनसोल की दूसरी बड़ी परियोजना जीत है, जो कंपनी की मजबूत बाजार उपस्थिति और कार्यान्वयन क्षमताओं को रेखांकित करती है। इस महीने की शुरुआत में कंपनी ने 275 मेगावाट के सोलर एनर्जी प्लांट के लिए 1062.97 करोड़ रुपये का ईपीसी अनुबंध हासिल किया था। इन दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं के साथ, जेनसोल अब खावड़ा सोलर पार्क में 520 मेगावाट की सौर पीवी क्षमता विकसित करेगा, जो दुनिया का सबसे बड़ा हाइब्रिड अक्षय ऊर्जा पार्क बनने वाला है।
जेनसोल इंजीनियरिंग के एमडी और चेयरमैन अनमोल सिंह जग्गी ने कहा, "खावड़ा सोलर पार्क में ये लगातार ऑर्डर उच्च गुणवत्ता वाले, टिकाऊ ऊर्जा समाधान देने के लिए जेनसोल की प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं। भारत ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में एक उल्लेखनीय यात्रा पर है और अक्षय ऊर्जा इस परिवर्तन में सबसे आगे है। जेनसोल को इस राष्ट्रीय प्रयास में एक प्रमुख योगदानकर्ता होने पर गर्व है।"
जेनसोल इंजीनियरिंग
सोलर कंपनी के शेयर का 52-सप्ताह का उच्चतम स्तर 1,377.10 रुपये और न्यूनतम स्तर 634.45 रुपये रहा है। बाजार में गिरावट का असर शेयर पर देखा गया है। पिछले 3 महीनों में इसमें 11%, 6 महीनों में 21% और पिछले एक साल में 35% से अधिक की गिरावट आई है। हालाँकि, पिछले 2 वर्षों में इस शेयर ने 122% से अधिक का रिटर्न दिया है।
हाल ही में बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स जीरो कर मध्यम वर्ग को बड़ा तोहफा दिया है। इसके तहत अगर आपकी टैक्सेबल इनकम 16.5 लाख रुपये तक है तो आपकी टैक्स देनदारी जीरो हो जाएगी। हालांकि, अगर आप हर निवेश और रीइम्बर्समेंट का अधिकतम सीमा तक इस्तेमाल करते हैं तो संभव है कि आपको 16.5 लाख रुपये तक की सैलरी पर टैक्स छूट मिल सकती है। आइए समझते हैं यह कैसे काम करता है।
साल की शुरुआत में अक्सर सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव का विकल्प होता है। आप खुद तय कर सकते हैं कि आपको रीइम्बर्समेंट में कितना पैसा चाहिए और टैक्सेबल सैलरी के तौर पर कितना पैसा। रीइम्बर्समेंट में कन्वेयंस, एलटीए, फूड-कूपन या एंटरटेनमेंट, इंटरनेट या फोन बिल और पेट्रोल जैसे विकल्प शामिल हैं। टैक्स बचाने में एचआरए अहम भूमिका निभाता है। आइए जानते हैं कि इन सबकी मदद से आप कैसे अपना टैक्स बचा सकते हैं।
देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने टाटा ग्रुप ने एटीएम बिजनस से पूरी तरह किनारा कर लिया है। ग्रुप ने अपना यह बिजनस एक विदेशी कंपनी को बेच दिया है। RBI ने टाटा कम्युनिकेशंस ने टाटा कम्युनिकेशंस पेमेंट सॉल्यूशंस (TCPSL) में 100% हिस्सेदारी ऑस्ट्रेलियाई फिनटेक कंपनी Findi की भारत में सहायक कंपनी ट्रांजेक्शन सॉल्यूशंस इंटरनेशनल (TSI) को बेचने की अनुमति दे दी है। नवंबर 2024 में घोषित इस सौदे का मूल्य 330 करोड़ रुपये है। इसमें इंटरचेंज रेट एडजस्टमेंट के आधार पर अतिरिक्त 75 करोड़ रुपये शामिल हैं।
