बिज़नस

बिज़नस (3005)

भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गतिविधियां सितंबर में पांच महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है। इसके पीछे की वजह नए ऑर्डर्स का कम रफ्तार से बढ़ाना है, जिसके कारण प्रोडक्शन की वृद्धि दर प्रभावित हुई है।

एसएंडपी ग्लोबल इंडिया की ओर से जारी किए गए सितंबर के आंकड़ों में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 57.5 के स्तर पर फिसल गई है, जबकि ये अगस्त में 58.6 के स्तर पर थी।

मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में वृद्धि की रफ्तार जरूर कम हुई है, लेकिन इसमें ग्रोथ अभी भी जारी है। पीएमआई 50 से ऊपर बना हुआ है। जब भी पीएमआई 50 से ऊपर बना रहता है यह दिखाता है कि मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में वृद्धि हो रही है।

एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के अर्थशास्त्र एसोसिएट निदेशक पोलियाना डी लीमा ने कहा किभारत के मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री ने सितंबर में मंदी के हल्के संकेत दिखाए हैं। इसके पीछे का कारण नए ऑडर्स की वृद्धि दर में कमी आना है, जिसने उत्पादन में वृद्धि को धीमा कर दिया है।

आगे उन्होंने कहा कि मांग और आपूर्ति में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है। कंपनियों को एशिया, यूरोप, नॉर्थ अमेरिका और मध्यपूर्व के ग्राहकों से नया व्यवसाय मिल रहा है।

महंगाई में नरमी

सर्वे में कहा गया कि महंगाई में नरमी देखी गई है, जिसके कारण इनपुट मूल्य को कम रखने में मदद मिली है। इस कारण सप्लाई चेन को स्थिर रखने में मदद मिली है। हालांकि, अधिक लेबर कॉस्ट, बिजनेस में विश्वास और मांग अधिक होने के कारण उत्पादन लागत में इजाफा हुआ है।

एसएंडपी ग्लोबल इंडिया की ओर से हर महीने मैन्युफैक्चरिंग डेटा जारी किया जाता है। एसएंडपी द्वारा ये डेटा 400 कंपनियों के पैनल से सवालों के आधार पर तैयार किया जाता है।

वैश्विक बाजारों में कमजोरी का असर मंगलवार की सुबह भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखा। मंगलवार को शुरुआती कारोबार में ही सेंसेक्स 300 अंकों से अधिक टूट गया। वहीं दूसरी ओर, निफ्टी 19550 के नीचे पहुंच गया। मंगलवार के कारोबारी सेशन के दौरान मेटल सेक्टर के शेयरों में कमजोरी दिखी। इस दौरान सेंसेक्स गिरावट के साथ 65,813.42 पर खुला जबकि निफ्टी में 19,622.40 के स्तर पर ओपनिंग हुई।

शुरुआती कारोबार में बाजार लुढ़क गया और सेंसेक्स में 300 अंकों से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। दूसरी ओर, निफ्टी भी टूटकर 19550 के नीचे पहुंच गया। इससे पहले बाजार को ग्लोबल मार्केट से सुस्ती के संकेत मिले। अमेरिकी बाजारों में मिला-जुला कारोबार हुआ। डाउ जोंस की 300 अंक की कारोबार के बीच 75 अंकों तक टूट गया। वहीं नैस्डैक पर लगातार चौथे दिन बढ़त दिखी।

 

डॉलर के मुकाबले रुपये में मंगलवार को 17 पैसे की गिरावट के साथ 83.23 पर शुरुआती कारोबार बना हुआ है। रुपये की कीमत में गिरावट आने का कारण विदेशी निवेशकों की ओर से भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली करना, भारतीय बाजार में गिरावट और अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना है।

रुपये और डॉलर में कारोबार

इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज के मुताबिक, डॉलर के मुकाबले रुपया 83.21 के स्तर पर खुला और फिर 83.23 के स्तर को छू गया। इस तरह डॉलर के मुकाबले रुपया 17 पैसे फिसल गया। शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 13 पैसे की तेजी के साथ 83.06 के स्तर पर बंद हुआ। महात्मा गांधी की जंयती के अवसर पर भारतीय फॉरेक्स मार्केट कल बंद था।

डॉलर इंडेक्स में तेजी

दुनिया की छह मुद्राओं के खिलाफ डॉलर की मजबूती दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.20 प्रतिशत की तेजी के साथ 107.11 अंक के स्तर पर है। ब्रेंट क्रूड का फ्यूचर 0.90 प्रतिशत की गिरावट के साथ 89.89 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ है।

