वैसे तो दशहरे पर रावण का पुतला दहन करने की परंपरा रही है लेकिन महाराष्ट्र के औरंगाबाद में कुछ परेशान पतियों ने सूर्पणखा का पुतला जलाकर इस पर्व को कुछ अलग अंदाज में मनाया। पत्नियों के सताए पतियों की संस्था ‘पत्नी पीड़ित पुरुष संगठन’ के सदस्यों ने औरंगाबाद के पास करोली गांव में लंका नरेश रावण की बहन सूर्पणखा का पुतला जलाया जो रामायण के प्रमुख पात्रों में से एक थी।
संस्था के संस्थापक भारत फुलारे ने कहा कि भारत में सभी कानून पुरुषों के खिलाफ और महिलाओं के पक्ष में हैं। महिलाएं छिटपुट विवादों पर भी अपने पति एवं ससुराल वालों को परेशान करने के लिए इन कानूनों का दुरुपयोग करती हैं।
हम पुरुषों के खिलाफ उत्पीड़न की निंदा करते हैं। एक सांकेतिक कदम के तौर पर ही हमारे संगठन ने बृहस्पतिवार शाम को दशहरा के मौके पर सूर्पणखा का पुतला जलाया।
भारत फुलारे ने कहा कि वर्ष 2015 के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो देश में आत्महत्या करने वाले विवाहितों में 74 फीसदी पुरुष ही थे। इसके साथ ही संस्था के कुछ सदस्यों ने देश में चल रहे ‘मीटू’ अभियान पर भी सवाल उठाए।