इस अधिग्रहण से भारत के वित्तीय सेवा क्षेत्र में मौजूदगी बढ़ेगी। कंपनी का कहना है कि वह देश में उन लोगों को सर्विस देना चाहती है जो बैंकिंग सर्विसेज से दूर हैं। कंपनी अभी एटीएम ऑपरेशन और डिजिटल पेमेंट में है। उसकी योजना पूर्ण भुगतान बैंक में बदलने की है। टाटा के एटीएम बिजनस का अधिग्रहण उसकी इसी नीति के अनुरूप है। TSI भारत में 7,500 से अधिक 'ब्राउन लेबल' एटीएम ऑपरेट करती है। कंपनी की 12 बैंकों के साथ पार्टनरशिप है जिनमें SBI, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, PNB और HDFC शामिल हैं।
क्या होगा फायदा
साथ ही कंपनी 10,000 से अधिक 'व्हाइट लेबल' एटीएम के लिए बैक-एंड ऑपरेशन को मैनेज करती है। इतना ही नहीं कंपनी FindiPay ब्रांड के तहत 50,000 से अधिक मर्चेंट्स के जरिए डिजिटल भुगतान की सुविधा भी देती है। इस अधिग्रहण के साथ Findi 4,600 से अधिक एटीएम ऑपरेट करने वाले इंडिकैश एटीएम को इंटिग्रेट करेगा और लगभग 3,000 अतिरिक्त एटीएम तक एक्सेस हासिल करेगा। इससे कंपनी का कुल नेटवर्क विभिन्न श्रेणियों में 12,000 एटीएम से आगे निकल जाएगा और वह एशिया के सबसे बड़े एटीएम ऑपरेटरों में से एक बन जाएगा।
यह 2025 में Findi का दूसरा बड़ा अधिग्रहण है। इससे पहले जनवरी में TSI ने 129,000 से ज्यादा मर्चेंट टचपॉइंट्स के साथ डिजिटल भुगतान प्रदाता BankIT का अधिग्रहण किया था। इससे उसका कुल मर्चेंट बेस 180,000 से अधिक हो गया। साल 2008 में स्थापित TCPSL ने ATM पैठ बढ़ाने के RBI की नीतियों के मुताबिक 2013 में भारत का पहला व्हाइट-लेबल ATM नेटवर्क इंडिकैश लॉन्च किया था। TCPSL भारत में सबसे बड़े व्हाइट-लेबल ATM ऑपरेटरों में से एक है।
कंपनी की निवेश योजना: भविष्य की वृद्धि को लेकर कंपनी की रणनीति
इस अधिग्रहण से Findi को व्हाइट-लेबल ATM प्लेटफॉर्म, WLA लाइसेंस, पेमेंट स्विच और एक्सटेंडेड 3,000-ATM नेटवर्क तक पहुंच मिलेगी। टीएसआई ने इन एटीएम को अपने 180,000 फाइंडीपे और बैंकआईटी मर्चेंट आउटलेट्स पर स्थापित करने की योजना बनाई है। साथ ही कंपनी की योजना इन्हें मौजूदा इंडिकैश फ्रेंचाइजी में इंटिग्रेट करके अपनी वित्तीय पहुंच को और मजबूत करने की है।
महानगरपालिका (BMC): जिसे मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (Municipal Corporation of Greater Mumbai - MCGM) भी कहा जाता है, मुंबई शहर की स्थानीय सरकार है. यह भारत का सबसे अमीर नगर निगम है और मुंबई के प्रशासन व विकास की ज़िम्मेदारी संभालता है|
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने 4 फरवरी 2025 को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹74,366 करोड़ का बजट प्रस्तुत किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 14.19% अधिक है|
