ईश्वर दुबे
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Bhilai
नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी (आप) ने घोषणा की है कि वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाग नहीं लेगी। पार्टी की ओर से बताया गया है कि आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे।
आप के सांसद संजय सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा, महाराष्ट्र चुनाव में हमारे नेता अरविंद केजरीवाल एमवीए के प्रत्याशियों के लिए प्रचार करेंगे। आप इस बार चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी।
पहले चर्चा थी कि आप महाराष्ट्र चुनाव में भाग ले सकती है और एक सीट, खासकर मालाबार हिल से अपना उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही थी। लेकिन अब पार्टी ने महाराष्ट्र चुनाव न लड़ने का औपचारिक ऐलान कर दिया है।
नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने विपक्षी दलों के उन आरोपों का खंडन किया है जिसमें बीजेपी के साथ गतिरोध की बात कही जा रही है। आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने दोनों संगठनों को एक बड़े परिवार का हिस्सा बताते हुए दोहराया कि दोनों के बीच एकता बरकरार है। उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस और बीजेपी के बीच कोई भी असहमति आंतरिक मामला है और इसे पारिवारिक और संगठनात्मक स्तर पर संभाला जाना चाहिए।
अप्रैल-जून के आम चुनावों से पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बयान की ओर इशारा करते हुए होसबोले ने कहा कि ऐसे मुद्दों को सार्वजनिक मंच पर बोलने की जरुरत नहीं है। हम एक परिवार का हिस्सा हैं। इसे आंतरिक रूप से संबोधित किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि उनके बयान के बाद वे नड्डा के घर पर मिले और साथ में भोजन भी किया था। होसबोले ने सौहार्दपूर्ण संबंधों की पुष्टि की और किसी भी तरह की कड़वाहट की धारणा को खारिज कर दिया है।
होसबोले के बयान आरएसएस और बीजेपी के बीच राजनीतिक विभाजन के बारे में बढ़ती अटकलों की पृष्ठभूमि में आए हैं। होसबोले के मुताबिक दोनों संगठनों के बीच संबंध निर्भरता का नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता का है। प्रत्येक को व्यापक लक्ष्यों और राष्ट्रीय हित में संरेखित करते हुए अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आरएसएस किसी भी राजनीतिक समूह के प्रति दुश्मनी नहीं रखता है। उन्होंने कहा कि हम किसी के लिए नफरत नहीं फैलाते हैं। हम सभी को आमंत्रित करते हैं। यहां तक कि राहुल गांधी को भी, कि वे आकर हमसे बात करें।
यह संदेश मौजूदा राजनीतिक माहौल में खास है। राहुल गांधी हमेशा अपने राजनीतिक भाषणों में आरएसएस का जिक्र करते हैं और देश में कथित सांप्रदायिक वैमनस्य के लिए संगठन को जिम्मेदार ठहराते हैं। होसबोले ने राहुल गांधी के मोहब्बत की दुकान वाले बयान पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग प्यार और एकता की बात करते हैं, लेकिन वे आरएसएस के साथ बातचीत करने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह अनिच्छा उन आदर्शों को कमजोर करती है जिन्हें वे विकसित करने का दावा करते हैं।
रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपने बागी नेताओं को मनाने के लिए ऑपरेशन बागी क्लीन शुरू कर दिया है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता खुद घर-घर जाकर नाराज नेताओं को समझा रहे हैं। पार्टी नेतृत्व की कोशिश है कि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि से पहले ज्यादा से ज्यादा बागियों को पार्टी में वापस लाया जा सके।
बीजेपी चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान, सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा और केंद्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। पार्टी ने डॉ. रवींद्र कुमार राय को प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर उनकी नाराजगी दूर कर दी है। डॉ. राय गिरिडीह जिले से टिकट की चाहत रखते थे और निर्दलीय चुनाव में उतरने की बात कह रहे थे। उन्होंने बाद में पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा जताई और प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष का पद स्वीकार किया। बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा ने मनाने में भी सफल रही। मेनका ने अपना इस्तीफा भी वापस ले लिया।
