राजनीति

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लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने छठी सूची जारी कर दी है। इसमें तीन उम्मीदवारों का एलान किया गया है। सूची में राजस्थान के लिए दो और मणिपुर के लिए एक उम्मीदवार का नाम घोषित किया है। जानकारी के मुताबिक, राजस्थान की करौली-धौलपुर (अजा) लोकसभा सीट से इंदु देवी जाटव और दौसा से कन्हैया लाल मीणा को चुनावी मैदान में उतारा गया है। इसके अलावा इनर मणिपुर लेाकसभा सीट से थौनाओजम बसंत कुमार सिंह पर दांव लगाया गया है।


इससे पहले भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को 111 उम्मीदवारों की पांचवीं सूची जारी की थी। इस तरह पार्टी अब तक करीब 400 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों का एलान कर चुकी है। लोकसभा की 543 सीट के लिए 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरण में चुनाव होना है। मतगणना चार जून को होगी।

जम्मू कश्मीर । जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद की पार्टी डीपीएपी के उम्मीदवार जीएम सरूरी ने मंगलवार को नामांकन पत्र दाखिल किया। कठुआ में जिला उपायुक्त कार्यालय में उन्होंने अपना पर्चा भरा। इस दौरान डीपीएपी के समर्थक बड़ी संख्या में जुटे। जीएम सरूरी के समर्थन में जमकर नारेबाजी की गई।

इंदरवाल निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रह चुके हैं सरूरी

गुलाम मोहम्मद (जीएम) सरूरी पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य में चार बार विधायक रह चुके हैं। जीएम सरूरी इस समय डीपीएपी के उपाध्यक्ष भी हैं। वह लंबे समय से कांग्रेस के साथ जुड़े रहे। गुलाम नबी के साथ ही उन्होंने अगस्त 2022 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और डीपीएपी में शामिल हो गए थे।

सरूरी 2002 से 2018 तक किश्तवाड़ जिले के इंदरवाल निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रह चुके हैं। 2008 में, उन्हें पर्यटन, वन, स्कूल शिक्षा, समाज कल्याण और उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने 2009-2010 तक मैकेनिकल इंजीनियरिंग और सड़क एवं भवन मंत्री के रूप में भी कार्य किया था।

उधमपुर सीट पर मुकाबला होका रोचक

उधमपुर सीट पर इस बार मुकाबला काफी रोचक होने वाला है। इसी संसदीय क्षेत्र से भाजपा की तरफ से डॉ. जितेंद्र सिंह तीसरी बार चुनावी मैदान में है। इस पहले 2014 और 2019 में उन्होंने इस सीट से जीत हासिल की थी। उन्होंने 21 मार्च को अपना नामांकन दाखिल कर दिया है।

कांग्रेस की तरफ से चौधरी लाल सिंह चुनावी मैदान में उतरे हैं। उन्होंने हाल ही में दस वर्ष के बाद कांग्रेस में वापसी की है। वह 2004 और 2009 में इसी सीट से सांसद चुने गए थे। सूत्रों के अनुसार, वह बुधवार को अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं। सभी नेताओं ने जनता को अपने समर्थन में करने के लिए चुनावी प्रचार तेज गति से शुरू कर दिया है। गांव-गांव शहर-शहर चुनावी बैठकों का दौर चल रहा है।

27 मार्च नामांकन भरने का आखिरी दिन, 19 अप्रैल को मतदान

उधमपुर-डोडा-कठुआ लोकसभा सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा। अधिसूचना 20 मार्च को जारी की गई है। इस सीट पर 27 मार्च नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है। उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि 30 मार्च तय की गई है।

जम्मू में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को चुनाव

जम्मू लोकसभा सीट पर चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा। अधिसूचना 28 मार्च को जारी की जाएगी और 4 अप्रैल नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख होगी। उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तारीख 8 अप्रैल है।

इसके बाद अनंतनाग-राजोरी सीट पर तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होगा। अधिसूचना 12 अप्रैल को जारी की जाएगी और 19 अप्रैल नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख होगी। उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि 22 अप्रैल है। श्रीनगर लोकसभा सीट के लिए चौथे चरण में 13 मई को मतदान होगा। बारामुला सीट पर चुनाव के पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होगा।

नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति केस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने छह दिन की रिमांड पर लिया है। उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को लेकर आप नेता आतिशी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमारे सीएम इस तरह का व्यवहार यह बीजेपी की सोची समझी साजिश है। जबकि अरविंद केजरीवाल एक साफ सुधरी छवि वाले नेता हैं।
आतिशी यहीं नहीं रुकी उन्होंने आगे कहा कि ईडी अब तक इतनी छानबीन कर चुकी है लेकिन ईडी को छापे में एक रुपया तक नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि जिस मनी ट्रेल की ईडी तलाश कर रही है वो सबके सामने आ चुकी है। मैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चैलेंज करती हूं कि जो शराब घोटोल का पैसा था वो बीजेपी के अकाउंट में गया है। इससे पहले सीएम अरविंद केजरीवाल की पत्नी ने पत्रकारवार्ता की थी और अपने पति को बेगुनाह बताया था।
वहीं सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ईडी ने जिस शरद रेड्‌डी के बयान पर सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की गई है, उसकी कंपनी ने बीजेपी को चंदा दिया है। अब ईडी बीजेपी को आरोपी बनाए और बीजेपी अध्यक्ष को गिरफ्तार करे। उन्होंने कहा इसी बीच खबर मिली है कि ईडी ने आम आदमी पार्टी के मटियाला से विधायक गुलाब सिंह यादव के घर छापा मारा है। भारद्वाज ने कहा कि भारत ही नहीं पूरी दुनिया के लोग जान चुके हैं कि बीजेपी की सरकार विपक्ष को जेल में डालने में लगी है ताकि संसद में उनके खिलाफ को आवाज न उठा सके।

नई दिल्ली। चुनावी बॉन्ड को लेकर भारत की सबसे बड़ी अदालत अपनी नाराजगी जता चुकी है और उसने इसको लेकर कई बार एसबीआई का फटकार भी लगाई और उनसे इसका पूरे लेने देने का ब्यौरा मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दे दिया है। अब चुनावी बॉन्ड को लेकर बीजेपी के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा कि बिना पैसे के राजनीतिक पार्टी चलाना संभव नहीं है। चुनावी बॉन्ड योजना लाने के पीछे हमारी मंशा अच्छी थी।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने बयान में कहा कि हमने राजनीतिक दलों को वित्तीय तौर पर मजबूत रखना चाहा। चुनावी बांड शुरू करने के पीछे हमारा मुख्य उद्देश्य यह था कि राजनीतिक दलों को सीधे पैसा मिले, लेकिन इसमें दाताओं के नाम का खुलासा नहीं किया जाता है, क्योंकि इससे सत्ता में रहने वाली पार्टी बदलती है तो समस्याएं उत्पन्न होती हैं। नितिन गडकरी ने कहा कि राजनीतिक दलों को अपना कामकाज चलाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि बिना पैसे के राजनीतिक पार्टी चलाना नामुमकिन है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 2017 में अच्छे इरादे के साथ चुनावी बॉन्ड योजना शुरू की थी, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दे दिया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर कोई और निर्देश देता है, तो सभी राजनीतिक दलों को एक साथ बैठकर विचार-विमर्श करना चाहिए। उन्होंने गडकरी ने गांधीनगर में एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जब अरुण जेटली केंद्रीय वित्त मंत्री थे, मैं उस समय चुनावी बॉन्ड के संबंध में हुई बातचीत का हिस्सा था. कोई भी पार्टी संसाधनों के बिना नहीं चल सकती। कुछ देशों में सरकारें राजनीतिक दलों को फंड देती हैं। भारत में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है।

 

चंडीगढ़ । हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर करनाल सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रह हैं। खट्टर की चुनाव बाद भूमिका को लेकर भी अब सवाल किये जा रहे हैं। खबर है कि खटटर को लोकसभा का अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा दांव चला है। जननायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन टूटने के बाद भाजपा ने अपनी सरकार ही बदल दी थी। मनोहर लाल खट्टर ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था और नायब सिंह सैनी नए सीएम बनाए गए थे। खट्टर सरकार में शामिल 5 विधायकों को भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है। मनोहर लाल खट्टर 9 साल तक सीएम रहे हैं। अब लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