old Rate Today 4 February 2025: पिछले हफ्ते 24 कैरेट सोने की कीमत में -3.04 फीसदी गिरावट दर्ज किया गया है, जबकि पिछले महीने यह बदलाव -6.84 फीसदी रहा है. 4 फरवरी 2025 को देश में 24 Carat Gold की कीमत 8421.3 रुपए प्रति ग्राम और 22 Carat Gold की कीमत 7721.3 रुपए प्रति ग्राम है. MCX पर 4 अप्रैल 2025 की डिलीवरी वाला गोल्ड 0.18 फीसदी नीचे 83,134 रुपए प्रति 10 ग्राम और 5 मार्च की डिलीवरी वाली चांदी की कीमत 0.05 फीसदी गिरकर 94,210 रुपए प्रति किलो हो गई है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने गद्दी संभालने के कुछ हफ्तों के भीतर ही एक्शन लेना शुरू कर दिया है. ट्रंप ने पिछले हफ्ते एक के बाद एक टैरिफ आदेशों पर हस्ताक्षर किए. अपने वादे के मुताबिक, ट्रंप ने मेक्सिको (Mexico) और कनाडा (Canada) से आयात पर 25 फीसदी, जबकि चीन से आयात पर 10 फीसदी टैरिफ लगाया है. इस बीच कनाडा से एनर्जी रिसोर्सेज के आयात पर 10 फीसदी कम टैरिफ लगेगा. ट्रंप के इस कदम से ट्रेड वॉर की संभावनाएं बढ़ गई हैं क्योंकि इस अमेरिकी फैसले पर जवाबी कार्रवाई करते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने उसी दिन 155 बिलियन डॉलर के अमेरिकी सामानों पर 25% का टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है|
मार्केट में दिखा असर
डॉनाल्ड ट्रंप की अचानक टैरिफ घोषणाओं के चलते अमेरिकी बाजारों में शुक्रवार को गिरावट आई. इस दौरान एसएंडपी 500 में 0.50 फीसदी, डाउ जोन्स (Dow Jones) इंडस्ट्रियल एवरेज में 0.75% और नैस्डैक (Nasdaq) कंपोजिट में 0.28 फीसदी की गिरावट आई. हालांकि, जनवरी में तीनों इंडेक्स बढ़त के साथ बंद हुए थे. इसके बावजूद सोमवार की सुबह शेयर फ्यूचर्स में गिरावट आई. हालांकि, पैन-यूरोपियन स्टॉक्स 600 इंडेक्स में 0.13% की बढ़ोतरी हुई. इसने जनवरी में 6% की बढ़त दर्ज की थी, जो एसएंडपी 500 की 3% की बढ़ोतरी से ज्यादा थी|
स्थिर थी महंगाई
वॉल स्ट्रीट ने 2024 को उच्च स्तर पर समाप्त किया, लेकिन अमेरिका में महंगाई की स्थिति भी कुछ ऐसी ही बनी रही. यूएस कॉमर्स डिपार्टमेंट के अनुसार, दिसंबर में पर्सनल कंजम्पशन एक्सपेंडिचर प्राइस इंडेक्स में एनुअल बेसिस पर 2.6% की बढ़ोतरी हुई. यह नवंबर से 0.2 परसेंटेज पॉइंट ऊपर है और डॉव जोन्स के अनुमान के अनुसार है. कोर पीसीई पिछले महीने से 2.8% पर स्थिर रहा, जो उम्मीदों के अनुसार है. इसमें फूड और एनर्जी की कीमतें शामिल नहीं हैं|
नई दिल्ली । निजी क्षेत्र के फेडरल बैंक का मुनाफा चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में पांच प्रतिशत घटकर 955 करोड़ रुपये रह गया। एक साल पहले इसी तिमाही में बैंक ने 1,007 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया था। शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक समीक्षाधीन तिमाही के दौरान बैंक की कुल आय बढ़कर 7,725 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 5,593 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2024-25 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में ब्याज आय भी बढ़कर 6,809 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 5,730 करोड़ रुपये थी। परिसंपत्ति गुणवत्ता के मोर्चे पर, बैंक का सकल एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) सालाना आधार पर 2.29 प्रतिशत से सुधरकर 1.95 प्रतिशत हो गया। इसी तरह शुद्ध एनपीए 0.64 प्रतिशत से घटकर 0.49 प्रतिशत हो गया।