हालांकि, इसके बावजूद बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) में शामिल हो गए। इनमें लुईस मरांडी, गणेश महाली, पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी, अनंत राम टुडू और विधायक केदार हाजरा शामिल हैं।
जेएमएम ने इन नेताओं को विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से उम्मीदवार बनाने का ऐलान भी कर दिया है। इस बीच कई नाराज बीजेपी नेताओं ने पार्टी से बगावत करते हुए निर्दलीय या अन्य दलों के समर्थन से नामांकन दाखिल कर दिया है। रांची से बीजेपी नेता मुनचुन राय, उत्तर यादव और संदीप वर्मा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा भर दिया है। कांके से कमलेश राम ने भी अपना नामांकन दाखिल किया, जिन्हें मनाने के लिए असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा खुद मिले।
गुमला में मिसिर कुजूर के मामले में भी भाजपा के वरिष्ठ नेता पहुंचे, जो पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे थे। मधुपुर के पूर्व विधायक राज पलिवार को मनाने के लिए प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी पहुंचे। धनवार से निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरे निरंजन राय को मनाने सांसद निशिकांत दुबे पहुंचे। बीजेपी ने अपनी रणनीति के तहत कई अन्य नेताओं को मनाने का प्रयास किया है, जिनमें जुगसलाई से एनडीए प्रत्याशी रामचंद्र सहिस और घाटशिला सीट के पूर्व बीजेपी प्रत्याशी लखन मार्डी शामिल हैं। बीजेपी की ये कोशिशें आने वाले चुनावों में पार्टी की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।
पटना । बिहार की राजनीति में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपराध, बेरोजगारी, पलायन और आरक्षण जैसे मुद्दों को उठाकर फिर से सक्रियता दिखाई है। लेकिन पार्टी की ये गतिविधियां केवल चुनावी रणनीति तक सीमित नहीं रह गई हैं; इसके पीछे एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महागठबंधन में वापस लाना है।
राजद नेताओं ने नीतीश को भाजपा की नीतियों से भयभीत कर उन्हें महागठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। सांसद मीसा भारती ने नीतीश के बयान पर प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्होंने कहा था कि वह भाजपा के साथ ही रहने वाले है। मीसा ने सवाल उठाया, नीतीश की गारंटी कौन लेगा? इस तरह के बयानों से यह स्पष्ट होता है कि राजद के भीतर नीतीश की नीतियों पर संदेह कायम है। राजद के विधायक भाई वीरेंद्र ने नीतीश के प्रति सकारात्मकता दिखाकर कहा कि वे देशद्रोहियों के साथ नहीं रहने वाले हैं, और विधानसभा चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन में लौट आने वाले है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि नीतीश को भाजपा के साथ रहने के कारण रात में नींद नहीं आती और वह अपनी गलती पर विचार करते हैं।
राजद सुप्रीमो और पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव भी बिहार के चुनावी गणित को अच्छी तरह समझते हैं। उनका मानना है कि वर्तमान में जीत उसी दिशा में होगी जहां नीतीश कुमार रहने वाले है। नीतीश के पास कुर्मी, कुशवाहा, धानुक मतों के साथ-साथ अतिपिछड़ों का एक महत्वपूर्ण वोट बैंक है। इसकारण लालू का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नीतीश महागठबंधन में शामिल हों। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने यह तय किया है कि यदि नीतीश आते हैं, तब उनकी शर्तों पर चर्चा की जाएगी। इससे भाजपा की राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। आने वाले चुनावों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि नीतीश कुमार भाजपा के साथ रहते हैं, या फिर महागठबंधन में लौटते है। राजद की सक्रियता और नीतीश के प्रति उनकी उम्मीदें इस बात का संकेत देती हैं कि बिहार की राजनीति में आगामी दिनों में कई महत्वपूर्ण बदलाव हो सकते हैं।
