पाकिस्तान की शकरगढ़ तहसील में स्थित यह है करतारपुर का गुरुद्वारा. यहां गुरु नानक देव जी ने आखिरी 18 साल गुजारे थे. आज गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर यहां इतिहास बनने जा रहा है. 72 साल बाद आज करतारपुर कॉरिडोर खुलेगा. भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान में पीएम इमरान खान इसका उद्घाटन करेंगे.
अभी तक करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन भारतीय श्रद्धालु सीमा पर लगी कंटीली बाड़ से ही दूरबीन के जरिए करते थे. लेकिन अब श्रद्धालु करतारपुर गुरुद्वारा जाकर दर्शन कर सकेंगे. पहले जत्थे में भारत से 470 श्रद्धालु जाएंगे.
बताया जाता है कि करतारपुर आने से पहले गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के 14 साल सुलतानपुर लोधी में गुजारे. 24 साल में उन्होंने 26 हजार किमी की पैदल यात्रा की फिर परिवार सहित वो रावी नदी के किनारे स्थित करतारपुर साहिब आ बसे थे.
भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद 53 साल तक यानी 2000 तक गुरुद्वारा साहिब बंद रहा. ऐसा कहा जाता है कि ग्रामीण यहां मवेशी पालने लगे थे. इसके बाद 1998 में पहली बार वाजपेयी सरकार ने पाकिस्तान के साथ करतारपुर कॉरिडोर को लेकर बातचीत की.
हालांकि, उस वक्त भी करतारपुर कॉरिडोर पर कोई पुख्ता कदम नहीं उठा. अब 21 साल बाद करतारपुर श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा. जानकारों का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच यह सद्भाव का 5वां बड़ा कदम है.
इससे पहले दोनों देश 1960 में सिंधु जल संधि, 1976 में समझौता एक्सप्रेस, 1999 में मैत्री बस और 2003 में सीजफायर संधि जैसे बड़े कदम उठा चुके हैं.