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विदर्भ में भाजपा के सामने टिकट चयन, एंटी इनकंबेंसी जैसी उलझनें, इनसे कैसे निपटेंगे विजयवर्गीय Featured

By September 01, 2024 39

कभी कांग्रेस का गढ़ रही महाराष्ट्र की विदर्भ पट्टी मेें कांग्रेस इस बार फिर पैर जमाना चाहती हैै। लोकसभा चुनाव मेें कांग्रेस यहां मजबूती से उभरी है। अब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होना है। विदर्भ में इस बार भाजपा की राह आसान नहीं दिख रही। लोकसभा चुनाव मेें भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।विदर्भ की दस लोकसभा सीटों मेें से भाजपा सिर्फ दो सीटें ही जीत पाई। इन हालातों के बीच भाजपा को विधानसभा चुनाव में टिकट चयन, बंटवारे के बीच अपनी स्थिति को मजबूत करना बड़ी चुनौती है। इससे निपटने के लिए नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को नागपुर की 12 विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे दो मर्तबा नागपुर का दौरा कर मैराथन बैैठकेें ले चुके है और विदर्भ की राजनीति का मिजाज समझ रहे है। वे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस से भी मुलाकात कर चुके है। विजयवर्गीय योग्य चेहरे पर फोकस कर रहे है। नए चेहरों को इस बार मौका दिया जा सकता है।

 

भाजपा के लिए 12 सीटें प्रतिष्ठा का प्रश्न

 

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस नागपुर साउथ-वेस्ट सीट से विधायक हैै। नागपुर लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सांसद है। नागपुर मेें आरएसएस का मुख्यालय भी है। इस लिहाज से भाजपा के लिए नागपुर की 12 सीटें प्रतिष्ठा का प्रश्न है। कटोल, सावनेर,हिंगना, उमरेड, नागपुर,साउथ वेस्ट, नागपुर साउथ, नागपुर ईस्ट, नागपुर सेंट्रल, नागपुर वेस्ट, नागपुर नार्थ, कामठी, रामटेक विधानसभा सीट पर भाजपा महायुति सहयोगियों के साथ चुनाव लड़ेगी,इसलिए भाजपा को टिकटों के बंटवारे पर सबसे पहले कसरत करना होगी। इन 12 सीटों पर टिकटों के चयन पर काफी कुछ निर्भर रहेगा। भाजपा के पास छह विधासभा सीटें है। जिनमें से चार तीन विधायक एंटी इंकमबैंसी फैक्टर से जूझ रहे हैै। कांग्रेस केे पास पांच, जबकि रामटेक सीट पर निर्दलीय आशीष जायसवाल चुनाव जीते है। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव मेें  नागपुर जिले में भाजपा का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। 12 सीटों में से 11 सीटों पर भाजपा ने कब्जा किया था और नागपुर सीट से चुनाव जीते देवेंद्र फडनवीस मुख्यमंत्री बने।

 

आपरेशन छिंदवाड़ा विजय के बाद नागपुर का जिम्मा

 

लोकसभा चुनाव मेें मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को छिंदवाड़ा लोकसभा सीट का जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वर्ष 2019 में भी मोदी लहर में यह सीट बीजेपी नहीं जीत पाई थी। इस बार पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के बेटेे नकुल नाथ इस सीट से चुनाव हार गए। इस जिले की एक विधानसभा सीट भी कांग्रेस उपचुनाव में हार गई। नागपुर के कुछ सीटे छिंदवाड़ा जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों से सटी हैै। इस कारण विजयवर्गीय को नागपुर के क्षेत्रीय, जातिगत समीकरणों को समझने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।

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