भारतीय बाजार में कारोबार

शेयर बाजार में गिरावट देखी जा रही है। सेंसेक्स 407.84 अंक या 0.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 65,420.57 अंक और निफ्टी 120.20 अंक या 0.61 प्रतिशत गिरकर 19,518.10 अंक पर कारोबार कर रहा है। एक्सचेंज डेटा के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुक्रवार को पूंजी बाजार में शुद्ध विक्रेता थे। उनकी ओर से 1,685.70 करोड़ रुपये के शेयर बेचे गए थे।

रिजर्व बैंक की ओर से शुक्रवार को बताया गया था कि 22 सितंबर को समाप्त होने वाले हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.335 अरब अमेरिकी डॉलर घटकर 590.702 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया। इससे पहले के हफ्ते में भी देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 867 मिलियन डॉलर की कमी आई थी।

सोने और चांदी की कीमतों में आज बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. अक्टूबर महीने की अच्छी शुरुआत हुई है. गोल्ड की कीमतें खुलते ही धड़ाम हो गई है. सोने का भाव 56600 के करीब आ गया है. काफी लंबे समय के बाद में गोल्ड की कीमतों में इतनी गिरावट देखने को मिली है. इसके अलावा आज चांदी भी 4 फीसदी से ज्यादा फिसल कर 66,000 के लेवल पर आ गई है.

5154 रुपये सस्ता मिल रहा सोना

आपको बता दें 6 मई को एमसीएक्स पर गोल्ड का भाव 61,845 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड लेवल पर था और आज एमसीएक्स पर सोने का भाव 56691 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर है. इस हिसाब से अभी सोना 5154 रुपये सस्ता मिल रहा है.

MCX पर फिसला सोना-चांदी

आज सोने और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. MCX पर सोने का भाव आज 1.58 फीसदी की गिरावट के साथ 56691 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर है. इसके अलावा चांदी का भाव 4.46 फीसदी की गिरावट के साथ 66740 रुपये प्रति किलोग्राम पर है.

ग्लोबल मार्केट में भी सस्ता हुआ सोना-चांदी

ग्लोबल मार्केट में भी सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है. अमेरिकी में गोल्ड का भाव 0.39 फीसदी की गिरावट के साथ 1,820.60 डॉलर प्रति औंस के लेवल पर है. इसके अलावा अमेरिका में चांदी की कीमतों में भी गिरावट दिख रही है. अमेरिका में चांदी का भाव 0.29 फीसदी फिसलकर 20.98 डॉलर प्रति औंस पर है.

क्यों आ रही है सोने की कीमतों में गिरावट?

एक्सपर्ट के मुताबिक, अमेरिका में लगातार ऊंची ब्याज दरों की वजह से चिताएं बढ़ रही हैं, जिसकी वजह से डॉलर इंडेक्स 10 महीने के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई हैं. इसका असर सोने की कीमतों पर देखने को मिल रहा है.

अभी और गिर सकता है गोल्ड

एक्सपर्ट का मानना है कि अभी सोने की कीमतों में और गिरावट देखने को मिल सती है. आप सोने की कीमत अपने घर बैठे भी चेक कर सकते हैं. इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के मुताबिक आप सिर्फ 8955664433 नंबर पर मिस्ड कॉल देकर प्राइस चेक कर सकते हैं. आप जिस नंबर से मैसेज करते हैं उसी नंबर पर आपके मैसेज आ जाएगा.

नई दिल्ली । गैस की अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क कीमतों में नरमी के अनुरूप रिलायंस इंडस्ट्रीज के गहरे समुद्र के केजी-डी6 ब्लॉक जैसे कठिन क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमत में रविवार को 18 प्रतिशत की भारी कटौती की गई है। एक आधिकारिक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है। हालांकि व्यापक रूप वाहन ईंधन सीएनजी और पाइप वाली रसोई गैस पीएनजी बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गैस के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस गैस का दाम रिलायंस को भुगतान की जाने वाली बाजार दर से 30 प्रतिशत कम पर निर्धारित है। पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि एक अक्टूबर से शुरू होने वाली छह माह की अवधि के लिए गहरे समुद्र और उच्च दबाव, उच्च तापमान (एचपीटीपी) क्षेत्रों से गैस की कीमत 12.12 अमेरिकी डॉलर से घटाकर 9.96 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) कर दी गई है। सरकार स्थानीय रूप से उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमतें साल में दो बार तय करती है। इस गैस को वाहनों में इस्तेमाल के लिए सीएनजी और रसोई में इस्तेमाल के लिए पीएनजी में बदला जाता है। ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) और ऑयल इंडिया ‎लिमिटेड (ओआईएल) के पुराने क्षेत्रों से उत्पादित गैस और कठिन नए क्षेत्रों से उत्पादित गैस के भुगतान के लिए दो अलग-अलग फॉर्मूला हैं। गैस की दरें हर साल एक अप्रैल और एक अक्टूबर को तय की जाती हैं।