वायनाड । कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए अपना नामांकन का पर्चा भरा। इस दौरान उसके साथ स्थानीय नेता भी मौजूद रहे। पर्चा भरने के बाद उन्होंने एक रोड-शो किया। इस रोड-शो में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी में मौजूद हैं। बता दें कि वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए जहां कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रा को चुनावी मैदान में उतारा है तो वहीं भाजपा ने नव्या हरिदास को उम्मीदवार बनाया। नव्या ने पहले ही कांग्रेस को कड़े मुकाबले की चुनौती दे चुकी हैं। उन्होंने कहा था कि आगामी उपचुनाव में प्रियंका गांधी को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा।प्रियंका गांधी के नामांकन पर कांग्रेस सांसद जेबी माथेर ने कहा, "आप जो ऊर्जा यहां देख रहे हैं, यह कुछ ऐसा है, जिसका हम सभी इंतजार कर रहे थे। हम चाहते थे कि प्रियंका गांधी किसी भी सीट से चुनाव लड़े, लेकिन हमने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि किस्मत हमारे पास चलकर आएगी। हम सभी उत्साहित हैं। हर तरफ उत्साह है। यह वायनाड और केरल के लिए दोहरा सौभाग्य है, क्योंकि इसे अब स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा- प्रियंका गांधी वाड्रा, लोकसभा की सदस्य, वायनाड, केरल।"
नव्या हरिदास ने प्रियंका गांधी को दी चुनौती
हाल ही में भाजपा उम्मीदवार नव्या हरिदास ने वायनाड लोकसभा उपचुनाव को लेकर मीडिया से बात की थी। उन्होंने कहा,"मेरी प्रतिद्वंद्वी प्रियंका गांधी हैं। मैं केवल इतना कहना चाहूंगी कि वायनाड में कांग्रेस को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। राहुल गांधी ने रायबरेली की सीट बरकरार रखने के लिए वायनाड की सीट छोड़ दी थी। जब वायनाड के लोगों को भूस्खलन का सामना करना पड़ा, तो उनके पास इन मुद्दों को उठाने के लिए संसद में कोई प्रतिनिधि नहीं था।"
प्रियंका गांधी का पहला चुनाव
नव्या ने आगे कहा, "पिछले पांच वर्षों में राहुल गांधी ने शायद ही इस निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया हो। वे यहां के लोगों के मुद्दों को उठाने में भी नाकाम रहें। यह मेरा पहला लोकसभा चुनाव होगा।" उन्होंने यह भी कहा था कि वायनाड गांधी परिवार के लिए सिर्फ एक दूसरी सीट है। बता दें कि प्रियंका गांधी के साथ नव्या हरिदास का भी यह पहला चुनाव होगा। 13 नवंबर को होने वाले इस उपचुनाव में एलडीएफ ने भी उम्मीदवार खड़ा किया। उन्होंने सत्यन मोकेरी को अपना उम्मीदवार बनाया है।
मुंबई। महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास आघाडी गठबंधन में सीट बंटवारे पर चला आ रहा गतिरोध अब खत्म हो गया है। एमवीए के शीर्ष नेताओं ने मंगलवार देर रात तक मुंबई में बैठक की और इस बाबत संकेत दिए कि विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया गया है। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि जल्द सीट बंटवारे की घोषणा की जाएगी। रिपोर्ट में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता हाले से कहा गया है कि 288 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए कांग्रेस-105, शिवसेना (यूबीटी)-95 और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) 84 सीट पर चुनाव लड़ेगी। बाकी सीटें गठबंधन में शामिल छोटी पार्टियों को दी जाएंगी।
दूसरी तरफ सत्ताधारी महायुति के बीच भी सीट बंटवारा अंतिम चरण में है। माना जा रहा है कि भाजपा 150 से 155 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, सीएम एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना 78-80 और अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी 52-54 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं। 20 नवंबर को एक ही चरण में पूरे राज्य में चुनाव होने हैं। 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी।सीट बंटवारे पर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और शिवसेना (यूबीटी)सांसद संजय राउत के बीच मनमुटाव होने के बाद प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट ने मंगलवार को पहले एनसीपी शरदचंद्र पवार) अध्यक्ष शरद पवार और फिर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी। बाद में, थोराट और एमवीए के अन्य नेताओं ने फिर से बैठक की, जो एक लक्जरी होटल में पांच घंटे से अधिक समय तक चली।