 

नई दिल्ली। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं, मल्लिकार्जुन खडग़े, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने गुरूवार को दिल्ली में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। खरगे ने कहा कि भाजपा ने गलत तरीके से चंदा लेकर अपनी झोली भर ली और कांग्रेस के खाते फ्रीज करवा दिए। अब कांग्रेस के सामने चुनाव लडऩे का संकट पैदा हो गया है
दिल्ली पार्टी हेडक्वार्टर में तीनों नेताओं ने लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज करने का मुद्दा उठाया। तीनों ने कहा कि हमारे खाते फ्रीज करवाकर फ्री और फेयर इलेक्शन की बात कैसे हो सकती है। खडग़े ने कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। लोकतंत्र के लिए यह जरूरी है कि चुनाव निष्पक्ष तरीके से कराए जाएं और सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर मिले। ईडी, आईटी और अन्य स्वतंत्र संस्थाओं पर किसी का नियंत्रण नहीं होना चाहिए। पिछले कुछ दिनों में चुनावी बॉन्ड को लेकर जो तथ्य सामने आए हैं, उससे देश की छवि को ठेस पहुंची है।
सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस द्वारा लोगों से इक_ा किए गए पैसे को फ्रीज कर दिया गया है। इस चुनौतिपूर्ण स्थिति में भी हम अपनी तरफ से प्रभावी चुनाव प्रचार के हर संभव प्रयास कर रहे हैं। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के पैसे पर जानबूझकर हमला किया जा रहा है। यह अलोकतांत्रिक है। सोनिया गांधी ने कहा कि ये कोशिश की जा रही है कि कांग्रेस को पंगु बना दिया जाए। ये लोकतंत्र पर हमला है। अगर कांग्रेस किसी भी तरह से चुनाव प्रचार में खर्च नहीं कर सके तो चुनाव किस बात का। पिछले एक महीने से हम हमारे 285 करोड़ का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। अगर हम कोई काम नहीं कर सकते तो लोकतंत्र कैसे जिंदा रहेगा।

रांची । झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी और विधायक सीता सोरेन ने मंगलवार को भाजपा का दामन थाम लिया है। दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में विनोद तावड़े ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। मौके पर सीता सोरेन ने कहा कि झारखंड के महान सोरेन परिवार को छोडक़र मोदी जी के विशाल परिवार में शामिल हो रही हूं। मोदी जी पर लोगों के विश्वास को देखते हुए इस परिवार में शामिल हो रही हूं। मैंने भी झारखंड में कई संघर्ष किया। 14 साल जेएमएम में रहीं। मेरे ससुर और दिवंगत पति की अगुआई में झारखंड अलग राज्य बना। उनका सपना राज्य के विकास का था, लेकिन ये अधूरा रह गया।

 

चेन्नई । तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने बुधवार को एक बार फिर भाजपा का हाथ थाम लिया है। उन्होंने दो दिन पहले ही राज्यपाल पद से इस्तीफा दिया था। पुडुचेरी के राजभवन की तरफ से जारी बयान में उन्होंने इस केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल पद छोड़ने की भी जानकारी दी थी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया था, 'तेलंगाना की माननीय राज्यपाल और पुडुचेरी की उपराज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन ने तत्काल प्रभाव से अपना इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा भारत की माननीय राष्ट्रपति को भेज दिया गया है।' अपने इस्तीफे के एलान के कुछ देर बाद उन्होंने कहा था कि उनके ऊपर ऐसा करने का कोई दबाव नहीं था। अब वह जनसेवा करना चाहती हैं। उन्होंने कहा था कि राज्यपाल के रूप में उन्होंने अपने कार्यकाल का आनंद लिया है। इस दौरान जब उनसे पूछा गया था कि उनका अगला कदम क्या होगा और क्या वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगी? इस पर उन्होंने कहा था कि वह अपनी योजनाओं के बारे में बाद में बताएंगी। गौरतलब है तमिलिसाई सुंदरराजन को नवंबर 2019 में तेलंगाना का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। इसके बाद उन्हें फरवरी 2021 में पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।

