हैदराबाद: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत की एक टिप्पणी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति 75 साल का हो जाता है, तो उसे खुद रुक जाना चाहिए और दूसरों के लिए रास्ता छोड़ देना चाहिए. यह बात उन्होंने नागपुर में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में कहीं.
राजनीतिक गलियारे में नई बहसः मोहन भागवत के बयान ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है. राजनीतिक गलियारे में इस बयान के मायने निकाले जा रहे हैं. क्या राजनीति में भी उम्र की एक सीमा तय होनी चाहिए? खास बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अब उस उम्र के करीब पहुंच चुके हैं. पीएम मोदी और मोहन भागवत इस साल सितंबर में 75 साल के हो जाएंगे.