थोराट ने कहा कि एआईसीसी के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने उन्हें पवार और ठाकरे से मिलने के लिए कहा था। वरिष्ठ कांग्रेस नेता के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई शहरी क्षेत्र में उद्धव की शिवसेना 18 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कांग्रेस 14 और एनसीपी (एसपी) 2 सीटों पर ताल ठोकेगी। हालांकि, मुंबई की तीन सीटों - वर्सोवा, बांद्रा ईस्ट और बायकुला - पर विवाद अभी तक नहीं सुलझा है क्योंकि उद्धव गुट और कांग्रेस दोनों ने ही इन पर दावा पेश किया है।
मुंबई। महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास आघाडी गठबंधन में सीट बंटवारे पर चला आ रहा गतिरोध अब खत्म हो गया है। एमवीए के शीर्ष नेताओं ने मंगलवार देर रात तक मुंबई में बैठक की और इस बाबत संकेत दिए कि विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया गया है। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि जल्द सीट बंटवारे की घोषणा की जाएगी। रिपोर्ट में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता हाले से कहा गया है कि 288 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए कांग्रेस-105, शिवसेना (यूबीटी)-95 और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) 84 सीट पर चुनाव लड़ेगी। बाकी सीटें गठबंधन में शामिल छोटी पार्टियों को दी जाएंगी।
दूसरी तरफ सत्ताधारी महायुति के बीच भी सीट बंटवारा अंतिम चरण में है। माना जा रहा है कि भाजपा 150 से 155 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, सीएम एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना 78-80 और अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी 52-54 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं। 20 नवंबर को एक ही चरण में पूरे राज्य में चुनाव होने हैं। 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी।सीट बंटवारे पर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और शिवसेना (यूबीटी)सांसद संजय राउत के बीच मनमुटाव होने के बाद प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट ने मंगलवार को पहले एनसीपी शरदचंद्र पवार) अध्यक्ष शरद पवार और फिर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी। बाद में, थोराट और एमवीए के अन्य नेताओं ने फिर से बैठक की, जो एक लक्जरी होटल में पांच घंटे से अधिक समय तक चली।
थोराट ने कहा कि एआईसीसी के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने उन्हें पवार और ठाकरे से मिलने के लिए कहा था। वरिष्ठ कांग्रेस नेता के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई शहरी क्षेत्र में उद्धव की शिवसेना 18 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कांग्रेस 14 और एनसीपी (एसपी) 2 सीटों पर ताल ठोकेगी। हालांकि, मुंबई की तीन सीटों - वर्सोवा, बांद्रा ईस्ट और बायकुला - पर विवाद अभी तक नहीं सुलझा है क्योंकि उद्धव गुट और कांग्रेस दोनों ने ही इन पर दावा पेश किया है।
मुंबई । शिवसेना यूबीटी ने महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए 65 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। पार्टी ने अपने अधिकांश विधायकों को फिर से उम्मीदवार बनाया है, जो 2022 में शिवसेना में विभाजन के बाद उद्धव ठाकरे के साथ बने रहे। आदित्य ठाकरे मुंबई के वर्ली से चुनाव लड़ेंगे। वरुण देसाई बांद्रा ईस्ट से चुनाव लड़ेंगे। ठाणे की कोपरी-पंचपाखड़ी सीट पर राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सामने शिवसेना (यूबीटी) ने केदार दिघे को मैदान में उतारा है। केदार दिघे दिवंगत नेता आनंद दिघे के रिश्तेदार हैं। आनंद दिघे को शिंदे का राजनीतिक गुरु माना जाता है।
हालांकि, विदर्भ की 12 सीटों पर कांग्रेस से विवाद चल रहा था, लेकिन अभी जारी हुई लिस्ट में ठाकरे की शिवसेना ने विदर्भ की 8 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा कर दी है।वहीं रामटेक चुनाव क्षेत्र पर महाविकास अघाड़ी में चल रही दरार खत्म हो गई लगती है। शिवसेना उद्धव बालासाहब ठाकरे के उम्मीदवार विशाल बारबेटे को रामटेक से टिकट दिया गया है। विशाल बारबेटे का मुकाबला शिवसेना के शिंदे ग्रुप के उम्मीदवार एडवोकेट आशीष जायसवाल से होगा। यहां कांग्रेस पीछे हट गई। पिछले कई महीनों से जनसंपर्क कर रहे कांग्रेस जिला अध्यक्ष राजेंद्र मुलक अब रामटेक से चुनाव नहीं लड़ेंगे।