सुल्तानपुर । यूपी की सुल्तानपुर लोकसभा सीट गांधी परिवार से नाता रखती है। पहले वरुण, फिर मेनका गांधी ने इस सीट पर दम दिखाया है। भाजपा ने अब तक इस सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं किया। अब सवाल यही है कि इस बार यहां भाजपा से चुनाव कौन लड़ेगा? आसपास की सीटों का जातीय गणित साधने के लिए सुल्तानपुर में कुछ बदलाव होगा या फिर मेनका ही लौटेंगी? विपक्षी दल भी चुप्पी साधे हैं।
गांधी परिवार के गढ़ अमेठी और अयोध्या से सटी सुल्तानपुर सीट भी सत्तादल और विपक्ष के लिए खास मायने रखती है। इसकारण दावेदारों की खूब जांच-परख करने के बाद ही घोषणा होती है। इस बड़ी सीट पर लोकसभा चुनाव में बड़ा दांव आजमाने की जुगत में भाजपा व विपक्षी दल हैं। भाजपा वर्तमान सांसद मेनका गांधी को यहां से चुनाव लड़ाने की घोषणा नहीं कर सकी, वहीं, आइएनडीआइए गठबंधन और बसपा भी वाजिब अवसर की तलाश में हैं।
खबर है कि मेनका गांधी को सुल्तानपुर की बजाय पीलीभीत से पार्टी फिर मौका देना चाहती है। यदि ऐसा हुआ तब यहां से पिछड़ी जाति, वह भी कुर्मी बिरादरी का उम्मीदवार उतारने की तैयारी भी है। प्रदेश मुख्यालय से जो तीन नाम पार्टी हाईकमान को भेज गए हैं, उसमें एक इस बिरादरी के भी दावेदार का है। वहीं, पिछली बार गठबंधन दलों के उम्मीदवार रहे पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू और रायबरेली के ऊंचाहार सीट से विधायक मनोज पांडेय सहित अन्य नामों की भी चर्चा है, लेकिन अब तक कुछ स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है।
इस सीट पर 2014 के चुनाव में वरुण गांधी सांसद चुने गए थे, जबकि 2019 में उनकी मां पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी। पिछली बार इनकी सीटों की अदला-बदली हुई थी। इस बार वरुण को लेकर उच्च स्तर पर नाराजगी है। इसकारण मेनका की सीट को लेकर भी पेंच फंसा है। मेनका का मजबूत पक्ष यह है कि पांच साल के कार्यकाल में भाजपा की स्थिति ठीक है। 2022 के विधानसभा चुनाव में वह पांच में चार सीटें जीतने में कामयाब रही।
वहीं, गठबंधन के नेता चाहते हैं कि यदि मेनका को भाजपा ना बोल देगी तब उसकी मनचाही मुराद पूरी हो जाएगी। शायद इसीकारण खाते में सीट आने के बावजूद सपा की चुनावी तैयारियां शिथिल हैं। जिले के पदाधिकारी कह रहे हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का जो निर्देश होगा, उसका अनुपालन कराया जाएगा। वहीं,भाजपा का रुख देखकर ही बसपा निर्णय लेगी।

 

मुंबई। शनिवार को आगामी लोकसभा चुनाव की घोषणा कर दी गई है. देशभर में 19 अप्रैल से 1 जून तक कुल 7 चरणों में चुनाव करवाए जायेंगे. आपको बता दें कि 2019 में जो लोकसभा के चुनाव हुए थे वो भी 11 अप्रैल से 19 मई 2019 के बीच कुल 7 चरणों में हुए थे. अब सबकी निगाहें महाराष्ट्र पर टिक गई है क्योंकि उत्तरप्रदेश के बाद सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं. 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने सबसे ज्यादा सीटें जीतीं। बीजेपी ने 23, शिवसेना ने 18, एनसीपी ने 4, कांग्रेस ने 1, एमआईएम ने 1 और निर्दलीय ने 1 सीटें जीतीं। अब बीजेपी-शिवसेना गठबंधन टूट गया और नया गठबंधन बन गया, शिवसेना और एनसीपी भी विभाजित हो गई हैं. ऐसे में यह देखना अहम होगा कि होने वाले चुनाव में महाराष्ट्र की तस्वीर कैसी होगी.

 

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