नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले साफ-सुथरी राजनीति और मजबूत कानून व्यवस्था का वादा करने वाली पार्टियों के दावों पर नई रिपोर्ट ने सवाल खड़े कर दिए हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और बिहार इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव में प्रथम चरण के दौरान चुनाव मैदान में उतरने वाले 32 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। यानी हर तीसरा प्रत्याशी दागदार है।
रिपोर्ट में कई उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले
कुल 1,314 उम्मीदवारों के हलफनामों की जांच में सामने आया कि इनमें से 423 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मामलों का उल्लेख किया है। वहीं 354 प्रत्याशियों पर गंभीर आपराधिक धाराओं में केस चल रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 33 उम्मीदवारों पर हत्या, 86 पर हत्या की कोशिश, 42 पर महिलाओं के खिलाफ अपराध और 2 पर दुष्कर्म जैसे संगीन आरोप हैं।
जानिए राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले
राजनीतिक दलों की बात करें तो राजद के 70 में से 53 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जो कुल का 76 प्रतिशत है। भाजपा के 48 में से 31 (65 प्रतिशत), कांग्रेस के 23 में से 15 (65 प्रतिशत), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के 13 में से 7 (54 प्रतिशत) और जनसुराज पार्टी के 114 में से 50 (44 प्रतिशत) उम्मीदवारों के खिलाफ भी केस दर्ज हैं। जदयू के 57 में से 22 प्रत्याशी यानी 39