हालांकि, शिवसेना के नेता संजय राउत ने एक पेच फंसा दिया है। सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर उन्होंने कहा कि नंबर बदल भी सकते हैं। क्योंकि अभी सीटों पर चर्चा होनी बाकी है। संजय राउत ने कहा कि हम महा विकास अघाड़ी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। महाराष्ट्र में हमारी सरकार बनेगी।
आपको बता दें कि ऐसा दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी में सीटों का बंटवारा हो गया है। कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार गुट) और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की बुधवार को हुई बैठक में सीटों के समझौते पर आखिरी मुहर लग गई है। तीनों पार्टियों ने 85-85-85 पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। बाकी 18 सीटें क्षेत्रीय पार्टियों के साथ अलायंस के लिए रखी गई हैं। इनमें समाजवादी पार्टी भी शामिल है। महाराष्ट्र की 288 सीटों में से बाकि की सीटें दूसरे सहयोगी दलों को दी जाएंगी। महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीटें हैं। यहां एक ही फेज में 20 नवंबर को वोटिंग होगी।
झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपने 66 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को धनवार से प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं झारखंड के पूर्व सीएम और पूर्व जेएमएम नेता (अब भाजपा में) चंपई सोरेन को सरायकेला से उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि उनके बेटे बाबूलाल सोरेन को घाटशिला सुरक्षित सीट से मौका दिया गया है। भाजपा ने पूर्व जेएमएम नेता (अब भाजपा में) लोबिन हेम्ब्रम को बोरियो विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है।
इन बड़े चेहरों को भाजपा ने दिया टिकट
भाजपा की तरफ से जारी सूची के अनुसार, झारखंड के पूर्व सीएम और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संरक्षक शिबू सोरेन की बड़ी बहू और भाजपा नेता सीता सोरेन को पार्टी ने जामताड़ा से उम्मीदवार बनाया है। इस कड़ी में अगला नाम पूर्व केंद्रीय मंंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा का है, जिन्हें पोटका सुरक्षित सीट से प्रत्याशी बनाया गया है। पूर्व सीएम और ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास की बहू पूर्णिमा दास साहू को जमशेदपुर पूर्व से टिकट मिला है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि सरकार खेत से लेकर थाली तक बागवानी उत्पाद (सब्जियों) की कीमतों में भारी अंतर को दूर करने के लिए समिति गठित करेगी।राष्ट्रीय राजधानी में कृषि सम्मेलन को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा, किसान पांच रुपये में सब्जियां बेचता है, तो उपभोक्ता 50 रुपये चुकाता है। इस अंतर को कम करने की जरूरत है।
अगले महीने 'कृषि चौपाल' शुरू होगी
टमाटर की कीमतों में उछाल रोकने के लिए उन्होंने प्रस्ताव दिया कि केंद्र और राज्य सरकारें संयुक्त रूप से परिवहन लागत में सब्सिडी दे सकती हैं ताकि शहरी उपभोक्ताओं को सब्जियां उचित दरों पर मिलें और किसानों के हितों की रक्षा हो सके। कृषि मंत्री चौहान ने अगले महीने 'कृषि चौपाल' शुरू करने की योजना के बारे में बताया। उन्होंने देशभर में 730 से अधिक कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के कामकाज को ठीक करने की आवश्यकता पर बल दिया।
कृषि भारत की आर्थिक रीढ़
उन्होंने कहा, कुछ राज्य केवीके पर पर्याप्त ध्यान नहीं देते हैं। हमें बेहतर समन्वय की आवश्यकता है। उन्होंने राज्यों से कृषि में सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रदर्शन करने के लिए 2-2.5 एकड़ के माडल फार्म विकसित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, कृषि भारत की आर्थिक रीढ़ है। इस क्षेत्र को मजबूत किए बिना कोई प्रगति संभव नहीं है।
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने रांची में 'संविधान सम्मेलन कार्यक्रम' को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नीतियों की जमकर आलोचना की. राहुल गांधी ने बीजेपी को आदिवासियों और गरीबों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया. राहुल गांधी ने कहा कि, 'देश के सबसे पहले मालिक आदिवासी थी, लेकिन बीजेपी इन्हें वनवासी कहती है.'