नई दिल्ली । इंडोनेशिया चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केएडीआईएन) के प्रमुख अनिंद्य बाकरी ने दूसरे देशों के साथ भारत और इंडोनेशिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार की संभावनाओं के बारे में व्यापक चर्चा की। बाकरी ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार का हो सकता है बड़ा बढ़ता हुआ संबंध जिससे भारत और इंडोनेशिया के बीच व्यापार करीब 30 अरब अमेरिकी डॉलर का हो सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देश एक साथ मिलकर वृद्धि करेंगे और प्रभावी तरीके से विश्व की सेवा करेंगे। इस व्यापार के बड़े मौके को देखते हुए भारत और इंडोनेशिया के बीच सांस्कृतिक संबंध, व्यापार व निवेश संबंधों को गहरा करने में केंद्रित कंपनी बाकरी एंड ब्रदर्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे पहले भारत और इंडोनेशिया के इस वर्ष व्यापार व निवेश पर कार्य समूह की दूसरी बैठक होगी, जिसमें दोनों देशों के व्यापार मंत्रियों के समाधान के लिए उम्मीद है। इसके साथ ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वक्ताओं ने ब्रिक्स देशों के साथ बातचीत की महत्वता को भी उजागर किया।
भारत सरकार ने 34,300 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ नेशनल क्रिटिकल मिशन' को मंजूरी दी है, जिसका मसकद देश में महत्वपूर्ण मिनरलों की खोज, खनन और प्रसंस्करण की कीमतों की रेंज तैयार करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने इस मिशन के शुभारंभ को मंजूरी दी, जो आत्मनिर्भर भारत पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
इस मिशन का खास मकसद क्लीन एनर्जी, हाई एडवांस इंडस्ट्रिज और डिफेंस में इस्तेमाल आने वाली जरूरी मिनरलों की मौजूदगी को सुनिश्चित करना है. इसमें देश के भीतर और अपतटीय क्षेत्रों में मिनरलों की खोज, खनन, लाभकारी, और प्रोसेसिंग शामिल है.
किसानों की होगी बल्ले-बल्ले
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अश्विवी वैष्णव ने कहा, "विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से आने वाली पीढ़ी, अर्थव्यवस्था और युवाओं के लिए नए अवसर पैदा करने के लिए कई फैसले लिए गए हैं, इसी श्रृंखला में आज प्रधानमंत्री ने नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन को मंजूरी दी है. उन्होंने आगे कहा कि गन्ने के खेत में से तीन चीजें निकलती हैं- सी हैवी मोलेसेस, बी हैवी मोलेसेस और गन्ने का रस। इन तीनों की खरीद कीमतों को आज कैबिनेट द्वारा मंजूरी दे दी गई. इसका जितना उपयोग इथेनॉल बनाने में होगा, उतना ही ये देश के लिए, किसानों के लिए, पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, इसलिए इसे प्रमुखता से बढ़ावा दिया जाता है. मंत्रिमंडल ने ‘सी’ श्रेणी के शीरा से बने एथनॉल की कीमत को 56.28 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 57.97 रुपये प्रति लीटर करने को मंजूरी दी.