नई दिल्ली । शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी बायजू वित्त वर्ष 2021-22 के वित्तीय परिणामों को मंजूरी देने और अपनाने के लिए अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में निदेशक मंडल की बैठक बुलाएगी। कंपनी ने शनिवार को यह जानकारी दी। कंपनी के नतीजों को अंतिम रूप देने में काफी देरी होने के बाद अब निदेशक मंडल के साथ इस पर चर्चा की जाएगी। कंपनी ने एक बयान में कहा ‎कि थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (बायजू ब्रांड की संचालक) ने शनिवार को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए खातों को मंजूरी देने और अपनाने के लिए अक्टूबर 2023 के दूसरे सप्ताह में निदेशक मंडल की बैठक बुलाने के लिए अधिसूचना जारी की है। निदेशक मंडल, सलाहकार परिषद और कुछ आमंत्रित सदस्यों के साथ ऑडिट किए गए खातों को औपचारिक रूप से अपनाने के लिए बैठक की जाएगी। डेलॉयट ने वित्तीय विवरण जमा करने में देरी का हवाला देते हुए जून में कंपनी के ऑडिटर पद से इस्तीफा दे दिया था।

 

नई दिल्ली । कमजोर मांग और देश के कुछ हिस्सों में औद्योगिक गतिविधियां कमजोर पड़ने से डीजल की बिक्री सितंबर में तीन प्रतिशत कम हो गई है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों के शुरुआती आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। सितंबर में सार्वजनिक क्षेत्र की तीनों पेट्रोलियम कंपनियों की डीजल बिक्री में ‎गिरावट आई है। हालांकि, पेट्रोल की बिक्री में बढ़ोतरी हुई है। देश में सबसे ज्यादा खपत वाले ईंधन डीजल की बिक्री सितंबर में घटकर 58.1 लाख टन रह गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 59.9 लाख टन थी। सितंबर के पहले पखवाड़े में डीजल की मांग में पांच प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई, जबकि बारिश कम होने से दूसरे पखवाड़े में डीजल की मांग बढ़ी। मासिक आधार पर डीजल की बिक्री ढाई प्रतिशत अधिक रही है। अगस्त में डीजल की बिक्री 56.7 लाख टन रही थी। आमतौर पर मानसून के दौरान डीजल की बिक्री घट जाती है, क्योंकि बारिश के कारण कृषि क्षेत्र की मांग कम रहती है। कृषि क्षेत्र में सिंचाई, कटाई और परिवहन के लिए ईंधन के रूप में डीजल का इस्तेमाल होता है। अप्रैल और मई में डीजल की खपत क्रमशः 6.7 प्रतिशत और 9.3 प्रतिशत बढ़ी थी, क्योंकि उस समय कृषि क्षेत्र की मांग अच्छी रही थी। इसके अलावा गर्मियों की वजह से कारों में एयर कंडीशनर का इस्तेमाल बढ़ा था। आंकड़ों के अनुसार सितंबर में पेट्रोल की बिक्री पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 5.4 प्रतिशत बढ़कर 28 लाख टन हो गई। अगस्त में पेट्रोल की मांग में वृद्धि लगभग स्थिर रही है। सितंबर में मासिक आधार पर पेट्रोल की मांग 5.6 प्रतिशत बढ़ी है।

 