'देश के सबसे पहले मालिक थे आदिवासी'
कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रांची कार्यक्रम का एक वीडियो पोस्ट किया है. राहुल राहुल गांधी को ये बयान देते हुए सुना जा सकता है. राहुल गांधी ने कहा, 'जब BJP के लोग आदिवासी को वनवासी कहते हैं. तब वे आपके इतिहास, आपके जीने के तरीके को खत्म करने की कोशिश करते हैं. आदिवासी का मतलब है: देश के सबसे पहले मालिक आदिवासी सिर्फ एक शब्द नहीं हैं, बल्कि आपका पूरा इतिहास है.'
साथ ही राहुल गांधी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, 'राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में उद्योगपतियों को तो बुलाया गया लेकिन राष्ट्रपति को निमंत्रण नहीं दिया गया क्योंकि वह एक आदिवासी हैं.' उन्होंने कहा कि बीजेपी आदिवासियों के साथ हर तरह से भेदभाव करती है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने आदिवासियों की धरोहर, इतिहास, परंपरा और चिकित्सा पद्धतियों को नष्ट करने की कोशिश की है.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण संस्थानों जैसे कि चुनाव आयोग, सीबीआई, ईडी, और आयकर विभाग पर कब्जा कर रखा है. उन्होंने कहा कि हमारी एजुकेशन सिस्टम में आदिवासी, किसान और ओबीसी समुदायों के इतिहास को नष्ट कर दिया गया है.
पटना । बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन ने चार विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की। इन चार में से तीन सीट विधायकों के लोकसभा सदस्य बनने के बाद खाली हुई थीं। वहीं इमामगंज सीट पर जीतन राम मांझी ने अपनी बहू को टिकट दिया है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) तीन सीट रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) तरारी से चुनाव लड़ेगी। रामगढ़ से जगदानंद सिंह के बेटे तथा सुधाकर सिंह के भाई अजित सिंह को राजद का उम्मीदवार बनाया गया है। सुधाकर सिंह के बक्सर से लोकसभा सदस्य बनने के बाद रामगढ़ सीट खाली हुई थी। बेलागंज में विश्वनाथ कुमार सिंह चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले, इस सीट से उनके पिता सुरेन्द्र प्रसाद यादव चुनाव लड़ते थे, जो अब जहानाबाद से सांसद हैं। इमामगंज से राजद ने गया जिला परिषद के पूर्व सदस्य रोशन मांझी को टिकट दिया है।
तरारी में भाकपा (माले) के उम्मीदवार राजू यादव हैं, जिन्होंने 2019 में आरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। तरारी से विधायक रहे सुदामा प्रसाद के इस साल आरा से लोकसभा सदस्य बनने के बाद उपचुनाव हो रहा है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से भाजपा ने रामगढ़ और तरारी से अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। रामगढ़ से भाजपा के उम्मीदवार अशोक कुमार सिंह पूर्व विधायक हैं, जबकि तरारी के प्रत्याशी विशाल प्रशांत कई बार विधायक रह चुके सुनील पांडेय के बेटे हैं।
इमामगंज सीट पर जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा चुनाव लड़ेगी, जिनके गया से लोकसभा सदस्य बनने के कारण उपचुनाव हो रहा है। जीतन राम मांझी ने इसके लिए अपनी बहू दीपा मांझी को टिकट दिया है, जो मांझी के बेटे और राज्य के मंत्री संतोष सुमन की पत्नी हैं। बेलागंज सीट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) चुनाव लड़ सकती है, जो 2020 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर दूसरे नंबर पर रही थी। पार्टी ने अभी अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर है। मतदान 13 नवंबर को होगा और मतगणना 23 नवंबर को होगी।
पंचकुला। हरियाणा में सियासी हलचल के बीच, नायब सिंह सैनी को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद ज़िम्मेदारी सौंपे जाने का फैसला ले लिया गया है। यह फैसला विधायक दल की बैठक में लिया गया, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव मौजूद थे।