प्रतिकूल मौसम एवं बीमारी के चलते गन्ने के उत्पादन में गिरावट के साथ-साथ चीनी की रिकवरी दर में भी कमी देखी जा रही है। इससे चीनी उद्योग की चिंता बढ़ गई है। किसानों का नुकसान तय है। उपभोक्ताओं की जेब पर भी असर पड़ सकता है। रिकवरी का आशय गन्ने से चीनी निकलने की दर से है, जो फसल की गुणवत्ता, मौसम की स्थितियों एवं चीनी मिलों के शुरू होने के समय पर निर्भर करता है।
भारत में रिकवरी दर को दस प्रतिशत से ऊपर रहने पर बेहतर माना जाता है, किंतु इस बार कोई राज्य इसके आसपास भी नहीं पहुंचा है। राष्ट्रीय स्तर पर रिकवरी दर 8.81 प्रतिशत है। पिछले वर्ष इसी दौरान यह आंकड़ा 9.37 प्रतिशत था। साफ है इस बार अभी तक गन्ने से 0.56 प्रतिशत कम चीनी की प्राप्ति हो रही है।
इसे सामान्य भाषा में ऐसे समझा जा सकता है कि पिछले साल चीनी मिलों तक पहुंचने वाले गन्ने से प्रति क्विंटल 9.37 किलोग्राम चीनी निकलती थी। इस बार उतने ही गन्ने से मात्र 8.81 किलो चीनी निकल रही है। जबकि पिछले वर्ष की तुलना में गन्ने की कीमतें बढ़ी हैं। उत्तर प्रदेश में प्रति क्विंटल 20 रुपये की वृद्धि हो चुकी है।
परिवहन लागत और मजदूरी के साथ अन्य खर्चे भी बढ़े हैं, किंतु गन्ने से चीनी निकलने की मात्रा घट गई है। यह बड़ा संकट है। इसकी सीधी मार किसानों पर पड़ रही है। चीनी मिल संचालक किसानों के गन्ने को कमतर श्रेणी का बताकर मूल्य घटा रहे हैं। किसान लाचार हैं, क्योंकि 11 प्रतिशत तक रिकवरी वाली गन्ने की उन्नत प्रजाति 0238 तेजी से बीमारी की चपेट में आ रही है। इसका कोई विकल्प भी नहीं है।
अहमदाबाद । गुजरात के पाटन जिले से जीएसटी से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अहमदाबाद में मिस्त्री का काम करने वाले सुनील सथवारा को बेंगलुरु जीएसटी विभाग से 1.96 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस मिला। महज 16-17 हजार रुपये की मासिक आय से परिवार चलाने वाले सुनील के लिए यह नोटिस किसी बड़े सदमे से कम नहीं था। जांच में यह खुलासा हुआ कि सुनील के नाम पर 11 कंपनियां संचालित हो रही हैं, जो देश के अलग-अलग राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और अंडमान निकोबार में पंजीकृत हैं। यह भी पाया गया कि इन कंपनियों के पंजीकरण के लिए सुनील के नकली आधार और पैन कार्ड का उपयोग किया गया था। टैक्स नोटिस मिलने के बाद सुनील ने वकील से संपर्क किया और दस्तावेजों की जांच कराई। फर्जी दस्तावेजों के उपयोग का पता चलने पर उन्होंने गृह विभाग और क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई। सुनील का कहना है कि उनके दस्तावेजों का दुरुपयोग कर यह रैकेट संचालित किया गया है। मामले की जांच गांधीनगर सीआईडी क्राइम के हवाले की गई है। जांच के बाद यह स्पष्ट होगा कि यह रैकेट किसने चलाया, असली आरोपी कौन है और उसका मकसद क्या था। यह घटना आधार और पैन कार्ड से जुड़ी सुरक्षा खामियों और फर्जीवाड़े को उजागर करती है। संबंधित विभागों से अपील की जा रही है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं।
मुंबई । लखनऊ में एक निजी रिटेल स्टोर में किए गए कैरी बैग शुल्क के अपराध पर जिला उपभोक्ता फोरम ने कठोर कार्रवाई की। ग्राहक से 18 रुपए कैरी बैग के नाम पर वसूलते समय रिटेल स्टोर को 35 हजार 18 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। जिला उपभोक्ता फोरम में यह मामला दर्ज किया गया था जब एक ग्राहक ने शॉपिंग सेंटर में एक कैरी बैग को खरीदने पर 18 रुपए की मांग पर विरोध किया था। ग्राहक के अधिवक्ता ने बताया कि उनके क्लाइंट को वसूला गया धन वापस करने के लिए उन्होंने जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत की थी। जिला उपभोक्ता फोरम ने ग्राहक के पक्ष में अदालती फैसले किया और कहा कि कैरी बैग का शुल्क जबरदस्ती वसूला नहीं जा सकता है। इसके अतिरिक्त, रिटेल स्टोर पर 18 रुपए के वसूले के साथ साथ 35 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। इस फैसले से ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।