सोल । सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने कहा ‎कि उसे तीसरी तिमाही में अपने चिप घाटे को कम करने की उम्मीद है, जिसका कारण इसके चिप आउटपुट में निरंतर कमी करना है। दुनिया की सबसे बड़ी मेमोरी चिप निर्माता कंपनी सैमसंग ने इस साल की शुरुआत में अपने चिप उत्पादन में कटौती की और देर से ही सही, एसके हाइनिक्स इंक और माइक्रोन टेक्नोलॉजी इंक जैसे अपने साथियों के साथ शामिल हो गई, जिन्होंने लगातार आपूर्ति की समस्या को हल करने के लिए पिछले साल के अंत में उत्पादन में कटौती शुरू कर दी थी। एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार अनुमान लगाया गया है कि सैमसंग के डिवाइस सॉल्यूशंस (डीएस) डिवीजन को तीसरी तिमाही में लगभग 4 ट्रिलियन वॉन (2.96 बिलियन) का घाटा होगा, जो दूसरी तिमाही के 4.35 ट्रिलियन वॉन से कम है। ‎रिपोर्ट में कहा कि सैमसंग ने दूसरी छमाही से अपने उत्पादन में कटौती को पहली छमाही के क्रमश: 20 प्रतिशत और 30 प्रतिशत से बढ़ाकर डीआरएएम के लिए 30 प्रतिशत और एनएएनडी फ्लैश के लिए 40 प्रतिशत कर दिया है।सैमसंग के डीएस डिवीजन ने पहली तिमाही में 4.6 ट्रिलियन वॉन का परिचालन घाटा दर्ज किया, जो 14 सालों में इसका पहला वित्तीय घाटा था, क्योंकि वैश्विक मांग में कमी के बीच चिप इन्वेंट्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। इससे पहले डिवीजन ने 2009 की पहली तिमाही में घाटा दर्ज किया था।

 

नई दिल्ली । देश में सबसे ज्यादा बिकने वाली बाइक हीरो स्‍पलेंडर है। आपके बजट में आने वाली इस बाइक को आप आसानी से खरीद सकते हैं। इसके लिए आपको पैसों की भी जररूत नहीं होगी और आसानी से ऑन रोड फाइनेंस आपको इस पर मिल जाएगा। अब बात की जाए माइलेज की तो ये बेस्ट इन क्लास माइलेज देती है। वहीं इसकी मेंटेनेंस भी बहुत कम है। हम यहां पर बात कर रहे हैं हीरो स्‍पलेंडर की। माइलेज की बात की जाए तो स्पलेंडर को इसमें सभी का बॉस कहा जाए तो गलत नहीं होगा। कीमत में भी ये काफी वाजिब है और इसको आप केवल 73 हजार रुपये एक्स शोरूम कीमत पर खरीद सकते हैं। स्पलेंडर के इंजन की बात की जाए तो ये आपको 97.2 सीसी, एयर कूल्ड 4 स्ट्रोक सिंगल सिलेंडर इंजन के साथ आती है। मोटरसाइकिल का इंजन आपको 8.02 बीएचपी की पावर और 8.05 एनएम का पीक टॉर्क जनरेट करती है। माइलेज की बात की जाए तो ये 75 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज आपको देगी। बता दें कि त्योहारी सीजन आने को है। लोग इस दौरान नई गाड़ियां खरीदने की प्लानिंग करते हैं। खासकर नई मोटरसाइकिलों की बिक्री का दौर अब आसमान छुएगा।

मुंबई । गूगल के फ्लैगशिप सीरीज के फोन गूगल पिक्सल 8 और पिक्सल 8 प्रो लांच के लिए तैयारा हैं। लॉन्चिंग से पहले फोन को लेकर कई तरह की जानकारी सामने आ चुकी है। अब फोन के लीक हुई यूएसए कीमत के आधार पर ये सामने आया है कि भारत में उनकी कीमत कितनी हो सकती है। अगर अफवाहों की मानें तब पिक्सल 8 संभवतः 699 की कीमत पर लांच हो सकता है, जबकि पिक्सल 8 प्रो संभवतः 999 की कीमत पर लांच हो सकता है, जो कि पिक्सल 7 सीरीज की लांच कीमतों की तुलना में 100 ज्यादा है। फिलहाल ये कहना गलत नहीं होगा कि इस कीमत पर पूरी तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि ये कीमत ऑफिशियल नहीं है, और कंपनी ने इसे लेकर कोई जानकारी नहीं है। सीरीज़ के दोनों फोन की कीमत का खुलासा तो लॉन्चिंग के बाद ही मालूम होगा।
गूगल पिक्सल 8 की खासियत की बात करें तब पिक्सल 8 का डिजाइन पिक्सल 7 की तरह है, जिसमें पीछे की तरफ एक कैमरा बार और पंच-होल कटआउट के साथ एक फ्लैट डिस्प्ले होगा। वेनिला पिक्सल में दो रियर कैमरे दिए जा सकते हैं, जबकि प्रो मॉडल में तीन सेंसर होने की उम्मीद की जा रही है। पिक्सल 8 के रियर पर 50-मेगापिक्सल का जीएन 2 प्राइमरी सेंसर और 12-मेगापिक्सल का आईएमएक्स 386 अल्ट्रा-वाइड सेंसर दिया जा सकता है।

 

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