विधायक दल की अहम बैठक में सर्वसम्मति से नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के फैसले पर पर मुहर लगा दी गई। इसके साथ ही अब सैनी दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। हरियाणा में सैनी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। भाजपा को सैनी के नेतृत्व में ही बड़ा जनसमर्थन हासिल हुआ है, ऐसे में उनके मुख्यमंत्री बनने की दावेदारी मजबूत रही है।
इसके साथ ही हरियाणा में भाजपा तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा के साथ ही अब कैबिनेट के चेहरे तय होना बाकी है। इससे पहले सीएम पद पर फंसी पेंच को सुलझाने पार्टी के बड़े नेता हरियाणा पहुंचे और पंचकुला में विधायक दल की बैठक आयोजित कर सर्वसर्म्मति से सैनी को अलगा मुख्यमंत्री घोषित कर दिया गया। विधायक दल की बैठक में 48 विधायक सहित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव शामिल हुए।
यहां बताते चलें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा को 90 में से 48 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस ने 37 सीटों पर जीत हासिल की है। ऐसे में भाजपा ने लगातार तीसरी बार राज्य में अपना कब्जा जमाया और अब वह सैनी के नेतृत्व में सरकार बनाने जा रही है।
पंचकूला । हरियाणा में भाजपा सरकार का शपथ ग्रहण जारी है। पंचकूला के सेक्टर 5 स्थित दशहरा मैदान में नायब सिंह सैनी ने सबसे पहले मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अब बारी-बारी से विधायक मंत्रीपद की शपथ ले रहे हैं। एक दिन पहले ही नायब सिंह सैनी विधायक दल के नेता चुने गए थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की विशेष उपस्थिति में विधायक दल का नेता चुना गया था।
मंच पर मौजूद 11 विधायक, लेंगे मंत्री पद की शपथ
बरवाला के विधायक रणबीर गंगवा
नरवाना के विधायक कृष्ण बेदी
इसराना के विधायक कृष्णलाल पंवार
रादौर के विधायक श्याम सिंह राणा
अटेली की विधायक आरती राव
तोशाम की विधायक श्रुति चौधरी
गोहाना के विधायक डा. अरविंद शर्मा
अंबाला छावनी के विधायक अनिल विज
पानीपत ग्रामीण के विधायक महिपाल ढांडा
फरीदाबाद के विधायक विपुल गोयल
तिगांव के विधायक राजेश नागर
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही अमित शाह, राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा समेत कई केंद्रीय मंत्री तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता उपस्थित हैं। एनडीए घटक दलों के नेता भी हैं।
पहले शपथ ग्रहण कार्यक्रम का समय 11 बजे बताया गया था, लेकिन देरी हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहुंचने पर दोपहर 1.15 बजे शपथ ग्रहण कार्यक्रम शुरू हो सका। एक दिन पहले विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद नायब सिंह सैनी ने राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की थी और सरकार बनाने का दावा पेश किया था। उन्होंने विधायकों की लिस्ट भी सौंपी थी।
नायब सिंह सैनी मार्च 2024 में मनोहर लाल की जगह हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे। पार्टी के ओबीसी चेहरे सैनी ने विधानसभा चुनाव में कुरुक्षेत्र की लाडवा सीट से जीत दर्ज की है। सैनी भाजपा का ओबीसी चेहरा हैं, जो लो-प्रोफाइल रहकर काम करते हैं। सैनी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं। संघ में रहते हुए ही उनकी मुलाकात मनोहर लाल खट्टर से हुई थी। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे। पहले अंबाला छावनी में अध्यक्ष सहित कई स्थानीय पार्टी कार्यालयों में काम किया। 2019 के लोकसभा चुनाव में सैनी कुरुक्षेत्र से संसद सदस्य के रूप में चुने गए थे। अक्टूबर 2023 में ओम प्रकाश धनखड़ की जगह सैनी को हरियाणा इकाई का अध्यक्ष बनाया गया था।